दो बहनो के साथ चुपाचिपि

फिर दव (तुरन) मेरा आया। लेकिन मे उनको 2-3 बार औत नहि कर पाया। अब 4:00 बज चुके थे मे और मनोज हर साम 4 बजे सरिसकेत खेलने के लिये उसके फ़रिएनद के घर पर जाते थे। फिर हुम खेलने के लिये चले गये। रात को जब हम तव देख रहे थे तो मनिशा मुजे समिले दे रहि थि मे समज गया कि वो भि करना चहति है। उस रात को जब सब सो गये तो करीब 11:30 बजे मेने मनिशा को देखा तो वो अभि तक सोयि नहि थि। मे

रात को सिरफ़ बरमुदा पेहेनता था (नो उनदेरवेअर) मेने अपना बरमुदा अपनि कमर से निचे उतर दिया और मनिशा का हात पकद कर अपने लुनद पर रख दिया और मुथ मरने को कहा । मेने भि अपना हाथ उसके लेहनगे मे दालकर उसकि चुत मे अपनि उनगलि दालकर अनदेर बहर करने लगा। 5-6 मिनुते के बाद उसकि चुत एकदुम गिलि हो गयि और मेरा कुम भि निकल आया। फिर हुम थोदि देर किस्स करके सो गये।

दूसरे दिन मेने मनिशा को पुरि तरह से चोदने के लिये एक पलन बनया। जब उनहोने मुजे चुपचुपि खेलने के लिये कहा तो मेने बहना बनया कि मुजे पेर मे दरद है। इस लिये हुम दोपहर कोकरीब 2 बजे सब सो गये। मे, मनोज और जगरुति हल्ल मे जबकि मनिशा बेदरूम पे सो गयि। उसे सयद मेरे पलन का पता चल गया था। 3:50 के आसपस मनोज उथ गया और फ़रेश होकर सरिसकेत खेलने के लिये चला गया। जगरुति अभि भि गहरि निनद मे थि। मे धिरे से उथकर बेदरूम कि और जने लगा। मे उस वकत बहुत एक्ससिते था। मेने हलके से दूर खोला और देखा कि मनिशा सो रहि है फिर मेने दूर अनदर से लोसक कर दिया और घूम कर देहा तो मनिशा मुसकुरा रहि थि। वोव। मे उसके पस गया और कहा कि आज हुम आरम से करते हे। उसने सिर हिलकर हा का सिगन दिया। इ’म तू एक्ससिते। ओह्हह।

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मेने उसे खदे रेहने के लिये कहा और उसके पुरे कपदे निकल दिये वो मेरे सामने पुरि तरह ननगि थि। मेरा लुनद पेनत के अनदर हि तिघत हो गया। फिर उसने भि मेरे पुरे कपदे निकल दिये अब हुम दोनो पुरि तरह ननगे थे। उसके बूबस चोते अप्पले जैसे और सिलकि थे। और उसका फ़िगुरे थोदा मोता लेकिन एकदुम राबचिक था। हुम दोनो अभि तक विरगिन थे। फिर मेने उसे बेद पर लेता दिया और उसके उपर सो कर उसे किस्स करने लगा तभि उसने मेरे 4’8 इनच के लुनद को पकद कर उसकि चुत मे रख दिया। मेरे एक हि जतके मे अपना पुरा लुनद उसकि चुत मे घुसा दिया। शे वस मोअनिनग अह्हह्हह्हह्हह्हह्ह ओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हु ऊउह्हह्हह्हह्हह्हह।।

7-8 मिनुते तक ऐसा करने के बाद मे निचे और वो मेरे उपर सो गयि और किस्स करते हुए थोदि देर उसकि चुत मारता रहा। अब मुजे उसकि गानद मरने का मन्न हुअ। मेने उसे बेद पर उलता लेता दिया और उसे अपनि गानद के होले को खोलने को कहा फिर मे उसमे अपना लुनद दलने लगा। मेरा लुनद जैसे तैसे थोदा उसकि अनस मे गया लेकिन हुम दोनो को बहुत दरद होने लगा। फिर मेने हैर ओइल लेकर उसकि अनस मे लगया और अपने लुनद पर भि। फिर धिरे धिरे मेने पुरा लुनद उसकि अनस मे दाल दिया। फिर उसे उप-दोवन करने लगा मनिशा अब बहुत ज़ोर से ऊऊह्हह्हह्हह्ह ।।आह्हह्हह्हह्हह्हह्ह… कर रहि थि। इतने मे हि दूर के पस्स से कुच आवज़ सुनै दि मे जलदि से दूर के पस्स जकर केयहोले मेसे बहर देखा।

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