हस्बैंड के दोस्त का शिकार

हाई दोस्तों,मैं कई दिनों से चुदाई के लिए तडप रही थी, पती का होना या न
होना बराबर ही था | एक दिन में अपने पती के दोस्त के राजी के साथ बाहर
गयी हुई थी | मेरा पती घर पे ही था उसने पी रखी थी, पी तो मेने भी थी और
राजी ने भी पी हुई थी | मैं राजी के साथ बाजार के निकली हुई थी | मेने एक
टी शर्ट पहनी थी और ट्रैक पहनी हुई थी, टी शर्ट से मेरे बड़े बड़े चुचे
और भी बड़े लगते हे और मैं तो कभी पेंटी पेहेंती ही नही थी | पीने के बाद
मेने बहुत देर घरपे ही अपने चुत को सहलाया हुआ था | राजी के साथ में उसके
बाइक पे बैठी थी और फिर हम दोनों बाजार के लिए निकल पड़े थे | मेरे
निप्पल कडक हो चुके थे क्युकी मेरे निप्पल बार बार उसके पीठ पे लग रहा
था, में थोड़ी गर्म हो चुकी थी इसीलिए मेने सोचा की राजी को भी गर्म किया
जाये | राजी एक हट्टा कट्टा लड़का था उम्र करीब २४ थी, दिखने में भी काफी
मस्त लगता था | मुझे ये भी पता था की वो मुझे पसंद करता था इसीलिए मेने
सोचा की आज इसी से काम चला लिया जाये |रात के करीब ११ बज रहे थे और सड़क
भी एक दम सुनसान थी, मैं उससे और चिपक के बैठ गयी और उसके पीठ पे अपने
निप्पल को सहलाने लग गयी | मेने फिर उससे पूछा राजी तेरी सोनिया का क्या
हुआ ? वो बोला कुछ नही भाभी मेने उससे छोड़ दिया, काम निकल गया तो क्या
अब उसे गले में तंग के थोड़ी घूमता | मैं समझ गयी थी की उसने सोनिया को
चोद के छोड़ दिया था, फिर भी अनजान बनने का नाटक करने लगी और फिर पूछी
अरे कोनसा काम ?छोडो भाभी, तुम्हारे मतलब का नहीं हे |बताना !कुछ नही
भाभी, बस खा ली उसे मेने |क्युकी उसने काफी पी ली थी, सो उसके मुह से
गलती से बात निकल रहा था, खा ली मतलब तुने उसके साथ………चोद के छोड़
दिया भाभी मेने उसे……..मैं तो पहले से गर्म थी और उसकी इन बातो से
मेरा दिल पिघलने लगा और फिर मेने पूछा अब सोनिया का क्या होगा ?उसका क्या
होगा, मुझसे भी पहले उसे कई लोगो ने खा चूका था और मेने जब उसे छोड़ दिया
उसके बाद उसने एक और को पकड़ लिया |उसकी इन सब बातो को सुन के मेरी चुत
में खुजली सी होने लगी और मेरा मन कर रहा था की उसे साफ़ साफ़ कह दू की
मुझे चोद दे, पर हिम्मत नही बन रही थी | पर मेने उसके इन सब बातो का
सहारा लेके उसे और गर्म करने की सोचा और फिर में यही सोचने लगी की किस
तरह इसे चुदवाऊ, फिर मेने कुछ सोच के बोली राजी, अपना काम बनता, माँ
चुदाये जनता | वो मुझे हैरानी से घूर के देखने लगा, मैं भी उसे देख के
उससे और चिपकने लग गयी और फिर कहाराजी मेरा एक काम कर दे !बोलो भाभी
!पहले बाइक रोक तो दो | उसने फिर सड़क के बाजु बाइक रोक दी, मैं बोली
यहाँ नहीं थोडा आगे चल | थोडा आगे जा कर मेने एक खली प्लाट के बाजु पे
बाइक रुकवा दी और उसके हाथ पकड़ के प्लाट में ले गयी जहा थोडा अँधेरा था
और फिर उसे बोली राजी जो बोलूंगी वो करेगा न ?नैन्सी भाभी आप बोलो तो
!मेने फिर उसका हाथ पकड़ के अपने एक च्चे पे रख दिया और बोली राजी चोद दे
मुझे, मैं बहुत प्यासी हू मेरी प्यास बुझा दे | उसने मेरी तरफ अजीब नजरो
से देखा और मेरे चुचे को दबाने लग गया और बोलाये आप क्या कह रही हो भाभी
