वेलकम तो मी गे सेक्स स्टोरी. लेट’स स्टार्ट-
हमारे फाइनल एग्ज़ॅम ख़तम हुए. फिर सम्मर वाकेशन्स स्टार्ट हुई.
अभिषेक: सारा, एग्ज़ॅम ख़तम हुए है. क्यूँ नही कही ट्रिप पर जाए?
मैं: हा, वाइ नोट.
अभिषेक: तुम अपने मों-दाद को कन्विन्स करो, और मैं अपने पेरेंट्स को कन्विन्स करता हू.
मैं: ठीक है.
एक दिन डिन्नर के बाद.
मैं: मों-दाद कॉलेज ख़तम हो गया है. मेरी सम्मर वाकेशन्स की चुट्टिया/ हॉलिडेज़ शुरू हो गयी है. तो क्यूँ ना कही फॅमिली ट्रिप पर जया जाए?
थोड़ी देर सोचने के बाद.
दाद: ठीक है. तुम और मों प्लॅनिंग कर लो. मैं ऑफीस से छुट्टी लेने के लिए अप्पलीकत्ीोनों डाल दूँगा.
रात को अभिषेक का मुझे वीडियो कॉल आया.
अभिषेक: हेलो बेब्स, क्या कर रही हो?
अब अभिषेक अकेले में मुझसे अपनी गर्लफ्रेंड सारा कह कर ही बोलता था.
मैं: कुछ नही. मैने अपने मों-दाद से सम्मर वाकेशन ट्रिप की बात की. वो दोनो मान गये है. मों और मुझे ट्रिप की प्लॅनिंग करने को दाद ने कहा है. इसलिए मैं डेस्टिनेशन के बारे में सोच रहा हू. अभिषेक, क्या तुमने अपने पेरेंट्स से बात कर ली?
अभिषेक: नही. अभी नही की. कर लूँगा, तुम टेन्षन मत लो मेरी जान. क्यूँ ना कुल्लू मनाली जया जाए? सम्मर वाकेशन में ठंडी जगह पर बड़ा मज़ा आएगा.
मैं: हा, गुड. मैं कल मों को पूछता हू.
अभिषेक: गुड नाइट बेबी.
मैं: गुड नाइट.
अगले दिन शाम को छाई पीते हुए.
मैं: मों, क्यूँ ना सम्मर वाकेशन फॅमिली ट्रिप पर कुल्लू मनाली जया जाए?
मों: हा, बहुत अछा.
मैने अभिषेक को कॉल करके इनफॉर्म किया. अभिषेक ने भी अपने पेरेंट्स को कन्विन्स कर लिया. अभिषेक के दाद ने मेरे दाद से बात की, और दोनो ने एक साथ ही फॅमिली ट्रिप पर जाने का डिसाइड किया. अगले 2-3 दिन में हमारी फॅमिलीस एक साथ ट्रिप पर जाने वाली थी. मैं ट्रिप के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड था.
एक दिन सुबा मों-दाद के ऑफीस जाने के बाद अभिषेक मेरे घर आया. घर में एंट्री करते ही अभिषेक ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. फिर मेरे होंठो पर किस करने लगा. 15 मिनिट्स किस करने के बाद मैने अभिषेक को धक्का दिया, और अपने आप से डोर किया.
मैं: छ्चोढो मुझे अभिषेक. तुम तो आते ही शुरू हो गये. तुम मेरे बेडरूम में जाओ, और मेरा वेट करो. मैं हम दोनो के लिए 2 कॉफी बना कर लाता हू.
लेकिन अभिषेक मेरे पीछे-पीछे किचें में आ गया. मैं हमारे लिए कॉफी बना रहा था, और अभिषेक सिर्फ़ मुझे ही देख रहा था.
मैं: ऐसे क्या देख रहे हो अभिषेक?
अभिषेक: अपनी गर्लफ्रेंड को देखना कोई बुरी बात होती है क्या?
