एक साथ दोनों मम्मों को बुरी तरह मसलने से मैं एकदम से चुदासी हो उठी, अविनाश ने मेरे गुलाबी होंठों पर अपने होंठों को रख दिए और उन्हें बुरी तरह चूसने लगे।
वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगा था।
फिर अविनाश ने मुझे बेंच से उठाया, डेस्क पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे शर्ट के बटन खोल कर मेरे चूचों को पकड़ लिया।
अब उसने मेरे कपड़े उतारना शुरू किए… पहले मेरी कमीज़ निकाली… फिर मेरी स्कर्ट खींच दी, फिर अविनाश ने मेरी ब्रा भी निकाल दी और वो मेरे तने हुए मम्मों को चूमने-चाटने लगा।
अविनाश बड़ी ही बेहरमी से मेरे चूचों को दबा रहा था और मेरे गुलाबी निप्पलों को मसल रहा था। उसने अब मुँह को मेरे निप्पलों पर लगा लिया और उसको तेजी से चूसने लगा और उनको किसी जानवर की तरह काटने लगा।
अविनाश के साथ ये करते हुए बहुत सेक्सी लग रहा था..
मैं अपने दोस्त के साथ नंगी थी, अविनाश मेरे मम्मों को मुँह में पूरा भर के चूस रहा था और अपने एक हाथ से मेरी चूत को भी सहला रहा था।
थोड़ी देर बाद अविनाश ने मेरी अनछुई चिकनी-चिकनी जाँघें चूम लीं… मैं सिहर उठी! अविनाश पागलों की तरह मेरी जाँघों को अपने मुँह से सहला रहा था और चूम रहा था।
मेरी गुलाबी चिकनी चूत
फ़िर उसने मेरी लाल पैंटी भी उतार दी मेरी बिना बालों वाली अधखिली गोरी गुलाबी चूत को देखते ही वो एकदम से चकित रह गया और बोला- वाह अभी तो ज्यादा बाल भी नहीं आये हैं, एकदम गोरी मासूम छोटी सी पुसी है तुम्हारी!
मैं हँस दी..
मेरे पूरी चूत अविनाश ने हाथ में थाम ली और मेरी पूरी चूत को दबा दिया, चूत को सहलाता हुआ अविनाश बोला- हाय मेघा… मेरी जान… क्या चीज़ है तू… क्या मस्त माल है… हहमम्म ससस्स हहा..
अविनाश ने अन्दर तक मुँह डाल कर मेरी जाँघें बड़े प्यार से चूमी और सहलाते हुए मेरी जाँघों को फैला दिया।
वो मेरी चूत को बुरी तरह मसलने लगा, मुझे बहुत मज़ा आने लगा… मैं सिसकारी भरने लगी..
अविनाश और जोश में चूत को मसलने लगा… उसने मसल-मसल कर मेरी चूत लाल कर दी थी।
उसके इस तरह से रगड़ने से मेरी मुन्नी 2-3 बार झड़ चुकी थी, बहुत गीला हो गया था, अविनाश के हाथ भी गीले हो गए थे… सारा पानी निकल बाहर रहा था, मैं निढाल हो रही थी।
फिर अविनाश ने मेरी चूत की दोनों फांकों पर होंठ रख दिए और मेरी कसी हुई चूत के होंठों को अपने होंठों से दबा कर बुरी तरह चूसने लगा।
मैं तो बस कसमसाती रह गई… मैं तड़पती मचलती हुई ‘आआहह… आअहह… अविनाश.. अविनाश… हाय… उईई… आहह..’ कहती रही और अविनाश चूस चूस कर मेरी अधपकी जवान चूत का रस पीता गया।
बड़ी देर तक मेरी चूत की चुसाई की, मैं पागल हो गई थी।
तभी अविनाश ने अपने कपड़े उतारे और खुद नंगे हो गया और उसका लंड फड़फड़ा उठा… करीब 7 या 8 इंच का लोहे जैसा सरिया था। मैंने कहा- अविनाश… यह तो बहुत बड़ा और मोटा है… ये मेरी चूत में नहीं जा पाएगा!
‘यार दर्द होता होगा बहुत?’ मैंने डरते हुए कहा।
अविनाश ने कहा- मेघा तू फिकर मत कर… फिर मैं तेरे से प्यार करता हूँ… तुझे कुछ नहीं होने दूँगा!
मेरी कमसिन चूत में लंड
उसने अपना लंड मेरी फुद्दी की तरफ बढ़ाया… मैं सोच रही थी जो हालत अभी उस मूवी वाली लड़की की थी… अब मेरी होने वाली है!
अविनाश के लंड के टच करते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, मैं बुरी तरह तड़प रही थी।