गोआ में गांद की चुदाई

ही दोस्तों, मैं रोहित यानी रहमी क्रोस्स्द्रेससेर आ गयी हू, अपनी गे सेक्स स्टोरी का सेकेंड पार्ट लेकर. आज मैं बतौँगी ट्रस्टी सिर ने सुबा उठने के बाद क्या-क्या किया. तो चलो कहानी पर चलते है.

मैं सबसे पहले तो बातरूम गयी एनीमा लिया. उसके बाद मैने ब्रश किया, बालों का विग और सब निकाला. मैं देखती हू तो मेरा लंड कुछ काम नही कर रहा था, बस वो सिकुड सा गया था. मैने सोचा वैसे भी कहाँ मुझे किसी को छोड़ना था. फिर मैं 20 मिनिट इंतेज़ार करके एनीमा निकाल कर बातरूम करने बैठ गयी.

आस क्लीन करने के बाद जैसे ही मैं बाहर आई, तो सिर मुझे अपनी बाहों में उठा कर अलग बेडरूम में ले गये. वहाँ एक बड़ा बातरूम था, जिसमे एक बात्ट्च्ब था, और उसमे पानी में गुलाब की पंखुड़ीयान डाल रखी थी. सिर ने मुझे उसके अंदर उतरा और कहा-

सिर: कैसा लगा बेबी सर्प्राइज़?

मैने कहा: बहुत बढ़िया. मैं पहली बार ऐसा एक्सपीरियेन्स कर रही हू.

और मैने उन्हे अपने उपर खींचा. फिर झट से हम अंदर गिर गये.

तभी सिर बोले: रहा नही जाता ना तुमसे भी?

मैने कहा: हा बेबी, आप हो ही इतने प्यारे क्या करू?

और सिर अंदर आ कर नहाने लगे. उसके बाद मेरे उपर पानी चिढ़कने लगे. मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने लगे. 5 मिनिट हुए ही थे, की मुझे उनका लंड मेरी गांद पर फील होने लगा.

मैने कहा: नही जी, अभी नही प्लीज़.

बुत सिर ने मुझे उल्टा घुमाया, और अपनी तरफ फेस करके मेरे लिप्स पर प्यार से किस करने लगे. मैं भी उनका साथ दे रही थी. 5 मिनिट किस करने के बाद सिर ने कहा-

सिर: बेबी चूसो ना मेरा लंड.

मैने कहा: ठीक है.

और फिर मैं अपना मूह पानी में ले गयी, और प्यार से उनका लंड चूसने लगी. 5 मिनिट ही चूसा और मैं बाहर आ गयी. उसके बाद सिर ने मुझे फिर उल्टा किया, और अपनी बाहों में बिताने लगे. बुत इस बार उनका लंड मेरी गांद के च्छेद पर था, और वो धीरे-धीरे उसको मेरी गांद में डालने लगे.

मैं ह आ आह की सिसकारियाँ लेते हुए उसे अपने अंदर ले रही थी, की अचानक सिर ने ज़ोर का धक्का दिया, और पूरा लंड मेरी गांद में डाल दिया.

मैं चिल्लाई: ह बेबी, आप ना बहुत नॉटी हो.

तो सिर हासणे लगे और 2 मिनिट मुझे धीरे-धीरे छोड़ने लगे. फिर एक-दूं से उन्होने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और मुझे उठा उठा कर छोड़ने लगे. बात्ट्च्ब का पानी बाहर गिर रहा था. छाप-छाप की आवाज़ो से रूम गूंजने लगा था.

सिर ने फिर मुझे वैसे ही लंड बिना निकाले कुटिया बनाया, और फिर मैं बात्ट्च्ब को पकड़ कर सिर से चूड़ने लगी.

मैं: आह उफ़फ्फ़ उम्म्म्मम बेबी छ्चोढ़ दो ना प्लीज़ ह उफफफफ्फ़. रात भर से मॅन नही भरा क्या?

बुत सिर ने मुझे पुर 20 मिनिट बात्ट्च्ब में छोड़ा, और मेरी गांद में पानी निकाल दिया. फिर उसके बाद थोड़ी देर हम वहीं नहाए, और फिर बाहर आ गये.

मैने कहा: प्लीज़ जी आप बाहर आ जाइए. मैं 5 मिनिट में आती हू.

तो सिर बाहर निकल गये. मैं कमोड पर बैठ गयी, सिर का कम गांद से निकाला, और फिर अपने बाग से एक और एनीमा ले कर अपनी गांद में डाल लिया. उसके बाद मैं चेंज करके एक सिंपल सी पर्पल कलर की पंजाबी ड्रेस और पयज़ामा पहन कर बाहर आई.

सिर मेरा हॉल में नाश्ते के लिए इंतेज़ार कर रहे थे. हमने नाश्ता किया और उसके बाद हम गोआ घूमने निकल गये. गोआ पुर इंडिया में सबसे ज़्यादा गे फ्रेंड्ली स्टेट है. मुझे तभी पता चला था. वहाँ पर बहुत सारे गे कपल्स थे. मेरे जैसे सीडी ट्रांसगेंदर फ्रीली वहाँ ड्रेसिंग करके अपने ब्फ हज़्बेंड के साथ घूम सकते थे.

मैं देख कर हैरान थी. सिर भी मुझे अपनी गफ़ की तरह हाथ पकड़ कर घुमा रहे थे. हम बीच पर घूमे, और मज़े किए. लंच बाहर ही किया. यहाँ तक की हमने ओपन्ली रोड पर लीप किस किया बहुत बार. बुत कोई कुछ नही बोला. तभी मैने देखा की वहाँ बीच पर बेड लगे हुए थे जिसमे कपल्स रोमॅन्स कर रहे थे. बुत मैने ध्यान नही दिया. क्यूँ किसी का मज़ा किरकिरा करना? ऐसे ही रात होने लगी.

