ट्रेन में देसी हिंदी चूत चुदाई कहानी अनजान लड़के के लंड से

वो बहुत जोर से मम्मों को दबा रहा था तो मैंने कहा- ओह.. थोड़ा आराम से कर ना.. मैं यहीं ही हूँ.. कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
वो हँस कर बोला- ठीक है।
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फिर उसने मेरी टीशर्ट उतार दी और मेरी चुची चूसने लगा.. वो बहुत मस्त होकर मेरे दूध चूस रहा था। उसने मेरा लोवर उतारा और पेंटी के ऊपर से चुत को चाटने लगा। मेरी चुत पूरी गीली हो गई थी.. तो उसने पेंटी उतार दी और फिर से चुत चाटने लगा।

मुझे चुत चटाने में बहुत मजा आ रहा था। कुछ ही पलों में मेरी चुत ने अपना सारा पानी छोड़ दिया और उसने सारा पानी पी लिया।

अब वो बोला- चल अब तेरी बारी!

मैंने उसके लंड हाथ में पकड़ा और चूसने लगी। क्या मस्त लंड था उसका.. एक मोटे डंडे जितना था। दस मिनट लंड चुसवाने के बाद उसने सारी मलाई मेरे मुँह में छोड़ दी तो मैं भी सारा माल चाट गई।

फिर 5-7 मिनट की चूमाचाटी के बाद उसका लंड फिर तैयार हो गया.. तो उसने मुझे सीट पर कुतिया बना कर पीछे से लंड डालना शुरू किया। इतना मोटा लंड मैं पहली बार ले रही थी.. तो बहुत दर्द हुआ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरे मुँह से चीख निकल गई।

वो हैवानों सा मुझे चोदता रहा और मेरी चुची को दबाता रहा।

फिर दस मिनट के बाद मैं झड़ गई.. पर वो चोदू अभी भी चोद रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे चोदता रहा।
कई मिनट की लगातार चुदाई के बाद उसने कहा- बोल.. माल कहाँ निकालूँ?
तो मैंने कहा- चुत में ही निकाल दे।

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उसने तगड़े 5-6 झटके मार कर सारा माल मेरी चुत में निकाल दिया।
अब वो बोला- सही कह रही थी तू.. चुदाई में बहुत मजा आता है।

दोस्तो, ट्रेन की छुकपुक के साथ गोवा पहुँचने तक उसने मुझे बार-बार चोदा।

आपको मेरी देसी चूत की चुदाई की कहानी कैसी लगी दोस्तो, मुझे जरूर बताना।

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