दूसरे मर्द के साथ जिस्मानी मज़ा करने की कहानी

ये ताड़ी का असर था या काई हफ़्तो की शरीर की भूख. पर मैं चाह कर भी उसका विरोध नही कर पा रही थी. मेरे मॅन में तरंगे उठ रही थी, और उसका मेरे स्टान्नो के साथ यू खेलना मुझे बहुत अछा लग रहा था.

5 मिनिट्स स्टान्नो को सहला के उसने मुझे पूरा गरम कर दिया था, और मैं धीमी सी सिसकारियाँ भर रही थी. जब उसने देखा की मेरा भी साथ मिल रहा था, तो उसकी हिम्मत और बढ़ी, और उसने मेरी पीठ पे हाथ फेरते हुए ब्लाउस के हुक्स खोल दिए.

उसने धीरे-धीरे ब्लाउस को सरकाते हुए मेरे हाथो से निकाल दिया और कोने में फेंक दिया. अब मैं उसके सामने ब्रा में थी.

मेरी पिंक डिज़ाइनर ब्रा उसको शायद अची लगी होगी, क्यूंकी उसने ब्रा को खूब चेक किया, स्ट्रॅप्स, कपड़ा सब हाथ फिरा के महसूस किया, और फिर ब्रा के उपर से स्टान्नो को सहलाने और दबाने लगा. मैने अभी भी आँखें मूंडे हुए थी, और धीमी सिसकारियाँ अब बढ़ रही थी.

अब उसने मुझे तोड़ा सा उठाते हुए मेरी सारी को मुझसे डोर किया, और उसको भी कोने में फेंक दिया. मेरे पेटिकोट को उसने जांघों तक उठा दिया, और मेरे केले जैसे चिकने वॅक्स किए हुए पैरों पर अपने हाथ प्यार से घूमने लगा.

मैं नशे ही नशे में ये फोरप्ले का मज़ा लिए जेया रही थी. तभी उसने मेरे पेटिकोट का नाडा खींच कर उसको खोल दिया, और दूसरे ही पल मेरा पेटिकोट मुझसे अलग कर दिया गया.

मेरी धड़कने तेज़ हो गयी. आज पहली बार मैं मेरे पति के अलावा किसी गैर मर्द के सामने ब्रा और पनटी में थी. मेरी पिंक डिज़ाइनर ब्रा और पनटी में उसने मुझे खूब निहारा, और फिर अपने हाथो से मेरी रिस्टी हुई छूट और नाज़ुक सॉफ्ट गांद को पनटी के उपर से ही खूब सहलाया और दबाया.

अब उसने फाइनल दाव खेला, और मेरी पनटी को मेरी आएडियों से और मेरी ब्रा को मेरे हाथो से निकाल कर कोने में फेंक दिया. मैं तो जैसे कोई विरोध करने के मूड में ही नही थी. आज पहली बार किसी गैर मर्द के सामने मैं पूरी तरह से नंगी पड़ी थी. उसने मुझे खूब निहारा, और मेरे स्टान्नो, गांद और छूट को खूब सहलाया.

अब उसने अपने कपड़े भी उतार फेंके. उसका लंड मेरे पति के लंड से तोड़ा बड़ा था. अब वो चारपाई पे मेरे बगल में आ कर लेता. उसने मेरे साथ एक कंबल ओढ़ लिया. अब उस चारपाई पे भौकाल आने वाला था.

उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और धीरे-धीरे मेरे गालों पर, आँखों पर, कान के नीचे, और होंठो पर स्मूच करने लगा. कभी वो मेरे बालों में हाथ घूमता, तो कभी मेरी पीठ सहलाता. धीरे-धीरे वो अपनी पूरी बॉडी को मेरी बॉडी से रब करके मेरे साथ बॉडी तो बॉडी करने लगा.

मेरे तो जैसे पुर बदन में आग लग गयी थी. मैं जल बिन तड़पति मछली की तरह सिसकियाँ ले रही थी, और उसको पूरा साथ दे रही थी. अब उसका एक हाथ मेरे गोरे-गोरे गोल स्टान्नो से खेल रहा था, तो दूसरा हाथ मेरे कुल्हो की गोलैयो का मज़ा ले रहा था. मेरी छूट बेतहाशा पानी छ्चोढ़ रही थी.

धीरे-धीरे उसने मेरी गांद में उंगली घूमना शुरू किया, और कुछ देर के बाद दूसरी उंगली मेरी छूट पर जेया पहुँची. उसके इस धमाकेदार फोरप्ले से में निढाल हो चुकी थी.

आख़िर-कार मैने कह ही दिया: बस अब रहा नही जेया रहा. प्लीज़ मुझे छोड़ डालो.

बड़ा स्वीट सा बंदा था वो, जो अभी तक मेरी पर्मिशन की राह देख रहा था. अब उसने हा में सर हिलाया, और मेरी दोनो टाँगो को एक-दूसरे से डोर किया. टांगे चौड़ी करके वो बीच में जेया बैठा, और अपने लॉड को मेरी गीली छूट पर उसने सेट कर दिया.

उसने बड़े ही प्यार से, धीरे-धीरे मेरी छूट में अपना लंड उतरा. मेरे हज़्बेंड हमेशा इस पॉइंट पे जल्दी कर बैठते है और एक झटके में लंड पेल देते है. तो उसके इस प्यारे अंदाज़ पर मैं कायल हो गयी. लाइफ में पहली बार आज मेरे हज़्बेंड के अलावा कोई और लंड मेरी छूट में गया था.

