दोस्त की प्यासी बीवी का समर्पण

हैल्लो दोस्तों, वैसे से तो में भी आप लोगों की तरह antarvasnahd डॉट कॉम का बहुत बड़ा दीवाना हूँ। में सेक्सी कहानियों को पढ़कर बड़े मज़े करता हूँ और में हर दिन जब भी मुझे मौका मिलता है कहानियाँ पढ़ने लगता हूँ। ऐसा करने से मेरे मन को बहुत अजीब सी ख़ुशी मिलती है और जब मेरे पास चुदाई करने का जुगाड़ नहीं होता तो में कहानी को पढ़कर अपने लंड को हिलाकर उसको शांत करके ख़ुशी महसूस करता हूँ। दोस्तों में सूरत का रहने वाला हूँ और एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक आप बीती घटना सुनाने जा रहा हूँ जो दिसंबर महीने की है, वैसे आप सभी लोग अच्छी तरह से जानते है कि में 24 साल का एक जवान सुंदर लड़का हूँ मैंने ऐसा सुना है कि में दिखने में बहुत स्मार्ट भी हूँ और ऐसा मुझे किसी दूसरे ने बताया। मेरी लम्बाई 5 फीट 8 इंच है और मेरा गोरा भरा हुआ शरीर है मेरा 7 इंच का लंबा लंड 2.5 इंच चौड़ा भी है जो किसी भी प्यासी लड़की की चुदाई करके उसको संतुष्ट करने के लिए एकदम ठीक है।

दोस्तों में और शेखर एक बहुत ही गहरे दोस्त है और हमारी यह दोस्ती पिछले कुछ सालों से लगातार चलती आ रही है। हम दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते, हम बड़े मज़े से रहते है और मेरा भी उसके साथ बड़े मज़े से वो दिन निकल रहे थे और अभी मेरे उस दोस्त की शादी को करीब पांच महीने ही हुए थे। वैसे उसकी अच्छी किस्मत से उसकी जो पत्नी है वो बहुत ही हॉट सेक्सी और बहुत ही सुंदर लगती है, मेरी उस सुनीता भाभी के फिगर का आकार 36-28-36 है उनका गोरा रंग और गुलाबी रसभरे होंठ बड़े ही आकर्षक है जिसको देखकर मुझे हमेशा कुछ कुछ होने लगता है, लेकिन वो मेरे दोस्त की पत्नी है में यह बात सोचकर हमेशा पीछे हट जाता हूँ। दोस्तों मेरे उस दोस्त की अपनी एक दुकान है, जिसको वो खुद ही सम्भालता है। उस दुकान से उसके घर का खर्चा बड़ी आसानी से चल रहा था, इसलिए वो दोनों पति पत्नी अपने उस जीवन में बहुत खुश थे। वो हंसी ख़ुशी अपना समय बिता रहे थे। तो इस बार 31 दिसम्बर पर मेरा वो दोस्त दस दिनों के लिए कहीं बाहर घूमने गया हुआ था, वैसे उसने बाहर जाने से पहले मुझसे इस बारे में कहा भी था वो मुझे भी अपने साथ ले जाने की जिद कर रहा था, लेकिन मैंने उसको मेरे एक जरूरी काम की वजह से मना कर दिया इसलिए वो अकेला ही चला गया। फिर एक दिन में अपने उस दोस्त के घर पर गया तो मैंने देखा कि मेरी सुनीता भाभी उस समय अपने घर में एकदम अकेली थी और मेरी वो सुनीता भाभी अपने स्वभाव से बहुत ही शरारती और सेक्सी है, इसलिए वो हमेशा मुझसे हँसी मज़ाक किया करती है। उनका मेरे लिए व्यहवार बहुत अच्छा होने के साथ साथ मेरे साथ बहुत खुलकर भी रहती है, जिससे पता चलता है कि वो खुले विचारों की है और में इससे पहले भी बहुत बार उनके घर जा चुका था। फिर मैंने देखा उस दिन वो अपने घर में अकेली थी और उन्होंने मुझे देखकर मुझसे कहा कि आओ राहुल अंदर आ जाओ, बैठो मेरे साथ पहले खाना खा लो और फिर उसके बाद हम दोनों फिल्म देखेगें। तो उनके बहुत बार कहने पर मैंने उनके साथ खाना खाया और उसके बाद हम दोनों साथ में बैठकर फिल्म देखने लगे। उस समय सुनीता ने लाल रंग की बड़े गले की बिल्कुल ढीली ढाली मेक्सी पहनी हुई थी, लेकिन वो उस मेक्सी में बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उस मेक्सी में से उनकी ब्रा बाहर से ही साफ साफ नजर आ रही थी। फिर हम दोनों उस फिल्म को देखने लगे थे। कुछ देर के बाद उस फिल्म में दो तीन बार लिप किस आ गए तब मेरी नज़र अपने पास में बैठी मेरी उस भाभी की तरफ चली गई और वो भी मेरी तरफ देखकर थोड़ा सा शरमा गई और यह सब देखकर तो मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो चुका था। उस समय हम दोनों एक है बिस्तर पर बड़े आराम से बैठे हुए फिल्म के मज़े ले रहे थे। उस समय रात के करीब दस बज चुके थे। अब मैंने घड़ी में समय देखकर उनसे कहा कि में अब चलता हूँ क्योंकि रात भी बहुत हो चुकी है घर वाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे और वैसे भी अब आपको भी नींद आ रही होगी, मुझे अब चलना चाहिए और यह बात कहकर में उठकर खड़ा हो गया।

