हेलो दोस्तो, मेरा नाम रिषभ है. मेरी उमर 24 साल है और मैं अंबाला का रहने वाला हूँ. आज मैं अपने लिए अपनी एक कहानी ले कर आया हूँ जो की सबके दिल को बेचेन करके लंड और चूत का पानी निकाल देगी.
पर मैं अपनी कहानी को बाद मे स्टार्ट करूँगा क्योकि ये मेरी पहली स्टोरी है तो पहले मैं आपको अपना इंट्रोडक्शन अच्छे से देना चाहता हूँ.
तो दोस्तो मेरा नाम तो आपको पहले ही पता चल गया है. अब मैं आपको अपने बारे मे थोड़ा कुछ और बताना चाहता हूँ. मैं बचपन से ही बहोत ज़्यादा शरारती हूँ क्योकि मैं हमेशा किसी ना किसी को छेड़ता ही रहता था. और यही शरारती पन मेरा आज भी जिंदा है. क्योकि मैं आज भी वैसा ही हूँ जैसा की पहले था.
मेरा रंग गोरा है और मेरी हाइट भी काफ़ी अच्छी है और दिखने मे मैं काफ़ी ज़्यादा सुंदर हूँ. मुझ पर काफ़ी ज़्यादा लड़किया मरती भी है और मेरे से फ्रेंडशिप करने को पागल हुई फिरती है. पर मेरा नेचर ऐसा नही है की हर किसी लड़की को अपनी बना कर रखू क्योकि मुझे जो पसंद आती है मैं उससे ही बात करता हूँ और दूसरो की मैं परवाह नही करता हूँ.
मुझे वैसे भी लड़कियो की मस्त फिगर को देखना बहोत अच्छा लगता है क्योकि ये होती ही इतनी मस्त है की मैं आपको क्या बताऊ. मेरा हर समये माइंड इसी पर ही टीका रहता है और खूब मस्ती भी करता है.
\वैसे मुझे लड़कियो को चोदने मे भी बहोत मज़ा आता है क्योकि ये मज़ा कही और भी नही आता है. मुझे खास कर कुवारि लड़कियों को चोदने मे और उनकी सील तोड़ने मे मज़ा आता है. क्योकि ये मज़ा तो मुझे जैसे जन्नत की सैर करवा देता है.
तो ये तो मैने तोड़ा बहोत अपने बारे मे बता दिया है और अब मैं आपको अपनी कहानी पर ले कर चलता हूँ. ये बात आज से एक साल पहले की है. जब मैं एक कंपनी मे काम करता था. वैसे तो मैं अब भी करता हूँ पर अब वो लड़की वाहा काम नही करती है जिसकी मैं आपको कहानी बताने जा रहा हूँ.
वो लड़की, वो दिखने मे बहोत ही प्यारी और सुंदर थी. उसकी नज़र, उसके होंठ और उसका फिगर देखते ही मेरा दिमाग़ खराब हो जाता है और छोटे नवाब का तो कहना ही क्या. वो तो ऐसे तड़पते है जैसे की मछली बिना पानी के तड़पति है.
अरे मैं भी कैसा हूँ, मैने इतना कुछ आपको बता दिया पर आपको उस लड़की का नाम तो बताया ही नही है. वो लड़की का नाम रूबी है और उसकी हाइट 5’3 इंच है और उसका फिगर 32-24-36 है. जब मैं इस कंपनी मे जोइनिंग करा था तो मैने उसे तभी देखा था और देखते ही मैं उसका दीवाना हो गया था.
उसका मस्त फिगर और मस्त फीचर्स को देख कर मेरा लंड पहले ही खड़ा हो गया था और मैं उससे फ्रेंडशिप करना चाहता था. मैने पहले तो ऑफीस मे ही उसे गुड मॉर्निंग वगेरा विश करा और फिर धीरे-धीरे उससे बात भी करने लग गया.
वैसे मैं आपको ये भी बता दूँ की उसकी आवाज़ भी बहोत ज़्यादा रसीली है और मन तो यही करता है की बस उसकी आवाज़ सुनता ही राहु. मुझे उससे बात करने मे भी बहोत अच्छा लगता था और मैं बस ऑफीस मे मोका मिलते ही बात करलिया करता था.