हालाकी अपनी इज़्ज़त गवाने का मुझे कोई दुख नही था, उल्टा मैं तो उससे लिपट रही थी. उसने अपने लंबे लॉड से धीरे-धीरे मेरी चुदाई शुरू की. धीरे-धीरे अंदर बाहर होता हुआ लंड मुझे बहुत मज़ा दे रहा था. मिशनरी पोज़िशन में मुझे धीरे-धीरे छोड़ने के साथ वो मेरे स्टान्नो, पेट, कमर, कंधे, बाल, गाल सब कुछ सहला रहा था.

धीरे-धीरे उसने अपनी स्पीड बधाई. मैं भी गांद उठा-उठा कर उसका साथ दे रही थी.

गर्मियों का मौसम था, तो हम दोनो ही पसीने से भीगे जेया रहे थे. उसका पसीना धीरे-धीरे रिस्स कर मुझ पर गिर रहा था. मेरी गीली छूट और पसीने की वजह से चुदाई पाचक-पाचक की आवाज़े कर रही थी, और उसी आवाज़ में हम दोनो मस्त हुए जेया रहे थे.

10 मिनिट ऐसे ही छोड़ने के बाद वो धीरे-धीरे मुझ पर लेट गया. अब वो अपने होंठो से मेरे चेहरे और होंठो को स्मूच कर रहा था. उसके हाथो ने मेरे हाथो को कस्स के पकड़ा हुआ था.

उसकी छाती मेरे स्टान्नो को रग़ाद रही थी. उसका पेट मेरे पेट पर चिपक चुका था. उसके पैर मेरे पैरों से लिपटे थे, और उसका लंड मेरी छूट की गहराइयों में धक्के लगा रहा था.

मुझे लगा की ये सीन फ़िल्मो में दिखाने वाले सुहग्रात के सीन जैसा ही दिख रहा होगा. 10 मिनिट्स तक ऐसे ही प्यारी सी चुदाई के बाद मैं झाड़ गयी, और कुछ ही सेकेंड्स के बाद उसके लंड ने भी मेरी छूट में ही स्पर्म की पिचकारी मार दी. कुछ मिनिट्स तक हम फिर भी उसी कंडीशन में लेते रहे.

फिर वो उठा, और उसने अपना पसीना पोंचा. बड़े ही प्यार से उसने मेरी छूट और बाकी बॉडी को भी सॉफ किया, और फिर मेरे पास आके लेट गया. मैं भी उससे प्यार से लिपट गयी.

उसने कहा: मेडम, आप बहुत खूबसूरत हो. आज आपके साथ संभोग करके मैं धान्या हो गया.

मैने कहा: फॉरमॅलिटीस मत करो यार. मुझे भी बहुत मज़ा आया.

और मैं हस्स दी. वो भी मेरे साथ हासणे लगा.

साथ में लेट के वो मेरी पीठ और कुल्हो को सहला रहा था. धीरे-धीरे उसका सहलाना मेरी गांद के च्छेद पर फोकस हो गया, और वो बड़े ही स्मूद हाथो से मेरी गांद के च्छेद को मसालने लगा. मैं इशारा समझ गयी, और कुछ ही देर में हम गुडमैथून के लिए रेडी हो गये.

उसने मुझे उल्टा लिटाया, और वही पास में पड़ी तेल की बॉटल से कुछ तेल निकाल कर मेरी गांद के च्छेद में लगा दिया. वैसे मेरे पति ने अब तक 100 से भी ज़्यादा बार मेरी गांद मारी हुई थी, तो मैं आसानी अपनी गांद में भी लंड ले सकती थी.

उसने अपने कड़क लंड को गांद पर सेट किया, और जैसे उसने छूट में किया था, वैसे ही धीरे-धीरे गांद में पूरा लंड उतार दिया. अब वो धीरे-धीरे मेरी गांद मारने लगा.

तेल और उसके प्री-कम की चिकनाई से गांद भी पाट-पाट की आवाज़ कर रही थी. साथ ही वो अपने हाथो से मेरे कुल्हो को सहला कर कभी-कभी उन पर छमात मार रहा था. मेरी गोरी गोल गांद को मार के वो बहुत खुश हो गया, और अपने हाथो से मेरी छूट को भी सहलाने लगा.

कुछ ही देर में हम दोनो झाड़ गये. मुझे इतना शारीरिक आनंद पहले कभी नही मिला था. महीनो की प्यास को उसने बड़े आचे से तृप्त किया था. उसने मुझे और अपने आप को क्लीन किया, कपड़े पहने, और मुझे मेरे कपड़े लाके दिए.

मैं भी कपड़े पहन के तैयार हो गयी. उसने मुझे फिर एक बार गन्ने का जूस निकाल कर पिलाया, और कहा, की वो भी बहुत तृप्त हो गया था.

पूरी दोपहर मज़े करने के बाद वो मुझे घर छ्चोढ़ गया. पूरी शाम और रात मैं उसी के बारे में और अपनी चुदाई के बारे में सोचती रही.

फिर तो ये लगभग हर वीक का कार्यक्रम हो गया. जब तक मैं गाओं में रुकी, उसने मुझे बहुत मज़े दिए. हमने अलग-अलग जगहो पर और अलग-अलग पोज़िशन्स में सेक्स ट्राइ किया, जिसकी डीटेल्स मैं फ्यूचर की किसी स्टोरी में ज़रूर शेर करूँगी.

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, ये मुझे एमाइल करके ज़रूर बताना.

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