हेलो दोस्तों, कैसे हो सब? उमीद है सेक्स स्टोरीस पढ़ कर सब मज़ा कर रहे होंगे. मैं आप सब का थोर एक न्यू सेक्स स्टोरी लेके आपके सामने फिर से हाज़िर हुआ हू. ये स्टोरी मुझे देल्ही के मंजोत ने भेजी है. तो चलिए शुरू करते है कहानी मंजोत की ज़ुबानी.
हेलो रीडर्स, मेरा नाम मंजोत है. मैं देल्ही में एक मंक में अची पोस्ट पर हू. मेरी उमर 28 साल है, और मैं अभी तक अनमॅरीड हू. मैने शादी इसलिए नही की, क्यूंकी मुझे शादी से पहले आचे से चुदाई करनी थी अलग-अलग लड़कियों की. उसके बाद ही मैं शादी करना चाहता था.
कॉलेज टाइम पर मैने काफ़ी लड़कियाँ छोड़ी थी. लेकिन जब से जॉब लगा था, तो टाइम कम होने की वजह से लड़कियाँ पाटने का मौका नही मिलता था. लेकिन फिर एक दिन मेरे ऑफीस हेड ने मेरी ड्यूटी नये स्टाफ की रेक्रूटमेंट पर लगा दी. मैं इस ड्यूटी से बहुत खुश था, क्यूंकी मुझे इसका फ़ायदा मिलने वाला था.
जिस पोस्ट के लिए इंटरव्यू था, उसके लिए एक लड़की को सेलेक्ट करना था. न्यूसपेपर में आड़ देने की वजह से बहुत सारी लड़कियाँ इंटरव्यू के लिए आई थी. जब मैं इंटरव्यू कॅबिन में जेया रहा था, तो बाहर इतनी सेक्सी गर्ल्स देख कर मेरी एग्ज़ाइट्मेंट और बढ़ गयी.
मैने तो सोच रखा था की इंटरव्यू में ही ज़ाहिर कर दूँगा की जो छूट देगी, उसी को जॉब मिलेगी. और फिर जी भर कर उस लड़की की चुदाई करूँगा.
फिर इंटरव्यू शुरू हुआ. पहली 2-3 लड़कियाँ तो दिखने में इतनी ख़ास नही थी, तो उनके सामने तो क्या ज़ाहिर करना था. फिर पाँचवे नंबर पर एक लड़की आई, जिसका नाम अनुष्का था. मैने जैसे ही उसको देखा, मेरे दिमाग़ की घंटियाँ बाज उठी.
5’6″ की हाइट, टाइट बॉडी, फॉर्मल टाइट ब्लॅक पंत, और मरून कलर की शर्ट पहनी थी उसने. रंग उसका गोरा था, और फिगर उसका पर्फेक्ट 36-28-36 लग रहा था. उसके जिस्म पर हर उस जगह पर उभार था, जहाँ होना चाहिए. इसके अलावा उसके चेहरे के एक्सप्रेशन्स भी कातिलाना थे. बाल उसने खोल रखे थे, और बिल्कुल स्ट्रेट थे. होंठ पुर रसीले थे.
उसको देखते ही मैने उसको छोड़ने का मॅन बना लिया था. मैं इंटरव्यू के दौरान बार-बार उसको उपर से नीचे देख रहा था. उसने भी ये नोटीस किया, लेकिन वो रिक्ट भी क्या करती. वो बस इग्नोर कर रही थी मुझे, और स्माइल करके बात कर रही थी.
फिर मुझे उसकी तरफ से सिग्नल मिला. मैं इंटरव्यू के दौरान जब पानी पीने उठा, तो मैने देखा उसने जल्दी से अपनी शर्ट के उपर का बटन खोल दिया. ये देख कर मैं समझ गया की उसको पटाया जेया सकता था. लेकिन मुझे कन्फर्म करना था.
इसके लिए मैं वापस अपनी चेर पर बैठा, और अपनी टेबल के ड्रॉयर से एक पेज निकाला. फिर मैने वहाँ पर एक प्राब्लम लिखी, और अनुष्का को कहा की वो मेरी साइड आके उसको सॉल्व करे.