अब वो मुझसे कहने लगी कि आप इतनी रात को कहाँ जाते हो? आज आप यहीं पर सो जाओ और अपने घरवालों को फोन करके बता दो, आज रात को वैसे भी में अकेली हूँ आपके यहाँ पर रहने से मुझे किसी का डर भी नहीं रहेगा वरना क्या पता रात को कौन चोर लुटेरा घर में आकर मेरे साथ क्या कुछ कर दे, क्योंकि में अकेली उसका कैसे सामना कर सकती हूँ। दोस्तों मेरी तो उसके मुहं से वो बात सुनकर अपने मन की एक इच्छा जो बहुत दिनों से अधूरी थी, आज वो पूरी हो रही थी, क्योंकि मन ही मन में भी यही सब चाहता था जिसके लिए वो मुझसे अब कह रही थी और अब में मन ही मन सोचने लगा था कि आज पूरी रात में उसकी जमकर चुदाई करूंगा और वैसे भी उसका घर उस जगह पर था, जहाँ पर आसपास कोई भी घर नहीं था इसलिए हम दोनों को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी, बस थोड़ी ही हिम्मत करने की जरूरत थी और वो काम आज मैंने पूरा करने की बात अपने मन में ठान लिया था। अब में उनके कहने पर मन ही मन बहुत खुश होकर वहीं पर सोने के लिए तैयार हो गया और उस फिल्म को देखने लगा और उस फिल्म के खत्म हो जाने के बाद वो भी उसी बिस्तर पर सो गई। फिर कुछ देर बाद मेरा एक हाथ उनके बूब्स पर छू गया, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और अब मैंने हिम्मत करके जानबूझ कर अपने उस हाथ को बूब्स पर ही रहने दिया और उसके बाद में बूब्स को धीरे धीरे सहलाने लगा था, लेकिन वो तब भी चुप ही थी। अब मेरे अंदर पहले से ज्यादा जोश के साथ साथ अब हिम्मत भी आ गई, इसलिए मैंने बिना सोचे समझे उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में उसके होंठो को चूसने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी।

