अब तक आपने पढ़ा था कि भाभी मुझे छेड़ने लगी थीं और मैं संकोच में कुछ कह भी नहीं पा रहा था।
सुबह मेरी भाभी से बात तक करने कि हिम्मत नहीं हुई और मैं चुपचाप स्कूल चला गया।
भाभी ने मुझे अपने बेड पर सुलाने की तैयारी कर ली
जब मैं स्कूल से वापस घर आया तो देखा कि मेरा सारा सामान ड्राईंग रूम से गायब था। मैंने बाहर जाकर देखा तो भाभी किचन में खाना बना रही थीं.. वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगीं।
मैंने भाभी के कमरे में जाकर देखा तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा.. क्योंकि मेरा सारा सामान भाभी ने अपने कमरे में लगा रखा था.. मगर मेरा बिस्तर नहीं था।
मेरी भाभी से बात करने कि हिम्मत तो नहीं हो रही थी.. मगर फ़िर भी मैं पूछने के लिए भाभी के पास किचन में चला गया।
भाभी ने बताया- इतना सामान कमरे में नहीं आएगा.. तुम मेरे साथ बिस्तर पर ही सो जाना और वैसे भी डबलबेड है.. हम दोनों आराम से सो सकते हैं।
यह बात सुनकर तो मैं इतना खुश हुआ जैसे कि मुझे कोई खजाना मिल गया हो मगर मैंने जाहिर नहीं किया और रात होने का इंतजार करने लगा।
भाभी ने दिन से ही सलवार कमीज पहन रखा था और रात को भी उसे ही पहनकर सो गईं.. इसलिए मुझे कुछ भी देखने को नहीं मिला। ऊपर से भाभी के इतना नजदीक होने के कारण मेरा लिंग रात भर उत्तेजित ही बना रहा.. जिस कारण मुझे रात भर नींद भी नहीं आई।
अगले दिन भाभी ने साड़ी पहनी इसलिए मैं दिन भर यह सोच कर खुश होता रहा कि शायद भाभी आज रात को सोते समय नाईटी पहनेंगी और मुझे कुछ देखने को मिलेगा..
भाभी ब्लाऊज़ पेटिकोट में मेरे सामने
मगर रात को भी भाभी ने कपड़े नहीं बदले बस अपनी साड़ी को ही उतारा, भाभी ने साड़ी को उतार कर मेज पर रख दिया और मुझे पढ़ाने के लिए मेरे पास मुझसे बिल्कुल सट कर बैठ गईं।
नीचे उन्होंने काले रंग का पेटीकोट और ऊपर भी काले रंग का ही ब्लाउज पहन रखा था.. जिनके बीच से भाभी का गोरा पेट दिखाई दे रहा था।
गोरा पेट देख कर मेरा लिंग उत्तेजित हो गया।
मुझे डर लगने लगा.. कहीं भाभी को मेरा उत्तेजित लिंग दिखाई ना दे जाए.. इसलिए मैंने भाभी को मना कर दिया और कहा- मुझे कुछ पूछना होगा तो मैं आपको बता दूँगा.. आप सो जाओ।
भाभी ने कहा- ठीक है।
वे बिस्तर पर एक तरफ जाकर सो गईं मगर सोते समय भाभी का पेटीकोट उनके घुटनों तक पहुँच गया और भाभी की दूधिया सफेद पिण्डलियाँ दिखने लगीं।
मैं पढ़ाई करने लगा.. मगर मेरा पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं था, मैं चोर निगाहों से बार-बार भाभी को ही देख रहा था। मैं चाह रहा था कि भाभी का पेटीकोट थोड़ा सा और ऊपर खिसक जाए..
मगर तभी बिजली चली गई.. जिससे कमरे में अंधेरा हो गया और मेरा सारा मजा खराब हो गया।
अब मैं कुछ नहीं कर सकता था.. इसलिए मैं बिस्तर पर जाकर सो गया।
भाभी के उरोज छूने से मैं स्खलित हो गया
मगर मेरा लिंग अब भी उत्तेजित था.. जो कि मुझे सोने नहीं दे रहा था, मैं बार-बार करवट बदल रहा था.. मगर नींद नहीं आ रही थी.. तभी भाभी ने करवट बदली और वो मेरे बिल्कुल पास आ गईं।