कॉलेज ट्रिप की शुरुआत सेक्सी लेडी के साथ

ही फ्रेंड्स मैं आपका मूडछंगेरबोय फिर से आया हू इस सेक्सी सीरीस का 2न्ड फेस लेकर. अपने 1स्ट्रीट सेशन में पढ़ा कैसे बेटी अपनी मा की गैर मौजूदगी में अपने बाप से नज़दीकियाँ बढ़ा देती है, और वो दोनो अपनी रिश्तों की मर्यादा तोड़ कर आयेज निकल जाते है. अब ये कहानी है मा की. मा भी अपनी बेटी जैसे लाइफ एंजाय करने निकल पड़ती है. अब उसके साथ भी क्या होता है, पढ़ते है.

ही दोस्तों मेरा नाम डिंपल है. और मैं 42 साल की हाउसवाइफ हू. मैं दिखने में काफ़ी यंग लगती हू. मेरा फिगर है 32सी-28-36 है. मुझे देख कर मेरे पति के दोस्त क्या मेरी बेटी के दोस्त भी मुझे ताड़ते रहते है. मैं हमेशा सारी ही पहनती हू. और उसमे मेरा फिगर बहुत मस्त लगता है. मेरी एक बेटी है, और एक बेटा. मेरे पति के साथ मेरे आचे रीलेशन है, और मैं उनसे काफ़ी खुश हू. हमारी सेक्स लाइफ भी अची है, और मैं उनसे सॅटिस्फाइड हू.

एक दिन मेरी और मेरी बेटी के बीच बहस हो गयी, और उसने गुस्से में कहा की मैं आपका हर एक काम कर सकती हू. तो मुझे उसके ताने सुन कर तोड़ा गुस्सा आ गया. मैने भी कह दिया की अभी तेरा वाकेशन चल रहा है तो मेरी जगह पर 2 दिन रह के दिखा तो सब पता चल जाएगा.

उसने भी उस बात को सीरीयस ले लिया, और डिसाइड हुआ की वो मेरी तरह घर पर सारी पहन कर काम करेगी, और मैं उसकी तरह मॉडर्न कपड़े पहन कर रहूंगी. पहले दिन तो उसने मुझे शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनने को दिया. मुझे शुरू में तो बहुत शरम आ रही थी. दर्र भी लग रहा था की कोई गेस्ट या पड़ोस का कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा. क्यूंकी जब से मैं शादी करके ससुराल आई हू, तब से मैने सिर्फ़ सारी ही पहनी थी. पर मेरी बेटी ने सारी पहनी थी, तो मुझे उसकी ज़िद के आयेज झुकना पड़ा.

सच काहु तो मुझे शॉर्ट्स और त-शर्ट में बहुत ज़्यादा ही कंफर्टबल फील हो रहा था. मेरी बेटी की वजह से मुझे ये सब कुछ ट्राइ करने का चान्स मिला था. शाम को मेरे पति पुनीत आए तो वो मुझे देख कर हासणे लगे.

पुनीत: बेटी तो बेटी, पर मा भी पागल हो रही है.

मुझे उनकी बात पर बहुत गुस्सा आ रहा था. मुझे लगा उनसे मेरी थोड़े दिन की खुशी भी देखी नही जेया रही थी. पर मैने कुछ नही कहा, और खाना खा कर बेडरूम में चली गयी. क्यूंकी उस टाइम पर घर का सारा काम मेरी बेटी कर रही थी, तो मुझे तो आराम ही मिल गया था. थोड़ी देर के बाद मेरे पति बेडरूम में आए.

पुनीत: आज शॉर्ट्स में तुम काफ़ी यंग लग रही हो. तुझे देख कर कोई बोल नही सकता की तेरे 2 बच्चे है.

मैं (तोड़ा मूह बना कर): आपको लगता था मैं बुद्धि हो गयी हू? और अभी पागल किसको बोल रहे थे?

पुनीत: अर्रे मेरी जान मैं मज़ाक कर रहा था. अनु ने जो पागलपन किया है, उससे मुझे दिक्कत हो रही है.

