कोचैंग वाले की बीवी के लिए वासना

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम जीतन है. मैं 23 साल का हू. आज मैं आपके साथ मेरा पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स शेर करने जेया रहा हू. 2019 की बात है, जब मैं ब.कॉम 1स्ट्रीट एअर में था. उस टाइम मेरा पढ़ाई में इतना ज़्यादा मॅन नही लग रहा था, क्यूंकी मैं ज़्यादातर फोटोग्रफी और ट्रॅवेल में टाइम वेस्ट कर देता था. इस वजह से मेरी एक पेपर में बॅक भी लग गयी. बहुत दाँत पड़ी उस टाइम.

इसलिए मेरे घर वाले मुझे कोचैंग लेने बोले. अक कोचिंग में अड्मिशन भी कर ली. बुत मैं जाता नही था, और ऐसे ही दोस्तों के साथ घूमता था. इसलिए बाबा हमारी एक रिलेटिव से बात किया. उन्होने उनकी एक जान-पहचान में टीचर थे, उनके पास कोचैंग लेने भेजा मुझे.

मैं कोचैंग में दोस्तों के साथ पद के बिगड़ जाता था. इसलिए उन्होने उनके घर में कोचैंग लेने के लिए बोला. फिर मैं उनके घर सुबा के 8 बजे जाता था. सिर के घर में 4 ही लोग रहते थे, सिर, उनकी वाइफ, उनके 2 बच्चे. एक 12त में पढ़ता था, और एक 10त में. सिर की वाइफ दिखने में खूबसूरत थी, बुत थोड़ी सी हेल्ती थी.

मैं सच बतौ तो मैने पहली बार उनको देख के ही छोड़ने को मॅन बना लिया था. उसके पहले ऐसी फीलिंग और किसी पे नही आई थी. मैं रोज़ कोचैंग जाने लगा. जान-बूझ कर मैं लाते करता था, और सिर तब तक कॉलेज चले जाते थे. बच्चे भी स्कूल चले जाते थे. इससे मुझे उनके साथ बात करने का टाइम मिल जाता था. वैसे वो भी टीचर थी, तो कभी-कभी वो भी मुझे पढ़ा देती थी.

ऐसे ही चल रहा था.

बुत सच बतौ तो मैं जान-बूझ कर बात करते-करते उनके रूम में भी चला जाता था. अर्रे मैं तो आंटी के बारे में बताना ही भूल गया. उनका नाम रखी था. सच बतौ तो मैं फिगर कैसे बताते है जानता नही हू. बुत आंटी 36″ साइज़ ब्रा और 32″ साइज़ के पनटी पहनती थी.

एक दिन की बात है. मैं जान-बूझ के लाते गया. सिर कॉलेज और बच्चे स्कूल जेया चुके थे. मैं लगभग 10:30 के करीब पहुँचा. आंटी उस टाइम टीवी देख रही थी.

आंटी: जीतन, आज इतना लाते क्यूँ आए? सिर तो कॉलेज जेया चुके है.

मैं: नही आंटी, मैं तो नोट्स लेने आया था, कल मैने नोट्स ही यहा पे छ्चोढ़ दिए थे.

आंटी: ओक ठीक है. तू आके पहले बैठ, मैं नोट्स लाती हू.

उस टाइम आंटी ने निघट्य पहनी थी. ओह क्या बतौ क्या ही लग रही थी. मेरा तो देखते ही खड़ा होने लगा. आंटी फिर आई, और कुछ देर तक बात की. उन्हे देख के और कंट्रोल नही हुआ मुझसे. मैने सोचा की जाके बातरूम में हिला लेता हू.

मैं: आंटी क्या मैं आपका बातरूम उसे कर सकता हू?

आंटी: हा जाओ.

फिर मैं गया, और बातरूम खोल के जो देखा, मेरा दिमाग़ ही काम करने बंद कर गया. आंटी की कुछ ब्रास, पॅंटीस, और कुछ कपड़े थे वाहा. शायद वॉश करने रखे थे. उनको देख के जो फीलिंग थी, बता नही सकता. मैं एक-एक ब्रा और पनटी को सूंघने लगा, और हिलने लगा. इतना खो गया था मैं, की उनकी पनटी के उपर ही डिसचार्ज हो गया था.

मुझे पता नही था, की उन्हे ये पता चल गया था या नही. ऐसे ही 3 महीने रोज़ जाता था, और उनकी पनटी सूंघटा था. एक दिन मैं उनके रूम में ही उनकी पनटी और ब्रा स्मेल कर रहा था. उन्होने देख लिया, और मुझे एक थप्पड़ भी लगाया.

आंटी: तुम ये क्या कर रहे हो?

