भाभी ने दिया चूत चोदने का आनन्द

कुछ दिनों में ही हम दोनों फ़ोन पर बातें करने लगे थे। इतनी घनिष्ठता होने पर अब मैं अक्सर भाभी से मिलने उनके घर आने-जाने लगा था।

फ़ोन पर बात करना तो जैसे रोज़ का काम था और अब हम दोनों व्हाट्सएप पर भी चैटिंग करने लगे थे।
भाभी मेरी ओर कुछ ज्यादा ही आकर्षित हो रही थीं।

अब मैं भी भाभी को मन ही मन पसंद करने लगा था, उनकी मस्त जवानी से पस्त होकर मैं भी भाभी को चोदने की सोचने लगा।
मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी भी मुझसे चुदने के मूड में हैं तो मैंने सोचा एक बार कोशिश की जाए।

भाभी से सेक्स
मैंने एक दिन भाभी को एक नंगी फ़ोटो भेजी.. जिसमें एक लड़का एक लड़की को चोद रहा था। मैंने सोच लिया था कि यदि वे कुछ कहेंगी तो मैं सॉरी बोल दूँगा कि गलती से चली गई।
जब उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि भाभी भी मूड में हैं।

अब मैंने भाभी को ‘आई लव यू’ कहते हुए बोल दिया- भाभी, मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ।

भाभी ने भी मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया। फिर हम दोनों में सेक्स सम्बन्धी बातें खुल कर होना शुरू हो गईं।

एक दिन भाभी ने मुझे अपनी चूत की फ़ोटो दिखाई और मैंने भी अपने लण्ड की फ़ोटो भाभी को दिखाई। हम ऐसे ही सेक्स चैट करने लगे थे।

इस तरह की चैट के दौरान एक दिन मैंने भाभी से कहा- भाभी अब और मत तड़पाओ.. अब तो जन्नत की सैर करा ही दो।
भाभी ने कहा- इंतजार तो मुझसे भी नहीं हो रहा है.. रुक जाओ अच्छा सा मौका आने दो। मैं आपको फुल मजे कराऊँगी।

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फिर एक दिन भाभी का फ़ोन आया- राहुल जल्दी घर आ जाओ.. माँ जी घर पर नहीं हैं। वो अपने भाई के घर गई हैं। शाम को वापस आएंगी।

मैंने भी देर न करते हुए तुरंत भाभी के घर पहुँच गया।
भाभी मेन गेट पर ही खड़ी थीं।

मैंने अन्दर आते हुए गेट बंद किया और भाभी को अपनी गोदी में उठाकर बेडरूम में लेकर चल दिया।
भाभी साड़ी पहने हुए थीं।

वहाँ बिस्तर पर मैंने भाभी को पलट दिया और मैं भाभी के ऊपर लेट गया, भाभी के होंठों को चूसने लगा।
उधर से भाभी भी मेरे होठों को चूस रही थीं।

भाभी की चूत की चुदास भड़क चुकी थी, भाभी मेरे होंठों को बहुत बुरी तरह से चूस रही थीं, कभी मेरी जीभ को पकड़ कर चूसतीं.. तो कभी मेरे गालों को चूमतीं.. कभी मेरी गर्दन को चूमतीं.. कभी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से ही सहलातीं।

मैं भी जोश में आ चुका था, मैंने भाभी के कपड़े उतारना चालू कर दिए।
सबसे पहले मैंने भाभी की साड़ी उतारी।

भाभी ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई थीं, मैंने भाभी के चूचों को ऊपर से मसलना चालू कर दिया।

भाभी गदर माल थीं.. साली के पूरे चूचे हाथ में तो आ ही नहीं रहे थे.. सच में बहुत भरे और बड़े थे।
मैंने झट से भाभी का ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दिया।

भाभी ने अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहने हुए थे, अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थीं।

भाभी का गदराया हुआ बदन देख कर मेरा लण्ड झटके मारने लगा, मैंने आज तक कभी ऐसी मस्त औरत की चूत नहीं ली थी।

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