गाओं की लड़की को खेत में गरम करके चोदा

अब सीधे कहानी पर चलते है.

मैं (अमित) आगे 33 जो की ब.एड करने के बाद न्यू देल्ही से गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहा था. मैं काफ़ी टाइम बाद गाओं गया था. मेरे पापा का गाओं में बिल्डिंग मेटीरियल का बिज़्नेस है, तो मेरी फॅमिली घर पर ही रहती है.

आपको बता डू की मेरी फॅमिली में मम्मी, पापा, और मैं हम 3 लोग ही है. पापा मम्मी अक्सर देल्ही आ जाते है घूमने के लिए. तो ज़्यादा गाओं में जाना नही हो पाता था मेरा. अब जब मैं गाओं में गया, तो पहले काफ़ी चीज़ें बदल गयी थी. मुझे देख के अछा लगा. मैं घर पहुँच के तोड़ा रेस्ट किया. फिर शाम को घूमने निकल गया गाओं में.

मेरे घर से 10 घर छ्चोढ़ के 2-3 मुस्लिम फॅमिलीस रहती है, जिनमे से एक है नाज़ियाँ आंटी. उमर उनकी 44 साल है, जो की मेरी मम्मी की अची दोस्त है. उनके 4 बच्चे है नौशाद, दिलशाद, रबिया, सब्बो. जिनमे से सब्बो सबसे छ्होटी लड़की थी, जो अभी 22 साल की थी. मैं उनसे मिलने गया. उन्होने मुझे देखा और हाल-चाल लेने लगी.

तभी उधर से सब्बो आई, जो अब पूरी जवान हो गयी थी. उसका फिगर 30-34-36 था. मैं पहले पहचान नही पाया, क्यूंकी मैने उसको जब वो 14-15 साल की थी, तब देखा था. वो बच्ची जैसी थी, बुत अभी तो वो जवान हो गयी थी. वो आते ही मुझसे बातें करने लगी, पढ़ाई कैसे चल रही है, बाकी इधर-उधर की बातें.

सब्बो के पापा दुबई में रहते है, और घर पर उन्होने कुछ बकरियाँ पाल रखी थी, जो चराने का काम सब्बो का था. क्यूंकी नौशाद और दिलशाद अपने काम पर चले जाते थे, और रबिया की शादी हो गयी थी. उस दिन रात को जब मैं सो रहा था, तब ना जाने क्यूँ सब्बो का ख़याल मेरे दिमाग़ में आ गया.

फिर मैं जो की 33 साल कुँवारा हू. मेरा हथियार जो की 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, उफान मारने लगा. ऐसे में मैं गया, और हिला कर आया. फिर मैं सो गया. सुबह उठ कर छाई लेकर बाहर घूम रहा था, की देखा सब्बो अपनी बकरियों को लेकर खेत साइड में जेया रही थी. ना चाहते हुए भी मैं उसको ताड़ने लगा, और देखा की उसके दोनो चूतड़ जैसे मटक रहे थे.

ऐसा लग रहा था की वो सेक्स माँग रहे हो. उस टाइम पर मैने अपना मूड बना लिया, की ट्राइ करते है. अगर मिल जाए तो बहुत दिन की कसर पूरी करनी थी. फ्रेंड्स मेरा पिछले साल ही ब्रेकप हो गया था. उसके बाद स्टडी के लिए मैने कोई गफ़ बनाई भी नही थी.

मैने पापा से कहा: पापा मैं अपने खेत देख कर आता हू.

पापा खुश हुए और बोले: जाओ बेटा, देख कर आओ.

उनको क्या पता था मैं क्या देखने जेया रहा था. मैं जब अपने खेत की साइड जाने लगा तो खेत से पहले ही बाग है, जहा पर सारे लोग जो अपने जानवर लेकर जाते है, बैठते है. क्यूंकी उधर छ्चाया होती है. वाहा पर सब्बो भी बैठी थी और वो देखते ही बोल पड़ी-

सब्बो: आप क्या चराने आए हो?

मैं मुस्कुरा गया और बोला: कुछ नही, मैं खेत देखने आया हू.

उधर ऑलमोस्ट बच्चे थे सब्बो को छ्चोढ़ कर. तो ज़्यादा दिक्कत नही थी.

उसने बोला: चलो आपको दिखा कर आती हू.

और हम दोनो मेरे खेत की साइड पर चल दिए. उधर पापा ने अरहर उगाया था. हम अरहर के बीच से आयेज जाने लगे. आयेज जाके हम सबसे च्छूप से गये और आयेज जाने लगे. तभी मेरे माइंड में एक आइडिया आया, और मैने ऐसे दिखाया की जैसे मेरा पैर फिसल गया था, और मैं बॅलेन्स खो कर सब्बो के उपर गिर गया.

बुत मैने जान-बूझ कर सब्बो को पीछे से पकड़ कर, दबोच कर, नीचे गिरा दिया. इससे मेरा लंड उसकी गांद पर लगा और मैने गिरते टाइम अपने हाथ उसके बूब्स पर रख लिए थे. मैं लगातार सब्बो की गांद में लंड रग़ाद रहा था, और दर्द होने का नाटक कर रहा था.

उसके बूब्स को मैं तेज़ी से प्रेस करने लगा. वो इधर-उधर से निकालने का ट्राइ कर रही थी, और अरहर होने की वजह से वो तभी निकल सकती थी, जब मैं उसके उपर से उठता. ऐसे ही 2 मिनिट बीट गये, और फिर वो हुआ जिसका मुझे इंतेज़ार था. उसकी सिसकारी फुट गयी दोस्तों.

