देवरो के बाद अब पति ने लिए मेरे मज़े

कब तक मेरे निपल का दूध नवीन ने चूस कर निचोड़ा मुझे कुछ खबर नही थी.. लेकिन 1 घन्ते बाद जब मई उठी तो नवीन मेरे साइड मे सो रहा था और मेरा ब्लाउस साइड मे पड़ा हुआ था. मेरी छ्चाटी से निपल नवीन ने निचोड़ दिए थे. मुसाकुराते हुए शर्मा कर मैने झत्ट से ब्लाउस पहना और भर आ गयी नवीन के रूम से..

मुझे पचतावा भी और रहा था और सोच कर शर्मा भी रही थी, की मेरे एक देवर ने कसे हुए दूध से भरे चुचो को आख़िर कर छहुउस ही लिया. हे भगवान अब ये देवर जी मेरे पीछे ना पड़ड़ जाए. मेरी इश्स मादक कामसीँ जवानी की रक्षा करना.

शाम हो चुकी थी और मई बचो को अपना दूध पीला रही थी. मेरे सास ससुर अपने रूम मे थे. और जातीं डोफेर को आके मेरी कमर और पेट को चूस चुका था. तो वो अपने रूम मे सो रहा था.

लेकिन तभी नवीन मेरे रूम मे आया और मेरे चुचे भर निकले हुए देख कर मुसाकुराने लगा. मुझे एकद्ूम शरम आ गयी. अब बचो के मूह से अपना निपल कैसे बंद करू.

मई शर्मा कर मुसाकुराने लगी नाचाहते हुए भी एक बार फिर मेरे चुचे नवीन ने देख लिए थे.

नवीन- भाभी अब क्या शरमाना अब तो आप मुझे अपना प्यार दे चुकी हो.

मैने मुसाकुरा कर मूह झुका लिया और नवीन मेरा भर निकला हुआ पूरा चुचा देखने लगा. जिसको चूस कर सुनील दूध पी रहा था.

नवीन- भाभी मुझे दूध नही पीलाओगी.

मई जानती थी अगर माना किया तो ये और भड़क जाएगे. अपनी इश्स मादक भाभी का ये दूध पीक रहेगा. वैसे मुझे शर्म आ रही थी अपना चुचा देवर जी को ऐसे दिखाते हुए पार क्या करती मई

मई- ( शरमाते हुए) आप बछहे थोड़ी हो..

तभी नवीन ने साइड से चमकती हुई मेरी चिकनी कमर को पकड़ लिया और मसालने लगे..

मई- अहहूूच…हुहह..हुहह.हुहह…देवर जी…हुहह..उउंम्म

नवीन- ब्ताओ ना भाभी…पीलाओगी ना अपना दूध.

आच फसाया नवीन ने मुझे. अब ऐसे सांड़ जैसे देवर के सामने उसकी इतनी जवान मादक भाभी अपना चुचा खोलके दूध पीला रही हो और उसका देवर उसकी चिकनी कमर को नोच कर दूध माँगे तो भाभी बेचारी क्या करेगी. शेर के मूह मे मेरा जिस्म लग चुका था अब वो बार बार आएगा.

मैने सिसकिया लेते हुए हन कर दी.

मई- हुहह…आहूहह..ठीक है देवर जी पी लेना…..आआहहुऊम्म्म्म.

सुनील मेरा दूध पी रहा था और देवर जी मेरी कमर मसल रहे थे. तो मई गरम होने लगी. सुनील ने दूध पी लिया और नवीन मुसाकुराते हुए मेरी गोदी मे लेट गया. अब होश मे मैने अपना निपल उसके मूह मे डाला और उसने क्च से मेरा निपल च्बा लिया और दीध नेचोड़ने लगा..

मई- आआआआआआआआहहूओुच..मम्मी……आहह..आहह…आहह..देवर जी आराम से …आअहह.आआआआआवुच.

स्प्सरर..प्पउक्च..प्पउक्च..स्पार्र..ससपर..प्पउक्च…पुउच्च..

कच..कककच..पुउच्च..कककच..प्पुउच्च..कककच…ससपर..

स्प्सरर..प्पउक्च..प्पउक्च..स्पार्र..ससपर..प्पउक्च…पुउच्च..

कच..कककच..पुउच्च..कककच..प्पुउच्च..कककच…ससपर..

