भिखारिन को खाना देने के बदले उसकी चूत का सौदा किया

हेलो दोस्तों मैं सुनील कई सालों से इंडियन सेक्स कहानी पढ़ रहा हूँ। दोस्तों उस दिन बहुत बारिश थी। जुलाई का महीना चल रहा था। मैं अपने कमरे पर अकेला था। अभी मेरी पढाई चल रही थी। मैं BSC कर रहा था। मैं यहाँ शहर में किराए के मकान में रह रहा था। सुबह से बारिश हो रही थी। मुझे बाहर जाना था पर बारिश की वजह से मैं नही जा पा रहा था। अभी 8 बजे थे। अचानक दरवाजे पर कोई दस्तक देने लगा। कोई औरत लग रही थी।
“कौन है????” मैंने बरामदे से पुकारा
“कुछ खाने को दे दो बेटा??? कुछ पैसा दे दो” वो औरत बोली
मैं समझ गया की जरुर कोई भिखारिन है।
“अभी जाओ यहाँ से बाद में आना” मैंने चिल्लाकर कहा
“कुछ खाने को दे दो बेटा। सात दिन से मैंने कुछ खाया नही है” भिखारिन बोली।
वो तो मेरे पीछे ही पड़ गयी थी। मजबूरन मुझे जाना पड़ा। मैं छाता खोला और मेट गेट पर गया। मैं देखा की एक 30 साल ली अच्छे खासे जिस्म वाले औरत थी वो। रंग भी साफ था। उसे देखते ही मेरा उसे चोदने का मन करने लगा। मैंने दरवाजा खोला।
“क्या है????” मैंने बतमीजी से पूछा
“बेटा!! मैंने 7 दिन से कुछ खाया नही है। कुछ खाने को दे दो वरना मैं मर जाउंगी” भिखारिन बोली
तू मुझे क्या देगी??” मैंने कहा
“अरे बेटा! मेरे पास क्या है???” भिखारिन बोली
“मैं तुझे खाना दे दूंगा। चूत देगी???” मैंने धीरे से कहा और अपनी दो ऊँगली को मोड़कर चूत का इशारा किया
“दूंगी! पर मुझे कुछ खाने को दो” भिखारिन बोली
मैं उसको अंदर ले गया। दोस्तों मेरी कामवाली सुबह 7 बजे आकर की खाना बना गयी थी। मैं एक थाली में सब्जी रोटी दाल चावल लगाया और भिखारिन को मेज पर बिठा दिया। मैंने उसे खाना दिया तो वो हब्सी की तरह खाने पर टूट पड़ी। देखते ही देखते वो 8 रोटी खा गयी। फिर थाली भरके चावल खा गयी। फिर उसने पानी पिया और लम्बी डकार ली। अब जाकर उसे शांति मिली।
“भर गया तेरा पेट???” मैंने पूछा
उसने सिर हिलाया। भिखारिन से बताया की उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया है तबसे तो दर दर भटक रही है। उसकी साड़ी बहुत मैली कुचैली थी। काफी गंदी थी इसलिए मैंने उसे बाथरूम में नहाने को भेज दिया। भिखारिन साबुन से मल मलकर नहाने लगी। मेरी अलमारी में मेरी गर्लफ्रेंड के कुछ सलवार सूट पड़े थे मैंने निकाल लिए। भिखारिन को अपनी शेविंग मशीन मैंने दे दी और झांटे बनाने को कहा। कुछ देर बाद वो बाथरूम से नहा धोकर निकली। अब वो सही और अच्छी लग रही थी।
“ये लो वो साड़ी फेक दो और ये सूट पहन लो” मैंने कहा
भिखारिन से पहन लिए। मैं उसे कमरे में ले गया। उसने ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठकर अपने बाल कंघी किये और चोटी बना ली। अब वो ठीक ठाक माल लग रही थी। फिर मैं उसे बेड पर ले गया। कुछ देर तक मैं उससे उसके घर के बारे में पूछता रहा। फिर मैंने उसे पकड़ लिया और किस करने लगा। अब वो देखने को अच्छी माल लग रही थी। जिस तरह से कामवाली औरते होती है उस तरह से दिख रही थी।

