बीवी का बलात्कार

biwi ka balatkarबीवी की चुदाई के क़िस्से हज़्बेंड की मोजूद्गी में बहुत गुदगुदाते है, लंड खड़ा हो जाता है. आप की चुत और लंड भी गुदगुदाते ही होगे. चुत रिसने लग जाती होगी, लंड खड़ा हो कर चुत ढूंढ़ा होगा. मैं भी एक ऐसी सच्ची वारदात लिख रहा हूँ.वाक्य 20 साल पहले का जब मैं 30-31 साल का रहा हुगा और मेरी वाइफ सुशीला 26-27 की. सुशीला अच्छी गद्राई हुई औरत थी, अच्छी खासी गोरी मस्त बदन पूरा गद्दार माल हाइट 5′ उस समय के फिगर्स 34सी 32 38. मैं मरवरी बिज़्नेसमॅन, टी गर्दन में ग्रोसरी शॉप, जुटे की स्पेक्युलेशन भी.मैं 5’5″ बनिया का शरीर बदन थुलथुल उस समय इंतजार 76 क्ग, लंड छोटे साइज का साइज 1.5″ खड़ा होने पर 3.5-4″. हमारी सेक्स लाइफ सो सो थी, यानि सुशीला ने कभी शिकायत नहीं की. लेकिन एक वाकय ने जिंदगी बदल दी. एक रात हम लोग खाना कहा कर सोने की तैयारी कर रहे थे, मैंने लाइट का स्विच बंद किया तो लिविंग रूम से कोई आवाज़ आई, मैं जैसे ही वहां गया मुझे पीछे से किसी ने पकड़ लिया और धक्का दे कर ज़मीन पर गिरा दिया, किसी ने लाइट जलाई तो मैंने देखा तीन हटते काटते बंदे मेरे सामने खड़े थे और चोथे बंदे ने मुझे दबोच रखा था. एक बंदे ने मुझे मुंह बंद रखने की धमकी दी वरना वो मुझे जान से मर देंगे. उसीने अपने साथी से कहा इसे उठा कर सोफा पर पटक दो और उसने एक और बंदे को कहा भीतर जा कर देखो घर में और कौन है. मेरा चेहरा फक्क से रही गया-वो बंदा एक हाथ से सुशीला को खिंचता हुआ लाया दूसरे हाथ से उसने सुशीला का मुंह भिच कर रखा था. सुशीला ने कुरती और पेटीकोट पहन रखा था जिस से उसके बदन के उभर स्पष्ट झलक रहे थे. बूब्स भीतर झूल रहे थे और भारी चूतड़ पेटीकोट से साफ दिखराहे थे.

मैंने उनसे कहा घर में जो भी है ले जाओ लेकिन सुशीला को छोड दो तो उनका साथी बोला सरदार इससे मस्त माल इस घर में तो क्या पूरे स्टेआ गर्दन में नहीं मिलेगा. एक दम गद्दार माल है, भरपूर मजा देगा. ऐसा कह कर उसने सुशीला के चूतड़ पर एक चाबुक जैसा थप्पड़ मारा. सुशीला ज़ोर से चीखते हुए बोली मुझे छोड दो. सरदार ने घुड़कते हुआ कहा की शोर मचाया तो तुम दोनों को जान से मर देंगे. सरदार ने उसके साथी के चंगुल से सुशीला को आज़ाद किया और सुशीला मेरी तरफ बढ़ने लगी. लेकिन सरदार ने उसे वही रोक दिया और उसके बदन को ऊपर से नीचे तक भूखी नज़र से देखने लगा. अब सरदार ने साथी की बंदूक उसकी तरफ करते हुए सुशीला को कपड़े उतरने को कहा. सुशीला ने कहा हरगिज़ नहीं उतरूगी. मुझे उसकी बहादुरी पर नाज़ हुआ. लेकिन सरदार के ज़न्नाटेदार थप्पड़ से सुशीला की आंखों में तारे नज़र आने लगे और वो चकरा कर गिर पड़ी. सरदार ने उसको ज़मीन से बाल पकड़ कर खींचा और साथियों को उसके कपड़े उतरने को कहा. एक डाकू ने एक झटके में सुशीला की कुरती उसके सर की तरफ खिच और निकल कर बाहर कर दी. अब सुशीला सिर्फ़ ब्रा पेटीकोट में थी. एक ने उसके पेटीकोट का नाडा खींचा और पेटीकोट नीचे गिर पड़ा. वो भीतर पंतिए नहीं पहनती थी. अब वो सिर्फ़ ब्रा में थी लाइट में उसकी आंटी सल जांघें चमक रही थी.और लगता था की ब्रा में से उसके बूब्स फट कर बाहर आजवेगे. सरदार ने आगे बाद कर उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया अब सुशीला एक दम मदर जात नंगी हो कर हम 5 मर्दों में अकेले खड़ी थी. सरदार ने उसके पूरे सेक्सी बदन को आंखों में भरते हुए मुझसे कहा ओ ढीले मारवाड़ी तेरे जैसे लंगूर के हाथ में ऐसा गद्दार माल कहा से आ गया. मैं क्या जवाब देता चुपचाप खड़ा रहा.

