गर्लफ्रेंड बन के बहन वाइल्ड तरीके से चुदी

राजू: तो दीदी अब आप मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी है.

पिंकी: हा तो?

राजू: तो अब मैं अपनी गर्लफ्रेंड का फिगर देखना चाहता हू.

इतना बोल कर वो मेरी तरफ आया, और मेरा टॉप उपर करने लगा.

पिंकी: अर्रे राजू, तुम ये क्या कर रहे हो?

राजू: दीदी मैने कहा ना अब आप मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी हो, तो मैं अपनी गर्लफ्रेंड का फिगर देख रहा हू. प्लीज़ दीदी मुझे आप ना रोको.

और फिर उसने मेरा टॉप उपर किया, और मेरी ब्लॅक ब्रा देख कर और उत्तेजित हो गया. उसने मेरा टॉप उतार दिया, और पीछे से मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया. फिर मेरी ब्रा नीचे गिर गयी.

अब मेरे नंगे बूब्स को वो गौर से देख रहा था. मैं उसकी तरफ देख रही थी. ना-जाने कब वो मेरे बूब्स को पकड़ कर मेरे निपल्स अपने मूह में लेकर चूसने लगा.

वो इतना मस्त चूस रहा था, और उसकी जीभ मेरे निपल पर ऐसे घूम रही थी, की मैं सातवे आसमान पर थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

पिंकी: ओह राजू रूको, ऐसा मत करो. मैं तुम्हारी दीदी हू. ऐसा मत करो.

पर वो मेरी कहा सुनने वाला था. वो तो बस मेरे निपल्स चूज़ जेया रहा था.

राजू: दीदी ई आम सॉरी. मुझे माफ़ कर दो. मैं नही रुक सकता. चलो दीदी अब उठो. मैं तुम्हे नंगी देखना चाहता हू.

मुझे शरम आ रही थी, लेकिन मैं खड़ी हुई. फिर उसने मेरी लेगैंग्स उतार दी, और अंदर पहनी हुई पनटी भी उतार दी. अब मैं उसके सामने नंगी खड़ी थी, और मुझे इस तरह नंगी देख कर राजू खुद पर कंट्रोल नही कर सका. वो खुद अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.

उसका लंड खड़ा हो गया था, जो दिखने में काफ़ी बड़ा लग रहा था. क्यूंकी रात तो अंधेरे में ठीक से नही देखा था. लेकिन अब मुझे सॉफ-सॉफ दिख रहा था, की उसका लंड काफ़ी बड़ा था.

राजू: दीदी आप मेरे पास आओ, और मेरा लंड अपने मूह में लेकर चूसो.

मैं उसके पास गयी, और उसका लंड हाथ में पकड़ा.

पिंकी: अर्रे राजू, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है.

राजू: दीदी अक्सर लड़कियों को बड़ा लंड ही पसंद आता है. क्या आपको मेरा लंड पसंद नही आया क्या?

पिंकी: राजू तेरा लंड तो मुझे रात ही पसंद आ गया था, जब तू मुझे रात को पियू समझ कर छोड़ रहा था.

राजू: ओह अछा, रात मैं आपको छोड़ रहा था? मुझे भी ऐसा लगा था की ये पियू नही थी. क्यूंकी पियू की छूट इतनी जल्दी गीली नही होती है. मुझे उसकी छूट चाटनी पड़ती है. उसके बाद उसकी गीली होती है, और फिर मैं अपना लंड उसकी छूट में डालता हू. लेकिन रात को जब मैने अपना लंड छूट पर रगड़ा, तो थोड़ी देर में छूट गीली हो गयी थी. तभी मुझे शक हो गया था.

अब मैं राजू का लंड अपने मूह में लेकर कुलफी की तरह चूस रही थी, और वो अपने मूह से आह आहह ह कर रहा था.

राजू: दीदी मैने कभी नही सोचा था, की आप इतनी अची तरह से लंड चूस्टी होगी. और मुझे ऐसी लड़कियाँ पसंद है, जो लंड चूसने में माहिर हो. आप बिल्कुल ही माहिर हो लंड चूसने में. आप जिस तरह से मेरा लंड चूस रही हो, उस तरह कभी पियू ने मेरा लंड नही चूसा.

10 मिनिट तक मैने राजू का लंड अपने मूह में लेकर चूसा. फिर राजू मुझे किस्सिंग करने लगा फ्रेंच किस, और लास्ट में मुझे अपनी गोद में उठा कर मामा जी के बेडरूम में ले गया. उसने मुझे बेड पर लिटा दिया, और बोला-

राजू: दीदी अब आप बेड पर सीधी लेट जाओ. मैं आपके पुर जिस्म को चाटना चाहता हू. और दीदी मुझे रोमॅंटिक वाला सेक्स पसंद है. मैं हमेशा चुदाई प्यार से करता हू, और आपकी भी चुदाई आज प्यार से करूँगा.

