गांद चुदाई दोपहर और शाम में

मेरी गे सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट शुरू कर रहा हू.

कोई 2 घंटे बाद-

मैं सो रहा था. तभी अचानक गाते ओपन हुआ, और टॉ जी रूम में आए, और मेरी आँखों पर पट्टी बाँध दी. मैं अचानक जाग गया, और लाइट ओं करने लगा. लेकिन आँखों पर पट्टी होने की वजह से कुछ सॉफ नज़र नही आ रहा था. टॉ जी ने मुझे लिटा कर मेरे पेट पर कुछ लगाया, जो धीरे-धीरे वाइब्रट कर रहा था (सेक्स टूल वाइब्रटर था). मेरे जिस्म में अचानक से हलचल मचने लगी.

वो धीरे-धीरे उसे मेरी कमर, मेरे निपल्स, और कभी मेरे लंड के पास वाइब्रट करने लगे. मेरे बदन में गर्मी का जैसे गुबार जाग रहा था. तभी वो मेरी गांद के होल पर भी करने लगे.

मैं: बहुत दर्द है, गांद नही.

तभी उन्होने मेरी गांद पर कुछ ठंडा-ठंडा गीला-गीला डाल कर वाइब्रटर को अंदर डाल दिया, और स्पीड फुल कर दी. मेरी तो जैसे जान ही निकल रही थी.

मैं: आहह एम्म्म.

वाइब्रटर और उस लिक्विड से मेरी गांद ठंडी हो कर सुन्न हो गयी. अब मुझे कुछ दर्द फील नही हो रहा था. 5 मिनिट तक वाइब्रटर से गांद के मज़े लेने के बाद वो मेरी गांद में अपना लोड्‍ा डाल कर फुल स्पीड से झटके देने लगे.

टॉ जी किस करते-करते मुझे बहुत तेज़-तेज़ छोड़ रहे थे. लिक्विड से जो दर्द कम हुआ था, अब वो फिर से स्टार्ट हो गया था. टॉ जी मेरे होंठो को चूस-चूस कर किस कर रहे थे. ऐसे छोड़ रहे थे जैसे बहुत दीनो से किसी को छोड़ा ना हो. लग ही नही रहा था की मॉर्निंग में दो बार छोड़ चुके थे.

अब टॉ जी ने मुझे खड़ा कर दिया और दीवार पर लगा कर चुदाई करने लगे. टॉ जी पता नही क्यूँ अपना लंड पूरा अंदर नही डाल रहे थे. हो सकता है वो मेरे दर्द की वजह से ऐसा कर रहे हो. 15-20 मिनिट छोड़ने के बाद मेरी गांद में अपना गरम-गरम माल निकाल कर एक लंबा किस करके रूम की लाइट फिर से ऑफ करके चले गये.

कहना पड़ेगा टॉ जी रोमॅंटिक तो बहुत है. इस आगे में भी सेक्स के नये-नये तरीके पता है उन्हे. मैं आँखों से पट्टी उतार कर बातरूम में नहाने चला गया. मैं नहा कर बाहर आया, तो देखा मेरे बेड पर एक बिकिनी, ब्लाउस, और सिल्क की सारी के साथ एक लेटर था, जिस पर लिखा था-

लेटर: लोवे योउ रेखा मेरी जान. जल्दी रेडी हो जाओ, 7 बजे एक सर्प्राइज़ है.

अभी 5 बजे थे. मैं जल्दी से मेक-उप और वो लाइट पिंक सारी पहन कर रेडी हो गया था. सारी में मुझे देख कर कोई नही बता सकता की मैं अंदर से एक लड़का था. मेरे लंबे बाल मेरे लुक में चार चाँद लगा देते है. मुझे वीरेंदर लेने आया आज तो वो एक-दूं हीरो लग रहा था. वाइट शर्ट और ब्लू पंत में.

वीरेंदर: अब कैसा है दर्द मालकिन?

मैं: जब तक तुम्हारे मलिक है, तब तक तो दर्द होगा ही (हम दोनो ही हासणे लगे).

हेस्ट-हेस्ट वियर ने मेरी गांद पर हाथ मार दिया. तभी मैने उसे गुस्से में देखा.

वियर: सॉरी मालकिन, वो आपकी सारी और ब्लाउस सही से नही लगे हुए.

मैं: ओक-ओक, कहा से खराब है, ठीक कर दो.

वियर मेरी कमर के अंदर हाथ डाल कर मेरी सारी ठीक करने के साथ-साथ मेरी गांद को भी मसल रहा था, और हाथ मुझे गरम कर रहा था. मेरे कोई आपत्ति नही करने पर वो मेरे ब्लाउस में मेरे चुचो को दबा-दबा कर आचे से ब्लाउस में हाथ डाल रहा था, और पीछे से मेरे ब्लाउस को कस्स के बंद कर रहा था. अब मेरे चुचे और भी ज़्यादा उभरे हुए लग रहे थे.

वियर मेरे पीछे खड़े हो कर मेरे चुचो को पकड़ कर मिरर में मुझे देख कर बोला: अब मलिक के लिए रेडी है मालकिन.