यह कहानी भी पड़े  सब्जी वाली ने की अपनी चूत की हसरत पूरी

सरदार ने मुझसे खड़े होने को कहा और मेरा पजामा खोल कर अपना लंड दिखाने को कहा जिस से में सुशीला को चोदता था. मैं थोड़ा हिचकिचाया लेकिन सरदार को मेरी तरफ बढ़ते देख कर मैं सहम गया झट से पजामा का नाडा ढीला कर दिया और मेरा पजामा नीचे गिर पड़ा मैंने अपने पाव प्यज़ामे से बाहर निकल दिए. अब मैं बनियान चड्डी में था. उन्होंने चड्डी बनियान भी उतरने को कहा जिसे मैंने झट उतार दिए और मैं एक दम नेकेड उनके सामने खड़ा था. डर और शर्म के मारे मेरा लंड जो ढीले रहने पर 1.5 इंच रहता था सिकुड़ कर केवल हाफ इंच रही गया था, यानि की बढ़ी झाँटो में मुश्किल से नज़र आ रहा था.सरदार ने उसे देख कर ठहाका लगाया की इस थंब से भी छोटे लंड से मैं अपनी बीवी को अभी तक चोद रहा था. उसके सब साथी भी ठहाके लगाने लगे और मैं शर्म के मारे ज़मीन में गाड़ा जा रहा था.उसने अपना पेंट की ज़िप खोलते हुए देख भद्दे लंड इसको कहते है और अपना लंड बाहर निकल दिया जो सर्प जैसा था और मुझे उसकी साइज देख कर ताज्जुब हुआ. शिथिल अवस्था में भी लंड की लंबाई 5.5″ थी और मोटाई 2.5″ थी. उसने कहा की लगता है तुम्हारी बीवी की अभी तक ढंग से चुदाई नहीं हुई है और वो लोग आज यही करने वाले है.मियाने बीवी पर नज़र डाली तो पाया की वो फटी आंखों से सरदार का लंड देख रही थी. सरदार ने आगे तरफ कर मुझे घुटनों पर बिताते हुए अपना लंड मेरे मुंह के पास लाकर उसे मुंह में ले कर सक करने को कहा. मैं मरता क्या ना करता, अगर वो गांड भी मरता तो मुझे मरवानी पड़ती. मैंने लंड को मुंह में भर कर सक करना शुरू किया और कुछ ही देर में उसका लंड हार्ड हो गया और उसकी साइज तरफ कर करीब 8 इंच हो गयी और मोटाई भी उसी तरह तरफ गयी और लंड मेरे मुंह में समा ही नहीं रहा था. उसने अपना लंड मेरे मुंह से एक झटके में छुड़ा लिया और सुशीला के पास जाकर उसके बूब्स को दबाने लगा एक हाथ से उसने उसका बूब मुंह में भर लिया और सक करने लगा. एक हाथ को वो सुशीला की पुसी पर ले गया और फिंगर उसमें घुसा दी उसकी फिंगर गीली हो गई उसने अपनी फिंगर मुझे दिखा कर क्या देखो यह खुद ही चुदवाने को उतावली हो रही, हम इसका रेप नहीं कर रहे है. मैंने बीवी की और शिकायती निगाहों से देखा लेकिन उसने निगाहें मिलते ही अपनी आंखें बंद कर ली. सरदार ने बीवी की क्लिट को मसलना चालू किया और सुशीला के मुंह से मस्त सिसकियां निकालने लगी. सरदार ने उसे उल्टी तरफ घुमा के उसे घुटनों के बाल पर कर दिया, वो बीवी को डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता. उसने अपने ताने हुए लंड को बीवी की चुत के दरवाजे पर रख कर सुपाडे से उसके क्लिट को रगड़ने लगा. सुशीला के मुंह से जोरदार सिसकियां निकल रही ज़ोर ज़ोर से. उसने अपने मूसल जैसे लंड को हल्का सा धक्का दिया तो लंड का सूपड़ा भीतर चला गया. सुशीला के मुंह से ज़ोर से मतवाली सिसकारी छुट्टी और उसने अपने चूतड़ को आगे पीछे करना शुरू कर दिया और सरदार का लंड धीरे धीरे एक दम भीतर घुस गया. मुझे बीवी के मजे पर बहुत गुस्सा आ रहा था. सुशीला के मुंह से कराह निकली लेकिन थोड़ी ही देर बाद वो खुद अपने चूतड़ आगे पीछे करने लगी और सरदार ने कहा देखो मैं इसको नहीं ये मुझे चोद रही है.

यह कहानी भी पड़े  भाई ने बहन को चोद कर मज़ा दिया

Pages: 1 2

error: Content is protected !!