मैं: क्यूँ, आपसे मेरा आराम करना देखा नही जेया रहा क्या (मैने मज़ाक में कहा)?

पुनीत: अर्रे ऐसी बात नही है. आज वो जो सारी पहन कर आई ना, मुझे कुछ अजीब लग रहा था. आज पहली बार लगा की अनु बड़ी हो गयी है.

मैं: हा अपनी अनु बड़ी समझदार हो गयी है. आज मुझे कहा की मुम्मा आप घर की टेन्षन ना लो, और 10 दिन तक बस मौज-मस्ती और आराम करो.

पुनीत (रोमॅंटिक होते हुए): तो चल ना मस्ती करते है.

मैं (मज़ाक में): अनु ने क्या कहा है. 10 दिन के लिए मैं आपकी बेटी हू. और वो मेरी मम्मी.

पुनीत (हेस्ट हुए): तो क्या अब मैं अनु को अपनी बीवी समझू?

मैं (मज़ाक में): आपको जो समझना है वो समझो, पर 10 दिन मेरे से डोर रहो.

बिना कुछ घर का काम किए मुझे अछा नही लग रहा था. उपर से कंवली नही आ रही थी, तो अनु के माना करने के बावजूद मैं उसकी हेल्प करने लगी. 2-3 दिन ऐसे ही निकल गये. सारी के बिना मुझे ऐसा लग रहा था की मैने कुछ पहना ही नही था.

मेरी बेटी ने मुझे बहुत आराम करवाया. मैं रात को मोविए देखती और सुबह देर तक सोती रहती थी. मुझे इतना आराम तो मेरे माइके में भी नही मिलता था. एक दिन मेरी बेटी की फ्रेंड निशा घर पर आई. उसको जब हमारे 10 डेज़ के टास्क के बारे में पता चल उसको बहुत हस्सी आई. उसने अनु का बहुत मज़ाक उड़ाया. उसके बाद निशा ने कहा की ये सब पागलपन छ्चोढो, और जंगल सफ़ारी तौर पर चलो. अनु ने तो माना कर दिया. उसके बाद मेरी बेटी और निशा ने ज़िद की, की मैं उनके साथ जौ.

पुनीत से भी पर्मिशन मिल गयी, तो मैं बहुत खुश थी. मैं थोड़ी नर्वस भी थी, क्यूंकी मैं जिसके साथ जेया रही थी, वो सब मेरी बेटी के दोस्त थे. अब उन लोगों के साथ मैं कैसे मॅनेज करूँगी, वो सोच-सोच कर ही पागल हो रही थी.

मेरी बेटी और उसके दोस्त बहुत ज़िद कर रहे थे, तो 2 दिन के बाद मैं ट्रिप पर जाने को मान गयी. उसके बाद मेरी बेटी ने मुझे शॉपिंग करवाई, और मुझे मॉडर्न कपड़े लेकर दिए. मैने घर आ कर सारे ट्राइ किए. तब मुझे पता चला की सारी के अंदर मैने इतने साल तक अपने सेक्सी फिगर को च्छूपा कर रखा था. मैं काफ़ी यंग और हॉट लग रही थी.

फाइनली वो दिन आ गया जब मुझे जंगल सफ़ारी ट्रिप के लिए जाना था. मैने वाइट त-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी थी. जीन्स में मेरी उभरी हुई गांद बहुत सेक्सी दिख रही थी. जब मैं तैयार हो कर बाहर आई तो मेरी बेटी अनु मुझे देखती रह गयी. उसने मेरी बहुत तारीफ की. मुझे भी अपने आप को यंग फील करके बहुत अछा लग रहा था. अनु और पुनीत मुझे बस तक ड्रॉप करने आए थे. वहाँ उसके सारे दोस्त मुझे देख कर सर्प्राइज़ हो गये.

