ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रोशन है, और मैं मुंबई का रहने वाला हू. मुझे मा-बेटा सेक्स और रिश्तों में चुदाई वाली कहानी बहुत अची लगती है. इसलिए मैं आपके साथ मेरी पहली और सॅकी स्टोरी शेर करने जेया रहा हू. अगर आपको अची लगे तो मुझे मैल करके फीडबॅक ज़रूर दे.
तो मैं पहले आपको कॅरेक्टर्स के बारे में बता देता हू. मेरे घर में मेरी मा, पापा, और मैं रहता हू. पर पापा काम की वजह से ज़्यादातर बाहर ही रहते है. मेरी मा का नाम निशा है, आगे 38 है, और फिगर 36-34-38 है, जिसको देख कर ऐसे लगता है की अभी छोड़ के अपनी प्यास बुझा लू.
मेरा एक बहुत करीबी दोस्त है, जो मेरे साथ ही जॉब करता है. उसका नाम विकास है, और उसकी मा का नाम कोमल है. कोमल का फिगर 34-36-38 है, और मस्त भरा हुआ शरीर है, जो छोड़ने के लिए मॅन में इक्चा जगा देता है.
तो दोस्तों मैं और विकास काफ़ी आचे दोस्त है. हम दोनो आपस में हर बात को शेर करते है. एक दिन मैं और वो सेक्स स्टोरीस पर बात कर रहे थे. तो उसने मुझे पूछा की मुझे किस टाइप की स्टोरीस पसंद है. मैने उसे खुल कर बता दिया की मा-बेटा और रिश्तों में चुदाई.
तो उसके चेहरे पर स्माइल आ गयी, और उसने बोला: भाई मुझे भी मा-बेटा सेक्स स्टोरी बहुत पसंद है.
मुझे भी ये सुन के खुशी हुई, और मैने उससे पूछा: तुझे कोमल आंटी के लिए कोई ख़याल आता है?
तो उसने बोला: भाई तुझसे क्या च्छुपाना. तू तो मेरा सक्चा दोस्त है. मैं अपनी मा को नहाते हुए रोज़ देखता हू, और उसे छोड़ना भी चाहता हू. लेकिन दर्र लगता है की ये बात उसे कैसे बतौ.
तो मैने भी उससे कहा: यार मैं भी मेरी मा को छोड़ना चाहता हू. बुत कोई रास्ता नही मिल रहा.
मेरी बात सुन के वो बहुत खुश हुआ.
उसने बताया: हम एक प्लान बनाते है. पहले एक-दूसरे की मा को पटते है, और फिर उन्हे ग्रूप सेक्स के लिए राज़ी करेंगे.
मैने हा कर दी. लेकिन उसने बोला-
विकास: लेकिन कैसे पटएँगे?
तो मैने मेरी मा का व्हातसपप नंबर उसको दे दिया, और उसने उसकी मा का मुझे दे दिया.
वो बोला: व्हातसपप पर ट्राइ करते है.
मैं ठीक है कह कर घर पर आया, और अपने रूम में जेया कर उसकी मा कोमल को मेसेज किया.
रोशन: ही.
कोमल: ही कों?
रोशन: आपके बेटे का दोस्त रोशन.
कोमल: ओह अछा, रोशन बेटा कैसे हो?
रोशन: मैं ठीक हो आंटी. आप कैसे हो?
कोमल: मैं भी ठीक हू बेटा.
रोशन: आंटी आपको एक बात बतानी थी.
कोमल: हा बोलो बेटा, क्या बात है?
रोशन: अगर आप बुरा ना मानो तो.
कोमल: नही मानूँगी, बताओ.
रोशन: पक्का?
कोमल: हा बाबा पक्का.
रोशन: आंटी आप मुझे बहुत पसंद हो.
कोमल: तुम मेरे बेटे जैसे हो रोशन.
रोशन: लेकिन मैने जो मेरे दिल में था वो आपको बता दिया है. क्या मैं आपको पसंद नही हू?
कोमल: पसंद तो हो बेटा, पर अछा नही लगता ये सब. तुम मेरे बेटे के दोस्त हो.
रोशन: आप टेन्षन मत लो. विकास को कुछ पता नही चलेगा.
कोमल: ठीक है, लेकिन हम सिर्फ़ दोस्त रहेंगे, और कुछ नही.
तो मैं समझ गया की आंटी भी प्यासी थी, और अपनी प्यास बुझाना चाहती थी. फिर मैने मौका देख कर ई लोवे योउ आंटी बोल दिया. उसने भी स्माइल का एमोजी भेज दिया. मैं समझ गया की आंटी चूड़ने को तैयार थी.
उधर विकास ने भी मेरी मा को पत्ता लिया, और वो दोनो काफ़ी आयेज बढ़ चुके थे. मा ने उसको बूब्स की फोटो भेज रखी थी. वो बस टाइम देख रहे थे मिलने का. फिर विकास ने मुझे बताया-
विकास: मेरे घर पर कोई नही है. मा अकेली है. पापा काम के सिलसिले में बाहर गये है. तू मेरे घर आजा, और मैं तेरे घर चला जौंगा.
