हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम बिलाल है, और मैं लेके आया हू. मेरी बेहन की सॅकी कहानी जो मैने मेरी आँखों से देखी, और फिर मैने भी उसका साथ दिया उसके काम में.
मेरे पापा टेलर है, आंड अम्मी हाउसवाइफ है. एक छ्होटा भाई है, जो पागल है तोड़ा. दो बहने नज़रीन और नादिरा है. नज़रीन अभी 14 की ही थी, और नादिरा 18 साल की मस्त पटाखा लड़की थी. उसका साइज़ 37-30-35 था 18 की आगे में ही.
ज़्यादा बात ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हू. ये बात है मेरे जानम दिन से कुछ महीने पहले की जब 1स्ट्रीट एअर के एग्ज़ॅम चल रहे थे. मेरी बेहन भी 1स्ट्रीट एअर में थी. मैं उसके सेंटर पर उसको ले जौ, ऐसा मुझे मेरे पापा ने कहा था. पर मेरी बेहन नादिरा ने माना कर दिया.
पापा: क्यूँ बेटा, बड़ा भाई लेने आएगा तो चलेगा ना?
नादिरा: नही पापा, मैं मेरी फ्रेंड्स के साथ आ जौंगी. भाईजान को आने की ज़रूरत नही है.
पापा: ठीक है बेटा, पर संभाल कर.
नादिरा: जी अब्बू.
और फिर नादिरा बहुत खुश हो जाती है, और मुझे शक़ होने लगता है की आज से पहले तो उसने ऐसी ज़िद नही की थी. मुझे कुछ शक़ हुआ, लेकिन फिर मैने जाने दिया.
अगले दिन वो पेपर देने गयी. पेपर का टाइमिंग वही था 9 से 12. पर मेरी बेहन रोज़ 3 बजे घर आती थी. जब हम पूछते तो कहती-
नादिरा: हम पार्टी करते है, और फिर पढ़ाई अगले पेपर की.
हमने उसकी एक सहेली से कॉल करके भी पूछा, तो उसने भी वही कहा-
सहेली: भाई हम पार्टी करते है, और अगले पेपर का पढ़ते है.
नेक्स्ट पेपर वाले दिन भी यही हुआ, और इस बार वो पहले से ज़्यादा खुश लग रही थी. फिर रात को जब सब सो रहे थे, तब मैने कुछ आवाज़े सुनी. ये आवाज़ मेरी बेहन की थी. मैने ध्यान से सुना तो कुछ ऐसा बोल रही थी.
नादिरा: नही यार समझो ना, बहुत लेट हो जौंगी मैं.
फिर एक-दूं से हस्स के बोली: अछा जी शुकरिया. तुम सब बहुत अची हो.
फिर रुकी थोड़ी देर और बोली: अछा ठीक है. बुत मेद्स के पेपर का इंतेज़ां हो जाना चाहिए.
मेरा तो फ्यूज़ ही उडद गया ये सुन के, की मेरी बेहन पेपर खरीद रही थी. अगले दिन वो तैयार हुई जाने के लिए, और निकल गयी. उसको लेने के लिए उसकी सहेलिया आती थी.
मैं भी पूरी तैयारी में था. मैने अपने कपड़े ना पहन के मेरे दोस्त के कपड़े पहने थे. गाड़ी भी किसी और की थी, ताकि पता ना चले. वो लोग कॉलेज के बाहर उतरे, और सब अंदर नही गये, और एक साइड में जाके रुक गये. फिर मैने देखा, की एक दो लड़के उनकी तरफ ही आ रहे थे.
उन्होने मेरी बेहन को पेपर दिया. मैं समझ गया ये मत का पेपर था. फिर जाते-जाते उसने मेरी बेहन की गांद दबा दी. मेरे को गुस्सा आया, और मैं देखता रहा की मेरी बेहन उसको मुस्कुराते हुए देख रही थी.
मैं सोच रहा था की उसने पैसे क्यूँ नही लिए. फिर मैने उस लड़के का पीछा किया, और उसी टाइम उसका फोन आया. मैने उसकी बातें सुनी.
वो लड़का: हा भाई, दे दिया पेपर. हा बस वही जेया रहा हू तैयारी करने. भाई वो आएगी ना?
मैं फिर मेरे घर चला गया, और छुट्टी के टाइम वापस आया. मैने देखा के सारी सहेलिया उनके घर जेया रही थी, और मेरी बेहन दूसरी तरफ जेया रही थी. तोड़ा आयेज जाके वो एक कार में बैठ गयी.
मैने देखा की उसमे बस लड़के ही थे और मेरी बेहन को चूम रहे थे. फिर वो गाड़ी फार्महाउस पर जेया कर रुकी, जो की शहर से बाहर था. मैं वाहा से पलट गया. गुस्से में था मैं, की इसको घर पर बताता हू.