मुझे सब आंटी बुला रहे थे, तो अनु ने सब की क्लास लगाई और कहा की जब तक ट्रिप ख़तम नही होता सब मुम्मा को नाम से बुलाएँगे. मैने नोटीस किया की सन्नी की नज़र मुझ पर से हॅट नही रही थी. सन्नी के बारे में बता डू, तो सन्नी अनु का बेस्ट फ्रेंड था. वो बहुत अछा लड़का है. अक्सर हमारे घर आता जाता रहता है.

सन्नी गोरा-चितता, काफ़ी हॅंडसम लड़का है. उसके कर्ली हेर उसको काफ़ी गुड लुकिंग बनाते है. सन्नी मुझे काफ़ी पसंद था, पर मैने कभी उसको ऐसी नज़र से नही देखा था. पर जिस तरह वो मेरे फिगर को देख रहा था, मैं अंदर से काफ़ी खुश थी. मुझे थोड़ी शरम भी आ रही थी, और मेरा कॉन्फिडेन्स भी हिगत हो रहा था.

हमारे ग्रूप में हम 8 लोग थे. जिसमे मैं, 4 लड़कियाँ और 3 लड़के थे. बाकी के दोनो लड़के राहुल और सुमित थे. वो दोनो भी मुझे चुपके से देख रहे थे. बाकी की 3 लड़कियाँ स्वेता, रूपाल, और बिजल थी. मैं सब को आचे से जानती थी तो मुझे इतना ऑक्वर्ड फील नही हो रहा था.

मैने देखा की सन्नी मुझे देख रहा था, और अनु उससे कुछ बात रही है. दोनो बहुत खुश लग रहे थे. मैने सोचा था की अनु अपने दोस्तों के साथ ट्रिप मिस कर रही थी, तो उसको बुरा लग रहा होगा. पर अनु काफ़ी खुश लग रही थी. जब बस आई तब मेरा समान रख कर मुझे बस में बिता कर अनु और पुनीत निकल गये. मैं तोड़ा नर्वस फील कर रही थी. सोच रही थी अब आयेज क्या होगा.

निशा: क्या हुआ आंटी? सॉरी डिंपल. आप इतना अपसेट क्यूँ हो रहे हो? हम सब है ना.

बाकी के सब फ्रेंड्स: हा डिंपल, हम सब के साथ आपको मज़ा आएगा (सब हासणे लगे).

मैं भी अब तोड़ा कंफर्टबल फील करने लगी. हमारी बस 3 बाइ 2 की सीट्स में थी. निशा, मैं और सन्नी पीछे की लास्ट सीट पर बैठे थे. और हमारे सामने वाली सीट पर पानी की बॉटल और बाकी कुछ समान रखा था. सन्नी ने कहा की उसको विंडो सीट चाहिए. बीच में मैं बैठी थी, और लास्ट में निशा.

जब बस चली तब हमे ट्रिप के बारे में बेसिक इन्स्ट्रक्षन्स मिली. मुझे ट्रॅवेलिंग में नींद आ जाती है तो कुछ 30-35 मिनिट के बाद मेरी आँख लग गयी. जब मेरी आँख खुली, तो मैने देखा की लास्ट सीट पर मैं और सन्नी ही थे. सन्नी भी सो रहा था. निशा बाकी दोस्तों के साथ बातें करने चली गयी थी.

मैं आपनी आँखें बंद करके बैठी थी. पर मैं जाग रही थी. उसके बाद सन्नी उठ गया, और मुझे उसके साथ अकेला पा कर उसने ऐसा किया की मैं सोच भी नही सकती थी.

सन्नी ने उसका हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया. मेरी धड़कने तेज़ हो गयी, पर मैने कुछ रिक्षन नही दिया. मैने अपनी थोड़ी आँख खोल कर देखा, तो वो मेरी क्लीवेज देख रहा था. पता नही पर मुझे सन्नी की इस हरकत से बुरा नही लग रहा था. जब उसको लगा की मैं पूरी नींद में थी, तो वो हल्के से मेरी जाँघ को सहलाने लगे.

