डेरे वाले बाबा जी और सन्तान सुख की लालसा-4

जसवंत ने अपना लंड पूजा के मुँह से निकाला और पूजा को नीचे ज़मीन पे बिठा के बोला, “चल मेरी प्यारी रंडी… आज तुझे अपने लंडों से चोदके तेरी इच्छा पूरी करते हैं। मंगल मैं इस रंडी की चूत चोदूँगा और तू इस छिनाल की गाँड मार। चल पूजा पहले कुत्तिया बनके मंगल का लंड अपनी गाँड में डलवा ले… बाद में तेरी चूत में लंड घुसाता हूँ।” पूजा कुत्तिया बन गयी और मंगल ने उसके पीछे आके उसकी गाँड खोल के अपना लंड उसकी गाँड के छेद में दबाने लगा। पूजा ने अपनी गाँड ढीली छोड़ दी और मंगल के लंड का सुपाड़ा अंदर घुस गया। फिर पूजा की कमर पकड़ के मंगल ने हल्के से आगे पीछे होके १५-२० धक्कों से पूरा लंड पूजा की गाँड में घुसा दिया। पूजा राजेश और वैभव से कई बार गाँड मरवा चुकी थी पर फिर भी उसे दर्द हुआ क्योंकि मंगल का लंड उन दोनों से बड़ा था। पूजा दर्द से बोली, “मंगल… प्लीज़ आराम से डाल मेरी गाँड में अपना लंड। ऊउउफ्फ्फ्फ… मंगल… हाँ… अब डाल अपना लौड़ा मेरी गाँड में… अब दर्द नहीं हो रहा है।”

मंगल का लंड अब आराम से पूजा की गाँड में चला गया और धीरे-धीरे पूजा के ऊपर मंगल पूरा ज़ोर डाल के उसके मम्मे मसलते हुए बोला, “ले कुत्तिया राँड… तुझे मेरा लौड़ा चाहिए था ना? अब देख कैसे तेरी गाँड मारता हूँ छिनाल… तेरी माँ की चूत… रंडी है साली तू… मेरी रंडी है… मेरे लंड की रखैल है समझी…?” पूजा को मंगल के धक्कों से जितना मज़ा आ रहा था उतना ही मज़ा उसके मुँह से गालियाँ सुनके भी आ रहा था। वो बेशरम होके बड़ी मस्ती से गाँड पीछे करके मंगल का लंड ज्यादा से ज्यादा अपनी गाँड में लेने लगी। जब मंगल मस्ती से पूजा की गाँड मारने लगा तो पूजा जसवंत का लंड पकड़के उसे सहलाते हुए एकदम रंडी की अदा से बोली, “जसवंत सर अब आप भी कुछ करो ना… आप जैसे चाहो वैसे आज मुझे चोदो… आप दोनों के खेल से मैं बड़ी चुदासी हो गयी हूँ।”

जसवंत पूजा के मम्मे मसलते हुए मंगल को नीचे लेटने के लिए बोला तो मंगल पूजा को अपने ऊपर लेके लेट गया। जसवंत ने पूजा की टाँगें फैला के अपने हाथों से पूजा चूत खोली। उसकी गीली गुलाबी चूत देख के जसवंत खुश हुआ और अपना राजपुताना लंड पूजा की कम्सिन चूत पे रख के बेरहमी से पूजा के मम्मे मसलते हुए अपना लंड पूजा की चूत में घुसाने लगा। जसवंत के बड़े लंड से पूजा को थोड़ी तकलीफ हुई लेकिन उसके मम्मों के मसले जाने से और गाँड में लंड के धक्कों की वजह से वो दर्द उसे ज्यादा महसूस नहीं हुआ। जसवंत आधा लंड उसकी चूत में घुसा के बोला, “छिनाल… साली… तेरी माँ की चूत… हरामी राँड… अब कैसे खुल के चुदवा रही है। तेरी माँ की चूत चोदूँ… साली कितना नाटक कर रही थी और अब मज़े ले रही है २-२ मर्दों से… बहनचोद आज तेरी चूत और गाँड फाड़के रख देंगे हम दोनों।”

