गफ़ को उसकी बहन के सामने चोदने के मज़े

तो पिछले पार्ट में हम एक जगह पे आके रेस्ट करने के लिए रुके थे. अब आयेज की कहानी कंटिन्यू करने जेया रहा हू. तो हम लोग रेस्ट करने के लिए एक ट्री के नीचे बैठे. ठंड बहुत लग रही थी हम सब को, तो हम बैठ के इधर-उधर की बातें कर रहे थे. फिर मैने कहा की-

मैं: चलो अब आयेज चलते है.

तो फिर राघव ने कहा: थोड़ी और रेस्ट करते है.

सालू ने नाराज़ होके कहा: इतने में ही तक गये? अभी तो और भी आयेज जाना है हम लोगों को.

फिर सुरभि ने कहा: लगता है जीजू के स्टॅमिना तोड़ा कम है.

फिर राघव बोला: स्टॅमिना बहुत है साली साहिबा, कहो तो डेमो दिखौ?

तो सालू बोली: रहने दो, मैने देखा है तुम्हारा स्टॅमिना.

तो मेरे मूह से हस्सी निकल गयी. फिर राघव बोला-

राघव: चलो अब देखते है की किसका स्टॅमिना अछा है.

तो मैने बोला: कैसे?

राघव: तुम सालू को और मैं सुरभि को गोद में उठा के चलते है. जो पहले हार मान जाएगे, तो समझेंगे उसका स्तामिने अछा नही है.

सुरभि और सालू ने एक साथ बोला: ठीक है.

फिर मैने कहा: जो जीटा, उसको क्ये मिलेगा?

तो राघव ने कहा: अगर मैं जीटा, तो सुरभि मुझे 3 मिनिट तक फ्रेंच किस करेगी, और अगर तुम जीते तो वो तुम्हारे साथ करेगी.

सालू ने तुरंत तोड़ा गुस्से होके कहा: ऐसा क्यूँ? अगर तुम सुरभि को किस कर सकते हो, तो शॉमे को मैं भी किस कर सकती हू. अगर शॉमे जीटा, तो उसको मैं किस करूँगी, और अगर तुम जीते तो सुरभि तुम्हे किस करेगी.

ये सुन कर मेरे मॅन में तो लड्डू फूटने लगे. मैने सालू की तरफ देखा तो दिमाग़ में आया, की अब तो जो कुछ हो जाए, जीतूँगा तो मैं ही.

फिर राघव ने तोड़ा सोचने के बाद बोला: ठीक है, चलो स्टार्ट करते है.

राघव मेरे से थोड़े मोटे थे. लेकिन मेरी फिटनेस बहुत अची थी, क्यूंकी मैं जिम में रेग्युलर एक्सर्साइज़ करते हू. फिर मैने सालू को गोद में लिया, तो वो आराम से मेरे कंधे पे दोनो हाथ रख कर अड्जस्ट हो गयी. उधर सुरभि को राघव ने गोद में लिया. सुरभि थोड़ी अनकंफर्टबल होके मेरी तरफ देख रही थी.

फिर हमने चलना शुरू किया, तो 5 मिनिट तक चलने के बाद मैने देखा की राघव की हालत खराब हो गयी थी. वो बहुत मुश्किल से चल रहा था. लेकिन मैं तो आराम से चले जेया रहा था. और मेरा जोश भी बहुत हाइ था.

मेरा लंड खड़ा हो गया था, क्यूंकी मैं सालू की सेक्सी फिगर चू रहा था, और उसकी तरफ देखे जेया रहा था. मेरे मॅन में चल रहा था, की ऐसे ही चलता जौ.

थोड़ी देर करीब 7 मिनिट तक चलने के बाद, राघव रुक गये और सुरभि को नीचे रख दिया. तो मैने कहा-

मैं: मैं जीत गया जीजू, आप हार गये.

तो सालू ने तुरंत मुझे गाल पे एक किस दी. मुझे बहुत अछा लगा. फिर मैने भी सालू को नीचे रखा. उसके बाद मैने बोला-

मैं: अभी रिवॉर्ड की बारी.