अब वो मेरे ऊपर आ गई और मुझे प्यार करने लगी, जिसकी वजह से उसके गोल बड़े आकार के मुलायम बूब्स अब मेरी छाती से दबने लगे थे, जिसकी वजह से मेरा लंड जोश में आकर तन गया। अब उसने कुछ देर बाद धीरे से एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से में अब उनके सामने सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में आ गया था। अब मैंने भी बिना देर किए सबसे पहले अपनी सेक्सी भाभी की साड़ी को उतार दिया, जिसकी वजह वो भी अब मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में हो गई। फिर उसके बाद मैंने थोड़ी देर तक उसके मस्त मजेदार मुलायम बूब्स को दबाया और उसके कुछ देर बाद मैंने फिर ब्लाउज और पेटिकोट को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ गुलाबी रंग की ब्रा और पेंटी में बड़ी गज़ब की सेक्सी लग रही थी। मेरी नजर उसके कामुक गोरे बदन से हटने के लिए तैयार ही नहीं थी में कुछ देर तक बस घूरता हुआ देखता रहा। अब उसी समय उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और फिर मैंने भी उसकी ब्रा और पेंटी को उतार दिया। उस हल्की लाइट की रोशनी में उसका वो पूरा गोरा बदन एकदम चमक रहा था, जो दिखने में बड़ा ही आकर्षक था। अब हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने और चाटने लगे थे। फिर कुछ देर बाद में अब उसके 36 इंच के बूब्स को दबाने के साथ साथ चूस भी रहा था, क्योंकि अब एक बूब्स मेरे मुहं में था और एक बूब्स हाथ में था और वो भी मेरे लंड को अपने नरम हाथों से सहला रही थी, जिसकी वजह से हम दोनों गरम हुए जा रहे थे। फिर हम दोनों ने करीब आधे घंटे तक लगातार एक दूसरे के साथ चुम्मा चाटी के मज़े लिए, उसने मेरा पूरा बदन चूमा और वो कुछ देर बाद अब जोश में आकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी थी, उसने मेरे लंड तो बहुत देर तक जमकर चूसा। वो लंड को अंदर बाहर करके लोलीपॉप की तरह चूसती रही और उसके इस काम को देखकर मुझे विश्वास हो गया कि वो इस काम में बहुत अनुभवी होने की वजह से काम को बहुत अच्छी तरह से पूरा कर रही थी।

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दोस्तों उसके यह सब करने की वजह से में जोश और मज़े के सातवें आसमान पर था, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य मज़े लेती हुई चाटकर चूसकर गटक गई, जैसे वो बरसों से वीर्य पीने के लिए तरस रही थी और उसने मेरा पूरा लंड अपनी जीभ से चाटकर दोबारा चमका दिया। फिर उसके बाद वो थककर नीचे लेट गई, क्योंकि अब मेरी बारी थी। अब मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ, चमकदार चिकनी होने के साथ साथ गीली भी हो चुकी थी और ज्यादा जोश में होने की वजह से चूत ने अपना पानी छोड़ना अब शुरू कर दिया था। चूत पर एक भी बाल नहीं होने की वजह से वो बड़ी आकर्षक नजर आ रही थी, जिसको देखकर मेरी तो क्या किसी की भी नियत खराब हो जाए।
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अब मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और उसके बाद में भी उसकी चूत में अपने मुहं को सटाकर चूत का रस चूसने लगा। ऐसा करने से मेरे मन को बहुत मज़ा और एक अजीब सी ख़ुशी मिल रही थी। ऐसा मैंने लगातार दस मिनट तक किया और उसने जोश में आकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाकर मुझे अपनी दोनों गोरी गरम जांघो में जकड़ लिया और उसके बाद उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया, जिसको मैंने चूसकर उसको अपनी जीभ से चुदाई का पहला सुख देकर पूरी तरह से खुश कर दिया था। उसके बाद अब हम दोनों एक बार फिर से 69 की पोज़िशन में आ गए और में उसकी चूत के दाने को सहलाता रहा और वो मेरे लंड को अपने मुहं की गरमी से खड़ा करने की कोशिश करती रही और थोड़े ही देर के बाद मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया। अब वो मेरे लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझसे कहने लगी कि मेरे पति का लंड तो केवल तीन इंच लंबा और दो इंच मोटा ही है इसलिए मुझे उनके साथ यह सब करके उतना मज़ा नहीं आता है और वो कुछ देर धक्के देकर थक हारकर सो जाते है और उनको मेरी ख़ुशी से कोई भी मतलब नहीं है, लेकिन राहुल मुझे आपका लंड यह बहुत पसंद आया है, प्लीज़ अब तुम थोड़ा जल्दी करो और आज मेरी जमकर चुदाई करो, क्योंकि में अब और ज्यादा देर नहीं रुक सकती, प्लीज़ अब तुम मुझे चोद दो मुझे जल्दी से अपने लंड का दम दिखाओ और मेरी चूत को तुम और ज्यादा मत तरसाओ।