मेरा गुलाबी निपल देवर जी ने कसम से रब्बर की तरह खिच कर चूस चूस कर निचोड़ डाला..और तब जाके मुझे छ्चोड़ा.

नवीन- भाभी अब रोज दूध पीने अवँगा तुमहरा.

और ये बोल कर वो निकल गये. मेरी तो हालत कराब होती जा रही थी. एक तो वो मनोज बहोट भड़कने लगे थे आज क्ल और अब ये नवीन भी. अभी मुझे मनोज के लिए भी टायर होना था. वो आते ही मेरे उपर चॅड जाएँगे.

शाम को मई च्चत पर कपदे सूखा रही थी. मनोज कब आए मुझे पता नही था. मुझे ढूड़ते हुए वो चछट पर जाने लगे. ये देख मेरे दोनो देवर भी चुप छाप उनके पीछे उपर आने लगे. वो जानते थे उनके भैया अब मुझे खूब रग़ाद कर चूसेंगे. और वो ये शो मिस नही करना चाहते थे.

मनोज आ गये और पीछे से मुहज़हे कसाके एकडम पकड़ लिया..

मई- आआआआहहूूच…..हुहह… आरे आ गये आप.

मनोज- ( मेरी कमर मसालते हुए ) हन मेरी जान आ गया..उउम्म्म्म..

जातीं- भेंचोड़ किस्मत हो तो भैया जेसी, इतनी चींकी और मादक बीवी है की मॅन नही भरता.

नवीन- ( अपना लंड मसालते हुए) हन यार देख कैसे भाभी का मुलयूं पेट नोच कर मसल रहे है भैया.

दोनो वी बेत गये और मनोज ने मेरा पल्लू गिरा दिया और सिद्धा मेरी च्चती पर छहुउसने लगे..

मई- आहह..आहहुऊम्म्म्म….उउंम्म.. मनोज….मनोज…आअहह..मनोज नीचे चलो ना..य्चा कोई देख लेगा…हुहह… आआआहहुऊंम

मनोज- उउंम्म..स्प्सरर.स्पार्र..स्पार्र..प्पुच..पुच्छ…उउम्म्म्म..कोई नही देखेगा मेरी जान…उउम्म्म्म..प्पुउउक्च्छ..

मई मनोज को नीचे चलने को बोलने लगी पार मनोज और भड़कने लगे.

मई- मनोज….आहह…आहह.मनोज…आआआआआआआआआआआआआआआआअ…मम्मी..उउम्म्म्म

मनोज ने मेरा ब्लाउस खिच कर फेक दिया और मुझे उपर से नंगा करके मेरे निपल दांतो मे चबा कर खिच डाले. दोनो देवर ने एकबार फिर मुझे ऐसे नंगा देखा..

मनोज की हवस के आयेज मई बहेकने लगी और अब मैने सूरींदर कर दिया..और मनोज मेरी सारी मे हाथ घुसा कर मेरी क्सि हुई गुलाबी फाक को रग़ाद रहे थे और उपर से मेरे निपल च्बा रहे थे..

कककच..कककच..कककच..प्पुउच्च…स्पस्र..स्पार..कक्च..उउंम..कककच..ससपर्र..स्पार्र..

स्प्सरर..प्पउक्च..प्पउक्च..स्पार्र..ससपर..प्पउक्च…पुउच्च..

कच..कककच..पुउच्च..कककच..प्पुउच्च..कककच…ससपर..

स्प्सरर..प्पउक्च..प्पउक्च..स्पार्र..ससपर..प्पउक्च…पुउच्च..

कच..कककच..पुउच्च..कककच..प्पुउच्च..कककच…ससपर..

और मेरा दूध निचोड़ना के बाद आख़िर कर मनोज ने मुझे घोड़ी ब्ना ही दिया और मेरी सारी खिच कर मेरी र्ष्स से भारी हुई गुलाबी फाक मनोज के सामने थी. आव देखा ना ताव मनोज ने हवस भारी आँखो से एक ही झटके मे मेरे अंदर तक अपना लंड घुसेड डाला..

मेरी टाँग काप गयी और इसी के साथ मेरी फाक को चीरते हुए मनोज ने मुझे चछट पर छोड़ना शुरू कर दिया..

आआआआआआआआआआआआहह..म्ृर गयी…..मनोज..हुहह..हुहह.. फक्च…घहपाआ…घहप्प्प्प..घप्पाआ..घहप्प्प..घपाआ.. द्धप्प्प….द्धप्प्पाआ…द्धप्प्प…द्धप्प्प….धपाा..