तो मैने हा कर दी, और दोनो एक-दूसरे के घर जाने के लिए निकल गये. मैं उसके घर पहुँचा और बेल बजाई. आंटी ने दरवाज़ा खोला और मुझे देख कर काफ़ी खुश हो गयी. आंटी ने मॅक्सी पहन रखी थी, और शायद अंदर से ब्रा नही पहनी थी. तो उनके बूब्स सॉफ नज़र आ रहे थे. मैं काफ़ी खुश हुआ और सोच रहा था की कब आंटी का दूध पियुंगा.
आंटी बोली: बेटा तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए छाई बनती हू.
मैं बैठा और आंटी छाई बनाने चली गयी. मैं आंटी की गांद देख रहा तो जो मुझे किचन से दिख रही थी. मस्त 38″ की गांद थी, जिसे मैं काफ़ी दीनो से मारना चाहता था. फाइनली आज वो दिन नज़दीक थी.
आंटी छाई बना कर लाई, और हम दोनो बैठ के छाई पीने लगे और बातें करने लगे.
आंटी शरमाते हुए बोली: उस दिन क्या बोल रहे थे?
तो मैने कहा: जो आप समझ रही थी.
उसने एक स्माइल दी और बोली: रूको मैं डोर लॉक करके आती हू.
तो मैं समाज गया की आंटी भी राज़ी थी. आंटी जैसे ही वापस आई, मैने आंटी को बाहों में भर लिया, और किस करने लगा. आंटी ने पहले तो माना किया, लेकिन मैने उनको छ्चोढा नही.
तो बाद में आंटी अपने होंठो से मेरे होंठो को चूसने लगी. मैने आंटी के बूब्स को दबाना स्टार्ट किया, जिससे आंटी और गरम होने कागी. वो सिसकारियाँ लेने लगी ऑश उम्म्म बेटा, तो मैने आंटी की मॅक्सी उपर की और गांद को दबाने लगा. आंटी को मज़ा आने लगा. उसने अपनी मॅक्सी उतार दी.
अब आंटी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. मैं तो खुशी के मारे पागल हो रहा था, की जिसको मैं छोड़ना चाहता था, वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.
मैने जल्दी से अपने कपड़े उतरे, और नंगा हो गया. तुरंत आंटी ने मेरा लंड पकड़ा, और बोली-
आंटी: तुम्हारा बहुत बड़ा है. क्या मैं इसे चूस लू?
मैने तुरंत ही लोड्ा आंटी के मूह में दे दिया, और वो मज़े से चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसके मूह के अंदर की गर्माहट ने मेरा लंड और टाइट कर दिया. मैने आंटी के बाल पकड़े, और सिर को हिलने लगा और बोला-
मैं: चूस मेरी जान, चूस.
तो वो बोली: तुम्हारा चूसने की मुझे बहुत ख्वाहिश थी. बुत बोल नही पा रही थी.
तो मुझे और जोश आया, और मैं ज़ोर-ज़ोर से सिर पकड़ के हिलने लगा. उसके मूह से पूरा सलाइवा मेरे लंड पर गिर रहा था. उसने लंड को और गीला किया, और गले तक अंदर ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. आंटी ने मूह से लंड निकाला, और बोली-
आंटी: अब इंतेज़ार नही होता, जल्दी अंदर डालो मेरे राजा.
मैने तुरंत ही आंटी को बेड पर लिटाया, और आंटी की टांगे फैला कर छूट में लंड डाल दिया.
आंटी सिसकारिया ले रही थी: उम्म ओह आह एम्म्म मेरे राजा, तेज़ करो, और फाड़ दो मेरी छूट को, और तेज़ करो.
मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के दे रहा था. आंटी मूह से आवाज़े निकाल रही थी-
आंटी: उउंमह अहहा मेरे राजा, छोड़ो मुझे, और अपनी रंडी बना लो.
मैं भी ज़ोर-ज़ोर से आंटी की छूट में लंड पेल रहा था और बोला: मेरी रंडी, तेरी छूट तो बहुत मस्त है. बहुत मज़ा आ रहा है.
तो वो बोली: हा राजा, ऐसे ही. ये छूट तुम्हारी है, जब जी चाहे इसका मज़ा लेना.
मैं धक्के मारते रहा, और आंटी चिल्लती रही. करीब 10 मिनिट बाद मैने पोज़िशन चेंज की, और मैं नीचे लेट गया, और आंटी को लंड के उपर बिता लिया. आंटी को भी बहुत मज़ा आ रहा था. वो उछाल-उछाल कर अपनी छूट छुड़वा रही थी. करीब 5-7 मिनिट बाद आंटी की छूट को पेल कर मैने आंटी को घोड़ी बनने को कहा.
आंटी घोड़ी बनी तो उनकी गांद उठी हुई मेरे सामने थी. मैने तुरंत अपना लंड आंटी की गांद में डाला, और धक्के देने लगा.
आंटी चिल्ला रही थी: तोड़ा धीरे बेटा, तोड़ा धीरे.
मैं आंटी की गांद मारता रहा. करीब 15 मिनिट बाद मैं झाड़ गया, और आंटी भी. फिर मैने आंटी को किस किया. आंटी ने भी मुझे एक स्माइल दी. वो काफ़ी खुश लग रही थी. फिर हम दोनो नंगे ही बेड पर सो गये.
अगले पार्ट में विकास ने कैसे मेरी मा को छोड़ा, ये मैं बतौँगा. जल्दी ही पार्ट 2 उपलोआड करूँगा, बाइ-बाइ फ्रेंड्स.