भाई ने प्लान बना कर बहन को चोदा

हेलो एवेरिवन, ई’म सेखार फ्रॉम वडिषा. आगे 25 हाइट 5’7″. दोस्तों आप लोगों ने मेरी पहली स्टोरी पढ़ने के बाद जो कॉमेंट्स दिए है, मुझे देख कर खुशी हुई. इसलिए मैं इसका दूसरा पार्ट आप लोगों से शेर कर रहा हू.

दोस्तों देर ना करते हुए लंड को आयेज-पीछे और छूट में एक से ज़्यादा उंगली डालने का टाइम आ गया है. तो शुरू करते है.

देल्ही में कुछ दिन रहने के बाद मुझे वडिषा में एक जॉब मिल गयी. तो मैं अपने गाओं आ गया यहा पर जॉब करने के लिए.

जॉब करते हुए कुछ एक साल से उपर बीट गया. फेब्रुवरी मंत चल रहा था. बुआ जी ने मुझे कॉल करके 2 टिकेट्स करने के लिए बोला. बुआ जी, और उनकी छ्होटी बेटी पूजा (चेंज्ड नामे) दोनो वडिषा आने वाले थे.

मैं तो बड़ा खुश हो गया. फिर मैने अगले दिन 2 टिकेट्स बुक करा दी. दो दिन के बाद मैं उनको स्टेशन रिसीव करने के लिए एक गाड़ी लेके गया. वापस आने के टाइम रात के करीब 9 बजे मैने गाड़ी एक ढाबे पे रोकी.

पूजा आयेज बैठी थी, और बुआ जी पीछे. बुआ जी जब उतार के ढाबे के पास जाने लगी, तब मैं पूजा की सीट को सडन्ली पीछे करके उसके उपर आ गया, और उसके बूब्स को त-शर्ट के उपर ही मसालने लगा.

वो: आअहह, ये क्या कर रहे हो? गाड़ी में नही. ये सब बाद में घर जाके करना.

हम खाना खा के घर पहुँच गये. अगले दिन मेरा बहुत अर्जेंट काम था ऑफीस में. तो मैं बुआ जी को उनके ससुराल में छ्चोढ़ के अपने गाओं आ गया. मेरे गाओं से बस 10 केयेम दूरी पर थे वो. अगले दिन सुबह मैं भुबनेस्वर निकल गया, और 20 दिन के बाद छुट्टी लेके गाओं आया.

जब मैं बुआ जी के घर गया, और वाहा पे पूजा के साथ कुछ करने की कोशिश करता, तो बुआ जी की वजह से कुछ नही कर पाता. फिर मैने एक आइडिया लगा के पूजा को अपने गाओं लेके आने को बोला. बुआ जी भी राज़ी हो गयी. उस दिन मैं पूजा को गाओं लेके आ रहा था.

वो बोली: मुझे घूमने जाना है.

मैं बोला: ठीक है चलते है.

फिर घूमने के बाद मैं उसको अपने घर में ले आया. हमारे घर में सिर्फ़ 3 लोग है, मेरे पेरेंट्स और मैं. पूजा को देखने के बाद मेरे पेरेंट्स बहुत खुश हुए. हम लोगों ने कुछ देर बात की, उसके बाद सब ने साथ में लंच किया.

मेरे पेरेंट्स को कही जाना था, और वो दोनो शाम तक वापस आएँगे ऐसा पापा ने मुझे बोला. पास के गाओं में मेला लगा था, तो पापा ने कहा शाम को आने के बाद हम सब घूमने जाएँगे वाहा. दोस्तों मॅन ही मॅन मैं बड़ा खुश हो रहा था.

दोपहर के 2 बजे से लेके शाम को 6 बजे तक हमे कोई डिस्टर्ब नही करने वाला था. जब मेरे पेरेंट्स निकल गये, तब मैं मेडिकल स्टोर जाके एक बड़ा पॅकेट कॉंडम, और 2 वियाग्रा को गोलियाँ ले आया. वही पे एक गोली मैने खा ली. जब घर आया तो पूजा ने पूछा-

वो: कहा गये थे?

मे: मेडिकल स्टोर गया था कॉंडम लाने के लिए.

वो: उसकी क्या ज़रूरत है?

मे: अगर कुछ हो गया तो?

वो: कुछ नही होगा, मैं मॅनेज कर लूँगी.