फिर मैंने भी बिना देर किए अब तुरंत उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिसकी वजह से वो कामुक चूत पहले से ज्यादा उभरकर पूरी तरह से मेरे सामने खुलकर सामने आ गई और उसके पैरों को मैंने अब पूरा फैला दिया। फिर मैंने अपने लंड का टोपा उसकी गीली कामुक चूत के मुहं पर रख दिया तो मैंने देखा कि उसकी चूत का छेद अब पूरा खुल चुका था और वो चूत मेरा लंड लेने के लिए फड़क रही थी। अब मैंने धीरे से अपने लंड को चूत के मुहं पर दबाया और लंड अपना रास्ता बनाते हुए अंदर जाने लगा, लेकिन दर्द की वजह से उसके मुँह से एक ज़ोर की चीख निकल गई आईईईईई उफ्फ्फ्फ़ माँ मार डाला प्लीज़ राहुल धीरे करो ना मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है।

अब मैंने उसका दर्द देखकर लंड को उसी जगह पर रखकर उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया थोड़ी देर में ऐसे ही उसके ऊपर लेटा रहा और कुछ देर बाद जब वो मुझे शांत नजर आई तो मैंने उठकर उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ से तीन चार तेज धक्के मार दिए जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड अब उसकी चूत में गहराई तक जा पहुंचा। अब वो अचानक से हुए उस प्रहार की वजह से ज़ोर ज़ोर से रोने लगी, क्योंकि उसको बड़ा तेज दर्द हुआ था और उसकी चूत के खून से मेरा लंड रंग चुका था और वो दर्द की वजह से इतनी तेज़ चीखी आईईईईई ऊफ्फफ्फ्फ्फ़ माँ मार डाला राहुल, मेरी पूरी फट गयी है प्लीज अब बस करो बाहर निकालो इसको, मुझसे यह दर्द अब सहा नहीं जाता, तुम तो बहुत ख़राब हो, देखो तुमने मेरा क्या हाल किया है? अब मैंने अपनी तरफ से धक्के रोककर उससे बोला कि कोई बात नहीं है, मेरी जान अभी तुम्हे यह दर्द मज़े में बदलते हुए नजर आने लगेगा। फिर उसके बाद तुम सब कुछ भूल जाओगी। फिर मैंने इतना कहकर उसके बूब्स और होंठो को चूसना शुरू किया, जिसकी वजह से वो कुछ देर बाद अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी और अब उसने मुझसे पूछा कि क्यों अभी कितना अंदर गया? तो मैंने उससे बोला कि मैंने तो पूरा अंदर डाल दिया है कुछ भी बाहर नहीं छोड़ा। फिर उसके बाद मैंने एक बार फिर से उसको धक्के देने शुरू कर दिए, लेकिन अब भी उसका दर्द बढ़ रहा था और फिर धीरे धीरे धक्के देते देते मैंने अब थोड़ी सी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया। मेरी उस तेज स्पीड से वो अब सिसकियाँ भरने लगी थी। अब उसके मुहं से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ राहुल मुझे मस्त मज़ा आ रहा है, आज तुमने मेरी इस चूत को पूरा फाड़ दिया है और धीरे धीरे उसको भी अब मेरे धक्को से मज़ा आने लगा था और वो भी जोश मस्ती में आकर अपनी गांड को नीचे से उछाल उछालकर मुझसे अपनी चुदाई करवाने लगी थी।