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जसवंत ने पूजा की गरम गीली और टाईट चूत में लंड घुसा के धक्के पे धक्का मारके पूरा लौड़ा अंदर घुसेड़ दिया और पूजा के निप्पल खींचते हुए बोला, “ले साली पूजा रंडी… मेरा लौड़ा ले… कसम से तेरे जैसी कम्सिन माल आज पहली बार चोद रहा हूँ। बहनचोद तेरी जैसी लड़की मिले तो काम छोड़के दिन रात सिर्फ़ तुझे ही चोदता रहूँगा।” दोनों मर्द बड़ी बेरहमी से पूजा के बदन से खेलते हुए उसको चोद रहे थे। मंगल तो ज़ोरदार धक्कों से पूजा की गाँड मार रहा था। पूजा जसवंत के मुँह से अपने लिए और अपनी माँ के लिए गंदी गालियाँ सुनके और उत्तेजित हो गयी। अपनी कमर आगे पीछे करके चुदवाती हुई पूजा बोली, “आओ जसवंत सर… मेरे राजा… मेरे बदन के नए मालिक… आओ अपनी इस नई सैक्सी चुदास राँड की चूत में डालो अपना लौड़ा… उउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्‌फ्फ…. जसवंत… हाँ ऊँऊँऊँऊँ…. और डालो राजाआआआ… फाड़ डालो मेरी चूत और मंगल तू ऐसे ही मार मेरी गाँड… ऐसा मस्त तो राजेश और वैभव भी नहीं चोदते मुझे… सर आप और मंगल मुझे जितनी चाहे उतनी गालियाँ दो लेकिन मेरी माँ को क्यों गालियाँ दे रहे हो?”

अब पूजा की गाँड में मंगल का मोटा लंड और चूत में जसवंत का तगड़ा राजपुताना लौड़ा कयामत ढा रहे थे। दोनों वहशियों की तरह पूजा को अपने बदन के बीच रख के बड़ी बेरहमी से एक रास्ते की रंडी जैसे चोद रहे थे। अब मंगल नीचे से पूजा की गाँड मारते-मारते उसके मम्मे बेरहमी से मसलते हुए बोला, “कुत्तिया राँड… जसवंत सर और मैं जो गालियाँ चाहेंगे वो देंगे… तेरी माँ की भी गाँड मारूँ छिनाल… तेरी माँ को गधे के लंड से चुदवाऊँ… हमें तू मत सिखा कि तुझसे कैसे बर्ताव करना है… ऐसे तगड़े लंड मिले हैं तो हमसे गालियाँ खाके चुदवा। हम तुझे और तेरी माँ को जो दिल में आये वो गालियाँ देंगे समझी रखैल?”

जसवंत अब चोदते-चोदते झड़ने के करीब था। इसलिए उसने अपना लंड पूजा की चूत से निकाला और उसके सीने पे बैठ के पूजा का मुँह खोलके अपना लंड उसमें घुसा के बोला “हाय… सालीईईईईई राँड… तेरीईईई माँ की चूत…. ये ली… चूस मेरा लौड़ा छिनाल और ले पी मेरा पानी।” पूजा जसवंत का लंड अपने हाथ में पकड़ के अपने मुँह में ज़ोर से चूसने लगी। जसवंत भी जोश में आ के पूजा के मम्मे बेरहमी से दबाते हुए पूजा का मुँह चोदने लगा और ८-१० धक्कों में झड़ने लगा। झड़ते-झड़ते जसवंत ने पूरा लंड पूजा के मुँह में घुसा दिया। उसके लंड का पानी पूजा के हलक तक गया और पूजा ने वो पानी आहिस्ता-आहिस्ता पी डाला। अपना पूरा पानी पूजा के मुँह मै छोड़के जसवंत ने लंड पूजा के मुँह से निकाला और सोफ़े पे बैठ के पूजा और मंगल की चुदाई देखने लगा। इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