?हाँ राजी, मैं ठीक कह रही हू, बड़े दिनों से प्यासी हू और तड़प रही हूँ
| वो कुछ नही बोला और मेरे चुचे को मसलता रहा, जब मेने देखा की वो खामोश
हे तो मेने उसका हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रखा और अपनी ट्रैक में सरका
दिया | जेसे ही उसका हाथ मेरी चुत के होठो को छुआ मैं मस्ती में चिल्ला
पड़ी उईईईईई माँ और फिर फ़ौरन उसके बालो को पकड़ के उसके होठो को चूमने
लग गयी | उसने अपनी जीभ मेरे मुह में घुसेड दी और मेने उसकी जीभ को
चूसना शुरू कर दी | वही दूसरे हाथ में मेने उसका लंड पेंट के उपर से ही
पकड़ लिया, जेसे ही मेने उसका लंड पकड़ा मैं पगल सी हो गयी, उसका लंड धीरे धीरे सर उठा रहा था | थोड़े ही देर के बाद वही से एक बाइक गयी और हम
दोनों अलग हो गए | फिर हम दोनों बाइक पे बैठ गए और फिर घर को चल दिए |
रस्ते में मेने उसके लंड को पकड़ा और कहा राजी, आज मुझे किसी भी हाल में
ये बड़ा लंड अपने चुत में चाहिए |तुम्हे बड़ा जल्दी पता चल गया की मेरा
लंड मोटा हे |साले इतने लंड ले चुकी हू की छूते ही बता सकती हू की लंड
कितना बड़ा होगा | अच्छा सुन, अभी घर जाके तुम दोनों फिरसे पीना और मैं
तुझे एक गोली दूंगी तू उसके ग्लास में डाल देना और फिर हम सारी रात मस्ती
करेंगे | घर जाके देखा की वो पहले ही इतना पी चूका था की उससे खड़ा भी
नही हुआ जा रहा था, मैं तो खुश हो गयी और भाग के बाथरूम चली गयी और अपनी
टी शर्ट उतार दिया और फिर ब्रा भी उतार के बाजु रख दिया और फिर से टी
शर्ट पेहेन ली, अब तो मेरे टी शर्ट से मेरे निप्पल साफ़ दिखाई दे रहे थे
| मैं किचन में घुस गयी और फिर कुछ देर बाद राजी भी आ गया और मेरे एक
मम्मे को पकड़ के दबाने लग गया और बोलागोली देने की जरुरत नही हे, साले
ने वेसे ही बहुत पी ली हे |तू जादा मत बोल, मुझे कोई रिस्क नही लेना हे
और अपना मज़ा भी खराब नही करना हे, ये ले और पीला दे उसको | राजी ने फिर
मेरे निप्पल को टी शर्ट के उपर से ही मसल दिया और में एक दम से चिक उठी,
और मेरा पती बाहर से बोला क्या हुआ ? मैं बोली कुछ नही गर्म बर्तन पकड़
लिया | मैं खाना लगाने लगी और अपने पती के प्लेट में खाना डाल रही थी झुक
झुक के और ऐसे झुक रही थी की उसे मेरे मम्मे दिखे और वो जल्दी जल्दी गर्म
हो जाये | मैं खाना दे ही रही थी की मेरा पती अचानक से टेबल पे सर रख के
लेट गया, मेरी एक दम जान सुख गयी फिर याद आया की गोली का असर हे, और तुरत
ही राजी वहा से उठा और मेरे बालो को पकड़ के मुझे किस करने लगा | मैं कुछ
समझ पाती की उससे पहले उसका एक हाथ मेरे टी शर्ट के अंदर घुस गया और मेरे
मम्मो को टटोलने लगा मैं उसके जिस्म से एक दम से चिपक गयी और हम दोनों अब
एक दूसरे के होठो को चूसने लगे | हम दोनों को काफी मज़ा आ रहा था एक
दूसरे के होठो को चूमने में | मेरा पती टेबल पे सर रख के पड़ा हुआ था और
मैं किसी और मर्द के साथ मज़े ले रही थी यही सोच के मेरी चुत से पानी
निकलने लगा | हम दोनों एक दूसरे को बुरी तरह से किस कर रहे थे और वही
राजी का एक हाथ मेरे मम्मे मसलने में लगा हुआ था | मैं भी उसके लंड पर
हाथ रखी हुई थी और उसके पेंट के उपर से ही दबाने लग गयी, फिर मैं सीधी
होने लगी तो वो बोला,मेरी जान कहा जा रही हो ?

