Chud Gai Papa Ki Pari Ki Kamsin Choot- Part 1

5 मिनट तक अविनाश मेरी चूत को अपने लंड से सहलाता रहा… फिर उसने मेरी फुद्दी पर हल्का सा ज़ोर लगाया… तो मेरी चीख निकल गई, उसका लंड अन्दर नहीं जा रहा था।
अविनाश ने कहा- थोड़ा दर्द होगा… लेकिन फिर ठीक हो जाएगा।
मैंने मंत्रमुग्ध कहा- ओके… लेकिन अविनाश प्लीज़ आराम से करना!

अविनाश ने ज़ोर से अन्दर डाला… तो उसका आधा लंड मेरे अन्दर कोई चीज़ तोड़ते हुए अन्दर घुसता चला गया!
मेरी आँखों में आँसू आ गए- आह… मैं मर जाऊँगी अविनाश … प्लीज़ निकालो… बहुत दर्द हो रहा है… आह ओफ… ममाआ..
यह कहते हुए मैं गिड़गिड़ाने लगी… पर वो नहीं माना और उसने मेरे होंठों पर अपने होंठों लगा दिए।

वो मेरे होंठों को चूसने लगा और अपने लौड़े को मेरी चूत में ऐसे ही डाले रखा। मेरी चूत से खून निकल रहा था और मैं बुरी तरह तड़प रही थी।
वह कहने लगा- मेघा, तू मेरे लिए थोड़ा सहन कर ले प्लीज़!
मैंने हल्के स्वर में कहा- अविनाश आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ!
फिर अविनाश ने एक जोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में जड़ तक घुस गया।

मैं तड़प उठी और ‘आह… ओह्ह… अविनाश मैं मर गई..’ कहने लगी।
अविनाश मुझे तसल्ली देता रहा और 5 मिनट तक मेरे ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा, वो मेरे दूध चूसता रहा।
लगभग 5 मिनट बाद उसने धीरे धीरे झटके मारना शुरू किए।

मैं- आह्ह… अविनाश… मज़ा आ रहा है!

इस बीच मैं 2 बार झड़ चुकी थी और वो यूँ ही मेरे होंठों को चूसता हुआ मुझे चोदता रहा।
लगभग 10 मिनट बाद अविनाश ने अपना सारा माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया।
मेरी चूत पानी और खून छोड़ती हुई बुरी तरह फड़फड़ा रही थी, मेरी चूत का हाल-बेहाल हो चुका था।
इस तरह से मैं पहली बार अपने बॉयफ्रेंड अविनाश से चुदवाई थी।

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लेकिन एक बार शुरू हुआ यह खेल बार बार होने लगा, कभी पार्क में, कभी कार में तो कभी किसी दोस्त के घर पर!

आप सोच रहे होंगे कि कहानी का शीर्षक तो है ‘चुद गई पापा की परी’ और पूरी कहानी में पापा का नाम भी नहीं आया? तो दोस्तो, कहानी के दूसरे भाग की प्रतीक्षा कीजिए!

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