मैथ्स के प्रोफेसर ने मुझे कॉलेज में ही पटक पटक कर चोदा

इसी तरह वो चुदाई का मजा ले लेते होंगे क्यूंकि कोई बीबी तो उनके पास थी थी। उन्होंने अपना सीधा हाथ मेरे बाए दूध पर रख दिया और मेरा दायाँ मम्मा जीभकर मजे लेकर चूसने लगे। मेरी काली काली निपल्स को वो दांत से चबा रहे थे और ऐसे मेरी चुच्ची पी रहे थे जैसे मैं उनकी माल हूँ और उनकी प्रेमिका हूँ। फिर उन्होंने मेरा बायाँ दूध भी मुंह में भर लिया और मजे मारने लगे। इसी बीच मेरी चूत तो किसी मोम की तरह पिघलने लगी और बहने लगी। मेरी चूत का सफ़ेद माल उससे बाहर बहने लगे। दीपक सर को मेरे माल की खुशबू मिल गयी तो वो मेरे मस्त मस्त रसीले दूध छोड़कर मेरी रसीली चूत पर आ गये और मेरी बुर किसी प्यासे और चुदासे कुत्ते की तरह चाटने लगे। मैं सिसकने लगी। “ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी ……मम्मी…सी सी सी” मैं आवाज निकालने लगी। मेरी कामुक आवाजे सर को दीवाना बना रही थी और वो लगातर अपनी लम्बी जुबान से मेरी बुर चाट रहे थे, पी रहे थे और मजा ले रहे थे। फिर सर ने अपनी लम्बी बिच वाली मोटी ऊँगली मेरे भोसड़े में डाल दी और ऊँगली ने मेरी रसीली बुर चोदने लगे।

मैं तडप उठी। आज जमाने बाद किसी मर्द ने मेरे भोसड़े में अपनी ऊँगली डाली थी। दोस्तों, एक 6 फुट लम्बे आदमी की ऊँगली सोच लीजिये कितनी लम्बी होनी। उनकी बीच वाली ऊँगली पूरी ६ इंच लम्बी थी। वो धकाधक मेरी रसीली बुर को अपनी मोती ऊँगली से चोद रहे थे और मजा लेकर बुर किनारे जीभ लगाकर चाट रहे थे। मैं बार बार अपनी गांड उठा रही थी। “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ…चोदिये सर…..मेरी रसीली चूत को अपनी मोती ऊँगली से और चोदिये सर!!”  मैंने कहा, उसके बाद तो उन्होंने मेरी हल्की हल्की झाटो पर ऊँगली सहला सहला कर हजारों बार मेरी चूत में ऊँगली डाली और जीभ लगाकर चाटी और मेरा बुरपान किया।

यह कहानी भी पड़े  गेंगबेंग कहानी 4 लंड ले के मैंने अपनी जॉब बचाई

“चोदिये सर, अब मुझसे भी रहा नही जा रहा है……” मैंने कहा

उसके बाद सर ने अपनी ६” लम्बी ऊँगली मेरी बुर से निकाल ली और सीधा मुंह में डालकर मेरा सफ़ेद माल पीने लगे। उन्होंने मुझे टेबल पर सीधा अपने लंड के सामने मुझे लिटा दिया, अपना खड़े रहे और अपना 7” लम्बा लंड मेरे गुलाबी भोसड़े में डाल दिया और लंड को ठीक से एडजस्ट कर लिया। फिर मुझे दीपक सर मजे से चोदने लगे। वो खड़े होकर मेरी कमर पकड़कर मेरी रसीली चूत में अपना जूसी लंड डालकर मुझे चोद रहे थे। मैं उनकी टेबल पर ही लेती हुई थी और मजे से चुदवा रही थी। सर का लंड कोई ढाई इंच मोटा तो आराम से होगा, मैं उसका पौरुष उनके गदराये लौड़े को अपनी चूत में साफ़ साफ़ महसूस कर सकती थी। वो मुझे खटा खट चोद रहे थे। मेरी कमर उन्होंने कसके पकड़ रखी थी। चुदते चुदते सर ने तेज १०० की रफ्तार पकड़ ली और बहुत जल्दी जल्दी मेरी चूत में लंड डालने लगे। मेरी मम्मे जोर जोर से हिलने लगे जैसे कोई आंधी या भूचाल आ गया हो। इसी बीच सर ने मेरी चूत के दाने पर हाथ रख दिया और जल्दी जल्दी सहलाने और घिसने लगे।

“आआआआअह्हह्हह… अई…अई…. .ईईईईईईई…और तेज चोदिये सर….आप मस्त चुदाई कर रहे है!!!” मैंने कह दिया।

उसके बाद तो दीपक सर पूरी तरह से ठरकी हो गये और मुझे पटक पटक कर चोदने लगे। उसकी नॉन स्टॉप ठुकाई के कारण मैं बार बार अपना पेट और कमर उठा लेती थी और शायद उनके मोटे लौड़े से बचना चाहती थी, पर सर मुझे कमर से उठा कर फिर से टेबल पर पटक देते थे और पटक पटक कर मेरी बुर चोद रहे थे, पर एक भी सेकेंड के लिए वो अपना लौड़ा मेरे भोसड़े से बाहर नही निकालते थे। इसी तरह सर ने मुझे १ घंटा नॉन स्टॉप चोदा और अपना माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया। “आआआआअह्हह्हह….” मैंने चुदने के बाद एक लम्बी साँस छोड़ी।

यह कहानी भी पड़े  असली चुदाई का मजा शादी से पहले ही

“सर आप तो बहुत शानदार ठुकाई करते है!!” मैंने कहा

“हाँ….पर नौकरी ना होने की वजह से मेरी शादी नही हो रही है, ना ही कोई बीवी मिल पा रही है और ना ही उसकी चूत। इस प्राइवेट डिग्री कॉलेज में मुझे बस ७ हजार ही मिलते है, इसलिए मेरी शादी नही हो पा रही है” दीपक सर बोले

“कोई बात सर….जब तक आपकी शादी नही हो रही है…..आप मुझे चोद लिया करना…..वैसे भी मुझे आपसे चुदवाने में बहुत मजा मिला है!!” मैंने कहा

ये सुनकर सर बहुत खुश हो गये और मेरे उपर लेट गये और मेरे ओंठ पीने लगे। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अपनी लम्बी टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और पीछे से आकर मेरे बड़े बड़े उजले चुतड और पुट्ठे सहलाने लगे और चूमने लगे। मैंने भी किसी तरह का कोई विरोध नही किया और मजे से सर से अपने पुष्ट पुट्ठे चटवाती रही। उसके बाद सर ने मेरी रसीली चूत की घाटी ढूढ़ ली और मेरी चूत की घाटी को अपनी जीभ से चाटने लगे और पीने लगे। मैंने अपनी गांड और पिछवाड़ा उपर उठा दिया था। दीपक सर जमीन पर ही खड़े थे और मजे से मेरी चूत की फांक पी रहे थे। मेरी दोनों चिकनी जांघ बंद होने के बाद मेरी बुर पीछे की तरफ से उभर गयी थी जिससे सर को वो और भी आकर्षक लग रही थी। सर काफी देर तक मेरी बुर पीते रहे, फिर अपना लम्बा और ताकतवर लंड डालकर मुझे पीछे से डॉगी स्टाइल में चोदने लगे। मुझे बहुत मजा आया। उन्होंने मुझे 40 मिनट चोदा और मेरे सफ़ेद चिकने पुट्ठों पर ही माल निकाल दिया।

Pages: 1 2



error: Content is protected !!