भाई और बहन में वासना से भरे खेल की कहानी

हेलो दोस्तों, भाई-बेहन और मम्मी सेक्स स्टोरी सीरीस के पार्ट 6 में आपका स्वागत है. अब तक अपने पढ़ा की कैसे मेरे और मनु दीदी के बीच नज़दीकियाँ बढ़ रही थी. मेरे बर्तडे को बस कुछ घंटे ही बाकी थे. अब आयेज पढ़े-

रात के 10 बजे हुए थे. दीदी मम्मी का सारा काम करवा के रूम में आती है, और मम्मी अपने रूम में जाके सो जाती है. दीदी बहुत खुश और एग्ज़ाइटेड थी.

उन्होने कहा: आज लाते रात तक एंजाय करते है, सोएंगे नही.

मैने भी हा कर दी दीदी को. हम ऐसे ही पुरानी बातें करने लगे एक-दूसरे की बचपन की बातें बताने लगे. बातें करते-करते 12 बाज गये. दीदी ने मुझे ज़ोर से हग किया, और बर्तडे विश की. मैने भी दीदी को हग किया और थॅंक योउ बोला.

दीदी ने आल्मिराह से निकाल के मुझे एक नयी वॉच गिफ्ट की. मुझे लगा यही अछा मौका था अपनी फीलिंग्स बताने का. तो मैने दीदी को बोला-

मैं: चलो कुछ ग़मे खेलते है. ऐसे तो हम बोर हो जाएगे. दीदी को भी आइडिया पसंद आता है और वो मान जाती है.

मैं: आज मेरा बर्तडे है, तो आप मेरे साथ चीटिंग नही कर सकती. आपको मेरी कसम है, और जो मैं बोलुगा वो मानना पड़ेगा आपको. अगर आपको मंज़ूर है तो ही खेलेंगे.

दीदी: हा मेरे भाई, आज तेरा दिन है. तू जैसा बोलेगा वैसा ही होगा, तेरी कसम.

मैं: हा चलो. तो हम बॉटल स्पिन करते है, और जिसकी तरफ बॉटल जाएगी, उसको वही करना पड़ेगा जो दूसरा बोलेगा.

दीदी मान जाती है, और किचन से एक खाली बॉटल लेके आती है. फिर हम दोनो एक-दूसरे की तरफ फेस करके बैठ जाते है, और मैं बॉटल स्पिन करता हू. बॉटल मेरी तरफ आके रुकती है. दीदी मुझे उनके लिए एक गाना गाने के लिए बोलती है. मैं उनके लिए गाना गाता हू और वापस बॉटल स्पिन करता हू. बॉटल फिरसे मेरी तरफ आके रुकती है.

दीदी: मेरी तुझे कों सी चीज़ बहुत पसंद है?

मैं: मुझे आपके लिप्स बहुत पसंद है, और आँखें भी बहुत सुंदर है आपकी.

फिर दीदी बॉटल स्पिन करती है तो इस बार दीदी की तरफ बॉटल रुकती है. तो मैं दीदी को डॅन्स करने के लिए बोलता हू मेरे साथ. मैं और दीदी डॅन्स करने के लिए खड़े हो जाते है. फिर दीदी अपने दोनो हाथ मेरे शोल्डर्स पे रख देती है, और मैं अपने दोनो हाथ उनकी कमर पे हिप्स से तोड़ा उपर रखता हू.

ऐसे ही हम रोमॅंटिक गाने पे डॅन्स कर रहे होते है. मेरा हाथ अपने आप उनके हिप्स पे चला जाता है. दीदी भी मुझे कुछ नही बोलती. मैं दीदी को अपनी तरफ खींच लेता हू. मनु दीदी के सॉलिड बूब्स मेरे चेस्ट पे टच हो रहे होते है. ये एहसास मेरे लंड को महसूस होने लगता है, और अपने रियल साइज़ में आने लगता है.

मेरा लंड दीदी को टच हो जाता है. जैसे ही मेरा लंड दीदी की छूट के पास टच होता है, वो मुझे हग कर लेती है. शायद दीदी को हवस चढ़ने लगी थी. डॅन्स ख़तम करके हम ग़मे कंटिन्यू करते है. दीदी बॉटल स्पिन करती है, और बॉटल मेरी तरफ रुकती है.

दीदी: तू मुझे ये बता की जब तूने मुझे बातरूम में बिना कपड़ो के देखा, तब तुझे कैसा लगा मुझे देख के?

मैं: मैने जब आपको देखा तब एक टाइम के लिए तो मैं बिल्कुल खो गया था आपको देख के. मुझे यकीन ही नही हुआ जो हुआ था. आपके बूब्स मेरी नज़रों के सामने थे बिल्कुल इतने बड़े, ब्राउन कलर, एक-दूं हार्ड, उसपे आपके खड़े हुए निपल. अफ दीदी एक-दूं पर्फेक्ट बूब्स है आपके. मैं तो भूल गया था की आप मेरी बेहन हो. मेरा लंड भी फटने को हो गया था.

दीदी: अछा इतने पसंद आए क्या तुझे? बूब्स के अलावा क्या देखा तूने?

मैं: और तो आपके बट्स देखे, पर आचे से नही देख पाया.

दीदी: बट्स नही गांद बोलते है उसको (और ज़ोर से हासणे लगी).

फिरसे मैने बॉटल घुमाई, और इस बार दीदी की तुर्न आई.

मैं: अपना कोई सीक्रेट बताओ जो अपने कभी किसी को नही बताया हो, ना ही मुझे.

