हेल्लो दोस्तों में विकास आज फिर से आपके लिए अपनी जिंदगी का एक और सच लेकर आया हु. मुझे उम्मीद हे की आपको मेरी आज की यह कहानी जरुर पसंत आएगी और आप सबी को पता चलेगा की कई मर्द शादी के बाद अपनी पत्नी को ठीक से चोद नहीं पाते इसलिए उनकी ऐसी हॉट इंडियन भाभी दुसरे मर्द की तलाश करती हे जिनका लंड उनके पति के लंड से ज्यादा दमदार हो.
मेरी आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही हे. यह बात कुछ ज्यादा पुरानी नहीं हे, करीब २ महीने पुरानी हे, मेरे पड़ोस में एक दोस्त पवन रहता हे, हम दोनों बचपन से अच्छे दोस्त हे. पिछले ४ महीने पहले की बात हे, वो मुझसे मिला और मुझे बताया की यार मेरी शादी पक्की हो गयी हे और जल्दी ही मेरी शादी हो जाएगी. मुझे उसकी बात सुनकर ख़ुशी हुई क्योंकि उसके घर पर उसकी माँ नहीं थी, वह पहले की चल बसी थी.
उसके घर पर वह और उसके पापा रहते थे. अगले १५ दिन बाद उसकी शादी हो गई और मेरी बदनसीबी तो देखिए मैं अपने दोस्त की शादी में नहीं जा सका क्योंकि दिल्ली मेरे ताऊ जी की अचानक हालत बहुत खराब हो गई थी, इसलिए मैं अपने पापा के साथ ही चला गया था.
जब मैं घर वापस आया तो मेरे ने बताया साले तू मेरी शादी में क्यों नहीं आया? तो मैंने बोला यार मुझे पता भी नहीं चला कि तेरी शादी कब हुई, अभी पिछले हफ्ते तो तेरी शादी पक्की हुई थी.
मनीष – अब तो शादी भी हो गई है.
मैं – इतनी जल्दी? लड़की वाले क्या तैयार बैठे थे कि कब लड़की की शादी पक्की हो और कबी हम इसे विदा करें.
मेरी बात सुनकर मनीष हंसने लगा और बोला नहीं यार ऐसी कोई बात नहीं है. तूझे तो पता है घर में बहू की कितनी जरूरत है, फिर मैं और पापा कब तक अपने आप खाना बनाएंगे?
मैं – हां यह भी ठीक है. चल अब मैं तुझसे पार्टी तो मांगता, तेरी शादी हो गई यह मेरे लिए एक बड़ी पार्टी है.
मनीष पार्टी की बात सुन कर पार्टी देने के लिए जिद करने लगा, पर मुझे पार्टी का कोई शौक नहीं है. इसलिए मैंने बोला चल ठीक है अगर ज्यादा ही पार्टी के लीये कह रहा हे तो चल घर चलते हैं, आज भाभी के हाथ की चाय पी लूंगा और वही पार्टी होगी मेरे लिए.
मनीष – ठीक हे, पर चाय ही नहीं, आज रात का डिनर भी मेरे साथ ही करना पड़ेगा, ओके?
मैंने हंसते हुए कहा हां चल ठीक है यार.
और फिर हम बातें करते हुए उसके घर चले गए, मै ने जैसे ही भाभी को देखा तो उसे देखता ही रह गया, दोस्तों क्या कमाल की लड़की थी? क्या फिगर था. मेरा तो उस पर पहली बार में ही दिल आ गया, फिर मनीष ने हम दोनों का इंट्रोडक्शन करवाया, उसका नाम टीना था और सच में उसे मेरे दिल में तन तन कर दी थी.
