मेरा नाम अंकुर है. पिछली कहानी में मैने बताया था, की कैसे रवि और प्रथमेश नाम के सीनियर्स ने मुझे रॅगिंग की कंप्लेंट करने के कारण नंगा किया था. और कैसे दूसरे ही दिन रवि और मैने सुबा साथ में नंगे हो कर शवर लिया. एक रात कैसे रवि और मैने एक-दूसरे को हॅंजब और ब्लोवजोब दिया. इसी कहानी को मैं आयेज बढ़ता हू.
इस कांड को अब 4-5 दिन हो गये थे. पर अब तक मेरी यादें उस रात में ताज़ा थी. और उस रात के बाद मैने अपना लंड हिलाया नही था. जब भी कोशिश करता, मुझे रवि के साथ बिताया वो कुछ वक़्त याद आता. और अभी सच में मैं रवि को मिस कर रहा था. मुझे एक और बार रवि के साथ नंगा होना था, और उससे अपना लंड चुसवाना था. मैं उसके लिए तड़प रहा था. पर उसे बोलने की हिम्मत नही हुई.
उसी दिन रवि मिला, और हमारी रेजिंग टेरेस पर हुई. मैं रवि के पास जाने की कोशिश कर रहा था, पर बात नही बनी. रात के 1:30 बाज गये थे, और हम सब अपने कमरे की और जाने लगे. तभी रवि ने मुझे इशारा किया, और मैं उसकी तरफ जाने लगा. रवि मुझे अपने साथ उसके कमरे में ले गया. कमरे में जाते ही उसने मुझे पकड़ा, और मेरी आँखों में देखा.
रवि ने कस्स कर मुझे पकड़ा, और मेरे करीब आने लगा. मेरा दिल ज़ोरो से धड़कने लगा. रवि ने मुझे किस किया. हम दोनो के होंठ मिले, और हम दोनो एक-दूसरे के होंठो का रस्स पीने लगे. कुछ ही देर में मैने भी अपनी शरम भूल कर रवि को पकड़ा, और उसे पागलों की तरह किस करने लगा. रवि को पता चल गया था की मैं भी उसके लिए तड़प रहा था.
रवि: क्या बात है मेरी जान. आज तू भी भरा पड़ा है. चल आज मचाते है.
मैं: यार रवि. मैं तो उस दिन से पागल ही हो गया हू. मुझे बस तुम ही आस-पास दिखते हो.
कुछ वक़्त ना गावते हुए रवि ने मेरी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया. और मैं भी माधमस्त हो गया. मैं उसके होंठ और हाथो को मेरे उपर महसूस करके पागल सा हो रहा था. रवि ने किस करते-करते मेरी त-शर्ट उतरी, और बनियान फाड़ दी.
रवि ने तारक में मेरे दोनो बूब्स को दबोचा, और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. कभी बहुत ज़ोर से दबाता, तो कभी धीरे. उसके नाखूनओ के निशान मेरे दोनो बूब्स पर आ गये. मैं कभी आह आ की आवाज़ निकालता तो कभी चिल्ला देता.
रवि: रंडी के, चिल्ला मत ना. अब क्या पुर हॉस्टिल को बताएगा क्या?
ये बोल कर रवि मेरे निपल्स को चूसने लगा. मेरे शरीर में करेंट सा दौड़ गया. फिर मैने भी रवि की त-शर्ट उतरी, और अब हम दोनो उपर से नंगे हो गये थे. मैने भी उसके बूब्स दबाए और चूज़. फिर रवि ने मुझे बेड पर पटका, और मेरी पंत उतारने लगा. रवि ने भी अपनी जीन्स उतरी, और मेरे उपर आके लेट गया. हम दोनो एक-दूसरे के उपर लेते हुए थे, वो भी चड्डी में.
हमारे लंड एक-दूसरे के लंड को टच हो रहे थे, और रवि भी फुल मस्ती के मूड में था. तो वो ऐसे ही अपनी गांद उपर-नीचे करके मेरे लंड को अपने लंड से दबाने और शॉट्स मारने लगा.
रवि: सुन मेरी रानी. आज तुझे ऐसे छोड़ूँगा, की कल चल भी नही पाएगा.
मैं शॉक हो गया. मैने ये सब नही सोचा था. मुझे लगा था की आज भी हॅंजब और ब्लोवजोब ही करेंगे. मैने रवि को इसके लिए माना किया. पर रवि नही माना. उसने अपना सीनियर वाला रूप दिखना शुरू किया. रवि ने मेरी चड्डी खींच के मेरे पैरों से अलग कर दी, और खुद की चड्डी भी निकाल कर नंगा हो गया. उसने अपने कपबोर्ड से लूब्रिकॅंट निकाला, और उसके लंड पर लगाया.
