हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अमित है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ. मेरी उमर 18 साल है मेरी हाइट 5’8 है और मेरे लंड 7 इंच का है. मैने इस उमर में भी 10 से ज़्यादा लड़कियो को छोड़ चुका हू.
ये कहानी मेरे बेस्ट फ्रेंड के मम्मी पापा के चुदाई की है.
मेरे दोस्त का नाम हितेश ह और उसकी उमर भी 18 साल है, वो अपने मम्मी पापा की एक्लोटी औलाद है.
हितेश की मम्मी का नाम सुनीता है उनकी उमर 38 साल है. वो दिखने में काफ़ी खूबसूरत है उनका बदन एक दूं गोरा है कोई भी उन्हे देखले तो हिलाए बिना नही रह सकता. उनकी हाइट थोड़ी कम ह और दूध का साइज़ भी कम है. फिर भी वो किसी मॉडेल से कम नही लगती. हितेश के पापा का विजय कुमार है और उनकी उमर 42 साल है उनकी किराने की शॉप है वो सुबह 7 बजे जाते और शाम 9 बजे आते.
ये वाक़या 6 महीने पहले का है जब मेरे 12त बोर्ड के एग्ज़ॅम थे.
चलो अब कहानी पर आते है.
में गाओं मे रहता हू और मेरा एग्ज़ॅम सेंटर मेरे घर से काफ़ी दूर था और सुबह के टाइम यहा साधन की सुविधा नही थी. तो मेरे बेस्ट फ्रेंड हितेश ने मुझे अपने यहा रुकने को कहा, तो मैने अपने पेरेंट्स से पूछ के बताने को कहा.
शाम को मेरी मम्मी के फोन पर हितेश के घर से कॉल आता है. कॉल हितेश की मम्मी ने किया था. मैने कॉल रिसीव किया.
हन हितेश बोल क्या काम था?
सामने से रिप्लाइ आता – बेटा में हितेश की मम्मी बोल रही हूँ.
मे – प्रणाम आंटी जी.
सुनीता आंटी – खुश रहो बेटा.
मे – हन आंटी जी आपको कुछ काम था?
सुनीता आंटी – हन, अपनी मम्मी से बात कारवओ.
फिर मैने फोन मम्मी को दे दिया और उन दोनो में कुछ बात हुई और थोड़ी देर बार फोन कट कर दिया.
मे – मम्मी क्या हुआ आंटी ने कॉल किया था?
मम्मी – वो बोल रहे थे एग्ज़ॅम होने तक तू उनके साथ रह जिससे तुम दोनो साथ मे पढ़ लोगे और एग्ज़ॅम भी अकचे से दे आओगे.
मे – ठीक है मम्मी.
नेक्स्ट दे में समान पॅक करके हितेश के घर के लिए निकल गया. हितेश के घर में एक कमरा था और एक किचन आयेज खुला आँगन था और वही लत बात और आयेज से बाउंड्री थी.
में पहुचा फिर हुँने साथ में खाना खाया और पड़ने बैठ गये. शाम को हम बाहर खेलने चले गये.
हम खेल के घर आए फिर फ्रेश हुए तो फिर से पढ़ने लगे. आंटी किचन में खाना ब्नाने लगे. रात के 9 बाज गये थे अंकल भी घर आ गये थे.
मे – नमस्ते अंकल.
अंकल – खुश रहो, और कैसी चल रही पढ़ाई?
मे – आक्ची चल रही है.
अंकल – हन, एस बार भी तुम दोनो को अकचे मार्क्स लाना है.
मे – जी अंकल.
फिर हम सबने साथ में बैठ के खाना खाया फिर सोने की तैयारी करने लगे. उनके यहा एक ही रूम था तो बेड की एक तरफ बीच में हितेश और बेड की दूसरी तरफ आंटी सो गये. अंकल एक चारपाई डाल के उस पर सो गये.
में पहली बार किसी और के यहा गया था तो मुझे नींद नही आ रही थी तोड़ा सा अजीब लग रा था. मैने काफ़ी कोसिस की लेकिन मेरी आँखों से तो मानो नींद गायब थी.
तभी थोड़ी देर बाद ख़ुसर फुसर की आवाज़ सुनाई दी.
अंकल – उठो ना, बाकछे भी सो गये है.
आंटी – आज नही, हितेश का दोस्त भी आया हुआ है.
अंकल – तुम्हारा तो रोज का है यार.
अमित ( में) तो 15 20 दिन यही रुकने वाला है.
आंटी – अक्चा ठीक है लेकिन पहले अकचे से देख लो बाकछे सो गये ना.
हितेश आराम से सो रा था और में सोने का नाटक कर रहा था.
अंकल ने देखा और आंटी के पास चले गये. कमरे में नाइट बल्ब के कर्ण कमरे में थोड़ी रोशनी थी जिससे मुझे सब सॉफ दिखाई दे रहा था. अंकल आंटी से लिपट गये और उन्हे च्पटने लगे.
आंटी – अरे बाबा यहा नही..
अंकल – तो फिर कहा?
आंटी – नीचे बिस्तेर लगा के करते.
अंकल – वाहा जघ नही है चारपाई है.
आंटी – चलो फिर चारपाई पर.
अंकल आंटी को गोद में उठा कर किस करने लगे और फिर उन्हे चारपाई सुला दिया और लगातार किस करने लगे. आंटी भी अंकल का पूरा साथ दे रही थी. अंकल ने अपना कपड़े निकल दिए अब वो पूरे नंगे थे, उनका औजार ज़्यादा बड़ा नही था मोटा था.
आंटी – कपड़े निकालने की क्या ज़रूरत थी, शरम तो रही नही अगर बाकछे उठ गये तो??
अंकल – मेरी रानी क्यू टेन्षन लेती बाकछे नही उठेंगे.
लेकिन उन्हे नही पता में तो सोया ही नही था. अंकल ने फिर आंटी के उपर से सारी टा दी अब वो ब्लाउस और पेटीकोत में थी. थोड़ी सी रोशनी में उनका आधा बदन क्या मस्त लग रहा था
फिर अंकल आंटी के पेट को चाटने लगे, आंटी को उल्टा लेटया और पीठ सहलाने लगे. और देखते ही देखते आंटी के ब्लाउस को सरीर से अलग कर दिया और थोड़ी देर बाद ब्रा को भी खोल के अलग कर दिया और उनके दूध को अपने मूह म ले लिया.
ये सब देखकर मेरा लंड भी खड़ा हो गया में अपने लंड पर धीरे धीरे हाथ सहलाने लगा.
आंटी, अंकल से तोड़ा नाराज़ लग रही थी.
अंकल – क्या हुआ मेरी रानी?
आंटी – खोलने की क्या ज़रूरत थी, उपर से हटा के भी पी सकते थे, थोड़ी सी शरम करो पास में बाकचा सो रा वो भी बड़ा हो गया है और उसका दोस्त भी आया हुआ है, किसी की नींद खुल गयी तो??
अंकल – कुछ नही होगा जानूउ..
आंटी – क्या कुछ नही होगा…
अंकल ने आंटी की बतो को इग्नोर किया. मैने देखा की अंकल आंटी के एक दूध को मूह मे लेके काट रहे थे वही हाथ से दूसरा दूध दबा रहे थे.
आंटी ईयीई उउउईए कर रही थी. अंकल का दूसरा हाथ आंटी के पेटीकोत के अंदर था वो आंटी की छूट को सहला रहे थे और आंटी मादक आवाज़े निकल रही थी.
आयेज की कहानी नेक्स्ट स्टोरी में.