फेसबुक वाली कुंवारी दोस्त को पार्क में चोदा

हैलो फ्रेंड्स.. उम्मीद करता हूँ आप सभी अच्छे होंगे।
मेरा नाम सुमित है, मैं ईस्ट दिल्ली में रहता हूँ.. सेल्स की जॉब करता हूँ और थोड़ी कंप्यूटर की जानकारी भी है।

यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद करता हूँ आप सबको पसंद आएगी।

फ़ेसबुक फ्रेंड

मैंने कुछ टाइम पहले फ़ेसबुक पर एक फ्रेंड बनाई.. उसका नाम रजनी (बदला हुआ नाम) है। उसके बारे में क्या कहूँ.. जितना कहो कम ही होगा।

मैंने एक रोज़ उससे उसकी फोटो देखने के लिए कहा.. तो वो मान गई। मैं तो देखता ही रह गया.. वो एक नगीना थी।

वो दो साल से कॉलेज की स्टूडेंट है और उसका फिगर 32-28-32 है। वो एकदम गोरी है.. उसे कोई भी देखे तो उसका दीवाना हो जाए। उसकी आँखें तो बस.. आग हैं।

कुछ दिनों बाद हम दोनों एक मॉल में मिले.. घूमे। मैंने उसे शॉपिंग कराई और फिर mcdonald गए.. बात की.. फिर कुछ देर बाद वो चली गई।

श्याम को मैंने उससे फ़ेसबुक पर पूछा- तुम्हें मेरे साथ कैसा लगा?
तो उसने कहा- मैं आज बहुत खुश हूँ।
मैंने उससे कहा- अब फिर कब मिल रही हो?
तो उसने कहा- बहुत जल्दी ही।

चूत चुदाई की उम्मीद

एक रोज़ उसका मैसेज आया कि कल क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ खास नहीं.. तुम बताओ..

उसने मिलने के लिए बोला.. तो मैं झट से रेडी हो गया।
मैंने पूछा- कहाँ चलना है?
उसने कहा- जहाँ तुम चाहो।

दोस्तो, वो रात बड़ी मुश्किल से कटी।
अगले दिन मैं उसे दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास एक पार्क है.. जो मोंटा पार्क के नाम से मशहूर है.. ये पार्क एक ‘कपल-पार्क’ है।

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उस दिन रजनी ने काली जीन्स और काला टॉप पहना था। मेरा मन तो कर रहा था कि अभी उसे अभी एक ज़ोर से हग कर लूँ।

खैर.. हम दोनों वहाँ पहुँचे.. मैंने साथ में कोल्डड्रिंक चिप्स लिए और अन्दर पार्क में आ गए। हम दोनों एक झाड़ी की आड़ में बैठ गए..
कुछ देर हम दोनों बातें करते रहे.. बात करते-करते मैंने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया। उसने कुछ नहीं कहा.. तो मैं समझ गया कि आज ऊपर वाला मुझ पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान है।

फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाला.. क्या कहूँ.. वो पल मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। तभी मैंने उसे हग कर लिया और मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा।

फिर कुछ देर बाद मैंने उसे एक किस किया.. तो उसने कहा- यहाँ नहीं।
मैंने कहा- यहाँ कोई नहीं आएगा।

फिर वो भी मेरे साथ किस करने लगी। मैंने उसके मम्मों को धीरे से दबा दिया.. उसके मम्मे इतने टाइट थे.. मानो पत्थर हों।

धीरे-धीरे वो भी जोश में आने लगी, मैंने धीरे से उसका टॉप ऊपर किया और अन्दर हाथ डाला और उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
फिर मैंने उसकी ब्रा हटाई तो मैं पागल हो गया।

मैंने उसकी जीन्स का बटन भी खोल दिया.. उसकी जीन्स नीचे की ओर सरका दी। उसने पिंक कलर की पैन्टी पहनी थी। उफ़.. क्या लग रही थी वो.. एक तो गोरी और अन्दर से उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं।
पक्का उसने सुबह में ही साफ़ किए होंगे।

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मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ से सक करने लगा।
अब उसे भी मज़ा आ रहा था।

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