मैं स्माइल करने लगा. फिर हम दोनो कॉफी कप लेकर मेरे बेडरूम में चले गये. कॉफी पीने के बाद मैं अपनी ट्रिप की पॅकिंग करने लगा.
अभिषेक: बेब्स, अपने लड़कियों वाले कपड़े और कुछ आक्सेसरीस भी पॅक कर लेना.
मैं: अभिषेक तुम पागल तो नही हो गये ना? हमारे पेरेंट्स भी होंगे वाहा पर. ये एक फॅमिली ट्रिप है. तुम शायद ये बात भूल गये हो.
अभिषेक: मैं कुछ नही भूला. तुम पॅकिंग तो करो. मुझे अंदर से फीलिंग आ रही है.
मैं: अभिषेक तुम पागल हो गये हो.
पर अभिषेक के फोर्स करने पर मैने अपने कुछ लड़कियों वाले कपड़े, और कुछ आक्सेसरीस लीके लॅडीस हेर विग, इयररिंग्स, पॅक कर ली. अभिषेक और मैने थोड़ी देर मेरे नये गेमिंग लॅपटॉप पर गेम्स खेले, और फिर वो अपने घर चला गया.
अगले दिन सुबा 7 बजे हम दोनो की फॅमिलीस एक साथ अभिषेक की कार सुव लॅंड रोवर में देल्ही से कुल्लू मनाली जाने के लिए घर से निकले. बीच-बीच में ब्रेकफास्ट और लंच के लिए स्टॉप लिए. मेरे दाद, अभिषेक, और अभिषेक के दाद ने कार ड्राइव की. लगभग 10 घंटे की ड्राइव के बाद हम सब कुल्लू पहुँचे.
कुल्लू में 7 स्तर होटेल महाराजा पॅलेस में हमने साथ में बुकिंग की थी, जो अभिषेक के दाद के दोस्त का होटेल था. हम सब होटेल में एंटर हुए.
होटेल मॅनेजर: वेलकम सिर, वेलकम मा’आम, नाइस तो मीट योउ.
अभिषेक’स दाद: हमने यहाँ 3 रूम्स बुक किए है. 2 फॉर कपल्स आंड 1 डबल बेडरूम फॉर और बाय्स.
मॅनेजर: एस सिर. ये रही रूम कीस. 201, 202 आंड 103.
अभिषेक दाद: रूम नो 103.
मॅनेजर: हा सिर 103. ये डबल बेड वाले रूम की कीस है. 1स्ट्रीट फ्लोर पर.
अभिषेक दाद: अरे योउ मद? हमारे बच्चे क्या अलग फ्लोर पर रहेंगे! हम सब फॅमिली ट्रिप पर आए है.
मॅनेजर: सॉरी सिर. लेकिन डबल बेड वाले रूम्स तो 1स्ट्रीट फ्लोर पर ही है. 2न्ड फ्लोर पर सारे हनिमून स्वीट्स है, वित सिंगल किंग साइज़ बेड.
अभिषेक दाद: मुझे कुछ पता नही. हमारे बच्चे हमारे साथ एक ही फ्लोर पर रहेंगे. इट’स फाइनल. मैं अभी मेरे दोस्त को कॉल करता हू.
अभिषेक के दाद ने अपने दोस्त होटेल के ओनर को कॉल किया. उसने फिर होटेल के मॅनेजर से बात की.
होटेल ओनर: सुनो मॅनेजर. ये सब मेरे ख़ास लोग है. इन सब का स्पेशल ध्यान रखना. इनको कुछ कमी नही होनी चाहिए.
मॅनेजर: ओक सिर.
उसने कॉल कट किया और बोला-
मॅनेजर: सिर ये रही रूम नो 205 की कीस. रूम नो 203 ऑलरेडी बुक्ड है. वो वेकेंट होने पर आप उस रूम में शिफ्ट हो जाना. तब तक अड्जस्ट कर लो.