फिर राजू शुरू हो गया. पहले वो मेरे पावं की तरफ आ गया, और सबसे पहले पावं के अंगूठे को अपने मूह में लेकर चूसने लगा, फिर पैर के टखने को चूमने और चाटने लगा. उसके बाद आहिस्ते-आहिस्ते उपर आने लगा. अब टाँग से जाँघ तक आ गया चूमते-चूमते.

फिर मेरी छूट की बारी थी, और अब वो मेरी छूट के होंठो के बीच में अपनी जीभ रगड़ने लगा. वाह क्या एहसास था उसकी जीभ का. इतना मज़ा पहली बार आ रहा था. रोमॅंटिक सेक्स किसे बोलते है, वो मुझे आज पता चल रहा था. राजू ने मेरी छूट को चाट-चाट कर गीला कर दिया था, और अब मेरी छूट लंड माँग रही थी.

मैने राजू से कहा: मुझे अब और मत तड़पाव, और अपना लंबा मोटा लंड मेरी छूट में घुसा दो, और मुझे छोड़ो.

राजू: दीदी अभी तो मैं सिर्फ़ छूट तक आया हू. आभी आपकी नाभि, बूब्स, गला, सीना, सब बाकी है. इनको चूमूंगा, उसके बाद आपकी छूट में लंड डालूँगा.

ह राजू की बातें मुझे और उत्तेजित कर रही थी. मैं बहुत गरम हो रही थी. फिर देखते-देखते राजू मेरे उपर आ गया, और मेरे बूब्स को दबाने लगा. साथ में मेरे निपल पर अपनी जीभ फेरने लगा. उसकी जीभ ने मेरे निपल्स को गीला कर दिया था. मुझे इतना मज़ा आ रहा था. मेरे मूह से हल्की-हल्की आवाज़ में ह ह आहह ह ह ह निकल रही थी.

वो अपनी जीभ पुर बूब्स पर रौंद फेर रहा था, जिससे मुझे बहुत उत्तेजना हो रही थी. मेरे पुर बड़ा में जैसे करेंट जैसा हो रहा था. इतना मज़ा कभी नही आया था मुझे बूब्स चुसवाने में.

पिंकी: आहह ह ह ह ओह राजू तू मुझे बहुत मज़ा दे रहा है.

राजू: दीदी मुझे पता है मैं आपको बहुत मज़ा दे रहा हू, और आपको ये मज़ा देने के लिए मैं कब से इंतेज़ार कर रहा था. वैसे मुझे बहुत मज़ा आ रहा है आपके बूब्स चूसने में, आपकी गांद चाटने में, आपकी छूट चाटने में, आपके लिप्स चाटने में. इतना मुझे कभी किसी के साथ नही आया, जितना मज़ा आपके साथ आ रहा है.

और फिर राजू ने मुझे बेड पर सीधी कर दिया, और मेरे पावं फैला दिए, और खुद मेरे उपर चढ़ गया. फिर उसने अपना लंबा मोटा लंड मेरी छूट पर सेट किया, और बड़े प्यार से धीरे-धीरे मेरी छूट के अंदर डालना स्टार्ट कर दिया. अब राजू का लंड पूरा मेरी छूट में घुस चुका था. वो बड़े प्यार से धक्के मार रहा था, और उसके हर एक धक्के में मुझे मज़ा ही मज़ा आ रहा था.

साथ में वो मुझे किस्सिंग भी कर रहा था, और एक हाथ से मेरे बूब्स को भी दबा रहा था.

पिंकी: ओह उफफफफफ्फ़ अहह ह ह छोड़ मुझे छोड़ राजू छोड़ मुझे. मेरी चूत कब से प्यासी है तेरे लंड के लिए, छोड़ मुझे. छोड़ राजू छोड़.

ऐसे ही राजू ने 5 से 7 मिनिट तक मुझे छोड़ा, और फिर उठा और मेरे मूह की तरफ आ गया, और अपना लंड मेरे मूह में दिया, और मैं फिरसे अपने मूह में लेकर उसका लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर में मेरे मूह के अंदर उसके लंड ने अपने माल की पिचकारी छ्चोढ़ दी. मेरा मूह पूरा भर गया था उसके माल से. बहुत गाढ़ा माल था.

फिर थोड़ी देर के लिए हम एक-दूसरे की बाहों में लिपट कर बेड पर लेट रहे थे, और एक-दूसरे से प्यार भारी बातें कर रहे थे. तभी राजू बेड से उठा, और मेरे सामने आ कर खड़ा हो गया, और मेरे बूब्स को घूर्ने लगा. वो एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर हिलने लगा.

पिंकी: अर्रे राजू, तुम ये क्या कर रहे हो?

राजू: दीदी आपको छोड़ने के बाद मेरी हसरत और बढ़ गयी है. इसलिए एक बार फिर मैं आपको छोड़ना चाहता हू.

पिंकी: तो मैने तुझे कहा ना बोला है. तू जब चाहे मुझे छोड़ सकता है आज. आज से मैं तेरी हुई, और तू मेरा हुआ.