दीदी: पर तुझे मेरी कसम है किसी को भी नही बताएगा. मैं जब ग्रॅजुयेशन के फाइनल एअर में थी, तब मैं एक हफ्ते के लिए बीमार हो गयी थी. तब असल में मेरा एक बाय्फ्रेंड था, और वो मुझे होटेल ले गया और उसने मुझे वाहा ले जेया कर 3 बार छोड़ा बुरी तरह से. इसलिए मैं बीमार थी

ये सुन के मुझे बहुत ज़्यादा हर्ट हुआ. मुझे लगता था की दीदी वर्जिन नही थी. पर मुझे इतना बुरा लगेगा ये मैने नही सोचा था. मेरी आँखों में आँसू आ गये. मैं चाहता था की मैं सबसे पहले दीदी की वर्जिनिटी लू.

दीदी: अर्रे तुझे क्या हुआ, रो क्यूँ रहा है?

मैं: कुछ नही, मुझे अछा नही लग रहा है. छ्चोढो आयेज खेलते है.

इस बार मेरी तुर्न आती है.

दीदी: तू मेरे लिए क्या फील करता है?

मैं (मुस्कुराते हुआ): मैं आपसे बहुत प्यार करता हू, और आपके बिना नही रह सकता. आपकी खुशी से मुझे खुशी मिलती है, और आपको तकलीफ़ होती है तब मेरा दिल दुख़्ता है. आपकी खुशी लिए मैं कुछ भी कर सकता हू.

दीदी: अछा इतना प्यार करता है जो कुछ भी करेगा?

मैं: हा दीदी, आप बोल के तो देखो.

दीदी: तूने मुझे बिना कपड़ो के देखा था ना, तो उसके बदले में तू मेरे सामने अपने कपड़े निकाल.

मैं: क्यूँ मज़ाक कर रही हो दीदी. वो तो ग़लती से हुआ था.

दीदी: कोई नही, तूने देखा ना. अब मैं तुझे देखना चाहती हू. तूने अभी बोला ना कुछ भी करेगा मेरे लिए.

मैं: अछा ओक पर मैं सिर्फ़ अपना लोवर निकलुगा और कुछ नही.

फिर मैं दीदी के सामने खड़ा हो जाता हू और अपने दोनो हाथो से अपना लोवर निकाल देता हू. दीदी मुझे बिना पालक झपकाए देखे जेया रही थी. उनकी नज़र मेरे अंडरवेर पे टिकी हुई थी. दीदी के सामने सिर्फ़ अंडरवेर में खड़े होने से मेरा लंड खड़ा होने लगता है. वो अंडरवेर में ही मेरे लंड को धीरे-धीरे खड़े होते देखे जेया रही थी. दीदी की नज़रे मेरा लंड और ज़्यादा टाइट कर रही थी.

मैं: बस अब देख लिया? पहन लू लोवर? मुझे शरम आ रही है.

दीदी: शरम आ रही है? तो फिर तेरा लंड क्यूँ इतना फटने को हो रहा है?

मैं: वो तो बस आपके सामने ऐसे अंडरवेर में खड़ा हू ना, तो ये खड़ा हो गया.

दीदी (हेस्ट हुए): अछा तो मेरे भाई का लंड उसकी बेहन के लिए खड़ा है.

मैं: आप फिरसे मेरे मज़े ले रही हो ( पर मुझे अंदर ही अंदर दीदी का ये बिहेवियर अछा लग रहा था. मैं भी शायद यही चाहता था).

दीदी: तेरा लंड इतना टाइट हो रखा है. इसको दर्द नही हो रहा क्या अंडरवेर में? ये बाहर आना चाहता है. चल अपनी अंडरवेर भी निकाल दे.

मैं: नही दीदी, बस लोवर निकालने की डील हुई थी.

दीदी: अछा ठीक है मत निकाल. पर एक बार एक रौंद मार के तेरी गांद तो दिखा दे.

मैं 360° गोल घूमता हू, और मेरी गांद दीदी की तरफ आ जाती है (मुझे शरम आ रही होती है). तभी अचानक दीदी पीछे से मेरी अंडरवेर खींच के निकाल देती है, और मेरी गांद दीदी के सामने आ जाती है. मैं शॉक से एक-दूं मूड जाता हू और मेरा 6 इंच का टाइट लंड दीदी के सामने आ जाता है.

मैं अंडरवेर पहनने के लिए उपर खींचता हू. पर दीदी मेरे हाथ पकड़ लेती है, और मेरी आँखों में देखती है, और ना में सर हिलती है. मैं मेरी अंडरवेर पूरी निकाल देता हू. हम दोनो बस एक-दूसरे को देख रहे होते है. दीदी कभी मेरे लंड को कभी मेरी आँखों में देखती है.

मैं: मुझे भी आपको देखना है.

दीदी: उस दिन देखा तो था. अब क्या रह गया?

मैं: उस दिन आचे से नही देख पाया. अभी फिरसे देखना है.

दीदी: अछा क्या देखना है बता?

मैं: आपकी गांद और आपकी… छूट.

आयेज फिर मनु दीदी ने क्या किया. क्या दीदी ने अपनी छूट दिखाई, और अगर छूट दिखाई तो आयेज क्या हुआ? पढ़िए इस कहानी के अगले पार्ट में. इस कहानी को पढ़ के अपना फीडबॅक ज़रूर बताए, और कॉमेंट करे. तो बे कंटिन्यूड.

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