मामी ने नंगा बदन दिखा कर चूत की चुदाई के लिए उकसाया

मैं धीरे से अपने हाथ उनके चूतड़ों के पास ले गया। मामी भी बिंदास मेरे हाथों का मजा ले रही थीं, उन्होंने अपने पैर घुटनों से उठा लिए थे ताकि मेरे हाथ उनकी नंगीं टांगों का ढंग से मर्दन कर सकें।

थोड़ी देर में मामी और मुझे दोनों को मजा आने लगा.. शायद मामी कुछ और ही चाहती थीं, उन्होंने मुझसे बोला- रोहित तुम बड़ी अच्छी मालिश करते हो, जरा मेरी कमर पर भी मालिश कर दो ना!

मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था, सो मैंने झट से कहा- मामी कर तो दूंगा पर आपका गाउन बीच में आ रहा है।
मामी बोलीं- तो तू एक काम कर.. मेरा गाउन उतार दे ना, ताकि मलहम आराम से लग सके, वैसे भी कोई घर में नहीं है।

इतना सुनते ही मैंने मामी का गाउन उतार दिया। अब मामी मेरे सामने केवल ब्रा और पेंटी में लेटी थीं और औंधी हो कर अपनी मदमस्त गांड दिखा रही थीं।

मैं मामी के कूल्हों के पास बैठ गया.. तो मामी बोलीं- मेरे पैरों पर बैठ जा ना, ताकि मालिश आराम से हो सके। मैं मामी का इरादा समझ गया और अपने दोनों पैर उनके कूल्हों के दोनों तरफ डाल कर गांड पर लंड टिकाता हुआ बैठ गया।

मैंने पीठ पर हाथ फेरा तो मेरा लंड फूलने लगा.. मैं बोला- मामी ये ब्रा का हुक खोल दूँ क्या.. बीच में आ रहा है?
मामी ने मेरे लंड को महसूस कर लिया था सो उन्होंने कहा- तू बहुत बेशर्म हो गया है.. चल अब खोल ही दे हुक..
वो ये कह कर हंस दीं, तो मैंने मामी की ब्रा का हुक खोल दिया।

अब मामी के आम आजाद हो गए थे, लेकिन अभी मेरी नजरों से दूर थे।

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मैं मामी की कमर पर मालिश करने लगा। थोड़ी देर बाद मैं अपने हाथ मामी की चुची के पास ले गया और हल्के से टच करने लगा, मामी कुछ नहीं बोलीं। थोड़ी देर मालिश करने के बाद मामी मुझसे उठने की बोलीं.. तो मैं उनके ऊपर से हट गया। मेरे हटते ही मामी सीधी हो गईं.. अब उनकी खुली चूची मेरे सामने दिखने लगी।
मैं उनकी चुची को उछलते हुए देखने लगा।

मामी आँख मारते हुए बोलीं- क्या देख रहा है.. बड़ा बदमाश हो गया तू!
मैंने कहा- कैसा बदमाश हो गया हूँ मामी?
मामी अपनी चुची की तरफ इशारा करते हुए बोलीं- कुछ नहीं, चल थोड़ी यहाँ भी मालिश कर दे।

मैं मामी के मम्मों को दबाकर मालिश करने लगा.. तो मामी गर्म होने लगीं। क्योंकि मामी गर्म हो गई थीं तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।
अब मुझसे रहा नहीं गया.. मैंने मौका पाकर मामी की एक चुची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।

मामी गनगनाते हुए अधीरता से बोलीं- ये क्या कर रहा है?
मैंने कहा- मामी मजा ले लो, अब क्यों तड़फ रही हो.. मुझे जो करना है.. प्लीज़ करने दो ना!
मामी टांगें फैलाते हुए बोलीं- तू ही देरी कर रहा है.. ले पूरा मजा कर ले मेरे राजा.. तेरे लिए आज मेरा सब कुछ खुला है।

मैंने मामी के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया। मामी अब पूरी गर्म हो गई थीं, बोलीं- आज मैं सिर्फ तेरी हूँ जो करना है वो कर ले!

मैंने मामी की पेंटी को उतारा.. तो क्या चिकनी चूत थी, वाह.. उनकी चिकनी चूत कामरस से भीगी हुई एकदम चमचमा रही थी। मामी की फ़ुद्दी के कितने मोटे मोटे होंठ थे, झांट का एक भी बाल नहीं था, शायद मामी ने आज ही सफाई की थी।

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उनकी चिकनी चूत को देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए।

अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। मैं मामी की गीली चूत को चाटने लगा और उनके दाने को मुँह में लेकर चूसने लगा। उधर मामी मेरे लंड को मुँह में आइसक्रीम की तरह चूसने लगीं।

थोड़ी देर बाद मामी बोलीं- जानू अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.. कुछ करो यार, वरना मैं तड़प कर मर जाऊँगी।

मैंने चूमा-चाटी के बाद सीधे ही मामी की लंड को मामी की चूत पर टिका दिया। उनकी दोनों टांगों को अपने कन्धों पर रख कर मैंने चुदाई का खेल चालू किया। जैसे ही मैंने अपना लाल सुपारा चूत की फांकों में पर रखते हुए धक्का लगाया.. तो मामी की चीख निकल गई।

मैं उनके होंठ को चूसने लगा। जब वो शान्त हो गईं तो मैंने अबकी बार में पूरा लंड ठेल दिया और इस बार वो भी कसमसा कर अपनी चीख को दबा गईं। अब कमरे में मेरी और उनकी मादक सिसकारियाँ ही निकल रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

वो मस्त हो कर मुझसे कह रही थीं- चोदो मेरे रोहित राजा.. जी भर के अपनी मामी को चोद दे.. आज फाड़ डालो मेरी इस गर्म चूत को..

अब मेरी स्पीड बढ़ गई.. मामी के मुँह से निकल रहा था- आआह.. उई मर गई रे आह.. पूरा पेलो.. फाड़ दो मेरी चूत को.. इसके चिथड़े उड़ा दो.. अह..

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