मैं भी पूरी तन्मयता से चूत को ठोक रहा था।
तभी भाभी अचानक चिल्लाने लगीं- चोद और जोर-जोर से चोद.. आज छोड़ना नहीं मेरी चूत को.. अहह्ह्ह सी.. सी सी आहह्ह्ह.. मेरी जान चोद इसको आज.. इसकी गर्मी अपनी लंड से निकाल दो.. फाड़ दे मेरी चूत को अहाह्ह..
मैंने भी लण्ड पेलते हुए कहा- ले मेरी भाभी जान.. खा मेरा लंड.. तू चूत की रानी है मेरी.. आहह्ह्ह ले मेरी जान.. चूत में लण्ड आहह्ह्ह..
तभी मैंने पलट कर भाभी को अपने ऊपर ले लिया और भाभी मेरे लण्ड पर उछल-उछल कर चुदने लगीं।
थोड़ी देर बाद बोलीं- अब मैं कुतिया बनती हूँ.. तुम कुत्ता बन जाओ और मेरी चूत को पीछे से चोदो।
फिर भाभी कुतिया बन गईं और मैं पीछे से लंड पेलने लगा। मैं भाभी की कमर को पकड़ कर उनकी चूत पर शॉट पर शॉट लगा रहा था। तभी मुझे एहसास हुआ मेरा पानी निकलने वाला है।
मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं आ रहा हूँ।
तो भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही पानी छोड़ देना।
भाभी सीधी लेट गईं.. अब मैं भाभी के ऊपर चढ़ा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में था और भाभी की टाँगें मेरी कमर पर थीं। मैं भाभी से चिपक कर झड़ने लगा.. तभी भाभी ने मुझे बहुत तेजी से पकड़ लिया और वो भी झड़ने लगीं।
‘आहह्ह्ह सीसी सीईईईई आहह्ह्ह.. मैं गई आहह्ह्ह.. सीसी..’
मैं और भाभी एक साथ झड़ने लगे और मैंने लण्ड को भाभी की चूत में पेलते हुए अपना वीर्य भाभी की चूत गिरा दिया।
अब हम दोनों चिपक कर आराम करने लगे।
दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी.. अगर आपको सच में मज़ा आया हो, तो मुझे जरूर बताएं कि आपको सबसे ज्यादा मज़ा कहाँ आया। जब से अब तक मैं भाभी को चोदता चला आ रहा हूँ।
आप अपने विचार में मेरी ईमेल पर भेज सकते हैं।