मैं: सिर्फ़ मलिक के लिए, ध्यान रहे.

और ये बोल कर मैं बाहर आ गया. मेरे रूम के बाहर फ्लवर्स से पुर रास्ते को फार्महाउस के गार्डेन तक सज़ा रखा था. पूरा फ्लोर और दीवार सब फ्लवर से कवर थी. ये सब किसी ड्रीम से कम नही था. टॉ जी, गार्डेन में बॉन्फियर लगा कर उसके आयेज ब्लॅक कोट-पंत में एक सोफे पर बैठे हुए थे. रात हो गयी थी, और ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी. वाइन और, शॅंपेन सब मिल कर रोमॅंटिक मौसम बना रहे थे.

टॉ जी: वेलकम मेरी जान. आओ-आओ.

मैं टॉ जी के पास जेया कर बैठ गया, और तभी टॉ जी ने एक चैन मेरे गले में डाल दी.

टॉ जी: फ़ारूक़ मुझे पता है की तुम रेखा नही हो. लेकिन मैं सच में तुम्हे रेखा जितना ही प्यार करता हू. क्यूंकी मुझे तुम में मेरी रेखा ही दिखती है. प्लीज़ इस गिफ्ट के लिए माना मत करना. शायद कुछ दिन बाद तुम चले जाओ. फिर तुम मिलो या नही. लेकिन मैं तुम्हारे साथ हर दिन स्पेशल फील करना चाहता हू.

ये बोल कर वो एमोशनल हो गये. मैने टॉ जी को गले से लगा कर उनको प्यार से समझाया.

मैं: लोवे योउ जान. शायद इतना प्यार मुझे कोई नही देता. मैं आपकी बीवी हू, आप जब चाहो मुझे मिल सकते हो. कही भी, ओक जानू?

इसके बाद हमने किस किया, और मैने उनको ड्रिंक पीला दी. गार्डेन में सिर्फ़ हम दोनो ही थे. वियर पता नही कहा था. टॉ जी मेरा ब्लाउस उतार कर मेरे निपल्स चूसने लगे. तभी अचंक से बोले-

टॉ जी: रेखा ये निपल्स को क्या हुआ?

मैं: देखो कितने भोले बन रहे हो. दोपहर भूल गये क्या?

टॉ जी मेरी सारी उतारते-उतारते कुछ बोलने लगे. तभी वियर भागते हुए आया.

वियर: मलिक माफी, लेकिन मालकिन, ये आँखों की पट्टी वाला सर्प्राइज़ जो आपने मलिक के लिए सोचा था, वो तो आप भूल ही गयी.

मैं कुछ बोलता उससे पहले ही-

टॉ जी: वाह मेरी जान, नटखट हो रही हो. कोई नही, आज हम तुम्हारे है, कुछ भी करो.

मैं (पट्टी टॉ जी की आँखों पर बाँधते हुए): दोपहर का बदला तो लेना ही था आपसे.

टॉ जी (मेरे निपल्स चूस्टे हुए): मेरी जान, क्या नींद में भी हमसे चुड रही थी क्या? हम तो दोपहर में आपके पास आए ही नही.

मेरे तो पैरों के नीचे से ज़मीन ही खिसक गयी. मैने तभी वियर को देखा. वो मुझे एक हाथ से कान पकड़ कर सॉरी बोल रहा था, और दूसरे हाथ से अपना लंड पंत के उपर से सहला रहा था. मैं समझ गया क्यूँ दिन में चुदाई के टाइम मुझे वियर लाइट ओं करने से पहले ही पट्टी पहना दिया था.

टॉ जी: कहाँ गयी रेखा?

मैने देखा मैं टॉ जी से डोर खड़ा था. मैं कुछ समझ नही पा रहा था.

मैं: सारी खोल रही थी जानू.

ये बोल कर मैं टॉ जी की गोद में पनटी में बैठ कर किस करने लगा, और सोफे के पीछे वियर एक-एक करके अपने कपड़े उतार रहा था. ये सब मेरी गांद की खुजली और बढ़ा रहे थे. मैं टॉ जी के कपड़े उतारने लगा, और उनके लोड को चूसने के लिए नीचे झुका. तभी वियर मेरे पीछे आ कर टॉ जी को एक ग्लास ड्रिंक दे दिया.

टॉ जी: दारू और जोरू से लोड्‍ा चुस्वाई एक साथ, क्या बात है!

टॉ जी को ड्रिंक दे कर वियर मेरी पनटी उतार कर मेरे होल को अपने मूह से चाटने लगा. आह, क्या चाट रहा था. कसम से ये सुख कोई भी शब्दों में नही लिख सकता. अयाया, मज़ा ही आ गया.

वियर मेरे होल के अंदर तक अपनी जीभ डाल रहा था. मैं अभी भी अपने पति का लोड्‍ा चूस रहा था.

2 मिनिट बाद वियर मेरी गांद में अपना लोड्‍ा डाल कर धीरे-धीरे मुझे छोड़ने लगा था. वीरेंदर का लोड्‍ा 6 इंच का था, इसलिए दोपहर में मुझे ज़्यादा अंदर तक फील नही हो रहा था.

