कहानी जिसमे गान्डू ने लंड के माल वाली चाइ पी

हेलो गाइस, कैसे हो आप सब? आशा करता हू की आप सब आचे से होंगे, और सेक्सी कहानियाँ पढ़ कर मज़ा कर रहे होंगे. मेरा नाम राज शर्मा है, और मैं एक गान्डू बॉटम हू. मेरी चिकनी मोटी चुड़क्कड़ गाअंड है, जिसको देख कर मर्दों के लंड खड़े हो जाते है.

आपको मेरी पहले की स्टोरी में मज़ा आया होगा. ई गेस बहुत लोगों का रेस्पॉन्स आया. बहुत लोगो ने बोला की उन्होने मूठ मारी मेरी स्टोरी पढ़ कर. ये सुन कर मुझे बहुत मज़ा आया.

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चलिए अब बिना ज़्यादा टाइम वेस्ट किए कहानी पर चलते है.

ये नयी कहानी है आप लोगों के लिए. उम्मीद करता हू की आपको ये कहानी पढ़ कर मज़ा आएगा. ये इन्सिडेंट मेरे कॉलेज टाइम में हुआ था. तब मैं 1स्ट्रीट एअर का स्टूडेंट था, और मेरे दोस्त मेरे मज़े लेते थे.

मज़ाक-मज़ाक में ही वो लोग मेरी गांद दबाते थे, और मेरी पंत में हाथ डाल कर मेरे च्छेद में उंगली भी करते थे. इस सब से मुझे बहुत मज़ा आता था, और मुझे अब इन सब चीज़ो की आदत लग चुकी थी.

तो ये कहानी में मैं बतौँगा कैसे यही हस्सी-मज़ाक में हमारे कॅंटीन वाले चाचा ने मेरे च्छेद की ज़बरदस्त चुदाई की. साथ में मेरे 1 दोस्त ने च्छूप कर अपना मूठ निकाला, जो मुझे देख कर बहुत पसंद आया. उफफफफ्फ़ मज़ा ही आ गया.

तो अब कहानी स्टार्ट होती है. हमारा कॉलेज आफ्टरनून सेशन वाला था, तो हम लोग कॅंटीन में वेट कर लेते थे क्लासस शुरू होने के पहले. हमारे कॉलेज की कॅंटीन में बहुत सारे लोग काम करते थे. सबसे ज़्यादा अवेलबल एक चाचा था, जो हम लोगों को छाई और पकोडे सर्व करता था.

तो मेरे दोस्त जैसे की मैने पहले ही आप सब को बताया है, की सारे हरामी थे. जब उनको गर्लफ्रेंड नही मिलती थी, तो वो मुझ पर अपना हवस निकालते थे. कोई मेरी गांद दबाता था, कोई मेरी चिकनी गांद को खा जाना चाहता था, तो कोई रेग्युलर्ली मुझे छोड़ता था. मुझे सब ने मिल कर रंडी बना दिया था ग्रूप की.

तो एक दिन मैं कॉलेज गया. वाहा कॅंटीन मेरे दोस्त मेरी वेट करते थे. तो जैसे ही मैं वाहा पहुँचा, तो वो लोग मुझे मेरी गांद में स्पॅंक करने लगे. कोई मेरी गांद दबाता, और कोई तो गांद में मूह घुस्सा देता था.

तो हम लोग क्लास शुरू होने की वेट कर रहे थे, और मेरे दोस्त मुझे च्चेड़ने में लगे थे. ये सब होते हुए वो चाचा ने बहुत बार देखा. इससे पहले भी वो ये सब बहुत बार देख चुका था, क्यूंकी ये हमारा रोज़ का ही काम था. और मैने भी ये नोटीस किया वो चाचा की नज़र मेरी मोटी चुड़क्कड़ गांद पे रहती थी.

तो फिर क्या हुआ. हम लोग बातें कर रहे थे और कोई ग्रूप ऑफ फ्रेंड्स उस कॅंटीन में नही था. फिर वो चाचा आए और हम लोगों को बिस्किट्स और छाई दिए, पर मेरी छाई नही लाए. मैने जब पूछा तो वो देता हू बोल कर अपने काउंटर में चले गये.