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अब में भी उसका जोश देखकर खुश होकर धक्के देने लगा था, लेकिन फिर वो दस मिनट में ही झड़ गई और मुझे गीली चूत में धक्के देने में भी बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, इसलिए में उसको वैसे ही धक्के देता रहा और वो एक बार फिर से थोड़ी देर में दोबारा से झड़ गई और इस तरह से करीब हमारी उस तीस मिनट की लगातार चुदाई में वो चार बार झड़ चुकी थी। अब मैंने उससे पूछा कि आपको आज कैसा लग रहा है? तो उसने मुझसे खुश होकर मुस्कुराते हुए कहा कि आज मुझे पहली बार बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसा मज़ा तो मुझे मेरे पति ने कभी भी नहीं दिया। वो ऐसे लगातार जमकर चुदाई नहीं करते, बस एक बार झड़ जाने के बाद वो थककर सो जाते है। फिर थोड़ी ही देर तक वो तेज गती के धक्के देकर चोदने के बाद अब में उनको बोला कि मेरा वीर्य अब बाहर निकलने वाला है अब आप मुझे बताओ कि में इसका क्या करूं कहाँ निकालूं? तब उसने बड़ा खुश होकर मुझसे कहा कि तुम इसको मेरी चूत में ही भर दो, राहुल मुझे इसको अपने अंदर महसूस करना है।

तो मैंने उसके कहने पर धक्के देते हुए उसी समय अपना सारा गरम चिकना वीर्य उसकी चूत में ही भर दिया। फिर उसके बाद कुछ देर तक हम दोनों वैसे ही एक दूसरे से चिपककर लेटे रहे और उसके कुछ देर बाद में उठा और सीधा बाथरूम में जाकर मैंने अपना लंड पानी डालकर अच्छी तरह से साफ किया और उसके बाद मैंने अंदर कमरे में आकर देखा तो सुनीता मेरी उस दमदार चुदाई की वजह से अब उठ भी नहीं पा रही थी, क्योंकि उसको चलने में बड़ी तकलीफ़ हो रही थी इसलिए में उसको अपनी बाहों का सहारा देकर अपने साथ उठाकर बाथरूम में ले गया और उसके बाद मैंने उसकी चूत को भी पानी डालकर साफ किया और हम वापस कमरे में आ गए और हम दोनों थोड़ी देर वैसे ही पूरे नंगे लेटे रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसको अब दोबारा चूमना, चाटना शुरू कर दिया तो वो भी तैयार हो गई वो मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी। अब हम दोनों एक बार फिर से 69 की पोज़िशन में आ गए और वो थोड़ी ही देर में दोबारा से झड़ गई उसके बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में करके अपना लंड उसकी चूत में डालकर वैसे ही तेज धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया। मैंने इस बार एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। तो उसके मुहं से एक ज़ोर की चीख निकल गई आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह माँ मार डाला राहुल में मर गई ऊईईई आह्ह्ह्ह तुमने आज मुझे मार ही दिया, प्लीज अब थोड़ा धीरे करो ना। फिर मैंने उसी समय उसके दोनों बूब्स को पकड़ा और में उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर बाद उसको भी अब मज़ा आने लगा था और करीब दस मिनट तक वैसे ही धक्के देकर चोदने के बाद मैंने अब अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर तुरंत ही उसकी गांड में अपना लंड एक जोरदार धक्का लगाकर उसके अंदर डाल दिया। तो वो दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चीखने लगी और उसके मुहं से अब आईईइ माँ मर गई ऊफ्फ्फ्फ़ तुमने यह क्या किया? मुझे तुमने आज मार ही डाला आह्ह्ह्ह में मर गई प्लीज़ राहुल अब तुम अपने इसको बाहर निकालो मुझे यहाँ पर लेने का कोई भी अनुभव नहीं है और वैसे भी तुम्हारा लंड मोटा होने की वजह से इसने मुझे अंदर से पूरा रगड़कर जलन और दर्द देना शुरू कर दिया है, जिसको मुझे सहना अब बड़ा मुश्किल होता जा रहा है, प्लीज अब बाहर निकालो इसको, चाहो तो तुम वापस मेरे आगे डाल लो प्लीज।