“आओ मेरा लंड चूसो” मैंने कहा
दोस्तों मैंने अपनी जींस निकाल दी और कच्छा भी उतार दिया। मैंने बिस्तर पर लेट गया। भिखारिन ने मेरा लंड पकड़ लिया और फेटने लगी। मुझे मजा आने लगा। कितने दिनों से मुझे चुदाई करने का मौका नही मिला था। चलो इस भिखारिन को आज कसके चोद लूँगा। मैं सोचा। धीरे धीरे भिखारिन मेरा लंड उपर नीचे करके फेटने लगी। उसके स्त्री वाले हाथो से मेरा लंड खड़ा हो गया था और 8″ का हो गया था। फिर वो झुककर मेरा लंड चूसने लगी। मुझे मजा आने लगा। भीखारिन के होठ काफी रसीले थे। वो बिलकुल कामवाली लग रही थी। वो जल्दी जल्दी मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ.. करने लगा।
उसके रसीले गुलाबी होठ जल्दी जल्दी मेरे लंड पर फिसलने लगे। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। भिखारिन मस्त होकर मेरा लंड चूस रही थी। उसकी उँगलियाँ थी की मेरे लंड की मसाज कर रही थी। दोस्तों मुझे खूब मजा आ रहा था। मेरे लंड के टोपे की चमड़ी पीछे की तरह चली गयी थी और लंड का सुपाडा बिलकुल गुलाबी रंग का दिख रहा था। धीरे धीरे भिखारिन को सेक्स का नशा चढ़ गया था। वो जल्दी जल्दी चूस रही थी। मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थी। ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. मैं गर्म आवाजे निकाल रहा था। मुझे बहुत मीठा अहसास हो रहा था। कितने दिनों बाद आज मुझे लंड चुसाने का मौका मिला था। मैं मजे लूट रहा था। धीरे धीरे भिखारिन पूरी तरह से चुदासी हो गयी। वो तो चुदाई के मामले में एक्सपर्ट औरत लग रही थी। फिर वो मेरे लंड से मंजन करने लगी। मेरी गोलियों को वो मुंह में लेकर चूसने लगी। “आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई..ओह्ह्ह्” मैं चिल्लाया। फिर वो मेरे पैरों को सहलाने लगी और मेरे पैरों के अंगूठे और ऊँगली को चूसने लगी।
“साब!! आओ ना! मेरी चूत पियो आकर!” भिखारिन बोली
“खोल अपनी सलवार तेरी माँ की चूत!!” मैंने कहा
फिर हम दोनों की काफी गर्म हो गये। भिखारिन से जल्दी से अपनी सलवार का नारा खोला और उतार दी। अंदर उसने कोई चड्डी नही पहनी थी। उसके पैर खोल लिए। मैं उसकी चूत की तरह आ गया। उसने अच्छे से अपनी चूत की झांटे बना ली थी। मैं कुछ देर तक उसकी रसीली चूत पर ऊँगली घुमाता रहा। उसकी चूत काफी खूबसूरत थी। 6 महीने से भिखारिन को किसी ने नही चोदा था। मैं उसकी चूत की दरार में ऊँगली करने लगा। वो “ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ.” करके तडपने लगी। मैं उसकी चूत की घाटी में अपनी ऊँगली करने लगा। वो बार बार अपना मुंह खोल देती और तडप जाती। फिर मैं लेट गया और उसकी रसीली चूत चाटने लगा। दोस्तों भिखारिन का बदन भरा हुआ था। इसलिए उसकी चूत की अच्छी फूली फूली थी। देखने में मस्त दिख रही थी। मैं जल्दी जल्दी चाटने लगा।

