डेरे वाले बाबा जी और सन्तान सुख की लालसा-3

उस दिन रविवार था जिस दिन आरती ने अपनी बेटी पूजा को चोदने के लिए जसवंत और मंगल को बुलाया था। तय यह हुआ था कि जब वो दोनों आयेंगे तो आरती घर पे नहीं रहेगी क्योंकि आरती की ना-मोजूदगी में पूजा को ब्लैकमेल कर के चुदाई के लिए फुसलाना आसान होगा। सब कुछ ठीक देख कर सुबह ही आरती पूजा से यह कह कर क्ल्ब जाने के लिए निकल गयी वो दोपहर तक वापस आ जायेगी। आरती ने जानबूझ कर आपनी क्लब जाने की बात पूजा को पहले से नहीं बतायी थी क्योंकि नहीं तो पूजा अपने यारों को घर पे बुला लेती और आरती का अपने बेटी को जसवंत और मंगल से चुदवाने का सब प्लैन चोपट हो जाता।

पूजा को भी लगा कि अगर उसे अपनी माँ के प्रोग्राम का पहले से पता होता तो राजेश या वैभव को घर पे ही बुला लेती पर अब उसने सोचा कि वो खुद ही उनके हॉस्टल में जा कर उन्हें मिलेगी। उसने तैयार हो के नीली स्कर्ट और लाल टी-शर्ट पहना। टी-शर्ट के नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि जब ललचायी आँखों से लोग उसकी चूचियाँ और निप्पलों का उभार देख के आहें भरते थे तो उसे बहुत अच्छा लगता था। स्कर्ट के नीचे उसने लाल रंग की पैंटी पहनी थी जो उसके गोरे बदन पे खूब खिलती थी। अपनी लम्बी ज़ुल्फें उसने खुली ही रखी थीं। पैरों में काले रंग के बहुत ही सैक्सी हाई हील के सैंडल पहने थे और एक पैर में उसने पतली सी चाँदी की पायल भी पहनी थी।

यह कहानी भी पड़े  सेक्सी हाउसवाइफ की चूत की प्यास बुझाई

पूजा अभी बाहर निकलने को तैयार ही हुई थी कि जसवंत और मंगल ने आ कर घंटी बजायी। पूजा ने खीझते हुए दरवाज़ा खोला तो सामने प्रिंसिपल और कॉलेज के चपड़ासी को देख कर आश्चर्य हुआ और थोड़ा डर भी गयी। पूजा ने उन्हें अंदर बुला कर दरवाजा बँद किया और उन्हें बैठने के लिए कहते हुए बोली, “अरे जसवंत सर… आप और मंगल… यहाँ मेरे घर कैसे? क्या कुछ काम था आपको मुझसे?” जसवंत उसके शरीर पे अपनी हवस भरी नज़रें गड़ाते हुए बोला, “तेरी माँ नहीं है घर पे? आज हम तेरे बारे में ही बात करने आये थे तेरी माँ से।” पूजा को यह सुन कर सदमा सा लगा और वो बोली, “नहीं सर, वो बाहर गयी है। उससे क्या काम था आपको सर?” सोफे पे आराम से बैठते हुए दोनों अपने सामने खड़ी पूजा के बदन पे ही नज़रें गड़ाये हुए थे। मंगल पूजा की सैक्सी टाँगों को देखते हुए बोला, “पूजा… कॉलेज में अटैंडेंस और पढ़ाई ठीक नहीं चल रही तेरी… बहुत शिकायतें आयी हैं सर के पास… इसलिए इनको मिलना था तेरी माँ से।”

पूजा को एक पल के लिए झटका सा लगा जब मंगल ने पढ़ाई ठीक नहीं चलने के बात की। क्या इन दोनों को उसके राजेश और वैभव के साथ के सम्बंध के बारे में पता था? क्या वो कॉलेज के लड़कों के उस ग्रुप की तरफ इशारा कर रहे थे जिनके साथ वो कैंटीन के पीछे बैठ कर चूमा-चाटी किया करती थी? पूजा जसवंत की तरफ देखते हुए बोली, “सॉरी सर लेकिन आज के बाद आपको कोई शिकायत नहीं होगी मुझसे… मैं अब से पूरी अटैंडेंस दूँगी, पर प्लीज़ मेरी माँ से कुछ मत कहना, वो बड़ी गुस्सेवाली औरत है… मुझे बहुत मारेगी वो।” पूजा को पिछले साल की बात याद आ गयी जब पूजा के फेल होने पर आरती ने शराब के नशे में अपनी इतनी बड़ी जवान बेटी की बहुत पिटाई कर दी थी। पूजा की चूचियों को ललचाई नज़रों से देखते हुए मंगल बोला, “तू झूठ बोल रही है पूजा… हमें तेरे बारे में सब पता है। वैसे भी तेरा मामला बहुत खराब हो चुका है… इसलिए हमें तेरी माँ से मिल के उसे सब बताना ही होगा। अब जब तक तेरी माँ नहीं आती हम उसका इंतज़ार करेंगे।” इस कहानी का शीर्षक ’आरती की वासना’ है!

यह कहानी भी पड़े  किरायडेरअर्नी आंटी की चूत मारी

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!