सुरभि बोली: मैं किस कर देती हू.

सालू ने कहा: नही, जैसा बोला गया था, वैसे ही होगा. मैं करूँगी शॉमे को किस.

मैने कुछ नही बोला. मेरे होंठ तो मानो इसी के लिए इंतेज़ार कर रहे थे. उधर राघव का मूह लटक गया था.

फिर सालू मेरा सर पकड़ कर उसके लिप्स मेरे लिप्स के करीब ले कर आई. उसने पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई थी. क्या खुश्बू आ रही थी उसके लिप्स से. मैं तुरंत उसको ज़ोर से किस करने लगा, तो वो भी मुझे फ्रेंच किस दे रही थी.

करीब 1 मिनिट हुआ ही था, की सुरभि ने आके हम दोनो को अलग कर दिया. और वो मुझे किस करने लगी. तो मैं भी किस कर रहा था. थोड़ी देर बाद हम अलग हुए. फिर राघव उदास होके बोला-

राघव: तुम दोनो ने शॉमे को किस किया. मुझे तो किसी ने नही किया.

तो सालू बोली: लूसर को कों किस करेगा?

राघव को गुस्से आ गया, और वो जल्दी-जल्दी हमारे आयेज निकल गया. हम धीरे-धीरे जेया रहे थे.

फिर सुरभि बोली: जीजू गुस्सा करके चले गये. अब तो वो दिख भी नही रहे.

सालू बोली: अर्रे होंगे वो सामने, कहा जाएँगे.

फिर हम भी थोड़ी स्पीड बढ़ाए, और तेज़ चलने लगे. आधा घंटा हो गया था, पर राघव कही भी नज़र नही आ रहा था. तो सालू थोड़ी टेन्षन में आ गयी की कहा चले गये. हम सब भी थोड़ी टेन्षन में थे, और वाहा नेटवर्क भी नही था, की फोन कर सके.

फिर हम चलते-चलते बहुत अंदर तक चले गये. थोड़ी और अंदर जाने के बाद वाहा 2 रास्ते थे. तो हम लेफ्ट वाले में जाने लगे. करीब 2 घंटे चलने के बाद भी राघव का कोई आता-पता नही था.

वाहा और कोई नही था हम 3 के अलावा, और शाम भी होने लगी थी. फिर हम थोड़ी रेस्ट करने एक पेड़ के नीचे बैठे, और खाने का बेग मेरे पास था, तो हमने तोड़ा खाना खाया. उसके बाद हम फिर चलने लगे राघव को ढूँढने. लेकिन उसका कोई पता नही था.

रात हो गयी थी. हम बहुत घने जंगल में चले गये थे, और हमारे पास टेंट भी नही था. वो राघव के पास था. फिर थोड़ी डोर में हुमको एक छ्होटा सा घर दिखा, तो हम वाहा चले गये. जाके देखा की वाहा एक बुड्ढे अंकल रहते थे. तो हमने उनको सब बताया, की हमारे जीजू मिल नही रहे.

उन्होने कहा की: यहा रात को घूमने में बहुत ख़तरा है. जुंगली जानवर बहुत है यहा पे. आज यही रुक जाओ, कल सुबा उनको ढूँढने चले जाना.

तो हम भी मान गये. फिर हमने बचा हुआ खाना खाया, और बुड्ढे अंकल को भी दिया. वाहा एक ही बेड था जो सिर्फ़ 2 लोगों के लिए था. तो बुड्ढे अंकल ने कहा की-

अंकल: आप तीनो इस बिस्तर पे सो जाओ. मैं नीचे सो जौंगा.

हमारे पास और कोई उपाय नही था, तो हम बिस्तर पर सोने गये. सालू पहले, सुरभि बीच में, और मैं सुरभि की साइड में अड्जस्ट करके लेट गया. वाहा एक ही ब्लंकेट थी, जो की छ्होटी थी. मुझे थोड़ी सी ही नसीब हुई.

