ये कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है. इस कहानी को मैं जीवन भर नही भूल सकता. ये कहानी की शुरुआत उस टाइम हुई जब मेरी ब.टेक करने के बाद सभी दोस्त प्राइवेट कंपनी पकड़ लिए, और मैं कुछ अपने जीवन के बारे में सोच रहा था, की क्या किया जाए. ऐसे ही 10-12 दिन निकल गये.
फिर मेरा मॅन ईयेज़ की तैयारी के लिए बन गया. घर वालो को बोला तो उन्होने मुझे कोचैंग देखने के लिए बोला. मैं पहुँच गया कोचैंग देखने. मैने कोचैंग में 1-2 दिन क्लास लेकर बाकी की फीस जमा करवा दी. ऐसे ही 5-7 दिन और निकल गये.
मैं आयेज-आयेज वाली बेंच पर बैठता था. ऐसे ही जीवन चल रहा था. खूब पढ़ रहे थे. एक दिन मैं तोड़ा सा लाते हो गया, और जस्ट मेरे पीछे वाली सीट पर 2 गर्ल्स आके बैठी. उनमे से अक लड़की दिखने में अची थी, 32-30-32 का साइज़ होगा उसका. पहले मैने सोचा होगी कोई ऐसे ही. लेकिन मुझे काफ़ी अची लगी.
माफ़ करना मैने अपना नाम नही बताया. मेरा नाम किशन है. मैं जाईपुर से हू. चलो अब कहानी पर आते है.
वो लड़की मुझे अची लगी, और ऐसे ही 2-3 दिन और निकल गये. फिर एक दिन पीछे से कोयल की तरह मीठी आवाज़ आई-
आवाज़: क्या मैं आपका पानी पी सकती हू?
मैं थोड़ी देर रुका और बोला: सॉरी, क्या बोला आपने?
उन्होने बोला: मैं आपकी बॉटल से पानी पी सकती हू.
मैने बोला: जी ज़रूर.
मैने मॅन में सोचा आज इस बॉटल से पानी पी रही है, कुछ दीनो में मेरे लंड का भी पानी पिलौँगा ऐसे ही. हमारी थोड़ी बहुत बातें होती गयी. एक दिन मैने मॅन बना कर उससे नंबर माँगा.
उसने बोला: मेरा नंबर तो अपने कोचैंग के ग्रूप में है. वाहा से ले लेना.
मैने बोला: ग्रूप से लेना होता तो आपसे माँगता नही. दे सको तो आप डेडॉ. नही तो कोई बात नही.
उसने बोला: लेलो.
मैने बोला: क्या लेलू?
उसने बोला: मेरा नंबर लेलो.
मैं तोड़ा अलग मूड में था. मैने नंबर लिया और धीरे-धीरे बात होने लगी. कभी नोट्स के रूप में, कभी किसी और के बहाने. एक दिन मैने उसको ई लोवे योउ बोला. उसने अपने जीवन के बारे में मुझे बताया. काफ़ी अछा लगा मुझे, की उसने मुझसे खुल के बात की.
फिर हमारे मिलने का समय निश्चित हुआ. लेकिन मिलने से पहले लॉक्कडोवन् लग गया. मैं अपने घर वो अपने घर. घर पर बहुत बातें होती थी. धीरे-धीरे सेक्स की बातें होने लगी. सेक्स की बातों से सीधे फोन सेक्स होने लगा. मैं इधर से मेरे लंड की फोटो भेजता, उधर से वो अपनी छूट की. ऐसे ही लॉक्कडोवन् के दिन निकालने लगे.
एक दिन लॉक्कडोवन् खुला. मैं सीधे जाईपुर पहुँचा और वो भी जाईपुर पहुँच गयी. फोन सेक्स बहुत होने के कारण अब हम केवल सेक्स की ही बातें करते. एक दिन मैने सेक्स के लिए पूछा तो उसने हा बोला.
मैने एक होटेल बुक किया. फिर सीधा दोनो एक दिन के लिए अंदर. दोनो ने पहली बार एक-दूसरे को च्छुआ. फिर गले लगा लिया. हम दोनो गले लगते-लगते कब किस करने लगे पता नही. हमारे होंठो से होंठ चिपक गये.
क्या बतौ दोस्तों, होंठो को चूसना कितना अछा लगता है. इधर होंठ अपना काम कर रहे थे. फिर हाथ अपना काम करने लगे. मेरे हाथ उसके बूब्स दबाने लगे. होंठो से होंठ छिपकने के कारण मेरे मूह में गून-गून की आवाज़े आ रही थी. थोड़ी देर बाद होंठ अलग हुए. तब वो आअहह उउउहह करने लगी, और बूब्स धीरे दबाने को बोलने लगी.