टॉ जी: लोड्‍ा चूसने में कोई नही टक्कर दे सकता तुम्हे मेरी जान.

मैं अब तेज़-तेज़ उनका लोड्‍ा चूसने लगा, और वियर भी मेरा साथ देते हुए झटकों को तेज़ कर रहा था. टॉ जी को पता ही नही था, की उनका वफ़ादार आज उनकी जोरू की गांद दूसरी बार फाड़ रहा था.

टॉ जी: गांद में कब लॉगी मेरी जान?

उनको सोफे पर लिटा कर मैने उनका लोड्‍ा अपनी गांद में ले लिया. अब मेरी पीठ टॉ जी के फेस की साइड थी, और वियर मेरे लेफ्ट हॅंड साइड में था सोफे के पीछे, और मेरे मूह में वियर का लोड्‍ा. वियर टॉ जी के लंड के नीचे बॉल्स पर वाइब्रटर लगा रहा था. टॉ जी और भी ज़्यादा मदहोश हो रहे थे.

ठंडी-ठंडी हवा, उपर से फिरे, और दो सख़्त मर्दों का जिस्म मुझे छोड़ रहे थे. क्या माहौल था. आज भी याद करके लोड्‍ा खड़ा हो जाता है

टॉ जी: मेरी गुलबो, ये क्या कर रही हो? मेरे जिस्म में करेंट सा दौड़ रहा है अया. चुदाई में ग़ज़ब हाथ है तुम्हारा मेरी रानी.

थोड़ी देर बाद वियर ने सारा माल मेरे मूह में ही निकाल दिया. तोड़ा नमकीन था, लेकिन टेस्टी था.

मैं: पति देव, टेस्ट तो बहुत है आपकी चुदाई में, और तेज़ करो ना सरपंच जी.

वियर चुप-छाप वहाँ से चले गया और मैने टॉ जी की आँखों की पट्टी खोल दी.

मैं: अपनी रानी को आपके लोड पर उछलते हुए नही देखोगे क्या?

मैं अपने मोटे-मोटे चुचो को दबाते-दबाते उछाल रहा था, और एक हाथ से अपने बाल सहला रहा था.

टॉ जी: क्या मस्त लग रही हो. आज तो पूरी रात तेरी गांद में ही गुज़ार दूँगा साली. ले अपने राजा का लोड्‍ा. चुड, और चुड साली रांड़.

टॉ जी वील्बरो पोज़िशन में मुझे बहुत हार्ड छोड़ना स्टार्ट कर रहे थे. 30 मिनिट तक अलग-अलग पोज़िशन में छोड़ने के बाद टॉ जी ने मेरी गांद में ही गरम-गरम लावा निकाल दिया. हम दोनो एक-दूसरे को किस करने लगे. तभी वियर कपड़े पहन कर नीचे गर्दन झुखा कर आया. अभी हम दोनो नंगे ही थे

वियर: मलिक डिन्नर रेडी है.

टॉ जी (हेस्ट हुए): हरंखोर, मेरी जान का जिस्म देखने का कोई ना कोई बहाना ढूँढ ही लेता है. कोई नही, तेरे लिए भी कोई फ़ारूक़ जैसा देख लेंगे. क्यूँ मेरी गुलबो?

अब इन्हे कों बताया की वो तो इस ग्राउंड पर ऑलरेडी ऋण बना चुका था. हमने डिन्नर किया, और उसके बाद टॉ जी ने सोने से पहले एक बार और मेरी गांद मारी. फिर हम सो गये. नेक्स्ट मॉर्निंग 8 बजे तक हम तीनो घर आ गये थे. टॉ जी ने वियर को मेरे साथ अनिल भैया के घर तक जाने को बोल दिया था. आज 12 बजे दोपहर को अनिल भैया और मेरी ट्रेन थी. लेकिन वियर मुझे खेत वाली हवेली ले गया.

वियर: तेरी बहुत याद आएगी. एक लास्ट बार प्यार कर लेने दे.

हमने चुदाई का लास्ट रौंद पूरा किया, और अनिल भैया के घर आ गये. हमारे आने से पहले ही टॉ जी ने मेरे लिए बहुत सारे गिफ्ट भिजवा दिए थे. वियर बाहर से बाइ बोल कर चल गया था

अनिल भैया: आख़िर टॉ जी पागल हो ही गये तेरी गांद पर सेयेल. देख कितने महँगे गिफ्ट दिए है तेरे लिए.

नेक्स्ट दे तक हम इंडोरे आ गये थे. अब जब भी अनिल भैया का और मेरा मूड होता है, हम चुदाई कर लेते है, और टॉ जी कॉल पर बातें करते रहते है. एक-दो बार टॉ जी इंडोरे किसी काम से आए थे. तब हम होटेल में बहुत मस्ती करी थी.

तो ये थी दोस्तों मेरी स्टोरी, उमीद करता हू आपको पसंद आई होगी. फीडबॅक ज़रूर देना

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