ठंड बहुत थी, और मैं ठंड से काँप रहा था. उधर ब्लंकेट भी नही थी मेरे उपर. सुरभि मेरी हालत देख कर मेरे उपर आ गयी, और ब्लंकेट से हम तीनो को धक लिया.

फिर थोड़ी देर बाद मैं गरम होने लगा, और सुरभि भी. मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं सुरभि के लिप्स पे किस करने लगा, तो वो भी मुझे किस करने लगी. वाहा सालू दूसरी तरफ मूह करके सो रही थी. लेकिन वो जागी हुई थी, और सब कुछ समझ रही थी, की क्या चल रहा था.

उधर हम एक-दूसरे के होंठो को चूस रहे थे. फिर मैं उसके गाल पे, गले पे किस करने लगा. सुरभि बहुत उत्तेजित हो गयी थी. फिर मैं उसके बूब्स को दबाने लगा ज़ोर-ज़ोर से. वो सिसकियाँ ले रही थी, लेकिन मुझे थोड़ी प्राब्लम हो रही थी, तो मैं उसके उपर आ गया, और उसको मैने नीचे किया.

अब मैं उसके बूब्स को मसल रहा था. उधर सालू की कमर पे भी मेरा हाथ टच हो रहा था. मैने फिर सुरभि की हूदीए थोड़ी उपर की, और उसकी ब्रा को भी तोड़ा उपर किया. फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा, और दबाने लगा.

लेकिन जगह कम होने की वजह से मैं ज़्यादा खुल के नही कर पा रहा था. फिर मैने सुरभि की पंत उतार दी, और पनटी को साइड किया.

उसके बाद मैने पंत की चैन खोल कर लंड बाहर निकाला, और उसकी छूट पे जेया कर रगड़ने लगा. फिर अचानक सालू बोली-

सालू: तोड़ा धीरे करो तुम दोनो.

तो हम तोड़ा साइड हो गये. लेकिन हमारे शरीर सालू से टच हो रहे थे, और मुझे समझ आ गया था की सालू का भी मॅन था करने को. लेकिन राघव तो खो गया था.

फिर मैं मेरा लंड सुरभि की छूट में धीरे-धीरे घुसने लगा, और सुरभि सिसकियाँ ले रही थी. मैने एक धक्का दिया तो मेरा लंड आधा अंदर चला गया.

वो चिल्लाने लगी, लेकिन मैने उसका मूह मेरे मूह से बंद कर दिया, और एक ज़ोरदार झटका दिया तो पूरा लंड अंदर चला गया. वो बहुत दर्द में थी. फिर मैं लंड को आयेज-पीछे करने लगा धीरे-धीरे, तो सुरभि बोली-

सुरभि: बहुत दर्द हो रहा है शॉमे, प्लीज़ निकालो.

फिर अचानक सालू सुरभि को बोली: अगर तुझसे संभाला नही जेया रहा, तो मुझे देदे. इतना चिल्ला क्यू रही है?

मैं ये सुन कर शॉक हो गया. फिर सुरभि और कुछ नही बोली. मैं उसको धीरे-धीरे छोड़ रहा था, और वो सिसकियाँ ले रही थी. हम पोज़िशन चेंज नही कर सकते थे. फिर मैने थोड़ी स्पीड बधाई, और ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा.

बिस्तर हिल रहा था, लेकिन हम चुदाई में मगन थे. फिर थोड़ी देर छोड़ने के बाद मैने पानी उसके अंदर ही छ्चोढ़ दिया. वो भी अपना पानी छ्चोढ़ चुकी थी.

फिर मैं उसके उपर ही लेट गया, और सुरभि भी मुझे हग करके सो रही थी. लेकिन हमारा ये सब देख कर सालू की तो हालत खराब हो गयी. वो फिंगरिंग कर रही थी.

तो दोस्तों आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में सुनौँगा की कैसे मैने उसी रात को सालू को भी चोदा.

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