हेलो दोस्तों मैं अभिषेक एक टोमेटो केचप बनाने वाली फैक्ट्री में काम करता था। मेरे साथ में कई औरते काम करती थी। धीरे धीरे मेरी दोस्ती सुजाता नाम की औरत से हो गयी थी। वो देखने में काफी सुंदर थी। उसके 2 बच्चे थे। वो मुझे पसंद थी। मैं उसे चोदना चाहता था। धीरे धीरे मैं उसे पटा लिया। जब मैंने उससे उसके परिवार के बारे में पूछा तो वो रोने लगी। उसका पति शाम को शराब पीकर आता था और सुजाता से मार पीट करता था। इतना ही नही जो पैसे सुजाता अपने सूटकेस या अलमारी में छुपा कर रखती थी उसे भी वो चुरा लेता था और शराब पी जाता था। उसे मारता पीटता भी था। ये बात सुनकर मुझे काफी खराब लगा।
“सुजाता! अगर कभी मुझसे किसी तरह की मदद चाहिए तो तुरंत फोन करना” मैंने कहा और उसे अपना फोन नबर दे दिया।
धीरे धीरे हम दोनों का इश्क परवान चढ़ने लगा। वो मेरे लिए दोपहर का लंच लेकर आती थी। कभी वो आलू के पराठे कभी वो कचौड़ी बनाकर लाती थी। मैं बड़े मन से उसका खाना खाता था। एक दिन फैकट्री के वेयर हाउस में मैंने सुजाता का हाथ पकड़ लिया। हम दोनों को टोमेटो केचप की बोतलों को डिब्बे में रखने का काम दिया गया था। मौका पाकर मैंने अपनी प्रेमिका सुजाता को पकड़ लिया और उसे होठो पर किस करने लगा। वो मुझे बहुत अच्छी लग रही थी। उसने साड़ी पहन रखी थी। मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठ चूसने लगा। सुजाता का रंग भी काफी गोरा था। मैं उसे चोदना चाहता था। मुझे अकेला पाकर वो भी मुझे खुलकर किस करने लगी। वो बिलकुल टंच माल थी। उसकी उम्र अभी मुश्किल से 24 साल होगी। सुजाता के पति ने उसे चोद चोदकर 2 बच्चे उसकी चूत से निकाल दिया था।
“ऐ सुजाता!! चूत दे ना” मैंने कहा
“नही!!” वो बोली और हंसने लगी।
मैं समझ गया की वो चूत दे देगी। मैंने उसे सीने से लगा दिया। फिर उसके ब्लाउस पर मैंने अपना हाथ लगा दिया और जल्दी जल्दी उसके मम्मे दबाने लगा। दोस्तों सुजाता अभी बिलकुल टंच माल थी। उसके दूध बिलकुल कसे और गोल गोल थे। बेहद सेक्सी दूध थे उसके। सुजाता के नीले रंग के ब्लाउस से उसके कसे दूध का आकार मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था। फिर मैंने जल्दी जल्दी उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिए। सुजाता “…उई. .उई..उई…माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह.”
बोलकर कामुक आवाजे निकालने लगी। मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था। मैं वेयरहॉउस के एक कोने में उसे ले गया। मैंने उसकी साड़ी निकलवा दी और जमीन पर बिछा दी। फिर मैं सुजाता को उसपर लिटा दिया। वो भी चुदने को तैयार हो गयी। जल्दी जल्दी सुजाता ने अपने ब्लाउस की बटन खोल दी और ब्लाउस निकाल दिया। फिर उसने अपनी काली ब्रा के हुक पीछे से खोल दिए। उसकी दूध मलाई वाली चूचियां देखकर मेरा तो होश की उड़ गया। मैंने तुरंत की सुजाता के बूब्स को पकड़ लिया और हाथ से सहलाने लगा। वो सिसकारी भरने लगी। फिर मैं उसकी निपल्स को अपने हाथ से छूने लगा। सुजाता नं 1 क्वालिटी का माल थी। वो अंदर से इतनी खूबसूरत औरत होगी मैंने कभी नही सोचा था। मेरे हाथ उसकी संगमर्मर की चूचियों पर दौड़ने लगे। सुजाता आज मुझसे चुदने वाली थी।
फिर मैं भी उसपर लेट गया और उसकी चूची को मुंह में भर लिया। मैं जल्दी जल्दी उसके सेक्सी बूब्स पीने लगा। बाप रे!! क्या मस्त आईटम थी वो। मैं उसकी मक्खन जैसी नर्म चूची को चूस रहा था। मुझे जन्नत जैसा मजा मिल रहा था। मेरे स्पर्श से सुजाता की दोनों निपल्स तन गयी और खड़ी हो गयी। मैं उसकी रसीली निपल्स को चूसने लगा। मुझे भरपूर आनंद मिल रहा था। अपनी माल सुजाता की चूचियों को मैंने 15 मिनट तक चूसा। फिर वो बहुत गर्म हो गयी। सुजाता ने जल्दी से अपने पेटीकोट का नारा खोल दिया और उतार दिया। फिर उसने अपनी पेंटी उतार दी। दोनों टांगो को खोलकर सुजाता ने मुझे कसके पकड़ लिया।
“मेरे राज्ज्जा!! मेरे जानम!! आओ जल्दी से मेरी चूत में लंड डाल दो” सुजाता बोली
मैंने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और कच्छा उतार दिया। दोस्तों मेरा लंड तो कबसे सुजाता की बुर चोदने को बेताब था। मैंने जल्दी से अपना मोटा लंड उसकी भोसड़ी में डाल दिया और उसे चोदने लगा। सुजाता ने मुझे बाहों में जकड़ लिया और मस्ती से चुदाने लगी। वो ” हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सी सी सी. हा हा हा.. ओ हो हो..” की गर्म गर्म आवाजे निकाल रही थी। उसने अपने दोनों पैर उपर उठा लिए थे और जल्दी जल्दी चुदवा रही थी। आज मेरा सपना पूरा हो गया था। कितने दिनों से मैं उसकी जवानी का रस पीना चाहता था। आज मैं उसे चोद रहा था और भरपूर ऐश कर रहा था।
मैं जल्दी जल्दी कमर घुमाकर उसे पेल रहा था। सुजाता बार बार कामुक आवाजे निकाल रही थी। मुझे तो आज स्वर्ग मिल गया था। कुछ देर बाद मैंने उसकी भोसड़ी में 4 नं गियर लगा दिया और जल्दी जल्दी उसे 100 की रफ्तार में पेलने लगा। वो बार बार अपनी गांड हवा में उपर उठा देती थी। दोस्तों इस तरह मैं अपनी माल को फैक्ट्री में ही कसके चोद लिया। 15 मिनट की गरमा गर्म ठुकाई के बाद मैंने अपना माल उसकी रसीली चूत में ही गिरा दिया। फिर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और बाहर आ गये।
दोस्तों धीरे धीरे हम दोनों को जब भी मौका मिल जाता हम फैक्ट्री में चुदाई कर लेते थे। एक दिन सुजाता ने शाम को मुझे फोन किया। उसका शराबी पति उसे पीट रहा था। मैं आनन फानन में उसके घर पंहुचा। उसके पति के हाथ में एक मोटी बेल्ट थी। वो सट सट उसे पीट रहा था। “बता तूने अपने पैसे कहाँ छुपाये है..मुझे पैसे दे। मुझे शराब पीनी है” उसका शराबी बेवड़ा पति बोल रहा था।