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भिखारिन “आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई…अई..मम्मी..” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी। मुझे उसकी सिक्सरियां अच्छी और कामुक लग रही थी। धीरे धीरे मुझे और गर्मी चढ़ने लगी। मैं अपनी जीभ को बाहर तक लाकर उसकी बुर पीने लगा। वो बार बार अपनी कमर गोल गोल घुमाती जिसे देखकर मुझे मजा आता। फिर मैं उसकी चूत में ऊँगली भी करने लगा। भिखारिन गर्म गर्म सांसें छोड़ने लगी। मैं जल्दी जल्दी उसकी बुर फेट रहा था। बाहर से उसका रंग तो ठीक था पर अंदर उनकी टाँगे और जाघे तो बहुत ही खूबसूरत थी। मैं बार बार उसके पैरो को सहलाता था। और जांघो पर हाथ घुमाता था।
मुझे काफी मजा आ रहा था। फिर मैं अपनी जीभ से कोने से भिखारिन के चूत के दाने को छेड़ने लगा। वो “..मम्मी.मम्मी…सी सी सी सी.. हा हा हा …ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ..” की आवाज करती और तडप जाती। उसकी तड़पन देख कर मैं मचल जाता। मैं और मेहनत से उसका भोसड़ा पीने लगा। लगातार चूत में उगली कर रहा था। भिखारिन अपनी गांड बार बार हवा में उठा देती थी। वो बेताब और पागल हो रही थी। मुझे मजा आ रहा था।
“साब अब मुझे चोदो ना! अब मुझे और मत तडपाओ” भिखारिन बोली
मैंने उसकी कोई बार सुनी और लगातार 20 मिनट तक उसकी बुर पीता रहा और चूत में ऊँगली करना रहा। भिखारिन की तो जान ही निकली जा रही थी। मेरा लंड अब टनटना गया था। मेरे मुंह और होठो में उसकी चूत का सफ़ेद रंग का माल लग गया था। उसकी चूत का रंग अब गुलाबी से बदलकर लाल हो गया था। भिखारिन की चूचियां उफनती नदियो की तरह लग रही थी। उसके 40″ के दूध मुझे अपने पास बुला रहे थे। वो मस्त माल थी चोदने के लिए। मैंने उसके उपर उपर की तरफ उठा दिए और अपने लंड पर थोडा तेल लगा लिया और अच्छे से मल लिया।
फिर मैं अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और धीरे धीरे उसे लेने लगा। भिखारिन की 40″ की छातियाँ इधर उधर हिलने लगी। मैं उसे पेलने लगा। मैं कोई कंडोम नही पहना क्यूंकि भिखारिन ने पिछले 6 महीने से कोई सहवास नही किया था। इसलिए खतरे की कोई बात नही थी। मैं उसे जल्दी जल्दी ठोकने लगा। कुछ देर बाद वो आराम से चुदाने लगी और “…उई. .उई..उई…माँ..ओह्ह्ह्ह माँ..अहह्ह्ह्हह.” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी। उसका हाल देखकर मुझे हंसी आ रही थी। लग रहा था की उसने आम का खट्टा अचार खा लिया हो। वो बार बार अपना मुंह खोल देती थी।

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“बहन की लौड़ी!! मुंह में क्या लंड चला गया है जो बार बार मुंह खोल रही है???” मैंने उसे डांटा
“उ उ उ..अअअअअ आज बहुत दिनों बाद चुदा रही हूँ इसलिए थोडा दर्द हो रहा है” भिखारिन बोली
मैं और कस कसे उसे बजाने लगा। वो फिर से मुंह खोलने लगी। मैं उसकी बुर की तरफ देखने लगा। मेरा लंड सट सट उसकी चूत में फिसल रहा था और अंदर बाहर हो रहा था। लग रहा था की उसकी रसीली चूत की मेरे लंड से शादी हो गयी है। मैंने उसकी पेलाई और ठुकाई जारी रखी और उसका गेम बजाता रहा। 15 – 18 मिनट बाद मैं झड़ गया। जब अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से मेरा सफ़ेद रंग का जूस बाहर आ गया और नीचे की ओर बहने लगा। मैं जल्दी से लंड भिखारिन के मुंह में दे दिया। वो खुद ही जल्दी जल्दी चूसने लगी। कुछ देर बाद हम दोनों का मौसम फिर बन गया था।
“चल कुतिया बन!” मैंने कहा
भिखारिन कुतिया बन गयी। मैं पीछे से उसके गोरे और चिकने पुट्ठे सहलाने लगा। फिर पीछे से मैं उसकी कसी गांड जीभ लगाकर चाटने लगा। उसे गुदगुदी हो रही थी। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और धीरे धीरे आधे घंटे तक उसकी गांड चोदी। मुझे भरपूर मजा आया। 4 घंटे बाद वो अपने घर चली गयी। कहानी आपको कैसे लगी?



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