होली पर गरम हुई दया और बबिता की चुदाई की

ही फ्रेंड्स, मैं आज आप सब के लिए “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” के कॅरेक्टर्स पर बेस्ड एक कहानी लेके आया हू. उमीद है आप सब को कहानी अची लगेगी. तो चलिए सीधे कहानी पर आते है.

होली का दिन था, और गोकुलधाम की होली की धूम के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे. सारे गोकुलधाम निवासी बाहर ग्राउंड में होली खेल रहे थे. सॉंग्स चल रहे थे ड्ज पर, और सब होली खेलने के साथ डॅन्स भी कर रहे थे, और खा पी भी रहे थे.

तभी टापू और उसके दोस्तों को एक शरारत सूझी. उन्होने कोल्डद्रिंक्स में वोड्का मिला कर सब को पीला दी, जिससे सब लोगों को नशा हो गया. अब सब लोग पागलों की तरह नशे में झूम रहे थे. दया ने वाइट सारी पहनी हुई थी, उसका ब्लाउस टाइट था, जिसमे उसके बूब्स काससे हुए मोटे-मोटे नज़र आ रहे थे.

ब्लाउस में से उसकी क्लीवेज बहुत सेक्सी लग रही थी. उधर बबिता ने लेगैंग्स और कुरती पहनी हुई थी वाइट कलर की. उसके कपड़े भी पुर टाइट थे, जिससे उसकी बॉडी की पूरी शेप दिख रही थी. उसकी क्लीवेज भी सेक्सी लग रही थी.

जब दया और बबिता आमने-सामने आए, तो दोनो की आँखों में एक-दूसरे के लिए कॉंपिटेशन की भावना थी. दया बबिता से जलती थी, क्यूंकी उसका पति जेथलाल बबिता पर मरता था. बबिता अकड़ती थी, क्यूंकी उसको लगता था वो सबसे ज़्यादा खूबसूरत थी.

फिर दोनो ने एक-दूसरे पर रंग डालना शुरू किया. दोनो नशे में थी, और पागलों की तरह जोश-जोश में एक-दूसरे पर रंग डालती रही. तभी दया ने मुट्ठी में रंग लिया, उसमे तोड़ा पानी डाला, और उसका गोला बना कर ज़ोर से बबिता के मूह पे मारा. वो गोला जाके सीधा बबिता की आँखों में लगा, जिससे रंग उसकी आँखों में चला गया.

अब बबिता कुछ देख नही पा रही थी, और उसकी आँखों में जलन होने लगी. वो चिल्लाने लगी दर्द से. ये देख कर दया घबरा गयी. उसने सोचा कही बबिता की आँखें खराब ना हो जाए. ये सोच कर उसने बबिता का हाथ पकड़ा, और उसको अपने घर ले गयी. घर आके वो बबिता को बातरूम में ले गयी, और उसकी आँखों में पानी डाल कर सॉफ करवाने लगी.

पानी से बबिता को थोड़ी राहत मिली, और अब वो अपने आप अपनी आँखें सॉफ करने लगी. तभी दया की नज़र पीछे से बबिता की गर्दन के नीचे गयी. वाहा एक बड़ा ज़बरदस्त टॅटू बना हुआ था. दया को वो टॅटू बड़ा सेक्सी लगा, और उसने बबिता से पूछा-

दया: ये टॅटू पर्मनेंट है?

बबिता: हा, अछा है ना?

दया: हा बहुत अछा.

फिर पता नही दया को क्या हुआ, की उसने बबिता की टॅटू वाली जगह पर किस कर दिया. उसके किस करते ही बबिता ने दया की तरफ देखा. बबिता बोली-

बबिता: दया ये क्या कर रही हो?

दया: टॅटू बहुत सेक्सी लग रहा है, इसलिए मुझसे रुका नही गया.

बबिता का भीगा हुआ चेहरा और होंठ दया को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे थे. तभी दया आयेज बढ़ी, और उसने अपने होंठ बबिता के होंठो से चिपका दिए. बबिता को कुछ समझ नही आ रहा था की वो क्या करे. इतने दीनो से बबिता ने भी सेक्स नही किया था, तो उसको सेक्स चढ़ने लगा, और मज़ा आने लगा.

फिर बबिता ने भी किस में दया का साथ देना शुरू कर दिया. अब दोनो पागलों की तरफ किस कर रही थी. लगातार 10 मिनिट की किस के बाद दोनो अलग हुई. उन दोनो की साँसे तेज़ चल रही थी. फिर दया ने बबिता की तरफ देखते हुए अपना पल्लू नीचे गिरा दिया.

बबिता समझ गयी, और दया को बाहों में भर कर उसकी गर्दन पर किस करने लगी. दया भी उसके बूब्स दबा रही थी. फिर बबिता ने दया का ब्लाउस और ब्रा उतार दी, और उसके मोटे-मोटे बूब्स को बाहर निकाल लिया. फिर वो पागलों की तरह दया के निपल्स चूसने लग गयी. दया भी बबिता को अपनी आगोश में भर कर अपने बूब्स का रस्स पीला रही थी.

फिर दया ने बबिता की कुरती और ब्रा निकली, और उसके बूब्स पर धावा बोल दिया. वो बबिता को बेडरूम में ले गयी, और उसके उपर आके उसके बूब्स चूसने लगी. इससे बबिता और उत्तेजित हो गयी. फिर बबिता ने दया को नीचे किया, और उसके उपर 69 पोज़िशन में आ गयी. बबिता ने दया की सारी और पेटिकोट नीचे कर दिया, और दया ने बबिता की लेगैंग्स नीचे कर दी.

अब दोनो पनटी में एक-दूसरे के उपर नीचे थी. वो दोनो पनटी के उपर से एक-दूसरे की छूट मसालने लगी. फिर दोनो ने एक-दूसरे की पनटी निकली, और एक-दूसरे की छूट पर मूह लगा कर चाटने लगी. दोनो को बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर बबिता ने दया की छूट में एक उंगली डाली, और अंदर-बाहर करने लगी. दया आहह आ करने लग गयी. दया ने बबिता की छूट पर हाथ रखा, और दो उंगलियों से उसकी छूट का दाना मसालने लगी. इससे बबिता पागल होने लगी, और उसने अपनी उंगली अंदर-बाहर करने की स्पीड तेज़ कर सी.

उधर दया भी ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट के दाने को मसालने लग गयी. दोनो के मूह से आ आ की सिसकारियाँ निकल रही थी, और दोनो पुर चरम पर थी. फिर दया ने अपना मूह बबिता की छूट पर लगाया, और अपनी जीभ अंदर-बाहर करते हुए उसकी छूट छोड़ने लगी. बबिता ने भी अपना मूह दया की छूट पर लगा कर उसकी छूट छोड़नी शुरू कर दी.

अब दोनो कुटिया की तरह एक-दूसरे की छूट चूस-चाट रही थी. दया छूट चाट-ते हुए बबिता की गांद के च्छेद को भी सहला रही थी, जिससे बबिता को और मज़ा आ रहा था. कम से कम 20 मिनिट उनका ये वासना भरा खेल चलता रहा. फिर दोनो एक-साथ आ आ करते हुए झाड़ गयी. दोनो ने एक-दूसरे की छूट का पानी पी लिया, और छूट चाट कर सॉफ कर दी. फिर दोनो साथ में लेती रही और हासणे लगी.

बबिता बोली: हॅपी होली दया.

दया: हॅपी होली.

दोस्तों अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.

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