राजू: हा बिल्कुल, आप सही बोल रही हो. और वैसे ही आपकी छूट मेरे लंड की हुई, और मेरा लंड आपकी छूट का हुआ.

पिंकी: तो राजू चल तू अपना काम शुरू कर.

और फिर राजू मेरे पास आया, और मेरे बूब्स को दबाने लगा. डब्ल्यू साथ में मेरे निपल्स को चूसने लगा.

पिंकी: चलो राजू, अब तुम मेरी छूट में अपना लंड डाल, क्यूंकी अब मुझे मेरी छूट में तेरा लंड चाहिए.

राजू: हा दीदी मेरा लंड भी तैयार है आपकी छूट में जाने के लिए. और वैसे भी अगर आप ऐसे ही मेरा लंड चूस्टी रही, तो मेरा पानी निकल जाएगा. इसलिए अछा होगा की मैं अब आपको छोड़ना स्टार्ट कर डू.

पिंकी: ओह अछा, तो चलो स्टार्ट हो जाओ. लेकिन राजू, तू मुझे अब किस स्टाइल में छोड़ना पसंद करेगा.

राजू: दीदी आप घोड़ी बन जाओ, मैं आपको पीछे से छोड़ूँगा. क्यूंकी इतना जल्दी मेरा लंड पहले कभी दोबारा खड़ा नही हुआ. मेरी फॅवुरेट पोज़िशन भी डॉगी स्टाइल है, इसलिए आप घोड़ी बन जाओ, और पीछे से मैं आपकी छूट में अपना लंड डालूँगा.

और फिर राजू मेरे पीछे से मेरी छूट में अपना लंड डाल कर मुझे छोड़ने लगा. मेरी छूट बहुत गीली थी. इसलिए उसका लंड आराम से मेरी छूट के अंदर चला गया. वो मुझे नों-स्टॉप घपा-घाप छोड़ने लगा, और साथ में वो मेरे बूब्स को भी अपने दोनो हाथो से पकड़े हुए था.

बहुत मज़ा आ रहा था मुझे, और मैं उसे बोल रही थी: राजू छोड़ो मुझे, छोड़ो आहह आहह ह ह ऑश उफफफ्फ़. राजू तेरा लंड तो मुझे बहुत मज़ा दे रहा है.

राजू: हा दीदी, ये तो मज़ा और बढ़ता जेया रहा है. मुझे नही मालूम था की आपको छोड़ने में मुझे इतना ज़्यादा ही मज़ा आएगा. और ये मज़ा और बढ़ता जेया रहा है. पियू को छोड़ते टाइम ऐसा कभी नही हुआ, की चुदाई करते-करते और ज़्यादा मज़ा बढ़ता जाए. लेकिन आपके साथ तो और मज़ा बढ़ता जा रहा है ( मतलब जब मैं आपको छोड़ रहा था, तो मुझे और इचा हो रही थी की इसे और छोड़ू, और छोड़ू ऐसा पियू के साथ नही होता है ).

पिंकी: ओह अछा ऐसी बात है? और मुझे भी कभी इतना मज़ा नही आया जितना तेरे साथ आ रहा है. राजू चौधरी ज़ोर-ज़ोर से छोड़. छोड़ मुझे, छोड़ मेरी छूट कब से प्यासी है तेरे लंड के लिए. और छोड़ मुझे छोड़ राजू छोड़, बस छोड़ता ही रह.

मेरे ऐसे बोलने से राजू ने अपने दोनो हाथो से मेरी कमर को पकड़ा, और स्पीड से मेरी छूट के अंदर धक्के मारने लगा. मेरे मूह से ज़ोर-ज़ोर से आह आ आह आह आह आह आ की चीखें निकल रही थी. साथ में ये भी बोल रही थी की मुझे और ज़ोर से छोड़ो, और ज़ोर से धक्के मारो राजू, बहुत मज़ा आ रहा है.

अब राजू वाय्लेंट हो गया था. उसे बहुत मज़ा आ रहा था मेरी छूट छोड़ने में, और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. मैं भी वाय्लेंट हो कर छुड़वा रही थी. ऐसे ही उसने 7 मिनिट तक मुझे चोदा, और फिर अपने लंड का गरम-गरम माल मेरी चूत के अंदर ही छ्चोढ़ दिया. इस बार उसका माल बहुत गरम था. मुझे मेरी छूट के अंदर महसूस हो रहा था.

फिर कुछ देर के लिए उसने अपने लंड को मेरी छूट के अंदर दबा के रखा, और जब उसने मेरी तरफ से अपना लंड बाहर निकाला, तब मेरी छूट से उसके लंड का पानी बाहर की तरफ नीचे तपाक रहा था. फिर जैसे ही हम दोनो सीधे हुए, हमारे सामने पियू खड़ी थी.

तो फ्रेंड्स आयेज क्या हुआ वो इस कहानी के नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. और प्लीज़ मेरी कहानी पर कॉमेंट करो. तब तक के लिए इतना ही.

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