जवान नौकर ने फिंगरिंग करती मालकिन को चोदा

ही दोस्तों, मेरा नाम अंजलि है. मैं महाराष्ट्रा के मुंबई से हू. मेरी उमर 36 साल है, और मैं एक शादी-शुदा लेडी हू. मैं एक बिज़्नेसवाय्मन भी हू, और मेरी अपना एक छ्होटा सा बिज़्नेस है. मेरे पति का भी बिज़्नेस है, और वो ज़्यादातर घर से बाहर ही रहते है.

मेरी हाइट 5’6″ है, रंग गोरा है, और फिगर 36-30-36 है. मैने अपने आप को फिट रखा हुआ है, क्यूंकी अगर आप दिखने में आचे है, तो बिज़्नेस में आपकी प्रेज़ेंटेशन के लिए अछा होता है. चलिए अब मैं अपनी कहानी पर आती हू.

मेरी पुराने नौकर के बाप की डेत हो गयी, तो वो अपने गाओं चला गया. फिर उसने मुझे बताया की अब उसको खेती का काम देखना था तो वो नौकरी नही कर पाएगा. इसलिए मैने न्यूसपेपर में नये नौकर के लिए आड़ डेडी.

कुछ लोग आए मेरे पास लेकिन मुझे उनमे से कोई जाचा नही. फिर एक दिन मेरे पास एक 19 साल का लड़का आया जिसका नाम अविनाश था. वो लड़का दिखने में भोला सा था, और वो पुणे से था. हाइट उसकी 5’8″ थी, और ना ज़्यादा मोटा था, और ना ही ज़्यादा पतला.

मुझे उसको देख कर लगा की इसको तो क्या खाना पकना आता होगा. लेकिन जब मैने उससे से बात कही, तो उसने कहा की वो काफ़ी पहले से ये काम कर रहा था और अछा खाना बना सकता था. शुरेटी के लिए मैने उसका टेस्ट लिया, और उससे खाना बनवाया था. उसकी बात सही थी, वो बहुत अछा खाना बनता था.

फिर मैने उसको काम पर रख लिया. मैने उसकी घर का सारा काम समझा दिया, और उसको समान सर्वेंट रूम में लाने को बोला. अगले दिन से वो काम पर लग गया. अछा काम कर रहा था लड़का. वो रोज़-रोज़ नयी डिशस बनता था जिसको खा कर दिल खुश हो जाता था.

अब मैं उससे काफ़ी बातें और मज़ाक भी करने लग गयी थी. जब भी मैं उसके साथ मज़ाक करती, वो शर्मा जाता था. दिन ऐसे ही निकलते गये. फिर 3 महीने बाद एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सब कुछ बदल गया.

मेरे हज़्बेंड यूके में थे पिछले काफ़ी महीनो से. और मेरा सेक्स करने का बहुत दिल कर रहा था. उस दिन मैने डिन्नर किया, और अपने रूम में चली गयी. आज रात मैने फिंगरिंग करके अपनी छूट की आग ठंडी करने का प्लान कर रखा था.

मैने टीवी पर एक पॉर्न वीडियो लगा ली, और बेड पर लेट गयी. मैने वन-पीस निघट्य पहनी थी. फिर मैने अपनी निघट्य अपनी कमर तक उठा दी, और नीचे से पनटी निकाल दी. फिर मैने अपनी छूट पर हाथ रखा. मेरी छूट आग छ्चोढ़ रही थी, और ठंडी होने के लिए तड़प रही थी. फिर मैं अपनी छूट को सहलाने लगी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.

उधर पॉर्न में लड़का लड़की को छोड़ रहा था, और इधर मैं अपनी छूट को खुद के हाथ से मज़ा दे रही थी. फिर मैने उंगली छूट के अंदर डालनी शुरू कर दी. एक हाथ से मैं अपने बूब्स दबाने लग गयी. मैने निघट्य के अंदर से ब्रा भी निकाल दी, और अपने निपल खींच-खींच कर मज़ा लेने लगी.

