एक अंकल से गांद चुडवाई दूसरे ने फाड़ दी

अजय अंकल के साथ ज़ोरदार चुदाई से मेरी गांद का उद्घाटन हो गया था. ऐसे ही हमने अगले दिन भी 3 बार चुदाई की. अगली सुबा अजय अंकल अभी भी नंगे ही सो रहे थे. मैं जल्दी से घर की सफाई करके घर के आँगन में पाजामा और बनियान में योगा करने लगा. तभी पीछे से अजय अंकल बिस्तर पर अपना लोड्‍ा पकड़ कर बोले-

अजय: इसकी एक्सर्साइज़ कब करेगा मेरी जान?

मैं: बस आपकी ही वेट कर रही थी मेरी गांद मेरी जान.

बिस्तर में जाते ही हमने एक-दूसरे को कस्स के पकड़ लिया, और किस करने लगे. मैने अंकल का लोड्‍ा चूस-चूस कर पूरा लोड्‍ा गीला कर दिया. फिर अंकल की दोनो बॉल्स अपने मूह में लेकर लोड्‍ा हिलने लगा. कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद-

मैं: अब छ्होटे अजय को गुफा में ले चलते है.

ये बोलते ही मैने अपनी गांद और अंकल के लोड पर आयिल लगा कर धीरे-धीरे लोड्‍ा अपनी गांद में ले लिया. अब लोड्‍ा आराम से जेया रहा था. लेकिन दर्द तो अभी भी हो रहा था. अंकल ने तभी मुझे पकड़ कर एक साथ पूरा लोड्‍ा अंदर कर दिया.

मैं: आआअहह, ऑश फक मे डॅडी.

अंकल ने झटके तेज़ कर दिए, और 20 मिनिट्स तक मेरी गांद छोड़-छोड़ कर पूरा माल मेरी गांद में ही निकाल दिया.

अजय: लोवे योउ बेटा.

हम दोनो एक-दूसरे को किस करने लगे. थोड़ी देर बाद अंकल तोड़ा-तोड़ा चल कर वॉशरूम चले गये. और मैं फिरसे आँगन में योगा करने लगा. 5 मिनिट बाद घर का मैं गाते खुला और एक 6 फीट टॉल 38 साल का पहलवान जैसे बदन का आदमी घर के अंदर बाग लेकर आया. सुबा सफाई के बाद मैं गाते बंद करना ही भूल गया था.

मैं: आप कों हो? किससे मिलना है?

वो आदमी: मैं सूरज हू, अजय का दोस्त, और तुम मयंक हो ना?

(ये मेरे पापा और अंकल के दोस्त सूरज है)

मुझे अचानक से याद आया अंकल वॉशरूम में नंगे ही गये हुए थे, और कही बाहर ऐसे ही ना आ जाए. तभी मैने बहुत ज़ोर-ज़ोर से बोला.

मैं: अजय अंकल आपके दोस्त आए है सूरज अंकल.

सूरज: इतना चिल्ला क्यूँ रहे हो?

मैं कुछ बोलता उससे पहले ही अजय अंकल बाहर आ गये लूँगी लपेट कर. आते ही वो फिसलने वाले थे. तभी हम दोनो ने अजय अंकल को पकड़ लिया. फिर उनको रूम तक ले गये.

सूरज: बॉडी बढ़िया बना रखी है तुमने.

मैने तब ध्यान दिया गांद चुदाई के बाद मैं ओन्ली अंडरवेर में था. पाजामा अंकल के रूम में ही रह गया था.

मैं: नही-नही, वो मैं योगा कर रहा था, और गर्मी कितनी हो रही है, इसलिए.

ये बोल कर मैं नहाने चला गया. जब तक आया, सूरज और अजय रूम में बातें कर रहे थे.

अजय: मयंक तुम नाश्ता बना लो, तब तक मैं नहा लेता हू.

मैं रसोई में नाश्ता बनाने लग गया. सूरज रसोई में आया.

मैं: आप यहा, कुछ चाहिए क्या?

सूरज: नही बेटा बस तुम्हारी मदद करने आया हू.