वो भी मेरे साथ काफ़ी अच्छे से बात करती थी और हम फिर धीरे-धीरे ऐसे ही ऑफीस मे काफ़ी क्लोज़ हो गये. और फिर हमारी फ्रेंडशिप हो गई. तब हमने एक दूसरे के नंबर भी एक्सचेंज किए और फिर हमारी फोन पर भी बाते होने लग गई. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे ये सब बहोत ही अच्छा लगने लग गया था और मैं तो बस उससे बात करके ही काफ़ी खुश हो जाया करता था. मैं अब उससे काफ़ी कुछ शेयर करने लग गया था और वो भी मेरे साथ काफ़ी बाते शेयर करने लग गई थी.
हम दोनो ऑफीस मे भी एक दूसरे के साथ चैट पर बात किया करते थे और वाहा पर कैंटीन मे हम एक दूसरे के साथ एक साथ बैठ कर खाना खाया करते थे. कई बार तो वो मेरे लिए घर से स्पेशल कुछ बना कर लाया करती थी.
मैं आपको ये भी बता दूँ की उसका हाथ का बना हुआ खाना मुझे बहोत ही ज़्यादा अच्छा लगता है और मन करता है की डेली उसके हाथ का कुछ ना कुछ ख़ाता राहु. अब आप समझ ही गये होंगे की वो खाना बहोत ही अच्छा बनाती है.
हम दोनो ऐसे ही बात करते थे और हमारा ऐसे ही सब कुछ अच्छा-अच्छा जा रहा था. फिर एक दिन मैने उससे मूवी देख कर आने को कहा तो उसने मुझे मना कर दिया. मैने उससे ना करने का रीज़न पूछा तो उसने बताया की घरवाले अनुमति नही देंगे.
ये बात सुन कर मुझे बहोत घुस्सा आया और फिर मैने उससे पूरे 3 दिन बात नही करी. और यही टेंशन मे उसने फिर एक रात मुझे फोन किया और कहा की हम मूवी देखने चलेंगे पर सनडे को नही. क्योकि तुम तो घरवालो को जानते ही हो इसलिए हम ऑफीस की छुट्टी ले कर चलेंगे.
ये सुन कर मैं बहोत खुश हुआ और फिर मैने अगले दिन ही मूवी जाने का प्लान बनाया और हमने ऑफीस से छुट्टी ले ली. अगले दिन मैने उसे उसके घर के पास से पिक किया और मैने देखा की उसने पिंक कलर का सलवार सूट डाल रखा था और जिसमे वो बहोत खूबसूरत लग रही थी.
अब मैने उसे बाइक पर बैठने को कहा और हम फिर सिनिमा के लिए निकल पड़े. वो मुझसे थोड़ा चिपक कर बैठी थी जिससे उसके बूब्स मेरी कमर पर लग रहे थे. और जब मैं बाइक की ब्रेक मारता था तो उसके बूब्स मेरी कमर मे डब जाते थे जो की मुझे पागल कर रहे थे.
फिर हम वाहा पहोच गये और मूवी देखने लग गये. मूवी स्टार्ट हो गई थी और रूबी मूवी मे बिज़ी हो गई थी पर मेरा ध्यान तो रूबी पर ही था. अब ऐसे ही मैने उसके कंधे पर हाथ रख दिया और फिर उसने मेरे कंधे पर अपना सिर रख दिया. ये सब होने से मेरा लंड पैंट मे खड़ा हो गया था.
मैने अब धीरे से उसके बूब्स पर हाथ लगाया तो वो चोंक गई और बिना कुछ कहे सीधी बैठ गई. फिर हम दोनो ऐसे ही मूवी देखने लग गये और सारी मूवी मे मैने उसके साथ कुछ नही किया. और फिर जब मूवी ख़तम हुई तो मैकडॉनल्ड्स मे बर्गर खाए और तब टाइम देखा तो तब सिर्फ़ 1 ही बजा था. तो मैने उससे कही और घूम कर आने को कहा तो वो मान गई.
फिर मैं उसे एक ऐसे पार्क मे ले गया जहा पर कपल ही कपल होते है. और मैं आपको ये बता दूँ की ये पार्क कपल पार्क के नाम से भी फेमस है. हम वाहा पहुचे तो बाइक से उतर कर अंदर आ गये. वाहा सारे कपल एक दूसरे की बहो मे बैठ कर आशिक़ी लड़ा रहे थे और ये सब देखते हुए हम भी जा कर कही बैठ गये.
हम दोनो वाहा बैठ कर एक दूसरे के साथ बाते कर रहे थे और तब मेरा मन उसकी बाहो मे लेटने को कर रहा था. इससे पहले की वो मुझे ना करे मैने खुद को बेंच पर लेटाया और उसकी गोद मे सिर रख कर लेट गया. मेरे सिर रखते ही वो बोल पड़ी की ये क्या कर रहे हो.