मैं: प्लीज़ रवि, गांद नही ना. मैने कभी नही किया.
रवि: कुछ नही होगा. बस पहली बार कर रहा है, इसलिए दर्द होगा. पर बाद में मज़ा आएगा.
ये कह के रवि मेरे पास आया, और मेरे पैरों को पकड़ कर अलग किया. फिर लूबे को अपने हाथ में लेकर मेरी गांद पर लगाने की कोशिश की. मैं वाहा से हॅट गया तो उसने मुझे पकड़ा और बेड पे उल्टा पटका. फिर खुद मेरे उपर लेट गया. मेरे दोनो हाथो को उसने अपने एक हाथ से पकड़ा और बोला-
रवि: देख जूनियर, आचे से मरवा, वरना पुर हॉस्टिल के सामने तेरी गांद मारूँगा.
मैं: प्लीज़ रवि, गांद मत मारो ना मेरी.
रवि: देख गांद तो मैं लेके रहूँगा.
ये कह के मेरी गांद के च्छेद पर उसने लंड लगाना शुरू किया. मैं उसके भारी भरकम शरीर के नीचे दबा हुआ था. फिर रवि ने मेरा एक पैर तोड़ा साइड में किया, और अपना लंड मेरी गांद के च्छेद पर रखा. फिर उसने मेरी गांद के अंदर लंड डालना चाहा, पर वो गया नही. तो उसने अपनी उंगली से मेरी गांद सहलाई और मेरी गांद में एक उंगली डाल दी.
सिर्फ़ एक उंगली जाने से भी मैं चीख पड़ा, क्यूंकी ये मेरा पहला अनुभव था. फिर भी मैं कुछ नही कर पाया. रवि ने 4-5 मिनिट तक एक उंगली मेरी गांद में अंदर-बाहर की. मुझे ऐसे लगा की मैं पॉटी कर दूँगा. पर कुछ देर रुक कर रवि ने अपनी दूसरी उंगली डाली. इस बार तोड़ा और ज़्यादा दर्द हुआ. फिर कुछ देर अंदर-बाहर करने के बाद रवि ने फिरसे अपना लंड मेरे च्छेद पर रखा.
पहले तो दिक्कत हुई, पर बाद में तोड़ा सा उसका लंड घुस गया. अब पहली बार एक सॉफ्ट सी चीज़, एक ओरिजिनल लंड मैने अपने अंदर महसूस किया. मैने हिलना बंद किया. रवि ने ज़ोर लगाया, और धक्का दिया. उसका टोपा मेरे अंदर चला गया.
मैं: दर्द हो रहा है. प्लीज़ निकालो इसे.
रवि: चिल्ला मत गान्डू. आज तो तेरी गांद ऐसे छोड़ूँगा, की कल से खुद छुड़वाने के लिए भीख माँगेगा मुझसे.
फिर रवि ने तोड़ा पॉज़ दिया. उसके बाद एक झटका देकर उसने अपना आधा लंड घुसा दिया. कुछ देर तक अंदर-बाहर करने के बाद उसका पूरा लंड मेरी गांद में जेया रहा था. इस तरह मेरी गांद चुदाई शुरू हुई. मैं उल्टा लेता, और उससे गांद छुड़वा रहा था. पर कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा.
पहले तो उसका लंड एक लोहे की रोड की तरह मेरी गांद में महसूस हो रहा था. पर अब वही लंड मुझे गांद चूड़ते वक़्त मज़े दिला रहा था. मैने भी चिल्लाना कम कर दिया था, और रवि ने भी मुझे पहले के मुक़ाबले प्यार से और धीरे-धीरे छोड़ना शुरू कर दिया. अब मैं भी अपने पैर फैला के और गांद उठा के साथ देने लगा. और रवि भी अपनी स्पीड कम ज़्यादा करके छोड़ने लगा.
रवि: साली मेरी रांड़. अब गांद उठा के छुड़वा रहा है. बड़ा मज़ा आ रहा है तुझे अब. थोड़ी देर पहले तो माना कर रहा था.
मैं: प्लीज़ रवि, धीरे करो. और छोड़ो मुझे, और छोड़ो. आ आह, फाड़ दो मेरी गांद. छोड़ो मुझे, आह उहह.