मैं: कोई नही, मैं कर लूँगा. आप मुझे बेटा मत बोला करो, आप इतने बुड्दे थोड़ी हो.

इस बात पर हम दोनो हासणे लगे. सूरज अंकल ने पूरा दिन मेरी बहुत मदद करी, और नाइट तक हम एक-दूसरे को आचे से जान चुके थे. नाइट में सूरज अंकल रसोई में खाना बना रहे थे, और मैं अजय के पास जेया कर उनका लोड्‍ा चूसने लगा.

अजय: तेज़-तेज़ कर, सूरज आ जाएगा.

मैने जल्दी-जल्दी सारा माल पी लिया, और फिरसे रसोई में चला गया.

डिन्नर टाइम पर-

अजय: मयंक तुम सूरज का बाग मेरे कमरे में रख दो, और तुम उपर वाले कमरे में रह लेना. वाहा तुम पढ़ाई भी कर लेना, कोई डिस्टर्ब नही करेगा.

मैं: सूरज अंकल आपकी बॉडी तो बहुत बढ़िया है. क्या कुश्ती करते हो क्या?

अजय: मयंक इनके घर पर तो सब पहलवानी ही करते है.

सूरज: तुझे भी करनी है क्या मयंक? कल मॉर्निंग में करवा दूँगा. आज वैसे भी मेरी वजह से तेरा योगा पूरा नही हुआ.

बस ऐसे ही हम बहुत देर तक बात करते-करते अजय अंकल के रूम में ही सो गये. नेक्स्ट मॉर्निंग मैं 5 बजे उठ गया था, और घर का सारा काम करके उपर च्चत पर योगा करने लगा. थोड़ी देर बाद सूरज अंकल उपर आ गये.

सूरज: कब उठा तू? मुझे भी जगा देता.

मैं खड़ा हो कर अपने हाथ से अपने दोनो पैरों को चू रहा था. थोड़ी देर बाद अंकल मुझे पीछे कमर से पकड़ कर बोले-

सूरज: ऐसे करो, कमर सीधी रखो.

ये करते-करते वो मुझसे बार-बार चिपके जेया रहे थे. मैने वाइट पाजामा और बनियान पहना हुआ था, जिसमे से मेरा बदन सॉफ नज़र आ रहा था. अब सूरज अंकल छत पर रखे टेबल पर मेरी एक टाँग रख कर मुझे हाथ से पैर छूने के लिए बोलना लगे.

सूरज: आराम से करो.

ये बोलते-बोलते वो बार-बार मेरी गांद को छूने लग रहे थे.

मयंक: आप करके बताओ मुझे समझ नही आ रहा.

वो तभी अपना पाजामा उतारने लगे.

सूरज: बिना पाजामे के सही से नही होगा.

सूरज ने ब्रीफ पहनी हुई थी. क्या मस्त जाँघ थी उनकी, एक-दूं मोटी-मोटी. लोड्‍ा तो अंडरवेर में नीचे ही लटक रहा था. वो योगा करके मुझे बता रहे थे. मेरा ध्यान तो बस उनके लोड पर ही था. मेरा भी अब मूड बन रहा था.

मैं: मैं भी पाजामा उतार कर करता हू. लेकिन यहा नही अंदर रूम पर (च्चत पर मेरा रूम था). यहा सब देखते है.

सूरज: कोई नही, अंदर चल ले. वैसे भी सब खुले में होगा भी नही.

अंदर मैने जैसे अंडरवेर उतरी, सूरज मेरे पीछे आ कर मेरी कमर को पकड़ कर अपने लोड से छूने लगे.

सूरज: गर्मी बहुत है. जैसे कल योगा कर रहा था ओन्ली अंडरवेर में, वैसे ही करते है.

सूरज ने मेरी बनियान निकाल कर अपनी भी निकाल दी. उनकी छ्चाटी एक-दूं मस्क्युलर थी. बहुत फूली हुई थी. फिरसे हम वो ही पोज़िशन में योगा करने लगे. अब वो मेरी कमर को हाथ लगते-लगते कभी मेरे चुचो को दबा रहे थे. कभी मेरी गांद को मसल रहे थे. मेरा कोई विरोध ना करने पर वो और ज़्यादा करने लगे. अब वो मेरी जांघों से मेरे अंडरवेर को मेरी गांद की दरार तक ले गये. अब मेरी गांद सॉफ नज़र आ रही थी.

