हेलो मी रीडर्स. हाउ अरे योउ? ई होप योउ ऑल अरे ओक. ई नो अबकी बार कहानी आने में थोड़ी देरी हो गयी, जिसके लिए मैं आपसे माफी माँगता हू. तो आइए देर ना करते हुए कहानी शुरू करते है.
ये कहानी कामदेव की बुआ यानी मेरी है. आप लोग मेरे को और कामदेव को तो जानते ही हो, और हमारी चुदाई को भी जानते ही हो. लेकिन इस कहानी में कामदेव की सौतेली मा है. उसकी मा से कैसे मेरे शारीरिक संबंध बने, जब मैं उसके घर आई हुई थी, आइए जानते है.
ये बात तब की है जब कामदेव पढ़ाई के लिए शहर से बाहर रहने लगा था. उसके घर बस उसकी मम्मी और उसके पापा ही रहते थे. एक बार उसके पापा को कही काम से शहर से बाहर जाना पड़ा, और उसकी मम्मी घर पर अकेली हो गयी.
अकेले होने की वजह से मेरे भाई ने मुझे उनके थोड़े दिन घर रुकने को बोला. मैं घर में फ्री ही रहती थी, इसलिए मैने माना नही किया और अपना बाग पॅक करके भाई के घर चली गयी.
मेरी अपनी भाभी (यानी कामदेव की मा) के साथ ठीक-ताक बन जाती थी. उनकी आगे 38 है. वो अब भी जवान दिखती है, और पूरा मेकप वग़ैरा करती है. घर में वो शॉर्ट्स, खुले टॉप, सब डाल लेती है. उनका रंग गोरा है, और बूब्स भी आचे है, 32″ के होंगे. उनके पैर भी बहुत गोरे है.
घर का सारा काम वही करती है जैसे सॉफ-सफाई, बर्तन, खाना बनाना सब. एक दिन मेरी सुबा-सुबा आँख खुलती है. भाभी रूम में पोछा लगा रही होती है. उन्होने सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट डाला हुआ होता है. झुकने की वजह से उनके आधे से ज़्यादा बूब्स दिख रहे होते है.
उनके बूब्स बिल्कुल गोरे थे. जैसे-जैसे वो खुद हिल रही थी, उनके बूब्स भी हिल रहे थे. मेरे को किसी लेडी के बूब्स देख कर 1स्ट्रीट टाइम ऐसा फील हुआ. अब भाभी उठ कर रूम से जाने लगी, तो मैं क्या देखती हू की पेटिकोट तो उनकी गांद की दरार में फ़ससा हुआ था.
मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया, और उठ कर फ्रेश होने चली गयी. फ्रेश वग़ैरा हो कर मैं नीचे गयी, और भाभी साथ हेल्प करने लगी. काम करते-करते हम बातें करने लगे.
भाभी: इन्होने फालतू में तुमको परेशन किया. मैं कोई छ्होटी बच्ची थोड़ी हू, जो अकेले घर में नही रह सकती.
मैं: इसमे परेशन होने वाली क्या बात है भाभी?
भाभी: फिर भी, मेरे को कोई खा थोड़ी जाता अगर मैं अकेले रहती तो.
मैं (धीरे से): आपको तो कक्चा चबा जाएँगे सब.
भाभी: क्या?
मैं: कुछ नही, आप इतना मत सोचो. अपने ही अपनो के काम नही आएँगे तो कों आएगा?
भाभी: हा वैसे ये तो है. तुम आ गयी तो मुझे कंपनी मिल गयी.
मैं: हा.
फिर हमने लंच किया, घर के काम करे, और सारा दिन ऐसे ही निकल गया. रात को डिन्नर करके मैं रूम में जेया कर सोने लगी, तभी भाभी बोली-
भाभी: कहा जेया रही हो?
मैं: सोने.
भाभी: तो मेरे साथ ही सो जाओ ना. तुम कोई पराई थोड़ी हो जो गेस्ट रूम में सोना पड़े.
मैं: नही भाभी, मैं ठीक हू वाहा.
भाभी: मैने बोला ना मेरे साथ ही सो जाओ.
मैं: ठीक है.
अब मैं और भाभी लेट गये, और बातें करते-करते सो गये. रात को मुझे बहुत तेज़ प्यास लगी, और मैने उठ कर पानी पिया. तभी मेरा ध्यान भाभी के उपर गया. नींद में होने की वजह से भाभी का पेटिकोट जांघों तक चड़ा हुआ था. उनके पैर बहुत सॉफ्ट लग रहे थे. उनका ब्लाउस भी सेट नही था, और उनके बूब्स बाहर आने को हो रहे थे.
मुझे सेक्स किए हुए बड़े दिन हो गये थे, और उपर से यहा कामदेव भी नही था. तो ये सब देख मुझे कुछ-कुछ होने लगा था. अब मैं वापस से सोने लगी. तभी भाभी ने करवट ली, और अपना पैर मेरे उपर रख दिया. मुझे बड़ा अछा लगा. मैने धीरे से उनके पैर को टच किया.