फिर मेने उसके घर चाय पी और डिनर भी खाया. सच में एक खूबसूरत लड़की बहुत ही टेस्टी गरम-गरम खाना बनाती है, उसके हाथ खाना खाकर मुझे मजा आ गया. कुछ दिनों में मेरा उसके घर आना जाना हो गया, और अब भाभी भी मेरे घर आने जाने लगी थी, मैंने एक बात नोट करी थी, वह मुझे तिरछी नजरों से देखती. और मुझे देख कर अक्सर मुस्कुरा देती थी.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है? एक दिन संडे की बात है, मैं बाहर अपने आंगन ने अपनी बाइक को धो रहा था, तभी टीना भाभी मेरे घर अपने कुछ कपड़े लेकर आइ और बोली आज मेरे घर पानी नहीं आ रहा हे, क्या मैं आंगन में अपने कपड़े धो सकती हूं?
मैंने बोला हां भाभी हां, यह पूरा घर आपका है, जो मर्जी करो.
फिर वह मेरे सामने बैठकर कपड़े धोने लगी, उसने अपने गले में चुन्नी डाली हुई थी और वह नीचे हो रही थी. जब भाभी थोड़ी नीचे झुकी मुझे उनके गोर गोरे बूब्स दिखने लगे, मेरी तो किस्मत खुल गई थी. मैं तो उनके बूब्स को देखने लग गया. जब भाभी को पता चला कि मैं सामने से उनके बूब्स देख रहा हूं और भाभी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराया और अपनी चुन्नी उतार कर साइड में रख दी, और अपना सूट निचे कर के अपने आधे बूब्स मुझे दिखाने लगी.
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मेरी तो आज लॉटरी लग गई थी. मैंने करीब एक घंटा उसके बूब्स के दर्शन किये और जब भाभी गयी तो मैंने अपने रूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारे और भाभी के बूब्स को सोच कर दो बार मुठ मारी. मुझे अब कैसे भी कर के भाभी को चोदना था. मेरे दिमाग में भाभी को चोदने का भूत सवार हो चुका था, मैं अब दिन रात भाभी को चोदने का प्लान बनाने लगा.
कुछ दिन ऐसे ही बित गये, मुझे कुछ नहीं सूज रहा था कि मैं भाभी को कैसे चोदु? तभी मेरे घर पर भाभी आई और मेरे पास आकर बोली, मनीष क्या कर रहे हो तुम?
मैं – कुछ नहीं भाभी. आपको हुक्म करो क्या करना है?
भाभी – कुछ नहीं बस थोड़ा सा काम था.
मैं – हां जि बोलो क्या काम है?
भाभी मेरी आंखों में आंखें डाल कर मुस्कुराते हुए बोली, मैं घर में अकेली हूं इसलिए बोर हो रही थी. मेने सोचा की टीवी देख लेती हु. पर पता नहीं क्यों वह नहीं चल रहा है. प्लीज क्या तुम एक घर आकर टीवी देख लोगे कि उसे क्या हुआ है?
मैं – हां भाभी आप चलिए, मैं अभी आता हूं अपने कपड़े चेंज करके.
भाभी अपने घर चली गई और मैं १० मिनट बाद उनके घर पहुंच गया. मैं जैसे ही अंदर आया तो भाभी ने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया, मैं सीधा टीवी के पास गया और उसे देखने लगा, मैं टीवी देख रहा था कि भाभी ने मुझे पीछे से अपनी बांहों में ले लिया.
में एक दम हैरान रह गया, इससे पहले मैं कुछ बोलता भाभी ने अपने गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर रख कर मेरे होंठ चूसने लगी, मेरे लिए तो यह सपना था, मेने भी भाभी का चेहरा अपने हाथो में पकड़कर उनके होठों को चूसने लगा.
हम दोनों करीब १० मिनट तक अपनी आंखें बंद करके एक दूसरे के होठों को चूसते रहें और फिर मैं अपने होठों को अलग करके बोला, भाभी यह सब क्या है?
भाभी ने मेरी बात का मुझे कोई जवाब नहीं दिया, बल्कि खुद अपने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए. सिर्फ वह एक पिंक कलर की पेंटी में थी. मेरे सामने टीना पूरी नंगी थी, उसके ३४ के बूब्स क्या कमाल के लग रहे थे? देख कर मेरे मुंह में पानी आ रहा था, मुझे और कंट्रोल नहीं हो रहा था, मेंने भाभी को अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया, मैंने उसे बेड पर पटक दिया और खुद उसके ऊपर आकर उसके बूब्स को चूसने लगा.