जसवंत के झड़ने के बाद और उसका पूरा पानी पीने के बाद पूजा पूरी तरह गाँड खोल के मंगल से चुदवानी लगी। हाथ पीछे डाल के वो मंगल की कमर सहलाते हुए बोली, “मंगल चोद साले हरामी… मेरी गाँड… तेरी बहुत दिनों से नज़र थी ना मुझ पे… साले मार मेरी गाँड… जसवंत सर आप प्लीज़ मेरी चुचियों को मसलते हुए उनको चूसो… जब मंगल मेरी गाँड में झड़ेगा तब मुझे अपनी चुचियाँ आपके मुँह में चाहिए… प्लीज़ आओ ना सर…” पूजा ने बेशरम हो के अपने मम्मे उठा के जसवंत की तरफ़ कर दिए। जसवंत भी इस गरम लड़की की हिम्मत देखके खुश हुआ। वो सोफ़े पे बैठ के पूजा को पास आने को बोला तो मंगल पूजा को खड़ी करके कुत्तिया के पोज़ में उसकी गाँड मारने लगा। पूजा सोफ़े को पकड़ के झुक गयी जिससे उसके मम्मे जसवंत के मुँह में अपने आप आ गये और वो पूजा की चूचियाँ बारी-बारी मसलके चूसने लगा।

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मंगल अब बड़े ज़ोरों से पूजा की गाँड चोदने लगा। धक्कों पे धक्के मारते-मारते वो तो जैसे पूजा की गाँड को ड्रिल करते हुए बोला, “तेरी माँ की चूत… हरामी राँड… राजेश और वैभव से चुदवाती है और हम से नखरा कर रही थी… साली जब से गाँड और चूत में हमारे लंड लिए तब से बड़ी मस्त हो रही है ना छिनाल…? तेरी माँ को चोदूँ साली… अब देख कैसे गाँड पीछे करके मरवा रही है और जसवंत सर से छिनाल जैसी अपने मम्मे चुसवा रही है… कसम से पूजा आज से मैं तुझे अपनी रंडी बनाके रखुँगा। तू है इतनी मस्त माल कि साली बार-बार तुझे चोदने को दिल करता रहेगा। ये ले… और ले… और ले मेरा लौड़ा अपनी गाँड में मादरचोद… आज तेरी गाँड को बताता हूँ कि राजपुताना लंड कैसे चोदता है तेरी जैसी छिनाल लड़की को।”

जसवंत ने पूजा के मम्मे चूसते हुए उसकी चूत में अँगुली डाल दी और पूजा भी छिनाल जैसी जसवंत का लंड सहलाती हुई बोली, “हाँ साले जैसे कि मुझे मालूम ही नहीं कि राजपुताना लौड़े लड़की की चूत और गाँड कैसे चोदते हैं… अरे मैं ३ साल से राजेश और वैभव से चुदवा रही हूँ समझा? वो दोनों राजपूत भी साले… पूरी बेरहमी से मेरी चूत और गाँड मारते हैं पर मंगल तेरे और जसवंत सर के लंड में जो मज़ा आया वो मज़ा उनमें नहीं… तुम्हारे इन मोटे लम्बे लंडों के लिए मैं हमेशा के लिए तुम्हारी रंडी बनने को तैयार हूँ। तुम दोनों जब… जहाँ और जैसे चाहो… मुझे चोदो… मैं खुशी-खुशी तुमसे चुदवाउँगी मेरे राजा… आज के बाद मैं तुम दोनों की राँड बनके रहूँगी। मंगल तुझे कैसा लगा मेरा यह बदन और मेरी गाँड राजा?”

पूजा की बातें सुनके मंगल उसकी गाँड पे थप्पड़ मारते हुए पूजा को चोदने लगा और जसवंत उसके निप्पल चबाते हुए चूसने लगा। पूजा दर्द और वासना से बेहाल होके चुदवा रही थी। वो दोनों गंदी-गंदी गालियाँ देते हुए पूजा को छिनाल जैसे चोद रहे थे। जब जसवंत ने ज़रा ज़ोर से पूजा के निप्पल को चबाया तो दर्द से पूजा बोली. “ऊउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ…. जसवंत साले हरामीईईई… आराम से चबा न मेरा निप्पल… बहुत दर्द हो रहा है मुझे…।” पूजा के मुँह से अपने लिए गालियाँ सुनके जसवंत फिर से उसके निप्पल चबाते-चबाते चूसने लगा।

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