पहली बार किसी लेडी को ऐसे सोच कर या ऐसे देख कर मेरी पनटी गीली होने लगी थी. 2-3 दिन ऐसे ही निकल गये, और मेरे शरीर में आग बढ़ती जेया रही थी. मैने सोच लिया जब तक कोई लंड नही मिलता, भाभी से ही काम चलाया जाए.
अब मैं ये सोचने लगी की कैसे भाभी को लेज़्बीयन सेक्स के बारे में समझोउ. एक दिन मैं उनके रूम में बैठी थी, और वो अचानक से नहा कर बाहर आई. उन्होने बस एक टवल लपेट रखा था. उनके आते ही मैं भाग कर बाहर जाने लगी. तभी उन्होने बोला-
भाभी: कहा जेया रही हो तुम?
मैं: बाहर.
भाभी: अर्रे तुम कोई लड़का थोड़ी हो. तुम भी मेरे तरह हो. इट’स ओक, बैठी रहो.
मैं वापस बैठ गयी. भाभी ने मेरे आयेज टवल लूस कर दिया, जिससे उनके बूब्स और आस दिखने लगी. शायद भाभी ने ये नोट कर लिया था. भाभी ने मेरे आयेज ब्रा और पनटी पहनी. उनकी बॉडी काफ़ी सेक्सी है. मैने मज़ाक-मज़ाक में भाभी से बोला-
मैं: एक बात तो है भाभी. भैया के फुल मज़े है की उनके पास तुम हो.
भाभी: कैसे?
मैं: इतना अछा फिगर हो किसी का और वो जिसकी वाइफ ही हो, तो उसके तो हुए ना मज़े ही मज़े.
भाभी: अर्रे तुम भी ना!
मैं: मज़ाक नही, सच में भाभी.
भाभी: तुम भी ना कुछ भी बोल देती हो.
इसके बाद भाभी मंदिर चली गयी, और मैं उनके रूम में ही थी. उनकी टेबल पर एक फोटो फ्रेम रखा था, जिसमे भाभी ही थी. फ्रेम में भाभी बहुत सुंदर लग रही थी. उनका उसेड टवल भी मेरी साइड में था.
आज मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और मैने अपना हाथ छूट पर रखा, और छूट सहलाने लगी. मैं भाभी को देखते हुए उंगली करे जेया रही थी, और बोले जेया रही थी-
मैं: भाभी क्या माल है आप. मॅन तो करता है बेड पर लिटा कर आपकी छूट चूस जौ. आपके बूब्स चूसू. आपकी वजह से मेरी छूट में आग लगी हुई है. आह ष्ह भाभी.
अब मैने उनका उसेड टवल उठाया, और उसकी स्मेल लेने लगी. उसमे से बड़ी अची खुश्बू आ रही थी.
मैं: ह ह रंडी साली, चूस मेरी छूट अहह. क्या मस्त छूट है तेरी रंडी भाभी ह अहह अहह.
मैने अपना सारा पानी उस फोटो फ्रेम पर छ्चोढ़ दिया, और अपनी छूट को भाभी के टवल से पोंछ लिया. मेरा तोड़ा पानी भी टवल पर लग गया. मैने उस फोटो फ्रेम को भी टवल से सॉफ करा, और टवल को वापस से बेड पर रख दिया.
वो दिन ऐसे ही निकल गया. रात को भाभी नहा रही थी, और मैं बेड पर लेट कर फोन उसे कर रही थी. अचानक से भाभी नंगी बाहर आ गयी. उनकी छूट एक-दूं क्लीन थी. मैं तो उनको देखती रह गयी, और वो बहुत गुस्से में थी. वो बोली-
भाभी: तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे टवल पर वो सब लगाने की?
मैं: भाभी क्या बोल रहे हो आप? मुझे कुछ समझ नही आ रहा.
भाभी: तूने मेरे टवल पर अपनी छूट का पानी क्यूँ निकाला?
मैं: ये सब क्या बोल रही हो? मैने ऐसा कुछ नही करा, और मैं ऐसा क्यूँ ही करूँगी?
भाभी: तो टवल में ये निशान कैसे? और स्मेल भी आ रही है.
मैं: मैने सॅकी नही करा.
भाभी: रंडी तू ऐसे नही बोलेगी. रुक तेरे भाई को तेरी करतूत बताती हू.
ये सुन मैं दर्र गयी. भाभी के समान को कोई उसे करे, या तोड़ दे, या गंदा कर दे, उन्हे ये बिल्कुल पसंद नही है. फिर चाहे सामने भैया ही क्यूँ ना हो. जैसे भाभी ने ये बोला, मैं दर्र गयी और उनको बोला-
मैं: माफ़ कर दो भाभी, आयेज से ऐसा नही करूँगी. प्लीज़ भैया को मत बताओ.
भाभी: इसका मतलब तूने ही करा ना ये?
मैं: हा.