फिर अनुष्का उठी, और मेरी चेर के पास आ गयी. मैने उसको पेन दिया, और वो टेबल पर झुक कर प्राब्लम सॉल्व करने लगी. झुकने की वजह से उसकी गांद बाहर की तरफ निकल आई. क्या मस्त गांद थी साली की.
फिर मैने बहाने से उसकी गांद पर हाथ फेर दिया. जैसे ही मैने हाथ फेरा, वो सीधी हो गयी और बोली-
अनुष्का: सिर, अगर आपको ऐसा करने से खुशी मिल रही है, तो मैं आपके लिए और भी बहुत कुछ कर सकती हू. लेकिन ये जॉब मुझे मिलनी चाहिए.
मैं ये सुन कर समझ गया की यही वो रंडी थी, जिसकी मुझे तलाश थी. फिर मैं चेर से खड़ा हुआ, और उसके करीब गया. मैने उसकी कमर में हाथ डाल कर अपने पास खींचा, और उसके होंठो से होंठ मिला दिए.
वाह! क्या रसीले होंठ थे उसके, चूस कर मज़ा आ गया. वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. बीच में उसने किस तोड़ी और बोली-
अनुष्का: लेकिन सिर मेरी जॉब?
मैने उसी वक़्त पेवं को बुलाया, और उसको बोला-
मैं: बाहर सब को बोल दो, की हमे हमारा कॅंडिडेट मिल गया है, तो सब जेया सकते है.
फिर सब के जाने के बाद मैं अनुष्का के साथ ऑफीस से बाहर आया, और उसको अपने फ्लॅट ले गया. हमने लिफ्ट में चढ़ते ही वाइल्ड किस्सिंग शुरू कर दी. रूम तक पहुँचते हुए मैं उसकी शर्ट के सारे बटन्स खोल चुका था.
रूम में जाते ही मैने उसकी शर्ट और ब्रा उतरी, और उसके गोरे और मोटे बूब्स को कुत्तों की तरफ खाने लगा. अनुष्का आ आ आ कर रही थी. उसके निपल्स को मैं खींच-खींच कर चूस रहा था. वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबा रही थी.
फिर मैं नीचे आया, और उसकी पंत खोल कर उतरी. उसने जाली पनटी पहनी थी, जो गीली हो चुकी थी. मैने उसकी पनटी उतरी, और उसकी शेव्ड छूट चूसने लगा. वो मेरा सर अपनी छूट में दबाने लगी. कुछ देर में वो पूरी उत्तेजित हो गयी.
फिर उसने मुझे अपने उपर से हटाया, और मेरे उपर आके मेरे कपड़े उतारने लगी. मेरा लॉडा जैसे ही बाहर आया, उसने मूह में डाल लिया. मैने भी उसके मूह में धक्के मार-मार कर उसका मूह लाल कर दिया.
फिर मैने उसको बिस्तर पर घोड़ी बनने को कहा. वो एक अची रॅंड की तरह घोड़ी बन गयी. क्या मस्त सीन था उसकी गांद का. मैने पहले तो उसकी गांद पर थप्पड़ मार कर उसको दर्द दिया. फिर अपना लंड छूट पर रख कर एक ही धक्के में पेल दिया. वो दर्द से काँप गयी और चिल्लाई, लेकिन मैने उसको अनसुना करते हुए छूट में धक्के देने शुरू किए.
कुछ देर में उसकी चीखें आहों में बदल गयी, और वो भी आयेज-पीछे होके चुदाई का रिदम फॉलो करने लगी. अब कमरे में ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. मैने उस साली के बाल पकड़ कर खींच लिए, और धक्को की स्पीड बढ़ा दी. वो आ सिर, श सिर कर रही थी. बीच-बीच में मैं उसकी गांद पर थप्पड़ भी मारता.
20 मिनिट की डुमदार चुदाई के बाद मेरा निकालने वाला था. वो 5 मिनिट पहले ही झाड़ चुकी थी. जब मैने उसको पूछा तो उसने कहा की मैं अंदर ही निकाल डू, और वो पिल्स खा लेगी. फिर मैं पूरा मज़ा लेते हुए उसके अंदर निकल गया.
उसके बाद उसने ऑफीस जाय्न किया, और अक्सर हम चुदाई करते है.