यह कहानी भी पड़े  अपने बॉस से सेक्स सम्बन्ध बनाई

मेरी जान कहा जा रही हो ?मादरचोद आज बड़ा जान जान कर रहा हे, आज से पहले
तो हिम्मत नही हुई |डर लगता था भाभी की कही तुम बुरा न मान जाओ |साले
इतने दिनों से तेरे साथ गंदे गंदे मजाक कर रही हूँ, इतने बार अपने मम्मे
दिखाए, यहाँ तक की पेंटी भी दिखा दी और तू फिर भी डर रहा था गांडू |अरे
साली रांड, माँ की लौड़ी बदन तो तेरे कपड़ो के उपर से भी ऐसे ही दिख जाता
हे, कैसे कैसे कपड़ो में तेरे ये बड़े बड़े मम्मो को फसा देखा हे, और
तेरी इन स्लेक्स में से जांघे दख कर तो पता नही कितने बार मुठ मारा हूँ
|साले थोड़ी हिम्मत कर लेता तो मुह न मार लेता | वो मेरे मम्मो को चूसने
लगा और बिच बिच में निप्पल काट लेता था, मैं तो एक दम से पागल होती जा
रही थी ओह्ह्ह अआया ईईई ईईई उईईईई मसल मेरे मम्मो को चूस मेरे मम्मे
म्मम्मम ऊऊ आआया | दों तीन बाद में उसकी गोद से खड़ी हुई और अपनी टी शर्ट
उतार कर एक तरफ फेंक दी | उसने मुझे खिंच कर फिरसे अपनी गोद में बिठा
लिया और बोला डार्लिंग बड़े जबरदस्त मम्मे हे तेरे | मैं उसकी गोद से
खड़ी हुई और उसके सामने जामिन पर बैठ गयी और उसकी पेंट खोलते हुए बोली
मेरा सामान तो देख लिया और चूस भी लिया, आब अपना सामान भी तो दिखा दे |
उसने मेरी मदद की और मेने उसकी पेंट खोल कर उतार दी |उसका लंड उसके चड्डी
में खड़ा हुआ चमक रहा था, मेने उसकी चड्डी के उपर से ही उसके लंड को
काटना शुरू कर दिया और फिर अपना एक हाथ उसके चड्डी में डाल कर उसका लंड
बाहर निकाल लिया, लंड देख कर मैं तडप उठी, उसका लंड काफी बड़ा था करीब ९
के उपर का तो होगा ही और उसका मोटा भी काफी था, बेलन जितना तो था ही |
तभी उसने मेरा सर पकड़ के अपने होठो पे रख दिया और रगड़ने लग गया, मुझे
बहुत अच्छा लग रहा था तो मेने उसे अपने मुह में हर कर उसे चूसना शुरू कर
दिया | दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा, मैं उसका लंड चुस्ती रही या फिर ऐसे
बोला जाये की वो मेरे मुह को पेलता रहा | फिर उसने मेरे बाल पकड़ के मुझे
खड़ा कर दिया और टेबल पर बिठा दिया और मेरी ट्रैक को निचे खीच कर निचे
सरका दिया, मेने भी अपनी गांड को उठा कर उसे मुझे नंगी करने में मदद की |
ट्रैक उतार कर उसने मेरी टाँगे हवा में उठा कर उसने मेरी चुत का एक
चुम्मा लुया | जेसे ही उसने मेरी चुत पर मुह रखा, मैं चिल्ला पड़ी हईई
मादरचोद मजा आ गया, हाईए माँ क्या मजा है चुत चटवाने में, चाट मेरे राजा