भाभी: तो अपने टवल को उसे क्यूँ नही किया?
मैं: क्यूंकी आपके टवल में से खुसबु आ रही थी.
भाभी: कैसी खुश्बू?
मैं: छ्चोढो भाभी कुछ नही.
भाभी: बता ना?
मैं: आपकी बॉडी की और शॅमपू की. मुझे वो खुश्बू बड़ी अची लगी.
भाभी: चल मेरे को करके दिखा?
मैं: क्या?
भाभी: उंगली करके. मैं भी देखु तू आख़िर उंगली कैसे करती है.
भाभी मेरे सामने नंगी थी, तो मुझे उंगली करने में ज़्यादा दिक्कत भी नही हुई. मैं उंगली करते जेया रही थी, और अचानक से मेरा पानी निकल गया. मेरा पानी भाभी के बूब्स पर गिरा. भाभी एक-दूं गुस्से में आ गयी.
मैं: सॉरी भाभी, सॉरी.
मैने देर ना करते हुए भाभी के बूब्स को चाटना शुरू किया, और चाट-चाट कर उन्हे सॉफ कर दिया. उनके बूब्स चूस्टे और चाट-ते हुए मुझे बहुत अछा लग रहा था. शायद भाभी भी अब गरम हो चुकी थी.
भाभी: तूने बूब्स आचे चूज़ इसलिए माफ़ कर रही हू. लेकिन एक बात बता, तू उंगली करते वक़्त मेरी छूट क्यूँ देखे जेया रही थी?
मैं: बता डू, लेकिन आप गुस्सा करोगे.
भाभी: नही बता.
मैं: क्यूंकी वो क्लीन शेव्ड है, और उपर से पिंक. बिल्कुल जुवैसी लग रही है.
भाभी: अछा मेरी छूट जुवैसी लग रही है? चल अपनी दिखा.
मैं: क्या?
भाभी: अपनी दिखा.
मुझे समझ नही आ रहा था, बुत मज़ा भी आ रहा था. मैं जल्दी से नंगी हो गयी. मेरे नंगे होते ही भाभी ने मेरे को धक्का दे दिया, और मेरे उपर चढ़ गयी. वो पागलों की तरह मेरे बूब्स चूसने लगी, और अपना हाथ मेरी छूट पर सहलाने लगी, जिससे मुझे मज़ा आने लगा.
मैं: आह भाभी, ये क्या कर रहे हो? आह श उई.
भाभी: लेती रह, और मज़े ले रंडी तू.
मैं: आह आह श.
भाभी: क्या मस्त माल है तू रंडी अहह.
भाभी अब मेरी छूट में फुल स्पीड में उंगली करने लगी.
मैं: आह आह आ भाभी.
मैने सारा पानी बेड पर निकाल दिया. अब मैने उनको लिटाया और उनकी छूट चूसने लगी.
भाभी: ह चूस रंडी चूस अहह. ऐसे ही मा की लोदी कुटिया चाट. चाट ऐसे ही.
मैं: ऐसे ही करती राहु ना?
भाभी: हा कुटिया, ऐसे ही आह अहह, अंदर तक दे, और तेज़ हिला उंगलियों को.
भाभी ने एक-दूं उंगलियाँ छूट से निकली, और मेरे मूह में दे दी. मुझे बड़ा अजीब लगा.
भाभी: चूस कुटिया चूस. बड़ा कीमती रस्स है. चाट आचे से.
मैने उंगलियों को चूसा, लेकिन मेरे को अजीब लगा. बुत मज़ा भी आया.
मैं: भाभी.
भाभी: बोल आह ह बोल-बोल ओह श.
मैं: आपके बूब्स दबा लू?
भाभी: हा दबा ले रंडी, दबा ले आह.
मैने जल्दी से अपने दूसरा हाथ से भाभी की चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया. वो बड़ी सॉफ्ट थी. मैं एक हाथ से बूब्स दबा रही थी, और एक हाथ से उनकी मूठ मार रहा था. लेकिन अब मैने एक-दूं से 3 उंगलियाँ छूट में घुसा दी.
भाभी: आह मा की लोदी रंडी कुटिया, भोंक तो देती करने से पहले रंडी साली.
मैं: असली मज़ा इसी में है कुटिया मेरी.
भाभी: पता नही कितने लोड खाए होंगे तेरी मा ने जब तू हुई है.
मैं: ह तू भी लोड खा रंडी, चुड़क्कड़ भाभी.
अब भाभी का पानी भी निकल गया, और वो भी ठंडी हो चुकी थी.
तो ये थी मेरी और भाभी की चुदाई की कहानी. ई होप आपको ये कहानी पढ़ कर मज़ा आया होगा. मुझे मैल पर रिप्लाइ करके फीडबॅक ज़रूर दे.
अगर किसी को भी लेज़्बीयन सेक्स करना हो या मैल पर उसके बारे में बातें करनी हो, तो मुझे मैल करके बताए. मैं भी ये वाली ईद उसे करती हू.