अभिषेक दाद: बच्चो क्या तुम सिंगल बेड पर अड्जस्ट कर सकोगे?
अभिषेक और मैं अपने चेहरे की खुशी को च्छूपाते हुए.
मे आंड अभिषेक: हा दाद, हा अंकल.
होटेल स्टाफ ने हमारे बॅग्स हमारे रूम्स में पहुँचा दिए.
दाद: समीर, अभिषेक, बेटा अपने रूम में जेया कर फ्रेश हो जाओ. आधे घंटे में हम सब डिन्निंग हॉल में डिन्नर करेंगे.
मैं और अभिषेक: एस दाद. ओक अंकल.
हम सब अपने-अपने रूम्स में गये.
मैं: वाउ, कितना ब्यूटिफुल रूम है. कितना बड़ा बेड है.
अभिषेक ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और मेरे होंठो पर किस करने लगा.
अभिषेक: बेबी, मैने तुम्हे पहले ही कहा था की ऐसा होगा. मुझे दिल से फीलिंग आ रही थी. तुमने अपने लड़कियों वाले कपड़े और आक्सेसरीस लाई हो ना?
मैं: हा, लाई तो हू. पर हमारी फॅमिलीस?
अभिषेक: हमारा रूम तोड़ा डोर है. और तुम्हे रात को सोने के वक़्त पहनना. उनको कैसे पता चलेगा?
मैं: ठीक है.
हम सब फ्रेश हो कर नीचे डिन्निंग हॉल में गये. साथ में डिन्नर किया.
अभिषेक दाद: कल सुबा हम सब कुल्लू घूमने जाएँगे.
फिर हम रात 11:30 बजे वापस अपने रूम्स पर आए.
अभिषेक: सारा बेबी, आज रात के लिए तैयार हो जाओ.
मैं: अभिषेक आज नही, ट्रॅवेलिंग से मैं काफ़ी तक गया हू. ई’म रियली टाइयर्ड.
अभिषेक नाराज़ हो गया, और बेड पर लेट गया. उसको साद देख कर मुझे अछा नही लगा. मैने कपबोर्ड खोल कर देखा तो उसके अंदर 2 नाइट सूट थे. 1 पिंक आंड 1 डार्क ब्लू. मैने अपने मॅन में कुछ सोचा और डार्क ब्लू वाला नाइट सूट अभिषेक को पहनने के लिए दिया.
मैं: अभिषेक ये लो नाइट सूट. अपने कपड़े चेंज कर लो.
अभिषेक: नाइट सूट!
मैं: हा, होटेल वालो की तरफ से है. ये हनिमून स्वीट है ना.
मैने अपनी बाग खोल कर उसके अंदर से एक शॉर्ट हेर विग और ब्लॅक ब्रा आंड पनटी निकली. फिर मैं पिंक वाला नाइट सूट लेकर बातरूम में गया. फ्रेश हो कर अपने कपड़े चेंज किए. अपनी ब्लॅक ब्रा आंड पनटी पहनी, और नाइट सूट पहना. मैने बातरूम से बाहर निकल कर देखा तो अभिषेक सो रहा था.
फिर मैने जल्दी से अपनी शॉर्ट हेर विग पहनी. बालों में लिओन हेर सीरम लगाया फॉर तट शीने गुड स्मेल. लॅडीस पर्फ्यूम लगाया. अपनी आँखों में आइलाइनर लगाया. अपने कानो में मॅचिंग इयररिंग्स पहनी. अपने होंठो पर लिपग्लोशस लगाया. उंगली में अभिषेक ने मुझे दी हुई डाइमंड रिंग पहनी, और अपने पैरों में ब्लॅक सॅंडल्ज़ पहने.
रात के 1:30 बजे थे. मैने अपने आप को मिरर में देखा. मैं रेडी था. फिर मैं अभिषेक के पास गया, और उसको आवाज़ लगाई.
सारा: अभिषेक… अभिषेक… उठ जाओ मेरे हॅंडसम.
