हेलो रीडर्स, मेरा नाम तुषार है, और मैं एक 2न्ड एअर कॉलेज स्टूडेंट हू. मेरी हाइट 5’11” है, और मेरी बॉडी आत्लेटिक टाइप है. मेरा लंड 6 इंच का काला साँप है. मैं आमेडबॅड से बिलॉंग करता हू.
ये मेरी पहली कहानी है. अगर आप सब को ये पसंद आए तो मुझे बहुत खुशी होगी. ये कहानी मेरी लाइफ के पहले सेक्स की है. अब ज़्यादा टाइम वेस्ट किए बिना स्टोरी पर आते है.
तो ये कहानी है पिछले साल यानी 2023 की. हमारी नीचे एक आंटी रहते है. उनकी आगे 38-40 अराउंड होगी, और मस्त फिगर है सच में 36-34-36 का बहुत सेक्सी. आंटी अपने एक बेटे के साथ रहती है, जिसकी उमर मेरे से 1-2 साल कम होगी. वो पहले हमारे सामने वाले घर में रहते थे, क्यूंकी वो रेंट पर थे. फिर वाहा से शिफ्ट होके हमारे नीचे आ गये थे.
उनकी मम्मी के साथ बड़ी अची बनती थी, और मुझे भी आंटी को देख कर चुल तो थी ही. पर मैं कभी उनसे बात नही कर पाता था उतनी. बस थोड़ी बहुत कर लेता था.
पर एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिससे मुझे चाहिए था, वो इतनी आसानी से मेरे हाथ में आ गया. ये सब ऐसे होगा, मुझे पता नही था. हुआ यू, की मैं एक्सर्साइज़ कर रहा था घर की बाल्कनी में, और वो निकली अपने घर से. वो सीधे चढ़ कर उपर आ रही थी.
तब उनका ध्यान मेरे पे पड़ा. वो उधर खड़ी होके देखनने लगी मुझे. करीब 5-10 मिनिट बाद मेरा ध्यान पड़ा. मैने आंटी को देखा, तो उन्होने एक स्माइल दी. मैने भी सामने से स्माइल डेडी.
आंटी: बेटा ये चाबी रखो, रोनक आए तो उसे दे देना.
मे: जी ठीक है आंटी.
आंटी: और बोल देना उसे की मैं शाम तक अवँगी.
फिर वो चली गयी. फिर दूसरे दिन हमारे उपर वाले फ्लोर पर पानी नही चढ़ रहा था, तो मम्मी ने मुझे बाल्टी लेके नीचे भरने भेजा आंटी के नाल से. मैं नीचे गया.
मैने सिर्फ़ शॉर्ट्स और वेस्ट पहनी हुई थी. उसमे से मेरी चेस्ट और बाइसेप्स अची शेप में दिख रहे थे, और मैं उधर खड़े-खड़े स्ट्रेचिंग कर रहा था. उतने में आंटी निकली, और मेरे पास आके पूछने लगी, और थोड़ी मस्ती करने लगी और अचानक से उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और सहलाने लगी-
आंटी: क्या मस्त बाइसेप्स और फॉरार्म्स है.
मे: घर पर बने है आंटी, मेहनत करके (फिर मेरी चेस्ट को टच करने लगी).
आंटी: क्या पर्फेक्ट चेस्ट है, एक-दूं क्लीन शेव.
मे: आंटी आप भी कुछ कम नही हो.
आंटी: अछा? ऐसा क्या है मुझमे?
मे: सच में आपका फिगर क्या मस्त है. जी करता है (मैं बोल के अटक गया).
आंटी: क्या चाहता है जी?
मे: की अभी आपको अपनी बाहों में भर लू, और आपको जाने ना डू.
आंटी: बस सिर्फ़ बाहों में ही भरोगे?
मे (अब एक-दूं उत्सुकता से ): और तो आपको किस करूँगा, कड्ड्ल करूँगा, और देन आपकी इतने सालों की गर्मी भी निकाल डू, आप बोलो तो.
आंटी: अब आया ना लाइन पर. चल तुझे मौका दिया, आज दोपहर आ जाना.