मैने मोहन सिर से कहा: चलिए घर नही जाना?

तो उन्होने कहा: नही बेबी, आज तो हम बीच पर ही सोएंगे.

मैने कहा: पागल हो गये हो क्या?

सिर ने कहा: हा पागल तो हू तुम्हारे लिए, इसलिए इतना इंतेज़ां किया है.

फिर हमने तोड़ा सा डिन्नर किया, जिसके बाद फिर से मुझे इंजेक्षन लगाए गये.

मैने सिर से पूछा: ये क्यूँ?

तो सिर कुछ बोले नही, बस कहा: देखती जाओ, तुम्हे पता चल जाएगा.

बुत इन इंजेक्षन्स की वजह से मेरे बूब्स बढ़ने लगे थे, स्किन माय्स्चर करने लगी थी, बॉडी लॅंग्वेज सब चेंज हो रही थी धीरे-धीरे. मैने इतना ध्यान नही दिया. तभी वो लड़की आई जो मुझे लेकर आई थी सिर के पास और कहा-

लड़की: चलिए सिर, आपका बेडरूम रेडी है.

फिर वो हमे बीच पर ले गयी. मैने देखा तो वहाँ एक बेड लगा हुआ था, जिसके चारों और से पर्दे लगे हुए थे. बाहर वालो को हम देख सकते थे, बुत बाहर वाले हमे नही. सिर मुझे उसके अंदर ले गये, और मेरे उपर जानवर की तरह टूट पड़े.

मैं कुछ बोल पाती उससे पहले ही उन्होने मेरी ड्रेस का नाडा खोल दिया. वो निकल नही रहा था तो फाड़ दिया सीधा. मैं आवाज़ करना चाहती थी, बुत दर्र रही थी.

तभी सिर ने कहा: बिंदास रहो बेबी, कोई नही आएगा रोकने हमे.

तो मैं आह उम्म उफ़फ्फ़ की सिसकारियाँ फ्रीली लेने लगी. मैने मेरे मॅन में जो सपना देखा था, वो पूरा हो रहा था, इसलिए बहुत खुश थी. उस रात तो सिर ने मुझे सोने ही नही दिया. उस बीच पर, पब्लिक के सामने सिर मुझे कुटिया, कॉवगिरल, मिशनरी, ना जाने कैसी-कैसी पोज़िशन में रात के 3 बजे तक छोड़ते रहे.

मैं भी बहुत खुश थी. मैने तो मेरा सिर पर्दों से बाहर निकाल रखा था, ताकि मज़े ले साकु. अंदर सिर मुझे छोड़ रहे थे. मैं भी सेक्स के पुर मज़े ले रही थी. लाइफ में फर्स्ट टाइम इतना अछा एक्सपीरियेन्स हुआ था कैसे मिस करती. सिर ने मेरी उस रात बहुत ठुकाई की. 3 बार सिर का कम हुआ.

उसके बाद सिर मेरी गांद में लंड डाल के ही सो गये. फिर सुबा 6 बजे रोज़ की तरह मैं उठी, और देखा तो बाहर बहुत सारे लोग घूम रहे थे. मैने बस ब्रा-पनटी पहनी. विग तो था ही, और बाहर आई. बहुत अछा लग रहा था. उतने में सिर भी उठ गये, और बाहर आए. उन्होने मुझे बाहों में उठा लिया, और समंदर में खेलने लगे.

1 घंटा हम खेले, और फिर वो तौर कोवोर्डिनेटर आई और कहा: चलिए सिर अभी नाश्ता करते है.

उसके बाद हमने कपड़े पहन लिए, और वापस होटेल में नाश्ता किया. फिर बंगलोव में आ गये. मैं तोड़ा आराम करना चाहती थी, तो एनीमा लेकर सो गयी. वो लड़की भी मेरे साथ ही सोई थी. दोपहर को जब मैं उठी, तो देखा सिर नही थे. मैने लड़की से पूछा तो उसने कहा-

लड़की: सिर चले गये वापस, आपको हम ले जाएँगे. आप फ्रेश हो कर खाना खा लीजिए, तब तक मैं पॅकिंग कर लेती हू आपकी. फिर हम निकलेंगे.

मैने कहा: ठीक है.

और मैं फ्रेश होने गयी. एनीमा निकाल कर बातरूम किया, आस क्लीन की, और खाना खाने बैठ गयी. इसके बाद उसने फिर से इंजेक्षन दिए.

मैने इस बार लड़की से पूछा: प्लीज़ बता दो ना कैसे इंजेक्षन है ये?

तब उसने कहा: बतौ तो मेरी बात मानोगी?

मैने कहा: ठीक है.

उसके बाद वो लड़की और मैने एक मस्त सा लेज़्बीयन सेक्स किया, बुत मेरा लंड उसके साथ बिल्कुल खड़ा नही हुआ. तब उसने बताया-

लड़की: इससे तुम्हारे अंदर लड़के के हॉर्मोन्स की जगह लड़की के हॉर्मोन्स डाल दिए गये है. आज के बाद तुम एक लड़की ही बनते जाओगे, और कुछ नही.

फिर हम वापस आ गये मुंबई. आयेज क्या हुआ, कैसे मेरी लाइफ में एक मोड़ आया, और मेरी ये अची लाइफ से मैं एक रंडी बन गयी, वो बतौँगी मेरी गे सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में. बाइ दोस्तों, कहानी अची लगे तो प्लीज़ एमाइल मे अट

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