जी भर के चुत चाट मेरी चुत का दाना भी चाट मादरचोद तू सच में मर्द हे आज
इसको भोसड़ा बना दे | तभी उसने पूछाजानेमन सच बता, परसों जब में तेरे घर
आया था तब वो सुनार अंदर था, क्या कर रहा था ?अच्छा उसदिन, अब झूट नही
बोलूंगी, चुद रही थी उससे |पर जब तुने दरवाजा खोला तो तू बिलकुल ठीक ठाक
थी और सारी पहनी हुई थी ?अबे सारी उतार के थोड़ी चुद रही थी, ब्लाउस के
हुक खोले, सारी उठाई और लंड चुत में |पक्की चुदक्कड हे तू और मैं तुझे
शरीफ समझ रहा था |इतना कह कर उसने फिरसे मेरी चुत चाटना शुरू कर दी | मैं
मजे में मदहोश हो कर चिल्ला रही थी उईईईईईइ माया, चूस चूस मेरी चुत चूस
मजा आ रहा हे अआआया माआया के लौडे माआआआअ आआआआह्ह्ह | मैं मदहोश होती जा
रही थी | आब मेने उसका सर पकड़ कर अपनी चुत पर दबा दिया था और अब अपनी
गांड उछाल उछाल कर उसके मुह पर अपनी चुत पटक रही थी | उसकी जीभ मेरी चुत
में थी और मुझे ऐसा मजा आ रहा था जेसे किसी छोटे लंड को चुत में डाल रखा
हो | करीब ३-४ मं बाद मेरी चुत ने रस छोड़ दिया और राजी ने मेरा सारा रस
चाट कर मेरी चुत को साफ़ किया और फिर मुझे खड़ा कर दिया | मैं उसके सामने
खड़ी थी और वो मेरे मम्मे मसल रहा था | फिर उसने मुझे टेबल की तरफ घुमा
कर आगे को झुका दिया और मैं आब घोड़ी सी बन चुकी थी | उसने मेरे पीछे आ
कर अपने लंड का सुपाडा मेरी तडपती हुई चुत पर टिका कर एक ही धक्के में
अपना लंड मेरी चुत में पेल दिया ओह्ह्ह्ह माया राजी, क्या लंड हे तेरा
मेरी चुत तो फट गयी साले मजा आ गया उसने झटके मरने शुरू कर दिए | वो अपना
लंड सुपाडे तक निकाल लेता और फिर वापिस पेल देता, मैं पागल सी होने लगी
थी आ उईईई माँ क्या चोदता हे तू राजी आह्ह ऊउम्मा माआआर गयी जोर जोर से
मार |साली बड़ी तडप रही थी मेरे लंड के लिए |आज खिला इसे जी भर के अपना
ये बड़ा लंड चोद अआया मा उईई | उसने मुझे गलिया देनी शुरू कर दीमाँ की
लौड़ी, रांड बड़ा तडपाया हे तुए मुझे अपना ये कसा बदन दिखा दिखा के |
बेहेंचोद साली, केसे गांड मटका मटका के चलती थी मेरे सामने |फिर उसने
मेरे एक मम्मे को जो हवा में लटक रहा था उसे दबाते हुए बोलासाली कपड़ो
में केसे तेरे ये कसे कसे मम्मे देख देख कर लंड खड़ा हो जाता था और उपर
से तेरे मोटे मोटे गांड, इन्हे देख के हिला हिला के थक चूका था मैं |वो
अब पुरे जोश में अपना लंड मेरी चुत में पेले जा रहा था, मैं भी अपना गांड
पटक पटक कर उसका लंड अपनी चुत में पिलवा रही थी | थोड़ी देर इस तरह
छोड़ने के बाद उसने मुझे दिवार के किनारे खड़ा कर दिया और मेरी एक तंग