दोस्तों इतना कहने के बाद भी मैंने उसकी एक भी बात को ना सुना और ना ही उसके दर्द की तरफ ध्यान दिया। में तो वैसे ही तेज धक्के उसको मारता ही गया और थोड़ी ही देर में वो अब धीरे धीरे शांत होने लगी थी। फिर मैंने उससे पूछा कि अब तुम्हे कैसा लग रहा है? तब उसने मुझसे कहा कि अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारे जोश और इस लंड की ताकत का कोई भी जवाब नहीं है, में तुम्हे अनाड़ी समझी, लेकिन तुम तो बहुत बड़े खिलाड़ी निकले तुम अब तक कहाँ थे मुझे पहले पता होता तो में तुमसे बहुत पहले ही यह मज़े ले चुकी होती। फिर इस तरह मैंने उसकी वो जोश को बढ़ाने वाली बातें सुनकर गांड और उसके बाद में चूत दोनों के पूरे पूरे मज़े लिए और उसके बाद मैंने अपने लंड का पूरा पानी एक बार फिर से उसकी चूत में निकाल दिया और इस तरह मैंने उसको उस रात को करीब चार बार चोदा और मैंने उसकी दो बार गांड भी मारी। फिर सुबह एक बार फिर से उसने मेरे लंड पर बैठकर मेरा लंड अपने अंदर ले लिया, लेकिन तब मैंने महसूस किया कि वो ठीक से मेरे लंड को नहीं ले पा रही थी, क्योंकि उसको थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था।

फिर मैंने बिना सोचे समझे उसकी चूत पर अपने लंड के धक्के लगाने शुरू कर दिए और वो बड़ी तेज आवाज से सिसकियाँ ले रही थी वो उफ़फ्फ़ अह्ह्ह्ह वाह क्या मस्त लंड है, राहुल तुम्हारा मज़ा आ गया काश मैंने तुमसे शादी की होती ऊईईईईईई माँ मार डाला राहुल और ज़ोर से धक्के देकर चोदो मुझे, हाँ पूरा अंदर तक जाने दो, तुम चुदाई के हर बार बड़े मस्त मज़े देते हो मेरे राजा, हाँ ऐसे ही धक्के देते रहो, तुमने मुझे आज पूरी तरह से खुश और संतुष्ट कर दिया है और इस तरह से उसकी बातें सुनकर तेज धक्के देकर उसको चोदते चोदते मेरा वीर्य उसकी चूत में ही निकल गया। फिर उसके बाद हम दोनों दोबारा कुछ देर आराम करने लगे।

उसके बाद वो जाकर रसोई में खाना बना रही थी। फिर मैंने वहीं पर जाकर उसको पूरा नंगा कर दिया। उसके बाद उसको उठाकर वहीं पर ऊपर बैठाकर उसके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर अपने कंधे पर रखकर उसकी चूत में अपना पूरा लंड डाल दिया और में लगा दोबारा उसको वैसे ही धक्के देने। फिर करीब बीस मिनट तक चोदने के बाद हम दोनों ने बाहर आकर एक ब्लूफिल्म देखी और फिर उस दिन भी हमने दिनभर में करीब 6-7 बार चुदाई के मज़े लिए। वो मुझसे बोली कि आज तुमने मुझे वो मज़ा दिया है, जिसके सपने मैंने बचपन से देखे थे और आज मुझे वो सुख मिला है, राहुल में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ। दोस्तों इस तरह से मैंने उसको पूरे दस दिन तक वैसे ही हर कभी जाकर कभी रात को तो कभी दिन में चोदा, लेकिन उसके बाद मेरा वो दोस्त वापस आ गया था और उसके बाद भी हम दोनों ने जब भी हमें कोई अच्छा मौका मिला उसको हम दोनों नहीं चूकते और मौका देखते ही चुदाई के मज़े लेने लगते ।।



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