भाई, बेहन और उसकी देवरानी की थ्रीसम चुदाई

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैने मेरे भाई विजय और मेरी देवरानी रूपाली को अकेले में प्राइवसी दी, और दोनो के बीच रोमॅन्स हुआ और उन्होने चुदाई करी. जब मैं रूपाली से मिलने के बाद विजय को मिलने गयी.

विजय: आप आ गये दीदी. बिना बताए ही चले गये थे. मैने आपको बहुत मिस किया.

शीला: हा मुझे पता है कितना मिस किया. रूपाली के साथ पूरा दिन मज़ा किया है, मुझे क्या मिस करोगे?

विजय ( शर्मा गया): क्या दीदी, आप भी. आप दोनो ने तो मुझसे छुड़वाने का प्लान बनाया था. और घर में ऐसी सेक्सी हॉट सिस्टर और उसकी देवरानी हो तो कोई भी सेक्स कर लेगा.

शीला: कैसा लगा रूपाली के साथ? मज़ा आया?

विजय: रूपाली बहुत ही सेक्सी है. उसकी गुलाबी छूट अफ दीदी चूस कर मज़ा आ गया. चुड़वति भी आचे से है.

शीला: ऐसा क्या? मेरे साथ नही मज़ा आया? मैं अची नही हू? मेरी तो इतनी तारीफ नही की. क्या देख लिया ऐसा रूपाली में जो मेरे में नही है? ( विजय के मूह से रूपाली की तारीफ सुन कर मुझे जेलासी हो रही थी)

विजय ने मुझे अपनी और खींच लिया और मेरे लिप्स पर लिप्स रख दिए और किस करने लगा. मैने उसको धक्का मारा और अपने से अलग किया.

शीला: पागल हो गये हो क्या? घर में बच्चे है. कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाती. चलो तुम अपने एमोशन्स कंट्रोल करो और खाना खा लो. आज रात मैने तेरे लिए एक सर्प्राइज़ प्लान किया है.

सर्प्राइज़ का नाम सुन कर विजय के फेस पर एक बड़ी स्माइल आ गयी और वो शर्मा गया. अब हम सब ने खाना खाया, और सब अपने-अपने बेडरूम में चले गये. मैने कन्फर्म किया की बच्चे सो गये थे, तब रात को 12 बजे मैने विजय को मेसेज किया और मेरे बेडरूम में बुला लिया. जब वो बेडरूम में एंटर हुआ, तो मैने पीछे से डोर लॉक कर दिया. जब रूम में हल्की रोशनी हुई तो विजय के होश उडद गये.

रूपाली ने रेड कलर का सेक्सी बेबी डॉल ड्रेस पहना था. उसके 36″ साइज़ बूब्स मस्त दिख रहे थे. बेबी डॉल में वो सच में एक डॉल लग रही थी. मैने ब्लॅक कलर का वन साइड कट सेक्सी निघट्य पहना था. हम दोनो ने लाइट मेक उप भी किया था.

दोनो ने रेड लिपस्टिक लगाई थी. हम इतनी सेक्सी लग रही थी, की विजय के बॉक्सर में ही तंबू बन गया. मैने विजय को पीछे से हग कर दिया, और रूपाली ने आयेज से हग कर दिया, और उसके लिप्स पर किस देने लगी.

मैने विजय के आयेज हाथ किया, और उसकी चेस्ट पर हाथ घुमा रही थी. अब हमने विजय की त-शर्ट उतार दी, और मैं अब विजय के लिप्स चूसने लगी. हम देवरानी-जेठानी पहली बार ऐसा एक साथ कर रही थी, वो भी मेरे सगे भाई के साथ. पता नही क्या हुआ था. दोनो प्रोफेशनल कॉल गर्ल की तरह विजय को मज़ा दे रही थी.

अब विजय को बेड पर बिता दिया, और मैं उसकी गोदी में बैठ कर उसके लिप्स को चूस रही थी. रूपाली उसकी बॅक पर किस कर रही थी. मैने विजय के लिप्स को करीब 5 मिनिट तक लगातार चूसा. मुझे उसके लिप्स छ्चोढने का मॅन ही नही कर रहा था. रूपाली भी हमारे साथ थी, तो मेरे लिए एक अड्वेंचरस एक्सपीरियेन्स था.

मैं सोच रही थी की अगर मैं और रूपाली ऐसे ही एक-दूसरे का सपोर्ट करेंगे तो लाइफ में बहुत कुछ एंजाय कर सकते है. मुझे मेरी सेक्स लाइफ का फ्यूचर बहुत अछा दिख रहा था.

विजय अब बेड पर लेट गया, और मैं और रूपाली उसके अगाल-बगल में लेट गये. मैं और रूपाली वन बाइ वन विजय के लिप्स चूस रहे थे. जब रूपाली उसके लिप्स चूस्टी, तो मैं विजय की बॉडी पर किस करती. और ऐसा सेम रूपाली भी कर रही थी.

विजय के तो इतने मज़े थे की वो से नही पा रहा था. मेरे भाई भी अब दोनो सेक्सी मिलफ के मज़े ले रहा था. विजय ने मुझे उसके और रूपाली के बीच में लिटा दिया और मेरी सेक्सी बॉडी से खेलने लगा.

रूपाली भी उसका साथ दे रही थी. जब रूपाली ने उसके हाथ मेरे बूब्स पर टच किया तो मेरे में एक लेहायर दौड़ गयी. पहली बार किसी लेडी ने मुझे ऐसे टच किया था.

मेरी आहह निकल गयी. रूपाली ने ये देख कर मेरी और नॉटी स्माइल पास की, और मुझे आँख मारी. मैने भी रिटर्न में उसकी और देख कर स्माइल पास की. अब विजय ने मेरी निघट्य को शोल्डर से नीचे उतार दिया, और मेरा एक बूब्स मूह में लिया और उसको चूसने लगा.