उठा कर अपना लंड मेरी चुत में पेल दिया | मैं पगल होती जा रही थी, मेरी
चुत बड़े मजे से लंड खा रही थी | पाँच मिनट बाद उसने मुझे कमरे में के जा
कर बिस्तर पर लेता दिया और छोड़ने लगा, मैं झड़ने वाली थी मेने अपनी
टाँगे उठा कर उसकी कमर पे लपेट दी और मेरठ ने रस छोड़ दिया | वही वो भी
झड़ने वाला था मुझे बोला, जानेमन में भी झड रहा हूँ, नही राजी, मेरे मुह
में झड जा | मेने काफी दिनों से लंड का मान नही खाया | इतना कह कर मैं उठ
कर खड़ी हुई और जमीन पर बैठ गयी उसने अपना लंड मेरे मुह में पेल दिया और
दो तीन झटको में ही उसके लंड ने पिचकारी चला दी, मेरा मुह उसके लंड के रस
से भर गया | मेने उसका माल आखिरी बूंद तक खाया, मेरी चुत तो थोड़ी ठंडी
हो गयी थी पर आभी मैं और मस्ती के मूड में थी | हम दोनों सोफे पर बैठे
थे, मेने उसका ;नद पकड़ कर हिला रही थी लंड धीरे धीरे फिरसे हरकत में आने
लगा था |मैं सोफे से उठ कर उसके सामने जमीन पर बैठ गी और उस्सका लंड पकड़
कर अपने मम्मो और निप्पल पर रगड़ने लगी | फिर धीरे धीरे उसका लंड अपने
मम्मो में फसा लिया और अम्मे चुदवाने लगी | उसका लंड सफीर से खड़ा होने
लगा, तब मेने उसका लंड फिरसे मुह में भर लिया | लंड आब पूरी तरह से तन
गया था मैं खड़ी हो गयी और उसके लंड का सुपाडा पकड़ कर अपनी चुत पर टिका
दिया कर उस पर बैठ गयी और खुद लंड को उछाल उछाल कर लंड अपनी चुत में लेने
लग गयी | वो मेरे मम्मे चूस रहा था, करीब पाँच मिनट इस तरह चुदने के बाद
मैं खड़ी हो गयी और उसके सामने जमीन पर घोड़ी बन कर उसे बोली राजी मेरी
चुत को तो तुने ठंडा कर दिया हे अब मेरी गांड की प्यास भी बुझा दे | वो
मेरे पीछे आ कर खड़ा हो गया और अपने लंड का सुपाडा मेरी गांड पे टिका
दिया और एक धक्के में उसका आधा लंड मेरी गांड में था, मैं मस्त हो कर
गांड मरवाने लग गयी | करीब पाँच मिनट तक मेरी गांड मरने के बाद उसने एक
बार फिर अपना लंड मेरी चुत में पेल दिया और इस बार मेरी चुत मरते मरते वो
मेरी चुत में ही झड गया |मैं कुछ देर के बाद ठीक हुई और फिर राजी के साथ
मिलके अपने पती को उठा कर बिस्तर पे लेता दिया | उसके बाद हम भी बिस्तर
पर लेट गए | राजी मेरे साथ पड़ा था और मेरे मम्मो के साथ खेल रहा था,
थोड़ी देर के बाद एक बार उससे और चुदाई करवाई और उसके बाद वो अपने घर चला
गया | मेरी चुत अब ठंडी हो गयी थी सो मैं भी सो गयी |

यह कहानी भी पड़े  भाभी ने कहा कि तुम बड़े शैतान हो-2

~~~समाप्त~~~



error: Content is protected !!