मैं: सॉरी आंटी, मैं दोबारा नही करूँगा.

फिर उन्होने मुझे जाने दिया. फिर थोड़े दिन बाद आंटी आई और बोली-

आंटी: तुम कितना टाइम यहा रुकोगे

मैं: थोड़ी देर.

उसी टाइम सिर आंटी को बुलाए, तो आंटी जाने लगी.

आंटी मुझे बोली: तुम मेरी एक हेल्प करोगे?

मैं: हा बोलिए.

आंटी: मेरे पैर में मोच आई है. मैं सीधी बही चल सकती. अंकल के कुछ कपड़े च्चत पे सूखा दोगे?

मैं: हा-हा ठीक है.

मैं जाने लगा बातरूम की तरफ. आंटी अपनी पनटी उतार के दी और बोली-

आंटी: अब तू जेया ही रहा है, तो ये भी ले जाना, और इसको धो के सूखा देना.

वो पनटी देके जेया ही रही थी की.

फिर वो बोली: उस दिन की तरह मेरी पनटी को गंदा मत करना.

और वो चली गयी. मैं गया तो देखा बातरूम में कोई कपड़े ही नही थे. मैं समझ गया की ये पनटी देने का बहाना था. सच बतौ तो उनकी पनटी में से कुछ अलग ही खुश्बू आ रही थी. फिर मैने हिला के पनटी वही फेंक दी, और चला आया.

उस दिन रात भर मैने बहुत सारी पॉर्न वीडियो देखी, और छोड़ने का प्लान बनाया. 1स्ट्रीट टाइम था ना, सो मेरा एक फ्रेंड है, उनका मेडिसिन स्टोर है, उससे बात की. मैने उसे कॉनडम्स लाने के लिए बोला. सच बतौ तो उस टाइम बाहर की शॉप से लेने में दर्र लग रहा था. इसलिए फ्रेंड को बोला था.

आप सभी को तो दोस्तों के बारे में पता होगा साला कॉनडम्स के साथ टॅब्लेट्स लाया था. एक तरह से ठीक ही किया था उसने. आंटी रही एक्सपीरियेन्स वाली, और मेरा 1स्ट्रीट टाइम था. मैं 11 बजे उनके घर में गया. पहले से ही मैने टॅबलेट खा ली थी.

आंटी: ओह आ गये. कल मैं तुम्हे क्या बोली थी, और पनटी पर क्या किए थे तुम?

मैने कॉंडम निकाला, और उनके हाथ में धार दिया.

आंटी: ये क्या है? मुझे क्यूँ दे रहे हो. प्लीज़ तुम चले जाओ यहा से.

मैं: आंटी मुझे पता है आप मेरे साथ सेक्स करना चाहते हो.

आंटी: नही ऐसी बात नही है.

मैं: तो फिर आप मुझे पनटी क्यूँ दिए?

आंटी: मानती हू तुम्हारे साथ सेक्स करने के लिए इंटेरेस्ट है, बुत तुम मेरे हब्बी के स्टूडेंट हो, और मुझसे छ्होटे हो.

मैं: मैं तो उनसे ज़्यादा आप से पढ़ा हू. और हा मैं आप से छ्होटा हू. बुत मैं आपको खुश कर सकता हू.

आंटी: नही तुम जाओ. मुझे नही करना है तुम्हारे साथ.

मैं: प्लीज़ आंटी, एक बार.

आंटी: नही.

मैं: ओक ठीक है बुत मैने आज तक किसी की छूट नही देखी है. आप एक बार दिखा सकते हो?

आंटी: नही तुम जाओ यहा से.

मैं: प्लीज़ आंटी आप अपनी पनटी देते हो सूंघने को. एक बार दिखाने से प्राब्लम क्या है?

आंटी: नही, तुम एक बार देखोगे तो सेक्स करने को बोलॉगे. मुझे नही दिखानी है.

मैं: नही बोलूँगा. विदाउट पर्मिशन तुछ भी नही करूँगा प्लीज़.

फिर मैने अपनी पंत नीचे की, और मेरा लंड उनके सामने रख दिया. आंटी कुछ देर तक मेरे लंड को घूरती रही, और फिर बोली-

आंटी: ठीक है, बुत टच मत करना.

मैं: ओक.

फिर हम रूम में गये, और बेड पे लेट गये. फिर उन्होने लेग्स को उपर किया, और पनटी को उतार के मेरे पास फेंक दिया और पैर फैला दिए.

आयेज की बात मैं नेक्स्ट पार्ट में बताने वाला हू. ये मेरी सॅकी स्टोरी है, कोई काल्पनिक नही है. कृपया मेरे कहानी के हर पार्ट को पढ़ना.
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