पराए लंड से लक्ष्मी ने अपने प्यास बुझाई

सुनीता एक जवान लड़की थी जिसे गारबी ने बहोट मायूस किया था. कैसे कैसे गुज़रा चलता था. वो और उसका बाप एक रूम मे रहते थे.

एक दिन पता चला उसके बप्प की दोनो किडनिया फैल हो गयी. बीमारी का खर्चा उठना मुश्किल हो गया था. कोई पहचान के आदमी से उसे कन्स्ट्रक्षन मई मजूरी का काम मिला.

रोज 12 घंटे काम करना पड़ता था. 5-5 मंज़िला उसका चाड़के जाना पड़ता था. तक हर के उसको घर का काम भी करना पड़ता था. इतनी मेहनत से उसका बदन टूट जाता था.

एक दिन काम पे जाने के बाद उसको मेसेज आया की उसका बाप मार गया. उसको बोहोट दुख हुआ बिचारी टूट गयी. पड़ोसियो ने उसकी मदात की. किसी ने खाना दिया. किसी ने पैसे दिए और किसी ने कपड़े दिए.

कुछ दीनो बाद बस्ती की औरतोने उसको समझाया की काम मई मान लगा. फिर उसने काम शुरू कर दिया. दिन भर काम करती थी और रात भर रोटी थी.

एक दिन उकी तबीयत खराब हुई. उसकी पड़ोसी शबाना उसकी मदात करने आई. उसने चार दिन तक उसकी सेवा की.डॉवा दारू की. खाना खिलाया. फिर सुनीता ठीक हुई.

सबना और सुनीता की दोस्ती हुई. दोनो एक साथ रह. शबाना के अब्बा रहीं भी उसको बेटी जैसा प्यार करते थे. एक दिन गोविंद उसका दूर का रिस्त्ेदार उसको मिला. उसने उसके साथ बोहो बाते की.

सुनीता ने बताया इसी साइट पे वो काम करता है. गोविंद भी उसी साइट पे मिस्त्री का काम करता था. दोनो एक दूसरे से बाते करते थे. कभी कभी गोविंद सुनीता के घर भी आता था. सुनीता उसे खाने को बुलाती थी, दोनो मे आक्ची दोस्ती होगआई.

एक दिन सुनीता की तबीयत ठीक नही थी. गोविंद उसे मिलने उसके घर गया. बात करते करते सुनीता ने कहा की उसे बोहोट थकान और शरीर भी दर्द करता है.

गोविंद ने बात करते करते जेब से दारू की बॉटल निकली और कहा “ये है इस मर्ज़ की डॉवा”. सुनीता ने बोला “ची ये क्या??” गोविंद बोला एक बार पी के तो देखो. गोविंद सुनीता को दो ग्लास. पानी और कुछ खाने को लाने बोला.

सुनीता ने दो ग्लास और पानी लाई और चकना लेकि आई. दोनो ने बैठ कर दारू पी. गोवीद ने सुनीता के गालो पे हाथ फेरना शुरू किया. सुनीता ने झटका मार के उसे हटाया और उसको निकल जाने को कहा. वो मूह लटका के चला गया.

अब रोज़ सुनीता को दारू पीने की आदत लग गयी. उसके साथ शबाना भी दारू पीटी थी. एक दिन सबेरे बस्ती के आख़िर मे लक्ष्मी कर के महिला रहती थी करीब 42 की उमर की और भरे उहई शरीर की थी.

सुनीता को उसके घर से अजीब आवाज़े सुनाई दे ने लगी “उफफफफ्फ़ अहह ओह” पास जाके पात्रे के अंदर झक के देखती है. रहीं (शबाना का बाप) नंगा हो के लक्ष्मी की छूट मे उंगली कर रहा है.

लक्ष्मी का ब्लाउस कंधे के नीचे है, सॅडी कमर के उपर सिंदूर भरा हुआ. ऐसे हालत मे वो रहीं को लिपटी हुए है. रहीं 50 की उमर का हटता कटता. लंड कार्ब 9’ का लटका हुआ लक्ष्मी के छूट मे उंगली डाल के उसके मुममे दबा रहा है.

ब्लाउस उतारते हुए रहीं बोलता है “लक्ष्मी तू अगर मेरी बेगम होती तो आज मेरे घर मे चुध रही होती”. लक्ष्मी हसके बोलती हुए बोलती है “आज मई तेरी बेगम से कम हुआ क्या?” जब तेरी मेर्ज़ी होती है तब मेरे पास आता ही है ना तू”.

रहीं ब्लाउस निकाल के फेक देता है. फिर सॅडी और पेटीकोटे उतार देता है. लक्ष्मी अभी पूरी नंगी होती है. दोनो एक दूसरे को चूमते है.
रहीं लक्ष्मी की छूट चाटना शुरू कर देता है और बोलता है “या अल्लाह! क्या छूट बनाई है”.