मैं – कुछ भी नही बस ऐसे ही तुम्हारी गोद मे सिर रख कर लेटा हुआ हूँ.
मेरी बात सुन कर पहले वो घबराई पर बाद मे ठीक हो गई. फिर मैने ऐसे ही धीरे-धीरे उसके जिस्म पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और तब वो तोड़ा खुद को संभालने लग गई. मैने अब उसके फेस को अपने पास किया और होंठो से होंठ मिलाने लगा जिसमे मैं सफल भी हुआ.
पर हाँ ये होते ही साथ मे उसने अपने होंठ हटा लिए और फिर मैने भी उसे फोर्स नही किया. फिर ऐसे ही हमने बाते करके टाइम पास किया और फिर मैने उसको घर तक छोड़ दिया. मैने उससे होटेल मे जाने को भी कहा था पर उसने मेरी बात नही मानी जिसका मुझे बुरा भी नही लगा.
फिर ऐसे ही एक हफ़्ता निकल गया और फिर एक दिन उसने मुझे फोन पर खा की मैं सनडे को ऑफीस आयूंगी क्योकि कुछ देर के लिए काम है. मुझे तो उसकी बात से इशारा मिल गया और मैं मन ही मन बहोत खुश होने लग गया. और जैसे तैसे सनडे का इंतेज़ार करने लग गया. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब जब सनडे आया तो मैं ऑफीस पहुचा तो मैने देखा की वो पहले से ही ऑफीस आ रखी थी. पर उसके साथ ऑफीस मे एक और बंदा भी आ रखा था जो की अपने काम मे लगा हुआ था. ये देख कर मेरा मूड थोड़ा अपसेट हो गया और सोचने लग गया की अब कुछ कैसे होगा.
मैं तो वैसे भी वेल्ला ही अपने कंप्यूटर मे टाइम पास कर रहा था और मोके की तलाश मे था. तभी रूबी ने मुझे बुलाया और कहा की देखो ना इस कंप्यूटर को क्या हो गया है. मैं अब उसके कंप्यूटर को देखने लग गया और ऐसे ही घंटा लगा दिया की तभी जो वो लड़का आ रखा था. हमे बोला की मैं अब घर जा रहा हूँ क्योकि मेरा काम हो गया है.
यह सुनने के लिए ही तो मैं इतनी देर से सिर खपा रहा था और उसके जाते ही मैने रूबी को पीछे से बाहो मे जकड लिया और उसकी गर्दन पर किस करने लग गया. वो भी गरम होने लगी थी और फिर मैने उसे सीधा किया और उसके होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और मज़े से चूसने लग गया.
अब मैने उसे ऐसे ही वाहा पर पूरा नंगा कर दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया. मेरी बाहो मे आते ही पहले वो तड़पने लग गई और फिर ऐसी आई बाहो मे की क्या बताऊ. फिर तो बस जाने का या छोड़ने का मान ही नही किया.
मैने अब उसे लंबा लेटा दिया और उसके पूरे बदन को चाटने लग गया. इसमे वो भी मेरा साथ देने लग गई और फिर मैने खुद को भी नंगा कर दिया. मेरा लंड देखते ही वो घबरा गई और बोली की क्या बात है जी इतना बड़ा लंड है जो मैं लूँगी.
मैं उसे देख कर मुस्कुरा दिया और उससे कहा की घबराने की कोई ज़रूरत नही है. फिर मैने बिना कोई देर किए लंड को चूत पर रखा और उप्पर से रगड़ने लग गया. मेरे ऐसे रगड़ने से उसे मज़ा आ रहा था और फिर मैने देखते ही उसकी चूत पर लंड रखा और उसके मूह पर हाथ रख कर मैने एक ज़ोर का धक्का दिया तो वो चीक पड़ी.
पर मैं नही रुका और लंड को आधा अंदर डाल कर उप्पर नीचे करने लग गया. थोड़ी देर बाद उसे बहोत मज़ा आने लग गया और फिर मैने उसे जबरदस्त तरीके से छोड़ डाला. मैने देखा की लंड भी पूरा खून मे भीगा हुआ था और फिर उसका पानी भी साथ साथ निकला हुआ था. मैने भी अब देर ना करते हुए उसकी चूत मे अपना पानी निकाल दिया और उसे बाहो मे भर लिया.
फिर थोड़ी देर रेस्ट करके मैने उसे उसके घर पर ड्रॉप कर दिया और फिर मैं भी घर चल दिया,