ऐसे करते हुए मैं इतनी मदहोश हो चुकी थी, की मुझे कुछ होश ही नही था. लेकिन मैं ये नही जानती थी, की मेरे रूम के दरवाज़ा जो मैने अंदर से लॉक नही किया था, उसके बाहर कोई खड़ा था, जो मेरे इस सीन का मज़ा ले रहा था. वो कोई और कोई नही बल्कि अविनाश था.

तभी अविनाश अंदर आया, और घुटनो के बाल बेड के पास बैठ गया. मैं बेड के कॉर्नर पर ही लेती फिंगरिंग कर रही थी. तभी वो आयेज मेरी छूट के पास आया, और उसने मेरी छूट पर अपना मूह लगा दिया. जैसे ही उसने अपना मूह मेरी छूट पर लगाया, मैं काँप गयी, और उठ कर बैठ गयी.

मैने देखा की अविनाश मेरे सामने अपने घुटनो पर बैठा था. वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर देख रहा था. मैं अभी सोच ही रही थी की उसको क्या बोलू, की वो आयेज बढ़ा, और मेरे घुटनो पर हाथ रख कर मेरी टांगे खोली, और अपना मूह मेरी छूट पर लगा कर छूट चाटने लगा.

ये करते हुए उसने मेरी नज़रो से नज़रे मिलाई रखी. मैं उसको रोकना चाहती थी, लेकिन मेरी छूट में इतनी आग लगी हुई थी, की एक मर्द ही उसको बुझा सकता था. तो मैने जो हो रहा था उसको होने दिया. मेरी तरफ से कोई विरोध ना देख कर अविनाश पागलों की तरह मेरी छूट चाटने लगा.

मैं पागल हो गयी, और उसके सर को अपनी छूट में दबाने लगी. कुछ देर छूट चाटने के बाद वो मेरी नाभि और पेट को किस करते हुए उपर मेरे बूब्स पर आ गया. उसने मेरी निघट्य को मेरे गले तक उठा दिया, और मेरे बूब्स को चूसने लग गया. वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स को दबा-दबा कर चूस रहा था. इसमे मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. बहुत देर से मेरे बूब्स दबने के लिए तरस रहे थे.

कुछ देर बूब्स चूसने के बाद वो उपर आया, और मेरे होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. अब वो मेरे होंठो का रस्स पी रहा था, और मैं भी बिना झीजक उसको होंठो का रस्स पीला रही थी. होंठ चूस्टे-चूस्टे ही उसने अपना पाजामा और अंडरवेर उतरा. फिर वो अपना लंड मेरी छूट पर रगड़ने लगा.

मैने उसका लंड अभी देखा नही था. फिर उसने लंड सेट किया, और धक्का मारा. जैसे ही उसका लंड मेरी छूट के अंदर गया, मेरी ज़ोर की चीख निकली, और मुझे उसके लंड की लंबाई और मोटाई का एहसास हुआ. फिर वो मेरे होंठ चूस्टे हुए नीचे से मुझे छोड़ रहा था.

मा कसम इतनी देर बाद छूट में लंड लेके बहुत मज़ा आ रहा था. वो ढाका-धक मेरी छूट में लंड पेले जेया रहा था, और मेरे होंठ चूज़ जेया रहा था. कुछ देर बाद उसने मेरे होंठ छ्चोढ़ दिए, और बूब्स चूस्टे हुए मुझे छोड़ने लगा. मेरी छूट धड़ा-धड़ पानी छ्चोढ़ रही थी.

आधा घंटा वो मुझे ऐसे ही छोड़ता रहा. फिर उसने लंड बाहर निकाला, और मेरे पेट पर अपना माल निकाल दिया. अब तक मैं 3 बार झाड़ चुकी थी. उस दिन के बाद मैने उसके साथ बहुत बार बिस्तर गरम किया. अब मुझे अपने पति ही वेट नही करनी पड़ती.

थे एंड.

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