हम दोनो की चुदाई 15-20 मिनिट चली, और रवि ने अपना कम मेरी गांद पर ही निकाल दिया. फिर वो मेरे उपर नंगा ही लेता रहा. कुछ वक़्त बाद फिरसे रवि ने मुझे स्टडी टेबल पर बिताया, और नीचे से लंड डालने लगा. इस बार मैं भी उसकी बाहों में लिपटा अपनी गांद छुड़वाने को तैयार था.
मुझे उत्तेजित देख रवि ने फिर एक बार मुझे किस किया, और यहा नीचे से एक धक्के में आधा लंड मेरे गांद में डाल दिया. फिर एक थप्पड़ मेरे गाल पर मारा. इस बार उसके थप्पड़ में भी मुझे मज़ा आ गया. उसने मेरे दोनो पैरों को फैलाया, और अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद स्पीड बढ़ी. रवि भी मेरे बालों को पकड़ कर खींचने लगा, और हम दोनो एक-दूसरे को देखने लगे. वो मुझे देख रहा था, और नीचे अपने लंड से गांद छोड़ रहा था. जान-बूझ कर वो कभी झटके देता, तो कभी धीरे से प्यार से अपना लंड घुसता. क्यूंकी कभी दर्द के, या कभी आनंद के एक्सप्रेशन मेरे चेहरे पर आते, तो उन्हे देख कर उसे मज़ा आता. और कभी ज़ोर से लंड अंदर डालता ताकि में चीखू.
उसने मुझे अपनी सूपीरियारिटी से दबाए. लेकिन मुझे भी उससे छुड़वाने में मज़ा आ रहा था. कुछ देर की चुदाई के बाद उसने अपना कम मेरे लंड और पेट पर निकाला. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ कर हॅंजब दिया, और कुछ ही वक़्त में उसने मेरा कम भी मेरी ही बॉडी पर निकाल दिया. उसने मुझे बातरूम में ले जेया कर साथ में नहाने को कहा.
फिर हमने एक-दूसरे को सॉफ किया. हम दोनो ने चड्डी पहनी और बेड पर साथ में लेट गये. फिर कुछ देर मस्ती करते वापस हम दोनो ने एक-दूसरे को नंगा कर दिया. उसके बाद हम नंगे ही सो गये. सुबा हुई तो मैं उठ गया, और रवि भी उठ कर ब्रश कर रहा था. रवि अभी भी नंगा था, और मुझे उठा देख उसने ब्रश कंप्लीट किया, और मेरे पास आया.
रवि: चल तुझे नाश्ता करवाता हू.
मैं समझा नही. फिर रवि ने मुझे बातरूम में ले जेया कर कमोड पर बिताया, और अपना लंड मेरे मूह के पास ला कर बोला-
रवि: चल जानेमन, जूनियर मेरे, चूस इसे, और कर ले सुबा-सुबा अपना नाश्ता. आज तो पूरा कम पीना पड़ेगा तुझे.
मैं कुछ बोल पौ उससे पहले रवि ने मेरे मूह में लंड डाल दिया. मैने भी उसकी नंगी गांद पर दोनो हाथ रखे, और उसका लंड लॉलिपोप की तरह चूसने लगा. कभी मैं चूस्टा, तो कभी वो मेरा मूह छोड़ता. फिर कुछ देर में उसने अपना पानी मेरे मूह में निकाल दिया, और निकालते वक़्त उसने मेरा सिर अपने लंड पर ज़ोर से दबाया.
मुझे डाइरेक्ट गले में उसका कम महसूस हुआ. मैने पहली बार किसी लड़के का लंड पिया था. फिर उसके बाद मैने उसे लंड सॉफ करके दिया, वो भी सिर्फ़ मूह से चाट कर. रवि मुझसे बहुत खुश था.
उस रात के बाद रवि मेरा फॅवुरेट सीनियर और रवि का मैं फॅवुरेट जूनियर बन गया. उस पुर महीने हमने हर दो दिन बाद चुदाई की. और ना-जाने कितनी बार रॅगिंग के दौरान मैने रवि का लंड चूसा होगा. यहा तक की हमारे कुछ फ्रेंड्स को हमारे बारे में पता चल गया था. पर उन्होने हमारा सीक्रेट सीक्रेट ही रखा.
अगर आपको कहानी पसंद आई, तो आप अपनी प्रतिकारिया जवानिकजोश@आउटलुक.कॉम पर ज़रूर बताए. या कॉमेंट करे. ताकि मैं इसका अगला पार्ट लिखू. हमारा एक्सपीरियेन्स जहा रवि ने मुझे मैड का ब्लॅक आंड वाइट ड्रेस पहना कर फ्रेंड्स के बीच खड़ा करके छोड़ा. और हमारा पहला ग्रूप सेक्स एक्सपीरियेन्स तो कमाल का था.