मैने शादी नही की, पर बंदियन मैने 7-8 बना कर छ्चोढ़ रखी थी. तो मुझे पूरा एक्सपीरियेन्स था इस चीज़ का, की कैसे नयी माल को रेडी करके छोड़ना था. अब जब उसकी सिसकारी निकालने लगी, तो मैं अपना मूह उसके कान के पास ले जेया कर गरम-गरम साँस छ्चोढने लगा, और रगड़ना मसलना चालू ही था.

इससे वो पूरी गरम हो गयी, और अपना हाथ अपनी गांद पर ला कर मेरा लंड पकड़ने का ट्राइ करने लगी. जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड को टच किया, मैं पीछे से ही उसकी गर्दन पर किस करने लगा. फिर उसके गले पर और कान के पास पीठ पर किस करते-करते मैं तोड़ा उठा, और कपड़े के उपर से ही उसके छूतदों को हल्के-हल्के काटने लगा.

मैं उसकी गांद को चूमने लगा, और 3-4 थप्पड़ भी लगाए उसकी गांद पर. इस सब के बाद वो पुर मूड में आ गयी, और पलट गयी. जब वो पलटी, तो मैं उसके मुम्मो को दबाने लगा और 5 मिनिट तक लीप लॉक कर लिया. उसके बाद सीधा उसके पेट पर चूमने लगा.

तभी उसने मुझसे पूछा: आप खेत दिखाने आए थे ना? और आपको चोट लगी थी ना.

मैने मुस्कुरा के बोला: देखने तो मैं तुम्हे आया था, और चोट तो अब तुमको लगेगी मेरे लंड से.

उसने मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोला की कर दो मुझे चोटिल, और फाटाक से मेरा लोवर खींच दिया. फिर अंडरवेर हटते ही काला नाग बाहर आया, जिसे देखते ही सब्बो की फटत गयी और वो बोली-

सब्बो: इतना बड़ा नही से पौँगी मैं.

फिर वो उठने का ट्राइ करने लगी, की तब तक मैने उसको कंधो से पकड़ कर बिताया, और नाक बंद कर दी. इससे वो जैसे ही मूह से साँस लेने लगी, मैने मूह में लॉडा तूस दिया. 3 इंच लॉडा मूह में चला गया. अब नाक खोल दी, और आराम से मूह में देने लगा.

फिर मैं उसको बोला: बेबी आज तुझे असली मज़ा दूँगा चूड़ने का. तू सबर रख.

फिर चूसने के बाद मैने उसे नंगा किया. उसके कपड़े खेत में बिछाए, और टाँग उठा के डालने लगा. दोस्तों मुझे लगा की एक बार उसे छोड़ डू. अगर एक बार चुड गयी, तो फिर ये कही नही जाएगी. मैने तंग उठाई, लीप लॉक किया, और लॉडा सेट करके ज़ोर का शॉट दिया. लंड आधा जाके फ़ासस गया, और सब्बो झटपटाने लगी.

उसकी आँखों में आँसू आ गये, बुत मैने छ्चोढा नही, और 5 मिनिट ऐसे ही रगड़ता रहा. जैसे ही उसकी छूट पानी छ्चोढने लगी, और लंड अड्जस्ट हो गया, मैने ज़ोर से 2-3 झटके दिए. मैने लंड पूरा तूस दिया उसकी छूट में. पहले उसको बहुत दर्द हुआ, लेकिन धीरे-धीरे वो शांत हो गयी.

अब मैं धीरे-धीरे धक्के देने शुरू हो गया. अब उसके होंठ भी छोढ़ दिए मैने और खुलते है उसने कम से कम मुझे 100 गालियाँ दी.

मैने उसको प्यार से चूमा, और कहा: सब्बो आज तू औरत बन गयी रानी.

अब वो भी मुस्कुराने लगी, और बोली: ज़ोर से छोड़ो.

इतना सुनते ही मैने अपना घोड़ा फुल स्पीड में दौड़ा दिया, और 30 मिनिट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं भी आ गया. सब्बो तब तक 4 बाद झाड़ चुकी थी. फिर हम दोनो उठे. मेरा 5 मिनिट में फिरसे रेडी हो गया. अब सब्बो अपना कपड़े पहन ही रही थी, की मैने उसे पीछे से पकड़ लिया.

बुत सब्बो ने बोला: राजा बकरियाँ घर ले जाने का टाइम हो गया है. अब आज नही कर सकते है.

मैने बोला: फिर कब?

वो मेरी तरफ पलटी, और घुटनो पर बैठ गयी. फिर लंड अपने मूह में 5 इंच तक ले गयी, और 2 मिनिट चूसने के बाद उठी और बोली-

सब्बो: अब मैं इसकी गुलाम हू. मौका मिलते ही इसकी सेवा में हाज़िर हो जौंगी हुज़ूर.

बोल के वो मुस्कुराने लगी. मैने उसकी गांद में थप्पड़ लगाया, और बोला-

मैं: इसका ढक्कन खोलना है इस बार.

सब्बो बोली: इसका ढक्कन तो 7 दिन बाद खुलवा सकती हू. मामू के लड़के की शादी है. सब का जाने का प्लान है. मैं कुछ बहाना करके रुक जौंगी, और तुम खोल देना इसका ढक्कन. क्यूंकी ये जब छूट चियर दिया, तो गांद का तो क्या हाल करेगा.

हम दोनो हास्से, और वापस आ गये.

दोस्तों मैने कितनी देर बाद छूट और गांद मारी, और यहा तक की एक बार सब्बो की मम्मी को भी छोड़ दिया. वो सब बतौँगा अगली कहानी में. तब तक के लिए अगर स्टोरी अची लगे तो अपना फीडबॅक ज़रूर शेर करे.

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