वो बोली: साहब इस से डेढ़ गुना छोटा होगा वो. मुझे तो इसे देख के ही डर लग रहा हे साहब!
और उसका डर गलत नहीं था क्यूंकि मेरा लंड 7 इंच लम्बा हे और जब फुल टाईट होता हे तो उसकी चौड़ाई 4 इंच की हे.
मैं: तो क्या तुम्हे नहीं चुदवाना हे?
भानु: नहीं सर मुझे आप की लंड मेरी चूत में चाहिए ही चाहिए! मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी हे मेरा पति शराब पी के आता हे और कभी नहीं चोदता हे मुझे.
मैंने लंड को फडफडा के कहा आज मैं अपने लोडे से तेरी चूत की सब प्यास को बुझा दूंगा! चल मेरे लंड को चूस और इसे कडक कर और भी.
भानु ने मुहं को खोला और मेरे लंड को अपने मुह में डाल के चूसने लगी. वो लंड को आधा ही लंड चूस रही थी तो मैंने उसके माथे को ऊपर से दबाया ताकी वो लंड को और भी अन्दर ले.
भानु: बहुत बड़ा हे ये पूरा मुहं में नहीं ले पा रही हूँ.
और मैंने उसके बालों में अपनी उंगलिया चलाई. वो मेरे फ़ोर्स को रेसिस्ट कर रही थी. लेकिन मैं कुछ भी कर के अपना पूरा लंड उसके मुहं में घुसेड़ना चाहता था! लेकिन बहुत फ़ोर्स के बाद भी उसने पूरा लंड तो अपने मुहं में नहीं लिया. या फिर ऐसे कहे की वो ले नहीं सकी.
मैं: पूरा लंड मुहं में ले ना, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह.
वो कस कस के लंड को चूसने लगी थी. और लंड को हाथ से हिला भी रही थी. मेरा पूरा लंड उसके थूंक से गिला हो चूका था.
वो बोली, बाप रे मेरी तो सांस भी रुक गई इतने बड़े लोडे से!
मैं: क्यूँ मजा नहीं आया इसे चूसने में?
वो बोली: आप का लंड बहुत ही मस्त हे! आओ साहब जल्दी से अपने लंड को मेरी गरम चूत में डाल दो!
मैंने कहा, अभी मैं तुम्हारी चूत को ठंडा कर देता हूँ.
वो घोड़ी बन गई अपनी बड़ी गांड मुझे दिखाते हुए. मैंने बेड के पास के ड्रावर से एक कंडोम का पेकेट लिया.
वो बोली: साहब ये प्लास्टिक क्यूँ लगा रहे हो?
मैंने कहा: अरे मैं नहीं गिराना चाहता हूँ अपने माल को तेरी चूत में. कही बच्चा रह गया तो कहा रोड पर बड़ा करेगी उसे!
मैंने लंड को कंडोम से ढंक दिया और भानु की गांड के ऊपर एक मारी. वो अपनी गांड को यानी की कूल्हों को खोल के खड़ी हो गई. मैंने अपने लंड को उसकी चूत के होंठो पर लगा के चक्का दिया. उसके मुहं से आह्ह्हह्ह निकल पड़ी.
मैंने कहा: साली आज तो मेरे लोडे से तेरी ये मस्त देसी चूत को फाड़ दूंगा!
मैंने धक्का मारा और अपने पुरे लंड को उसकी चूत में पेल दिया. मेरा लंड इतना मोटा था की उसकी चूत मुझे बड़ी टाईट लग रही थी. मैंने उसके बाल पकडे और पीछे से जोर जोर से उसकी चूत को पेलने लगा. कंडोम की चिकनाहट की वजह से मेरा लंड मस्त उसकी चूत में अन्दर बहार होने लगा था. और वो भी अपनी कमर को हिला के लंड का मजा लुट रही थी. मैंने हाथ को आगे किये और उसके बूब्स को अपने हाथ में ले के मसल दिए और फिर जोर जोर से उसकी चूत को चोदने लगा.
मैं उसकी कमर को पकड़ के आगे पिछे कर के चोदता गया. वो भी कुल्हे हिला हिला के चुदवा रही थी. मैंने उसे एक छिनाल और रंडी के जैसे मस्त ठोका.
फिर मैंने उसे कहा, लंड पर कूदना हे?
वो कुछ नहीं बोली और लंड चूत से निकाल के खड़ी हो गई. मैंने उसे अपनी गोदी में चढ़ा दिया. वो मेरे लंड को अन्दर तक ले के चुदने लगी. और मैं निचे से धक्के दे दे के उसकी मारने लगा.
बस पांच मिनिट में ही मेरा कंडोम वीर्य से भर गया. वो उठी और अपने गंदे कपडे पहनने लगी. मैंने अपने बटवे से उसे पांच सो रूपये दिए. जितना उसे कहा था उस से पांच गुने पैसे दिए तो वो बड़ी खुश हो के मेरे से लिपट गई.
मैंने कहा, देखो मैं यहाँ अकेला ही रहता हूँ, जब भी इधर से गुजरो तो मुझे मिलती रहना. मजे भी करोगी और पैसे भी कम लोगी!