चलते ट्रक में चुची चुसवा कर चुत चुदवाई

मोना की गहरी नाभि, खुला पेट, बड़े-बड़े कसे हुए चूचे, साथ ही मोना के निप्पल भी साफ़ झलक रहे थे।

मोना ने पीछे मुड़कर पल्लू निकाल लिया, तभी उसकी नंगी पीठ को और उभरे हुए चूतड़ों को भी रंगा ने देख लिया। मोना जल्दी से कार में बैठ गई, रंगा अब कार के पास आकर शीशे से मोना के चूचे देखकर अपनी जीभ होंठों पर से अश्लील भाव से फिराने लगा।

इतने में उसका भाई और कपिल भी कार के नजदीक आ गए। उन दोनों को देख कर रंगा वापस ट्रक में जा कर बैठ गया। कपिल ने कार चालू की, पर वो स्टार्ट नहीं हुई।

काफी देर बाद प्रयास करने के बाद भी कार चालू नहीं हुई तो चरन प्रसाद ने कपिल से कहा- आप चाहें तो मैं आपको आपके शहर छोड़ देता हूँ, मैं भी वहीं जा रहा हूँ।

कपिल को किसी भी हालत में पहुँचना था, उसने ‘हाँ’ बोल दिया। ढाबे वाले से कार की हिफाजत के लिए बोल कर कपिल ट्रक में बैठ गया।

चरन प्रसाद अच्छी नियत का आदमी था। रंगा उसकी नजरों में सुधरने का ढोंग करते हुए रहता था। चरन को भी रंगा की आदतें पता थीं, पर उसकी नजरों में वो अब सुधर गया था।

कपिल ने रंगा पर ध्यान नहीं दिया। सब ट्रक में बैठ गए। चरन प्रसाद के बाजू में कपिल बैठ गया, मोना उनके पीछे बैठ गई। मोना के पीछे, ट्रक में जो सोने के लिए जगह होती है, रंगा उस पर लेटा हुआ था। उसने मोना के पीछे का परदा बन्द किया और परदे के पीछे जाकर सो गया। ट्रक अपनी रफ्तार से चल रहा था, शाम को अँधेरा होने पर रंगा जग गया। कपिल मोना बैठे-बैठे सो रहे थे, चरन प्रसाद ट्रक चला रहा था।

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रंगा की तरफ़ मोना की पीठ थी। ट्रक के अन्दर अँधेरा होने की वजह से चरन का ध्यान नहीं गया, वैसे भी उसका पूरा ध्यान ट्रक चलाने में था। सुहावनी हवा चलने लगी थी, जिस वजह से कपिल गहरी नींद में सो रहा था।

रंगा ने परदे के कोने से हाथ बाहर निकाला और मोना की पीठ को हौले से छुआ, इस स्पर्श से मोना जाग गई.. पर कुछ नहीं बोली। इससे उत्साहित होकर रंगा के दोनों हाथ हरकत में आ गए, अब वो मोना की नंगी पीठ को बेख़ौफ़ सहलाने लगा। मोना को काफी गुस्सा आया, पर वो चुप बैठी रही। उसने सोचा कि अगर उसने तमाशा किया तो चरन रंगा को मार ही देगा और चरन के अच्छे स्वभाव के कारण ही उन दोनों को लिफ्ट मिली थी।

वो चुपचाप बैठी रही, रंगा के सिर्फ दोनों हाथ ही परदे के बाहर थे, मोना की चुप्पी से उसका हौसला बढ़ गया था। उसने धीरे से दोनों हाथ आगे मोना के पेट पर सरका दिए। मोना का पल्लू गिर गया.. अब वो उसके पेट पर हाथ फेरने लगा। साथ ही मोना की गहरी नाभि को उंगली से कुरेदने लगा, इसके बाद रंगा के हाथ मोना के मम्मों पर आ गए।

मोना के शरीर में एक करंट सा दौड़ गया। वो कुछ मदमस्त सी होने लगी, उसने सोचा अगर कपिल बाहर सेक्स कर सकता है, तो मैं एक बार इसका लुत्फ़ क्यों ना उठाऊँ!

उधर रंगा अपनी उंगलियाँ मोना के निप्पलों पर गोल-गोल घुमाने लगा। मोना पीछे को खिसक कर बैठ गई। रंगा ने परदे का कोना बाजू करके मोना की पीठ को धीरे से चूमा, मोना के लिए ये एक नया अनुभव था। वो सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि एक बुड्डा इतना सेक्सी हो सकता है।

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रंगा ने मोना को अपनी बर्थ पर खींचने का प्रयास किया तो मोना चुपके से परदे के अन्दर को सरक गई। उसके अन्दर होते ही रंगा ने उसे अपने बगल में लिटा लिया और उसका पेट, नाभि आदि चूमने लगा।

उसने अपनी जीभ मोना की नाभि में घुसा दी और बड़े सेक्सी तरीके से चाटने लगा। कुछ ही पलों में रंगा मोना के ऊपर चढ़ गया और मोना के होंठ चूमने लगा, उसके गाल, गला सब जगह खूब चूमा।

अब रंगा मोना की चुची को ब्लाउज के ऊपर से ही चूमने लगा, इससे मोना एकदम गर्म हो गई। उसने रंगा की लुंगी की तरफ़ देखा तो उसका लम्बा लंड उभर कर बाहर को आ गया था।
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मोना का हसीन बदन चखने वाला रंगा दुनिया का दूसरा सबसे खुशनसीब इंसान बनने वाला था। उसने मोना के ब्लाउज के हुक खोलने चाहे तो मोना ने विरोध किया।

वो कान में धीरे से बोला- सिर्फ एक बार मुझे तुम्हारी चुची पीनी हैं.. फिर मैं तुम्हें तंग नहीं करूँगा।
मोना चुदास से भर गई थी, उसने जानबूझ कर कहा- अगर दूध पीने के बाद तुमने मुझे चोदा तो?
वो मुस्कुरा कर बोला- कोई बात नहीं.. तुम चाहोगी तो मैं तुम्हें चोद भी लूँगा।

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