मनोज- आहह…आअहह…साली..पूरा दिन ऑफीस मे टुजे सोच कर मूठ मार रहा था अब मिली है तू.. ले बहनचोड़..

फफच…फच..फच…..ग्घहप्पाा….ग्घहप्प्प्प्प्प…ग्घप्पााअ…ग्घहप्प.. द्धप्पााअ..धप्प्प्प्प…द्धप्पाा…..द्धप्प्प्प..

आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ…. मॅर गयी.. मनोज…मनोज… आआआआआआआआआआआआआ..उम्म्म..

मनोज- आहहा..आहह..आहहुउऊुुुउउम्म्म्ममम… गत्री…

अपनी मादक भाभी को ऐसे घोड़ी बँके चूड़ते हुए देख दोनो देवर भी मूठ मा रहे थे..और एक जोरदार चुदाई के बाद उन्न दोनो ने भी मनोज के साथ झाड़ दिया.

नवीन- जातीं…हह..हुहह..हुहह..अब रहा नही जाता भाई. रोज भाभी जा ऐसा मादक जिस्म देख कर मई पागल हो रहा हू.

जातीं- शी बोला तू नवीन. कैसे भैया रोज भाभी को रग़ाद कर छोड़ते है. अब जब तक मई शादी नही करूँगा जब तक अपनी इश्स गत्री भाभी को भैया से भी बुरी तरह रग़ाद कर छोड़ नही देता.

मेरे मादक जिस्म के लिए नवीन भी उतना ही पागल हो रहा था…

नवीन- बिल्कुल भाई मई भी. मई भी अपनी शादी तब तक करूँगा जब तक गत्री भाभी का ये मादक ये जिस्म नोच नोच कर कचा ना खा जाो. जब तक अपने बिस्तर पर पटक पटक कर भाभी की चूत को चियर कर उनका पानी ना निकल डू.

जातीं- ( हवस भारी आवाज़ मे) गर्र्र्र… जब तक भाभी को हम दोनो मिलके नही छोड़ेंगे हुमको शांति नही मिलेगी.

मेरे मादक जिस्म के पीछे मेरे दोनो भूके सांड़ जैसे देवर पद चुके है मुझे इसकी खबर नही थी. मेरा जिस्म जैसे जैसे और मादक और कामसीँ होता जा रहा था घर के ये मर्द मेरे लिए और पागल होते जा रहे थे और मई इनको चाह कर भी रोक नही पा रही थी.

मनोज तो अपनी सारी शरम खोते जा रहे थे. अपने दोनो भाइयो के सामने ही मुझे वो पकड़ने का मौका देखते रहते और अपने भैया को ऐसा करते देख वो दोनो भी और भड़क जाते. अभी मनोज ने मुझे च्चत पर घोड़ी बना कर छोड़ा ही था और अब वो कुछ देर आराम करके नहाना जा रहे थे.

तभी रूम मे उन्होने मेरे हाथ पकड़ लिया और मेरी गांद को मसालने लगे.

मनोज- उउम्म्म्म..आआुंम्म्म.. क्या माल है मेरी जान.

मई- हुहह…हुहह… आपका मॅन नही भरता एक तो आते ही मेरी जान निकल दी आपने और अब.. उउम्म्म्म…

मनोज- नही भरता मेरी जान… हुहहूऊम्म्म्मम

मई-( शरमाते हुए) अब हटो ना. वैसे भी रात भर आप मुझे सोने नही दोगे, अब मुझे खाना ब्नाने दो.

मनोज- पहले मेरे साथ नहा तो लो जान…

मई- ( शरमाते हुए) नही बाबा आप तो मुझे मार कर छ्चोड़ोगे..

मई शर्मा कर जाने लगी…

पर तभी मनोज ने मुझे कमर से खिच कर पकड़ लिया और गोदी मे उठा कर बातरूम मे ले गये और गाते बंद कर दिया.. और फिर तो आप जानते ही है.. कुछ देर मे ही मई बहेक गयी और बातरूम मे फर्श पर दोनो नंगे हो गये और मेरी गोल मोटी गांद मे अपना लंड घुसा कर मनोज ने एक बार फिर मुझे छोड़ डाला..

ज़मीन पर मेरे अंदर झटके लगते और मई चुड्ती रही..

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