सूरज: ऐसा कर नीचे लेट जेया.

मुझे लिटा कर वो मेरे पैरों को उपर करके अपना लोड्‍ा मेरे च्छेद के पास ला कर मुझे दबाने लगे. मेरी गांद को दबाते-दबाते वो मेरे च्छेद को अपनी उंगलियों से मज़े दे रहे थे. धीरे-धीरे मेरी अंडरवेर को साइड करके मेरे च्छेद पर अपनी उंगलियाँ लगाने लगे.

मैने मज़े में अपनी आँखों को बंद कर लिया था. तभी सूरज ने मेरी अंडरवेर को निकाल दिया. मैने जैसे ही आँखें खोली, सूरज ने मुझे एक लंबा सा किस कर दिया. बहुत देर तक किस करने के बाद.

सूरज: कल मॉर्निंग से तेरे बदन ने पागल सा कर दिया था यार.

फिर सूरज मुझे फिरसे किस करके मेरी गांद को फैला कर, उसको थूक लगा कर चाटने लगा. सूरज अंकल की ये हरकत मुझे और ज़्यादा पागल कर रही थी.

3 मिनिट तक गांद चाटने के बाद वो अब मेरे निपल्स चूसने लगे. अजय अंकल भी ऐसे सेक्स नही करते, जितना मज़ा आज सूरज दे रहे थे.

सूरज: मेरा लोड्‍ा चूसेगा?

मैने खुद अपने हाथ से उनके लोड को आज़ाद कर दिया. 6 इंच लंबा और बहुत मोटा था उनका लोड्‍ा. मैं पुर मज़े में चूसने लगा. थोड़ी देर में ही मेरा मूह दर्द करने लगा. मोटा ही बहुत था. अब अंकल मेरे सर को पकड़ कर बहुत तेज़ तेज़ झटके देने लगे. बहुत देर तक मेरी मूह की चुदाई ऐसे ही चलती रही.

अंकल का पूरा लोड्‍ा मेरी थूक से गीला हो गया था. फिर अंकल ने मेरी गांद को अपनी थूक से गीला किया, और तोड़ा थूक अपने लोड पर लगा कर मेरी गांद में अपना मोटा लोड्‍ा घुसने लगे. टोपा आराम से अंदर चला गया. लेकिन जैसे ही दूसरा झटका मारा मेरी चीख निकल गयी.

अजय अंकल ने मेरी गांद खोल दी थी. लेकिन उनका इतना मोटा नही था. सूरज ने तो मेरी गांद ही फाड़ दी.

मैं: आअहह बाहर करो इसे, बहुत मोटा है.

सूरज मेरे मूह पर हाथ लगा कर धीरे-धीरे झटके देने लगे. फिर अचानक ही पूरा लोड्‍ा मेरे अंदर कर दिया, और तेज़-तेज़ झटके देने लगे. तेज़-तेज़ झटके के साथ मेरी गांद चुड रही थी. थोड़ी देर बाद वो मुझे डॉगी पोज़िशन में छोड़ने लगे. अब तो अंकल ने अपनी स्पीड और भी तेज़ कर दी थी. मेरी गांद का दर्द जैसे-जैसे नॉर्मल हो रहा था, मैं भी पूरा जोश में आने लगा.

10 मिनिट बाद अंकल मुझे बिस्तर पर मेरी टांगे फैला कर गांद को छोड़ने लगे. सूरज पूरा पसीने-पसीने होने लगा. फिर मैने उनको लिटा कर उनके लोड की सवारी करना शुरू कर दिया. 30 मिनिट की ज़बरदस्त गांद फाड़ चुदाई के बाद वो मेरी गांद में ही झाड़ गये. हम दोनो ने एक-दूसरे को किस किया, और फिर नीचे चले गये. अजय अभी भी सोया हुआ था.

आयेज की स्टोरी में देखना कैसे दोनो ने मेरी गांद के पुर मज़े लिए.

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