फिर मैं डोर्स लॉक करके उसको उठा के अंदर ले गया, और बेड पे लिटा दिया. उसके खुले घुंघराले बालों को सहला के किस करने लगा. उसके बूब्स को दबाने लगा. जब उसने सिसकारियाँ ली, उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मैने उसके. उस वक़्त मेडिसिन का असर हो गया था, और मेरा लंड 7″ से और लंबा और मोटा हो गया था. पूजा मेरे लंड को हाथ में लेके आयेज-पीछे कर रही थी, और मेरे कान में बोली-

वो बोली: ये तुम्हारे लंड को क्या हो गया है? बिल्कुल एक रोड जैसा बन गया है.

मे: ये तेरी छूट में जाने के लिए ऐसा बन गया है.

कुछ देर किस करने के बाद मैने उसकी छूट में 2 उंगलियाँ डाली. वो मोन करने लगी. 5 मिनिट आयेज-पीछे उंगलियाँ की, और वो झाड़ गयी. फिर उसने मेरे लंड को मूह में लिया, कुछ देर चूसने के बाद मैने उसकी छूट में डाल दिया.

वो चीखने लगी, और मुझे ज़ोर से हग करने लगी. 5 मिनिट मैं धीरे-धीरे आयेज-पीछे करने लगा. वो सिसकियाँ ले रही थी, और मैं उसके बूब्स को मसालने लगा. रूम में फ्ट-फ्ट की आवाज़ गूंजने लगी. मैने धीरे-धीरे रफ़्तार बढ़ा दी, और वो छीलाने लगी.

उसकी लिप्स को लॉक करके मैने रफ़्तार और तेज़ कर दी. 15 मिनिट में वो 2 बार झाड़ चुकी थी. उसकी छूट पूरी गीली हो गयी थी, और मैं ज़िंदगी के सबसे हसीन मोड़ पर था.

फिर कुछ देर बाद उसने मुझे रुकने को कहा. वो बेड पे लेती थी और मैं खड़ा होके उसकी दोनो टांगे पकड़ के छोड़ने लगा. दोस्तों मेडिसिन का असर भी था उस टाइम. फिर मैं उसके उपर आ गया और किस करने लगा. उसने कहा-

वो: बस करो, तुम्हारा अभी तक निकाला क्यूँ नही. क्या खा के आए हो? आज रुकने का नाम नही ले रहे हो.

उस टाइम उसकी छूट में मेरा लंड जैसे बोर पिस्टन की तरह अंदर-बाहर हो रहा था. उसके बूब्स को मसल-मसल के मैने लाल कर दिया था. एक घंटे बाद हम दोनो चरम सीमा पर थे. मैने उससे पहले ही पूच लिया की कहा निकालु. उसने कहा अंदर.

फिर मेरा वीर्या निकला, और लंड को मैने उसके घरभाशय तक पेल दिया. 5 मिनिट तक वीर्या निकला और उसकी छूट से निकल के बेडशीट गीली हो गयी. फिर मैं 10 मिनिट उसके उपर पड़ा रहा. उससे उठा नही जेया रहा था.

हम दोनो ऐसे ही सो गये. 5 बजे जब नींद खुली, हम फ्रेश हुए. कुछ देर बाद पेरेंट्स भी आ गये. फिर पूजा ने सारी पहनी. दोस्तों ब्लू कलर की सारी में क्या क़यामत लग रही थी. उसकी सेक्सी नाभि से बहुत नीचे पहनी. हम लोग मेले में घूमे, और फिर खाना खा के वापस घर आए.

जब सोने की तायारी हुई तो वो मेरी मा के पास सोने के लिए बोली. ताकि किसी को शक ना हो. मुझे पता था की वो रात को ज़रूर आएगी. मैने एक बियर पी ली थी. हम सोने लगे. फिर कुछ देर बाद रात के करीब 2 बजे वो मेरे कमरे में आई. मैं उस वक़्त पॉर्न मोविए देख के लंड हिला रहा था.

उसके आते ही मैने उसकी निघट्य उपर करके उसकी छूट में लंड पेल दिया. 20 मिनिट बाद वीर्या उसकी छूट में छ्चोढ़ के मैं सो गया. फिर वो सोने चली गयी. ये सिलसिला करीब 4 दिन तक चला. उसको मैने करीब 15 बार छोड़ा.

तो दोस्तों अगर आपको ये स्टोरी अची लगी तो ये मेरी एमैन ई’द है- सेखरक्म92@गमाल.कॉम कॉमेंट करके ज़रूर बताए ताकि मैं अगली स्टोरी भी आपके साथ शेर करू.

यह कहानी भी पड़े  दोस्त की मा ने क्लीवेज दिखा के सेक्स किया

error: Content is protected !!