लक्ष्मी ज़ोर ज़ोर से आहे भारती है. बोलती है “हे राम! क्या चाट रहा है”.

फिर रहीं लक्ष्मी को घोड़ी बनके छूट मे लंड डाल के छोढ़ना शुरू करता है. लक्ष्मी अपने मारे हुए पति की फोटो को देख के ज़ोर ज़ोर से आहे भारती है.

रहीं का लंड अंदर बाहर होता रहता है. 10 मीं छोड़ने के बाद उसे सीधा करके छोड़ना शुरू करता है. उसके पैर कंधे पे लेके उसका चूमता है. करीब आधा घंटा छोड़ के अपना वीर्या उसके पेट पे छोड़ता है.

अब रहीं तक के लक्ष्मी के बाजू मे आके सोता है. लक्ष्मी अपनी सॅडी से दोनो के बदन लपेट लेती है. रहीं के छाती पे सर रखे उसे चूमती है.

अचनका रहीं की नज़र पात्रे के होल की तरफ जाती है, सुनीता को देख के चॉक जाता है. सुनीता को देख के वो उसे बुलाता है. सुनीता शरमाती है.

रहीं बोलता है “सुनीता बेटी अंदर आओ. घबराने की ज़रूरत नही”. दोनो ने सॅडी से बदन ढाका होता है.

रहीं बोलता है मेरा और लक्ष्मी का पिछले 5 साल से रिश्ता है. सुनीता ने सोच के पूछा “भावरलाल की मौत को 1 साल हुआ है”. लक्ष्मी अपनी सॅडी हटा के नंगे ही सुनीता के पास जाके बोलती है.. “भावरलाल को मालूम था की मई सिंदूर तो उसका लगती हू लेकिन लंड किसी और का चुस्ती हू”.

रहीं बीच मे ही हेस्ट बोलता है लंड देखते हुए “ये चुस्ती थी क्या”. सब लोग हसना शुरू करते है. रहीं अपने उपर की सॅडी उतार के नंगा ही आके सुनीता के कंधे पे हाथ रखे बोलता है “बेटी तेरी चाची को गुज़रे 6 साल हुए, एक दिन मैने लक्ष्मी को उंगली करते देखा”.

फिर रहीं एक कपड़े से लंड सॉफ कर रहा था. लक्ष्मी बोली “हा रहीं मेरे पास आया और बोला क्या हुआ, भावर ठीक से तुझे छोड़ता नही क्या”?

मैने कहा हन और मई रोने हागी. फिर रहीं लक्ष्मी के पास आता है उसका एक निपल दबाते हुए बोलता है “मैने टाई कर लिया की मई इसको अपनी बेगम बनाओगा”.

सुनीता बोली “फिर भंवर लाल????” रहीं बोला “भावरलाल को पता था की लक्ष्मी को सुख नही दे सकता”.

लक्ष्मी ने भावरलाल को बोला “मई तुम को चोरना चाहती हू” वो रोने लगा और कहा तू मुझे चोर के मत जेया, तू चाहे तो घर मे ही किसी को बुला सकती है.

इसके बाद मैने (रहीं का लंड पकड़ के) इस छोड़ू के साथ निकाह किया. और इसकी प्राइवेट बेगम बनी. लंड दबाने के बाद रहीं का लंड 10’ का हो गया. तो बेटी ये है हमारी प्रेम कहानी. रहीं तो मुझे भावरलाल के सामने नंगा कर के रात भर छोड़ता था.

रहीं ने लक्ष्मी के बूब्स दबाना शुरू किया “सुनीता बेटी इसमे ग़लत है क्या, हम दो जिस्म है.”

सुनीता अपना सिर हिलाके वाहा से निकल जाती है. रहीं लक्ष्मी को लेता के उसपे वापस चढ़ जाता है. लंड को लक्ष्मी ज़ोर ज़ोर से हिलती है, रहीं लक्ष्मी को बोलता है तुम्हे याद है अपनी पहली चुदाई?

लक्ष्मी बोलती “हन याद है लेकिन मुझे तो वो चुदाई पसंद है जब तुम्हारे मूसल जैसे लंड ने पहली बार भावर लाल के सामने कस कस के मेरी छूट और गांद मारी”.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे, जिसमे आपको बतौँगा की लक्ष्मी और रहीं ने कैसे भावर लाल के सामने चुदाई की और कैसे भावर लाल ने उनका रिश्ता अपनाया.

यह कहानी भी पड़े  मा ने लिया अंजान आदमी का लंड


error: Content is protected !!