मेरी आवाज़ सुन कर अभिषेक ने अपनी आँखें खोली.
अभिषेक: समीर, क्या ये तुम हो?
मैने जल्दी से अभिषेक के मूह पर अपनी उंगली रखी.
अभिषेक (धीमी आवाज़ में): समीर, पर तुमने तो आज के लिए ना बोला था. तुम टाइयर्ड थे ना.
मैं/सारा: हा मैने कहा था पर मैं तुम्हे नाराज़ नही करना चाहती हू. मैं टाइयर्ड हू, तो आज जल्दी करेंगे.
अभिषेक: ओक बेबी.
अभिषेक बेड पर से उठ कर खड़ा हुआ. फिर मुझे अपने गले से लगा लिया.
अभिषेक: बेब्स तुम शॉर्ट हेर स्टाइल में ब्यूटिफुल लग रही हो.
मैं ब्लश करने लगी. फिर अभिषेक मेरे गाल, होंठ, गले कॉलरबोन, हर जगह चूमने लगा. मैने अपनी आँखें बंद कर ली, और आनंद लेने लगी. अभिषेक के तोड़ा रुकने पर मैने उसका नाइट सूट उतार दिया, और उसके सीने और एबेस पर किस करने लगी.
अभिषेक ने मेरा सिर पकड़ कर मुझे मुझे उपर उठाया, और मेरे होंठो पर किस करने लगा. उसने मेरा नाइट सूट उतार दिया. वो मेरे बूब्स ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था, और फिर मेरे निपल्स को चूसने लगा.
सारा: आ आ आ.
अभिषेक ने मुझे धक्का दिया, और मैं बेड पर गिर गयी. वो बेड पर मेरे उपर आया, और मेरे पेट पर किस करने लगा. अभिषेक ने मेरी पनटी उतरी, और मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ कर उसे आयेज-पीछे हिलने लगा.
सारा: आ आ आ अभी आ.
मेरी आखें बंद थी. अभिषेक ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठाया. वो मेरे पीछे आ कर खड़ा हो गया, और मेरी वेट बॅक पर किस करने लगा. फिर अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर उसे हिला रहा था. आख़िर-कार मैं झाड़ गयी. मैं रिलॅक्स हो ही रही थी, की तभी अभिषेक ने मुझे तोड़ा बेंड किया, और अपना मोटा तन्ना हुआ लंड मेरी गांद में घुसा दिया.
सारा: नही अभिषेक, आज नही. रूको प्लीज़.
पर अभिषेक रुका नही, और मेरी कमर पकड़ कर अपने लंड को मेरी गांद में आयेज-पीछे हिलने लगा.
सारा: आ आ फक आ फक मे. योउ मॉन्स्टर, फक आ.
फिर 20-25 मिनिट्स तक मेरी गांद छोड़ने के बाद अभिषेक रुका. मैं पूरी तरह से तक कर वही घुटनो पर बैठ गयी. अभिषेक मेरे सामने आ कर खड़ा हो गया.
अभिषेक: बेब्स, मैं झड़ने वाला हू.
मैने शॉक हो कर उपर अभिषेक की आँखों में देखा. ई वाज़ टाइयर्ड. मुझमे कोई ताक़त नही बची थी. फिर भी अभिषेक ने अपना मोटा लंड मेरे मूह में घुसा दिया, और मेरा सिर पकड़ कर उसे आयेज-पीछे हिलने लगा. मेरा पूरा मूह दर्द से लाल हो गया. 15 मिनिट्स बाद अभिषेक मेरे मूह में ही झाड़ गया. उसका सारा वीर्या मेरे मूह के अंदर होंठो पर था.
अभिषेक ने मुझे हाथ पकड़ कर खड़ा किया, अपनी गोद में उठाया, और बातरूम में ले जेया कर शवर शुरू कर दिया.
सुबा के 4:30 बजे थे. 2 घंटे की चुदाई के बाद हम दोनो एक-दूसरे की बाहों में सो गये.