तभी मैने देखा, की उधर एक वेंटिलेटर था हवा आने-जाने के लिए. मैने गाड़ी बाहर ही लगा दी, और दबे पैर वाहा जाने लगा. मैने उस पर चढ़ कर देखा, तो सब सॉफ दिख रहा था.
वाहा 7 लड़के थे जिसमे से मैं किसी को नही जानता था. फिर इतने में मुझे नादिरा दिखी. मेरा तो लोड्ा ही खड़ा हो गया देखते ही उसको. मेरी बेहन सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी. वो लड़के आए, और आके ज़मीन पर बैठ गये.
नादिरा: आज क्या कारवाओगे मुझसे?
इतने में एक ने बेल्ट निकली, और ज़ोरदार तरीके से मेरी बेहन की गांद पर मारी चार बार. मेरी बेहन रो दी.
रोते हुए नादिरा बोली: मार क्यूँ रहे हो?
लड़का: ये ब्रा इतनी उपर क्यू पहनी है? नीचे कर.
उसने ब्रा हटा ही दी. मैं देखता ही रह गया की जिसको देख कर मैं मूठ मारता था, वो लोग उसको नंगा देख रहे थे. फिर नादिरा खड़ी हुई, और उस लड़के को किस करने लगी. और मेरी बेहन ने अपने हाथो से उसके सारे कपड़े हटा दिए, और होंठ पे होंठ रख कर उसको चूस रही थी. ये सब देख के तो मेरा मूठ मारने का मॅन कर रहा था.
फिर बाकी के लोग बोले: कुटिया, हमे भी देख ले.
सब ने अपने-अपने कपड़े उतार दिए, और मेरी बेहन कुटिया की तरह चलते हुए सब को किस करने लगी. फिर सब खड़े हुए, और मेरी बेहन को चूमने लगे, और काटने लगे. मेरी बेहन बहुत गोरी थी, इस वजह से लाल निशान अलग ही दिख रहे थे.
फिर वो घुटनो पर बैठ गयी, और सब उसके मूह पे लंड मारने लगे. नादिरा के अंदर की रंडी बाहर आ चुकी थी.
नादिरा: बेहन के लोडो, बस दिखाओगे, या चुस्वाओगे भी?
इतना कहने की देरी थी, की दो लड़को ने अपने लंड उसके मूह में दे दिए. मैं समझ गया की वो पहले से छुड़वा रही थी. अब उसके मूह में टीन लंड जेया रहे थे, और बाकी के चार हस्स रहे थे, और बूब्स दबा रहे थे, और गलिया दे रहे थे.
लड़के: मदारचोड़, चूस तेरी मा का भोंसड़ा. रंडी आज के पेपर के लिए सबसे ज़्यादा पैसे लिए है मैने सबसे. तू भी आज ज़्यादा ही चूड़ेगी.
मेरी बेहन अपने मूह से लंड निकालते हुए बोली-
नादिरा: जी मालिक.
तब वो लड़का बोला: आबे साली 4 और लोगों को बुलाया है.
ये सुन के मेरी बेहन दर्र गयी. पर उसको ज़्यादा फराक नही पड़ा, और वो वापस से लंड चूसने लगी. उसने बारी-बारी सब का लंड चूसा, और अब सब ने उसको सोफे पर घोड़ी बनने को कहा.
वो ऐसा ही की. मेरी बेहन एक-दूं एक्सपर्ट रंडी लग रही थी. एक उसके नीचा आ गया, और अपना लंड मेरी बेहन की छूट पर सेट करके अंदर घुसने लगा. फिर एक ने गांद में लंड घुसा दिया, और टीन लंड उसके मूह में थे. बाकी के दो उसको चूम रहे थे, और मूठ मार रहे थे.
मेरी बेहन की सिसकियाँ मेरा दिमाग़ खराब कर रही थी. उसकी गांद में से आवाज़े आ रही थी फॅक फॅक की. पूरा कमरा बधोशी से भरा हुआ था. मेरा माल भी निकल चुका था. फिर सब ने अपनी जगह चेंज की, और फिरसे उसकी चुदाई चालू हो गयी.
लड़का: बहनचोड़, ये पताका लड़की तुझे मिली कैसे? ऐसा माल तो हज़ारो में एक बार मिलता है. क्या गोरा बदन है इस कुटिया का.
दूसरा लड़का: ये पहले से चुड़क्कड़ है. मेरे एक दोस्त ने मिलवाया था. इसको मेरे से काम पड़ा, और मैने इससे काम ले लिया.
और सब हासणे लगे. मेरी बेहन भी हस्स दी.
फिर एक लड़का बोला: हाए क्या मुस्कान है बहनचोड़ इसकी.
स्टोरी को इतना आचे से पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. कहानी लंबी ना हो जाए इसलिए आयेज की कहानी अगले पार्ट में.