रूपाली ने उसका एक हाथ मेरी छूट पर रख दिया, और पनटी के उपर से उसको सहलाने लगी. मैं इतनी एग्ज़ाइटेड हो गयी थी, की उसके छूट को छ्छूते ही मैं झाड़ गयी. रूपाली ने मेरी पनटी साइड करके छूट में उंगली डाल दी, और अंदर-बाहर करने लगी. श गोद, रूपाली प्लीज़ डॉन’त स्टॉप, ऐसा मोन कर रही थी मैं. मैं लगातार रूपाली का नाम लेकर मोन कर रही थी.

मुझे रूपाली का मेरी और ये बर्ताव बहुत अछा लग रहा था. अब विजय नीचे मेरी छूट की और गया और पनटी निकाल दी. उसने मेरी टांगे फैलाई और छूट चाटने लगा. रूपाली ने अब उसके रिघ्त हॅंड से मेरा लेफ्ट बूब्स पकड़ लिया, और मेरे रिघ्त बूब को मूह में लेके चूसने लगी. मैं तो सातवे आसमान में उडद रही थी. कभी सोचा नही था की मेरी देवरानी मुझे ऐसा मज़ा देगी.

पहले मैं ये सोच रही थी की रूपाली मेरे और मेरे भाई विजय के बीच में आ रही थी. पर अब मुझे उसका प्रेज़ेन्स अछा लग रहा था. सच काहु तो ग्रूप सेक्स में जो मज़ा है किसी और चीज़ में नही है. आप भी ट्राइ करो किसी अपने ट्रस्ट वाले दोस्त के साथ या रिस्त्ेदार के साथ. बहुत मज़ा देता है ये ग्रूप सेक्स. एक साथ 2-3 लोग जब बॉडी को मज़ा देते है. एक अलग ही सुख मिलता है.

अब रूपाली ने मेरी नेक पर किस करना स्टार्ट किया. दूसरी और विजय मेरी छूट चाट रहा था. मैं तो किस चीज़ की एग्ज़ाइट्मेंट से झाड़ रही थी समझ नही आ रहा था. मेरे लिए ये कंट्रोल करना मुस्किल था. लाइफ में पहली बार लगा की ऐसा भी कुछ होता है. अब ये फीलिंग मैं आपको कैसे समझोउ?

रूपाली ने अब उसके लिप्स मेरे लिप्स के करीब कर दिए. मेरी धड़कने तेज़ हो गयी. उसकी साँस मुझे फील हो रही थी. मैने उसकी आँखों में देखा वो मेरी आँखों में देख रही थी. उसकी आँखें बहुत कुछ कह रही थी. शायद वो मेरी पर्मिशन माँग रही थी.

मैने भी अपनी आँखें बंद कर दी, और मेरे लिप्स उसके लिप्स के करीब कर दिए. रूपाली ने अब बिना टाइम वेस्ट किए मेरे लिप्स पर किस करना स्टार्ट कर दिया. मैं भी उसका साथ दे रही थी. मैने उसको पकड़ लिया. विजय हम दोनो को इस सिचुयेशन में देख कर और खुश हो गया.

मैने और रूपाली ने लगातार किस कर रहे थे. कोई गिव उप नही कर रहा था. मैं इतनी और एग्ज़ाइटेड हो गयी की विजय के मूह में झाड़ गयी. विजय ने मेरा सारा रस्स चाट लिया.

अब विजय ने रूपाली की पनटी निकाल दी, और मैने उसका बेबी डॉल निकाल दिया. फिर उसको पूरा नंगा कर दिया. विजय ने उसकी छूट पर लिप्स रख दिए, और चाटने लगा.

मैने रूपाली के दोनो बूब्स पकड़ लिए. बहुत बड़े बूब्स है रूपाली के, और दूध जैसे गोरे. मैने जब उसके पिंक निपल्स को देखा मेरे से कंट्रोल नही हुआ, और मैने उसके निपल मूह में ले लिए. रूपाली मोन कर रही थी. वो भी पागल हो गयी थी. हम एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे, और मुस्कुरा रहे थे. बीच-बीच में लीप किस करते थे. थोड़ी देर बाद रूपाली भी झाड़ गयी. हम दोनो बहुत ही खुश थे, और विजय के तो मज़े थे.

विजय: क्या बात है, आज आप देवरानी-जेठानी तो मुझे जन्नत के मज़े दे रही हो. आज दोनो में इतना प्यार कैसे जाग गया?

शीला: वो तेरी वजह से है. मैने तो सोचा नही था की कभी संजय (मेरे हज़्बेंड) को चीट करूँगी. पर तेरी ये सेक्सी बॉडी देख कर कंट्रोल नही हुआ. और अब ये रूपाली भी मुझे पागल बना रही है.

रूपाली: सच कहा भाभी. जिग्नेश ( मेरे देवर) के जाने के बाद मैं अकेली पद जाती थी. और आपका भाई तो बहुत मस्त प्यार देता है. मुझे तो आज निचोढ़ दिया है. पर आप ने मुझे अपने भाई के साथ मिल कर जो मज़ा दिया है, उसका क़र्ज़ मैं कभी नही चुका पौँगी.

विजय: जब तक मैं यहा हू, आप दोनो को किसी चीज़ की कमी नही होगी.

अब मैने और रूपाली ने विजय को पूरा नंगा कर दिया, और दोनो ने एक साथ उसका लंड हाथ में पकड़ लिया. विजय के लंड इतना पवर था की वो पूरा दिन रूपाली की चुदाई के बाद भी नही तका था. तो बे कंटिन्यूड…

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