यार मुझे वो बहुत एग्ज़ाइट कर रहा था. मैं अंदर से बहुत खुश हो रही थी, क्यूंकी एक यंग लड़का मेरी तरफ अट्रॅक्ट हो रहा था. सन्नी की हिम्मत और बढ़ी, और उसने मेरी तरफ घूम कर उसका हाथ मेरे पेट के उपर रख दिया. मैं भी उसके कंधे पर अपना सर रख कर सोने लगी. मुझे उसकी गरम साँसे महसूस हो रही थी. वो हल्के हाथो से मेरे पेट को सहलाने लगा.

शादी के बाद पहली बार पति के अलावा कोई और मुझे ऐसे छ्छू रहा था. मैं आपको बता देती हू की मेरी एंगेज्मेंट पहले किसी और से हुई थी, और उसके साथ मेरी 2-3 बार चुदाई हो चुकी थी. मैने ये बात पुनीत से भी नही च्छुपाई थी. मैं किसी को अंधेरे में रख कर अपनी लाइफ को आयेज बढ़ाना नही चाहती थी.

पुनीत को ये बात जान कर बिल्कुल बुरा नही लगा. उन्होने मुझे कहा था की किसी भी लड़की को ये बात बताने के लिए हिम्मत चाहिए. और उन्होने मुझे आक्सेप्ट कर लिया था. वैसे मेरे हज़्बेंड ने बहुत बार मुझे समझाया था की मैं किसी और के साथ रिलेशन्षिप में राहु. उससे मुझे अछा लगेगा, पर मैने वो बात मज़ाक में ले ली. वो तो मुझे किसी और से चूड्ता हुआ भी देखना चाहते है. पर मुझे दर्र है की उससे कुछ गड़बड़ ना हो जाए.

सन्नी का हाथ मेरे पेट के उपर था. इतने में निशा आ गयी, और उसने झटके से हाथ हटा लिया. मैने भी नींद में थी, तो ऐसे ही मेरा सर सन्नी के कंधे से हटा कर निशा की तरफ कर दिया, और मैं फिर से सो गयी. कुछ 30 मिनिट के बाद निशा ने मुझे उठाया. हमने एक होटेल में लंच किया.

रास्ते में एक लोकेशन अछा था. वहाँ हमने कुछ 1 अवर टाइम स्पेंड किया. सन्नी ने वहाँ हम सब की बहुत सारी फोटोस ली. अनु के फ्रेंड्स के साथ मुझे ऐसे लग रहा था की मैं उनकी आगे की हू. वो लोग मुझे बिल्कुल ऐसा एहसास नही होने दे रहे थे की मैं अनु की मम्मी हू.

फाइनली हम फोरेस्ट तक पहुँच गये. कॅंप शुरू होने से पहला वहाँ एक हॉस्टिल टाइप बिल्डिंग बनी हुई थी. और हम जब पहुँचे तब तक हम सब पुर दिन के सफ़र से तक गये थे. हमारे लिए वहाँ पहले से डिन्नर रेडी था. हमे इन्स्ट्रक्षन मिला की आज आप आचे से खाना खा लो. कल से कॅंप में खुद से पका कर खाना है. और शायद आपको इतना अछा टेस्टी खाना मिले भी नही. मैं ये सुन कर ही मायूस हो गयी.

निशा: डॉन’त वरी डिंपल. पहली बार आई हो तो तोड़ा नर्वुसनेस लगता है. मुझे भी ये सुन कर लगा था की बिना अछा खाना खाए मैं कैसे रहूंगी. लेकिन मज़ा आता है. आपको भी आएगा.

सन्नी: डॉन’त वरी, मैं सब मॅनेज कर लूँगा. योउ अरे मी रेस्पॉन्सिबिलिटी. यहाँ से जेया कर मुझे अनु को भी फेस करना है.

मुझे उस दिन पता चला की अनु ने सन्नी को आचे से समझा कर भेजा था. मेरी सारी ज़िम्मेदारी सन्नी के उपर थी. हमने मस्त डिन्नर एंजाय किया, और अपने-अपने बिस्तर पकड़ कर सो गये.

आयेज की सेक्स कहानी अगले पार्ट में.

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