थोड़ी देर बाद में उनके काउंटर में च्छूप कर गया, और जाके पूछा की मेरी छाई क्यू नही मिली. तो मैं क्या देखता हू. वो काउंटर के पीछे च्छूप कर मूठ मार रहा था. उसने मेरी चुपके से फोटो ली हुई थी, और मेरे पिक देख कर लंड हिला रहा था. ये देख कर मेरी आँखें फाटती की फाटती रह गयी.

चाचा: आहह सेयेल भद्वे, क्या गांद है तेरी (फोन में मेरी फोटो देख कर लंड हिलाते हुए).

वो बड़ी हवस से मेरी गांद देख कर मूठ मार रहा था. और ये देख कर मुझे भी मज़ा आने लगा. उनका लंड 7-8 इंच का मोटा काला लंड था. उफफफफ्फ़ क्या ज़बरदस्त लंड था. उस लंड को देख कर तो मुझे भी कुछ-कुछ होने लगा था.

फिर चाचा ने हिलाते-हिलाते मूठ निकाल दिया, और अपने माल को एक छाई वाले कप में ले लिया, और उसमे छाई मिक्स करने लगे. वो छाई वो मेरे लिए ही बना रहे थे. मैं समझ गया की वो मुझे अपना माल पिलाना चाहते थे. फिर मैं बोला-

मैं: अर्रे चाचा, मेरी छाई खा है?

अचानक से मेरी आवाज़ सुन कर वो तोड़ा घबरा गये. फिर वो बोले-

चाचा: अर्रे ये लो ये लो. मैं बना ही रहा था छाई तुम्हारे लिए.

चाचा ने देखा नही की मैं देख चुका था, की वो मेरे ही कप में अपना माल डाल कर मुझे दे रहा था. अब मुझे उसकी हवस महसूस होने लगी थी. फिर मैने उनसे पूछा-

मैं: क्या हुआ, इतनी टाइम एक छाई देने में?

मेरा ये सवाल सुन कर वो जवाब सोचने लगे, और कुछ सोच कर बोले-

चाचा: अर्रे वो चीनी कम पद गयी थी, तो चीनी देना भूल गया था.

मैं: अछा.

फिर मैने उनके सामने पूरी छाई पी, और निकल गया क्लासस के लिए. ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा. जब भी मैं कॅंटीन में होता था, तो वो मेरी मेरी गांद को ही देखता रहता था. वो मेरी गांद का दीवाना हो गया था.

एक बार मैने नोटीस किया, की वो अपने काउंटर से बैठ कर मेरी गांद देख कर लंड हिला रहा था. कोई उसको नोटीस नही कर रहा था, बुत मैं समझ गया था.

फिर जब भी वो मेरी गांद देख कर लंड हिलता था, तो मैं चेर एड्ज से अपनी गांद को बाहर निकाल कर उसको अपनी गांद का ज़्यादा व्यू देता था. इससे वो और मज़े में मूठ निकालता था.

उफफफफफ्फ़, जब उसके लंड से वो गाढ़ा मूठ निकालता था, सही में देखने लायक था.

एक बार ब्रेक टाइम में कॅंटीन में भीड़ थी, और हम लोग भी खड़े थे और सीट्स वेकेंट होने की वेट कर रहे थे.

तो वो चाचा पीछे से सडन्ली आया और मेरी गांद के बीच में अपना हाथ सहलाते हुए चला गया. मैं समझ गया था, की उसकी हवस बहुत ज़्यादा बढ़ गयी थी.

उसकी इतनी हवस देख कर मुझे भी हवस चढ़ने लगी थी चाचा के लिए. फिर मैं सोचने लगा, की कैसे उससे चड़वौ. तो मैने कुछ प्लान बनाया अपने आप को रंडी बनाने का.

अगर स्टोरी पसंद आई हो, तो कॉमेंट्स में ज़रूर बताए. और इसकी बाकी की स्टोरी की कैसे उसने मुझे रग़ाद के छोड़ा, वो अगले पार्ट में बतौँगा.

सो जिसको भी मुझे मेसेज करके बातें करनी हो, वो मुझे इंटेस्टाइनल.टूट86@गमाल.कॉम में मैल कर सकते है. इसका नेक्स्ट पार्ट (पार्ट 2) भी पढ़िएगा और मूठ मारिएगा मज़े से.

कहानी की फीडबॅक ज़रूर दे, ताकि अगली कहानी को और भी बेहतर तरीके से लिख साकु. कहानी पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद.

यह कहानी भी पड़े  मेरा फर्स्ट गे सेक्स एक गे अंकल के साथ


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