दो बहनो के साथ चुपाचिपि

ओह मी गोद्दद बहर जगरुति थि मे बहुत दर गया। मनिशा ने मुजे पुचा कि कोइ था कया तब मेने उसे कहा कि कोइ नहि था। मेने उस्से कहा कि अब बस कल करेगे जगरुति उथ जयेगि। फिर मे वहसे चला गया मनिशा बेदरूम मे हि सोयि रहि।मे हल्ल मे गया तो देखा कि जगरुति आनखेन बनद करके सो रहि थि। आधे घनते के बाद वो उथ गयि वो मुजे अजीब तरह से देख रहि थि मेने उसे कुच नहि कहा। मे दर रहा था कि सायद वो ममि को सब बता देगि। लेकिन उसने ममि को कुच नहि बतया।फिर उस रात को मे जलदि हि सो गया।

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