पापा ने लंड बाहर निकाल लिया और चूत को अपना निशाना बनाया- जान… चूत तैयार है ना, ले ये गया मेरा लंड तेरी चूत में… हाय इतनी चिकनी और गीली…’ और उसका लंड पीछे से ही मेरी चूत में घुस पड़ा।
एक तेज मीठी सी टीस चूत में उठी, चूत की दीवारों पर रगड़ से मेरे मुख से आनन्द की सीत्कार निकल गई।
‘हाय रे… पापा मर गई… मज़ा आ गया… और करो….’ पापा का लंड गाँड मारने से बहुत ही कड़ा हो रहा था… पापा के चूतड़ खूब उछल उछल कर मेरी चूत चोद रहे थे।
मेरी चूचियाँ भी बहुत कठोर हो गईं थीं, मैंने पापा से कहा- पापा, मेरी चूचियाँ जोर से मसलो ना… खींच डालो!’
पापा तो चूचियाँ पहले से ही पकड़े हुए थे पर हौले-हौले से दबा रहे थे। मेरे कहते ही उन्हें तो मज़ा आ गया, पापा ने मेरी दोनों चूचियाँ मसल के रगड़ के चोदना शुरू कर दिया।
मेरे दोनों चूतड़ों की गोलाईयाँ उसके पेडू से टकरा रहीं थीं… लंड चूत में गहराई तक जा रहा था… मैं कुतिया बनी हुई थी वह घोड़े की तरह चूतड़ के धक्के मार मार कर मुझे चोद रहे थे।
मेरे पूरे बदन में मीठी-मीठी लहरें उठ रहीं थीं, मैं अपनी आँखों को बन्द करके चुदाई का भरपूर आनन्द ले रही थी, मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, पापा के भी चोदने से लग रहा था कि मंज़िल अब दूर नहीं है, उनकी तेजी और आहें तेज होती जा रही थी… उसने मेरी चूचुक जोर से खींचने चालू कर दिये थे।
मैं भी अब चरम सीमा पर पहुँच रही थी, मेरी चूत ने जवाब देना शुरू कर दिया था, मेरे शरीर में रह रह कर झड़ने जैसी मिठास आने लगी थी।
अब मैं अपने आप को रोक ना सकी और अपनी चूत और ऊपर दी, बस उसके दो भरपूर लंड के झटके पड़े कि चूत बोल उठी कि बस बस… हो गया- पापा ऽऽऽऽऽ बस… बस… मेरा माल निकला… मैं गई… आऽऽई ऽऽऽअऽ अऽऽऽआ…
मैंने ज़ोर लगा कर अपनी चूचियाँ उससे छुड़ा ली, बिस्तर पर अपना सर रख लिया और झड़ने का मज़ा लेने लगी।
पापा का लंड भी आखिरी झटके लगा रहा था।
फिर आह… उनका कसाव मेरे शरीर पर बढ़ता गया और उन्होंने अपना लंड बाहर खींच लिया।
झड़ने के बाद मुझे तकलीफ़ होने लगी थी… थोड़ी राहत मिली… अचानक मेरे चूतड़ और मेरी पीठ उसके लंड की फ़ुहारों से भीग उठी… पापा झड़ रहे थे, रह रह कर कभी पीठ पर वीर्य की पिचकारी पड़ रही थी और अब मेरे चूतड़ों पर पड़ रही थी।
पापा लंड को मसल मसल कर अपना पूरा वीर्य निकाल रहे थे।
जब पूरा वीर्य निकल गया तो पापा ने पास पड़ा तौलिया उठाया और मेरी पीठ को पौंछने लगे- मेघा, तुमने तो आज मुझे मस्त कर दिया!
पापा ने मेरे चेहरे को किस करते हुए कहा।
मैं चुदने की खुशी में कुछ नहीं बोली पर धन्यवाद के रूप में उन्हें फिर से बिस्तर पर खींच लिया।
मुझे अभी और चुदना था, मम्मी दस दिन तक घर से बाहर रहीं मैं लगातार अपने सौतेले पापा से अपनी चूत और गांड चुदवाती रही।