ये बोल कर उन्होने मेरे लंड पर हाथ रग़ाद दिया. मेरा 6 इंच का खड़ा हो गया एक-दूं टाइट, और मैने तुरंत वॉशरूम में जाके उनके नाम की मूठ मार ली. अब मैं पड़े-पड़े सोच रहा था, की कब टाइम जाए, और पता नही कब मेरी आँख लग गयी.
फिर उठा तो देखा 1 ऑलरेडी बाज गया था. मैने फटाफट मूह धोया, और भागा नीचे. पहले मैं गया मेडिकल पर. उधर से एक्सट्रा डॉटेड कॉंडम लिया. फिर भागा और आंटी के घर पहुँचा. आंटी ने देखा मैं आ गया था.
आंटी: आ गया? कितनी देर लग गयी.
मे: वो मैं सो गया था. फिर भाग के मेडिकल गया था.
आंटी: मेडिकल क्यूँ?
मे: वेपन लेने गया था शिकार करने से पहले (कॉंडम).
आंटी: ले आया तेरा वेपन! पर मुझे बिना वेपन शिकार करवाना पसंद है (उनका कहना था की रॉ विदाउट कॉंडम करेंगे ).
मैं तो सातवे आसमान पर पहुँच गया. फिर आंटी उठ कर किचन में जाने लगी, तो मैं भी चला गया. मैने उनको पीछे से हग कर लिया, और नेक पर किस्सस देने लगा. अब आंटी भी गरम होने लगी. वो मेरे सामने मूडी, और हम लोग डीप किस करने लगे. एक-दूं ध्यान ही नही था हमे अगाल-बगल का.
धीरे-धीरे मेरे हाथ उनकी छूट पर चलने लगे, और छूट इतनी गीली हो गयी थी की लेगैंग्स से ही गीला-पन्न महसूस हो रहा था. वाहा मैने उपर से हाथ घूमते-घूमते फिर वो मधु-रस्स का टेस्ट लिया. वाह क्या टेस्ट था उसका.
फिर आंटी ने मेरे बाल पकड़े, और उनकी छूट पर लगा दिया मेरा मूह. अब मैं लेगैंग्स के उपर से चूस रहा था छूट. फिर मैने उनकी लेगैंग्स फाड़ दी, और पनटी को चबाने लगा.
आंटी: श, आह, और चाट, और चाट.
मैं मस्त टेस्ट लेके छाते जेया रहा था उनकी लाल गुलाबी छूट को. वाह क्या गुलाब जैसी छूट थी. अब आंटी ने उनका बदन कड़क कर लिया, मैं समझ गया की वो झड़ने वाली थी. मैने चाटने की स्पीड और तेज़ कर दी और 2 मिनिट में आंटी का जूस मेरे मूह में था. मैं उसका फील ले रहा था.
आंटी: तू तो बड़ा मस्त चाट-ता है रे. कहा से सीखा?
मे: सब पॉर्न का कमाल है.
आंटी: मतलब तूने पहले नही किया.
मे: नही, ये मेरा पहली बार है.
आंटी: चल अब तेरे इस लंड से प्यास भी बुझा दे. बहुत तड़प रही हू प्लीज़.
मे: ऐसे नही, भीख माँगो, तब जाके मिलेगा.
आंटी: ऐसा मत करो जहापाना, आपका प्यार हमे चाहिए ( और उन्होने लंड पकड़ कर मूह में ले लिया ).
वाउ! क्या एहसास था. जन्नत जैसा महसूस हो रहा था. उनके गुलाबी होंठ थे, और वो एक-दूं गले तक लंड ले रही थी. मुझे डीप थ्रोट पसंद है, और आंटी ने वही किया. करीब 10 मिनिट ऐसे ही उनके गले को छोड़ते-छोड़ते मैने अंदर ही उतार दिया मेरा माल. उनको लंड बाहर निकालने का मौका ही नही दिया.
अब आयेज के पार्ट में बतौँगा, की कैसे मैने उनकी छूट और गांद का च्छेद एक-दूं बड़ा कर दिया. होप आपको ये स्टोरी पसंद आई होगी. मुझे एमाइल करिएगा [email protected], और मेरा मोटिवेशन बधाइएगा.