कमर में चोट के बहाने भाभी को चोदा

फिर भाभी बोलीं- अब बस करो.. कितना तड़पाओगे?

मैंने अपना लंड उनकी चूत के पास लगाया और चूत पर घिसने लगा।
भाभी बोलीं- अब मत तड़पाओ.. चोदो मुझे…

मैं लंड को भाभी की चूत में डालने लगा और अभी आधा ही गया था कि वो ज़ोर से चिल्लाईं- आआअहह.. ऊऊऊऊहह.. बहुत दर्द हो रहा है।

मैं रुका नहीं.. लगातार धक्का देने लगा।

कुछ ही देर में लौड़े ने चूत में जगह बना ली तो मैं और ज़ोर-ज़ोर से धक्का देने लगा।
वो चिल्लाने लगीं- आआहह.. आहहा.. मर गई रे.. धीरे करो..

मैं भाभी को चोदते-चोदते मेरा माल चूत के अन्दर ही झड़ने को हुआ और मैंने लंड को चूत से निकाल कर भाभी के मुँह में डाल दिया। वो मेरा लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।

मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था। मैं फिर से भाभी को चोदने लगा।

अब मैंने सोचा कि भाभी की गाण्ड मारना चाहिए, मैंने भाभी से पूछा- तेल कहाँ है?
भाभी बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- बोलो ना.. कहाँ है?

तब उन्होंने बताया.. मैं ले आया और मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा। वो कुतिया बन गईं। मैंने उनकी गाण्ड और अपने लंड में तेल लगाया।

मैंने भाभी के गाण्ड में लंड डाला तो वो ज़ोर से चिल्लाईं- आआहह.. मर गई चूतिए.. हरामी गाण्ड में डालने को किसने कहा था।
मैं उनकी चीख को अनसुनी करते हुए धक्का देता रहा।
कुछ पलों के बाद वो भी साथ देने लगीं।

अब वो मेरे ऊपर आ गईं और वो मेरे लंड पर उछल-उछल कर चुदवाने लगीं।
मेरा लौड़ा फिर से उनकी गाण्ड में झड़ गया पर वो नहीं रुकीं.. क्योंकि वो पूरी गरम हो चुकी थीं और देर तक चुदवाना चाहती थीं।

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मैंने भी हार नहीं मानी.. मैं उनको और चोदने लगा.. फिर जब मैं थक गया तो भाभी लौड़ा हिलाने लगीं.. चूसने लगीं।

मैंने भाभी से कहा- बस.. अब फिर कभी सेक्स करेंगे।
फिर मैं वहाँ से कपड़े पहन कर हॉस्टल चला गया।

फ्रेंड्स, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है।
मुझे मेल करें।

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