क्या कमाल के बूब्स थे टीना भाभी के? एकदम मक्खन जैसे.. मेरा मन कर रहा था कि सारा दिन सारी रात उन के ब्बुस को चूसता रहूं. मैं अपने दांतों से उसके निप्पल को काट रहा था जिससे टीना भाभी और भी मस्त हो रही थी, उनके मुह से आह्ह औउ ह्पो अहह अहह हो अहह की आवाज आ रही थी, जिसे मुझे और भी जोश आ रहा था.
करीब २० मिनिट तक मेने उसके बूब्स अच्छे से चुसे. मैंने देखा कि उनके गोरे गोरे बूब्स अब पुरे लाल हो चुके हैं और उनके निपल पर मेरे दांतों के निशान चारों तरफ थे. फिर मैं नीचे गया अपने दांतों से उन की पेंटि को खींचकर निकाला और उनकी दोनों टाँगे खोल कर नीचे जमीन पर बैठकर अपना मुह उन की चूत में दे दिया और ऐसी कमाल की चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था, और इतनी अच्छी खुशबू आ रही थी के पूछिए मत.. उसकी चूत खुद को चटवाने पर मुझे मजबूर कर रही थी.
में पागलों की तरह उनकी चूत को चूसने और चाटने लग गया, अब ऐसा लग रहा था कि मुझे न जाने क्या मिल गया हे, मैं अपनी जीभ से अंदर बाहर उनकी चूत को चाट रहा था, १५ मिनट चूत चाटने के बाद भाभी ने अचानक मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया और फिर अपनी गांड उठा कर अपनी चूत का सारा पानी मेरे ऊपर निकाल दिया, फिर में खड़ा हुआ अपना मुंह धोकर वापस आया.
मैं जैसे ही वापस आया तो भाभी नीचे जमीन बैठी थी और मेरे आते ही उसने मुझे अपने पास बुलाया और मेरी पेंट और अंडरवेअर एक साथ उतार कर मेरा लंड बाहर निकाल दिया. मेरा ८ इंच का लंड देख कर भाभी बोली इतना बड़ा? इस लंड में से तो विकास के लंड जैसे २ लंड निकल जाए.
उस की बात सुनकर मुझे अपने लंड पर बहुत नाज हुआ, फिर भाभी ने मेरा लंड जितना हो सके उतना बहुत ही अच्छे से चूसा, फिर मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी दोनों टांगें ऊपर करके एक बार में उनकी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और पूरा लंड डालकर रुक गया, मुझे पता था कि मेरा लंड की बच्चेदानी से लगा हुआ हे.
भाभी चिल्लाती रही पर मैंने अपना हीलाया नहीं. करीब २ मिनट बाद वह शांत हुई तो मैंने फिर से अपना पूरा लंड बाहर निकाला और फिर से एक बार पूरी ताकत से जड तक पहुंचा दिया.
मेने ऐसे ही १५ बार किया, जिससे भाभी और मुझे बहुत मजा आया, फिर मेने उनकी चूत को १५ मिनिट तक चोदा और अपने लंड का सारा पानी उनकी चूत में ही निकाल दिया. फिर हम दोनो एक साथ बाथरूम में गये और नहाये. भाभी ने मेरे लंड को चूस कर फिर खड़ा कर दिया. फिर मेने वहा पर से तेल उठाया और भाभि की गांड में अच्छे से अपनी उंगलिया डाल कर लगाया. भाभी ने अपने हाथो से मेरे लंड पर तेल लगा दिया.
फिर में और भाभी बेड पर आये और मेने भाभी को घोड़ी बना दिया और पीछे से मेने उनकी गांड में अपना लंड डाल दिया. वो बहुत ही जोर जोर से चीलाई पर उन्हें उसमे बहुत मजा आया. मेने उस दिन उनकी गांड को ५० मिनिट तक अच्छे से चोदा और फिर अपने लंड का सारा पानी उनके मुह में डाल कर उन्हें पिला दिया.
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