लेकिन हाथ कहा मान रहे थे. वो तो अपना पूरा मज़ा ले रहे थे. वो आ आ कर रही थी. आज भी उसकी वो सिसकारियों को याद करके मेरा लंड खड़ा हो जाता है. जब ये कहानी लिख रहा हू, तब भी मेरा लंड खड़ा है. वापस कहानी पर आते है-
हाथो से मैं बूब्स दबा रहा था. होंठो से होंठ चिपक रहे थे. दूसरी और मेरा दूसरा हाथ धीरे-धीरे छूट की और जेया रहा था, और कपड़ों के उपर से ही छूट को सहला रहा था.
वो बोल रही थी: धीरे-धीरे करो. दर्द हो रहा है बूब्स में.
मैने फिर सीधे उसको बेड पर लिटाया, और उसकी त-शर्ट को उपर करके सीधे उसके शरीर पर च्चढ़ गया किस करने. उसके होंठो से शुरू करके उसकी गर्दन पर किस करने लगा. कभी उसके कान पर किस करने लगा. वो तो तड़पने लगी.
धीरे-धीरे मैं उसके सर से शुरू होके पहले उसके होंठो तक, फिर गर्दन, फिर बूब्स, और फिर नाभि तक आया. फिर मैं उसकी छूट तक आ गया. मैं एक हाथ से उसके 30″ के बूब्स को ज़ोर से दबा रहा था. दूसरे हाथ से छूट के होंठो से खेल रहा था.
वो बिन पानी की मछली की तरह. झटपटा रही थी. उसके मूह से केवल आ उउउः श निकल रहा था. वो केवल एक ही बात बोल रही थी-
वो: अब रहा नही जेया रहा है. डाल दो अपना लंड.
मैने बोला: अभी तो टाइम है. अभी रुक.
मेरे लंड से वो खेल रही थी, और उसको आयेज-पीछे कर रही थी. मैने भी किस करना चालू रखा. जैसे ही मेरे होंठ उसकी कमर पर किस करने लगे, वो तड़पने लगी.
वो मुझे बोलने लगी: अब रहा नही जेया रहा है. कितना और तड़पावगे?
मैने अनसुना किया, और अपने होंठो को सीधा छूट की और बढ़ा दिया. छूट बिल्कुल सॉफ होने के कारण मेरे होंठ उसकी छूट के होंठो से मिले. उसने पानी छ्चोढ़ दिया. मैने सॉफ करके छूट को छाता.
वो मुझे गालियाँ दे रही थी: मदारचोड़, मारेगा क्या. डाल दे यार. होंठो से ही छोड़ेगा क्या? या तेरे लंड का दूं भी दिखाएगा?
मैं सीधे उसके बूब्स को चूस्टा, और वो ज़ोर से उऊः आ मा करती रही. बहुत ही बुरी तरह से बूब्स चूस रहा था. बीच-बीच में हल्का सा बूब्स को काट-ता, तो वो चिल्लती, गाली देती.
वो: मदारचोड़ डाल दे.
मेरे अंदर नही डालने के कारण उसने कॉंडम लगाया लंड पर, और अपने आप उसको छूट पर सेट कर रही थी. फिर मैने लंड को अंदर घुसने ले लिए झटका दिया.
वो ज़ोर से चिल्लाई: आह, लंड टेढ़ा गया है. निकाल कर दोबारा डाल ले ना.
मैने बोला: देखता हू. टेढ़ा कहा गया है?
फिर मैने पीछे खींच कर ज़ोर से लंड को पूरा अंदर डाल दिया. उसकी मा चुड गयी, और वो गाली देने लगी. उसकी आँखों में आँसू थे.
मैने किस करके बोला: मेरा लंड ही टेढ़ा है, तो टेढ़ा ही जाएगा.
फिर मैं उसे छोड़ने लगा. पूरा दूं लगा दिया. उसके पैर मेरे कंधो पर थे. वो ज़ोर से आहें भर रही थी. वो 2 बार झाड़ चुकी थी. मेरा भी अब होने वाला था. मुझे एहसास हुआ शायद कॉंडम फटत चुका था.
मैने फिर लंड को बाहर खींचा तो सच में कॉंडम फटत चुका था. मैने अपने माल को उसके बूब्स के बीच में डाला. फिर हम दोनो साथ में नहाए. 3 बार और सेक्स करने के बाद हम रात को सो गये. हमे बड़ा मज़ा आया.
उसकी छूट में दर्द कर रहा था तो मैने गोली मेरे बाग में थी, उसे दे दी. उसके बाद मैने उस को 100 बार से ज़्यादा ही छोड़ा होगा. वो बहुत खुश थी. अगर ये कहानी अची लगी तो मैं और लिखूंगा. थॅंक योउ